नई दिल्ली , 27 फरवरी (एजेंसी)। दिल्ली के डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के सहयोग से संत सेवालाल महाराज जी की 284वीं जयंती मनाई गई। बंजारा गुरु संत सेवालाल को याद करते हुए बंजारा समाज के लोगों ने रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया। संत सेवालाल महाराज जी के चित्र की शोभायात्रा डॉक्टर बिशम्बर दास मार्ग से जनपथ रोड होते हुए जनपथ रोड, रफी मार्ग, रायसीना रोड तक निकाली गई।
बंजारा समाज के धर्मगुरु संत सेवालाल महाराज जी की 284वी जयंती इतिहास में पहली बार भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा मनाया जा रहा है। संत सेवालाल महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट नई दिल्ली जिसके अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के बंजारा समाज के इकलौते कर्नाटक राज्य के कलबुर्गी के सांसद उमेश जाधव दिल्ली में मनाते हुए आ रहे हैं जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में बंजारा समाज के लोग शामिल होते हैं।
संत सेवालाल महाराज की जयंती मनाने के लिए देशभर के बंजारे दिल्ली में एकत्रित हो रहे हैं। कर्नाटक से एक विशेष रेल भी चलाई गई है, जिसमें कर्नाटक तेलंगाना महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बंजारा समुदाय के लगभग ढाई हजार से अधिक लोग सफर करके दिल्ली पहुंचे हैं। संत सेवालाल महाराज का जन्म 15 फरवरी 1739ई में कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सुरगोंड़नकोप्पा में हुआ था। उन्हें बंजारा समाज का समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु माना जाता है।
उन्हें विशेष रूप से वनवासियों और घुमंतू जनजातियों की सेवा करने के लिए अपने लादेनिया दल के साथ देशभर में यात्रा की। उन्होंने आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में अपने असाधारण ज्ञान, उत्कृष्ट कौशल और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के कारण वे आदिवासी समुदायों में व्याप्त मिथकों और अंधविश्वासों को दूर करने और मिटाने में सफल रहे और उनकी जीवन प्रणाली में सुधार लाए।
ऐसे समुदायों में अलग-अलग नामों से देश भर में बसे बंजारा समुदाय ने अपनी खानाबदोश जीवन शैली को स्थायी रूप से छोड़कर अपनी बस्तियों में बस गए जिन्हें टांडा कहा जाता है।
कर्नाटक तमिलनाडु आंध्र प्रदेश तेलंगाना महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संत सेवालाल महाराज प्रत्येक बंजारा परिवार का एक पूजनीय प्रतीक है तथा इन सभी राज्यों में संत सेवालाल महाराज जी की जयंती बड़े ही धूमधाम से फरवरी महीने में मनाई जाती है।
ऐसा माना जाता है कि पूरे देश भर में लगभग 10 से 12 करोड बंजारा समुदाय की आबादी है। संत सेवालाल जी की समाधि स्थल महाराष्ट्र के वाशिम जिले के मनोरा तालुका में पोहरादेवी स्थित है जिसे बंजारा काशी भी कहा जाता है।
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