भोपाल में 4 बांग्लादेशी आतंकी पकड़ाए

बड़ी मात्रा में संदिग्घ सामग्री भी मिली

भोपाल ,13 मार्च (आरएनएस)। राजधानी भोपाल में एटीएस ने 4 आतंकियों को पकड़ा है। प्रारंभिक पूछताछ में इनका बांग्लादेशी होना पाया गया है। जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन (बांग्लादेश) के सदस्य हैं। आरोपी जेहादी गतिविधियों में शामिल थे और देश विरोधी घटनाओं को अंजाम देने के लिए रिमोट बेस/ स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनमें से दो आतंकी ऐशबाग इलाके की फातिमा मस्जिद के पास किराए से रह रहे थे। इनकी निशानदेही पर करोंद इलाके की खातिजा मस्जिद के करीब एक घर में रह रहे 2 और आतंकियों को पकड़ा गया। हिरासत में लिए गए आतंकियों से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।

प्रारंभिक पूछताछ में चारों के बाग्लादेशी होने की जानकारी मिली है। पकड़े गए आरोपी में 32 वर्षीय फजहर अली उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम, 24 वर्षीय मोहम्मद अकील उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख, 28 वर्षीय जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल अहसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान शामिल है।
आरोपियों के पास से भारी मात्रा में जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। आरोपी कट्टर तालिबानी सोच के हैं। एटीएस ने करौंद में भी संदिग्ध ठिकाने पर सर्च की है। चारों सदस्य प्रतिबंधित संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन बांग्लोदश के सक्रिय सदस्य हैं।
जेएमबी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम ब्लास्ट किया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2018 में बोधगया में भी बम ब्लास्ट किया था। इन आतंकी घटनाओं के चलते केन्द्र सरकार ने जेएमबी को 2019 में 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। इस प्रतिबंध के चलते जेएमबी देश भर में अलग-अलग जगह स्लीपर सेल चला रहा है। भोपाल में पकड़ाया मॉडयूल ऐसी ही एक स्लीपर सेल का हिस्सा है। जिसके माध्यम से भविष्य में कोई बड़ी घटना को अंजाम दे सकें। साल 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों में 300 स्थानों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके जेएमबी ने ही कराए थे।
मकान मालकिन नायाब जहां ने बताया कि इनमें से एक का नाम अहमद है, इसके बाद उसके साथ दूसरे लड़के आते रहे। मकान मालकिन नायाब जहां ने कहा सलमान नाम का एक लड़का हमारे यहां कम्प्यूटर सुधारने आया था। उसने कहा कि कोई मकान खाली हो तो दे दीजिए एक युवक (धार्मिक शिक्षा) की पढ़ाई कर रहा है, बाद में वो अपने परिवार को भी साथ ले आएगा। इसके बाद उन्हें किराए पर घर दे दिया। इसके बाद जब मैंने उनसे आधार कार्ड मांगा तो लगातार टालते रहे, कभी कहते घर से लाकर देंगे। फिर कहने लगे हम 15 दिन में घर खाली कर जा रहे हैं। मकान मालकिन ने कहा कि इसके बाद मैंने भी सोचा कि अब आधार की क्या जरूरत जब ये जाने ही वाले हैं। महिला ने बताया कि देर रात शोर हुआ तो हम बाहर निकले, पहले लगा ये आपस में लड़ रहे हैं, बाहर निकले तो पुलिस वाले खड़े थे। हमने पूछा क्या हो रहा है तो पुलिस वालों ने कहा कि आप अंदर चले जाइये।
गिरफ्तारी के बाद घर को सील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सभी आतंकी छात्रों के भेष में यहां रह रहे थे, इन्होंने किसी कालेज में दाखिला भी ले रखा था।

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