जैन इंटरनेशनल सेवा ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ‘जिसो इवेंट’ संपन्न

'JISO Event' conducted by Jain International Seva Organization

24.04.2025 – वैश्विक डिजिटल महा संगठन जिसो फाउंडेशन जिसे जैन इंटरनेशनल सेवा ऑर्गेनाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है, अब प्रत्येक जैन व्यक्ति को डिजिटल पहचान प्रदान करने दिशा में अपनी नई योजनाओं के साथ काफी एक्टिव हो गया है। पिछले दिनों दादर (पश्चिम), मुम्बई में आयोजित ‘जिसो इवेंट’ में शामिल होकर जैन समुदाय के कई लोगों ने ‘जिसो सेवा’ से जुड़ कर सेवा का लाभ लिया।

'JISO Event' conducted by Jain International Seva Organization

जैन इंटरनेशनल सेवा ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना प्रख्यात समाजसेवी, टेक विजनरी और दूरदर्शी नेतृत्वकर्ता श्री सुरेशजी पुनमिया द्वारा की गई है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य है कि जैन समाज के चारों प्रमुख संप्रदायों (श्वेतांबर, दिगंबर, स्थानकवासी और तेरापंथ) को एक एकीकृत डिजिटल मंच पर लाकर, सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने के साथ साथ हर जैन व्यक्ति को निःशुल्क डिजिटल पहचान और JISO Jain Minority Card उपलब्ध कराना है।

इस संगठन के हेल्प लाइन 9059054563 पर एक मिसकॉल कर व्हाट्सएप पर जैन मेनोरिटी कार्ड प्राप्त किया जा सकता है। जैन समाज की एकता, डिजिटल उन्नयन और सेवा संकल्प के सूत्रधार जैन इंटरनेशनल सेवा ऑर्गेनाइजेशन (जिसो) के संस्थापक श्री सुरेशजी पुनमिया की दूरदर्शिता से प्रेरित होकर यह संगठन आज न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जैन समाज की पहचान को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की दिशा में अग्रसर है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले-आरोपियों को जल्द जोरदार जवाब मिलेगा

After the Pahalgam terror attack, Defence Minister Rajnath Singh said- the accused will get a strong reply soon

नईदिल्ली ,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में आरोपियों को जवाब देने की बात कही है।

उन्होंने कहा, आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में हमारे देश ने निर्दोष नागरिकों को खोया है। हम सभी दुखी हैं। यहां मैं आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दोहराता हूं। आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, हम न केवल इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे बल्कि उन तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे के इस हमले की साजिश रची है। भारत इतना बड़ा देश है, जिसे किसी भी सूरत में डराया नहीं जा सकता है। जिम्मेदार लोगों को आने वाले समय में जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा, यह मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं।

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यह भारत पर डायरेक्ट अटैक है, सभी दलों को विश्वास में ले सरकार, बोले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

बेंगलुरु,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से मांग की है वह सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों को विश्वास में ले और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे। उन्होंने कहा कि सरकार को पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों के साथ आतंकवाद की चुनौती से निपटने के बारे में चर्चा करनी चाहिए और उनके सुझाव भी लेने चाहिए।

उन्होंने यह भी कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी लोग सरकार के साथ एकजुट होकर खड़े हैं तथा आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि यह भारत पर सीधा हमला है।

आतंकवादियों ने मंगलवार की दोपहर को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गयी। आतंकी हमले में मारे गये लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ”बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों की हत्या किए जाने से हमें गहरा दु:ख और सदमा पहुंचा है।

कांग्रेस पार्टी कड़े से कड़े शब्दों में इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करती है। उन्होंने कहा, ”यह हमला हमारे देश की एकता और अखंडता पर कायराना हमला है। उनके अनुसार, ”वर्ष 2000 में हुए चिट्टीसिंहपोरा नरसंहार के बाद, यह हमला आतंकवादियों और अलगाववादियों द्वारा किए गए सबसे बर्बर हमलों में से एक है। हम दृढ़ता से दोहराते हैं कि निहत्थे और निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले इंसान नहीं हो सकते।

कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने बुधवार देर शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य स्थानीय नेताओं से भी बात की। खरगे ने कहा कि इस घटना की पृष्ठभूमि में कांग्रेस कार्य समिति बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में बैठक करेगी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”यह समय कोई राजनीति करने का नहीं है। हमारे पर्यटक जो इस नरसंहार में मरे हैं, यह समय उनको न्याय दिलाने का है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कर्नाटक के एक पर्यटक का उल्लेख करते हुए कहा, ”अलग-अलग राज्यों के पर्यटक वहां थे।

कर्नाटक से भी मंजूनाथ राव अपनी पत्नी, बच्चे के साथ वहां गए थे। उनकी इस हमले में मौत हो गई। भारत भूषण नामक व्यक्ति की भी इस दु:खद घटना में जान चली गई। मैंने पीडि़तों की पत्नियों से बात की और उन्हें अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार ने श्रम मंत्री संतोष लाड को जम्मू-कश्मीर भेजा है जो प्रदेश के लगभग 200 पर्यटकों से भी मिल रहे हैं और उनके लिए वापस आने की उड़ानों की व्यवस्था भी कर रहे हैं। खरगे ने कहा, ”मैंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी अनुरोध किया है कि वे हर उस पर्यटक के लिए व्यवस्था करें जो वापस लौटना चाहता है। हमारे गृह मंत्री ने भी मुझसे वादा किया है कि वे भी इसका ध्यान रखेंगे।

उन्होंने कहा कि इस साल जम्मू-कश्मीर की स्थानीय अर्थव्यवस्था में भारी नुकसान होगा, ऐसे में भारत सरकार को अब उनकी मदद करनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”इस समय, हम सब एक हैं। हम आतंकवादियों के खिलाफ़ एक होंगे। उन्होंने कहा, ”यह भारतीय राज्य के ऊपर सीधा हमला है। सारा देश स्तब्ध है।

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ने इसकी जि़म्मेदारी भी ली है। हमें इसका मुंहतोड़ जवाब देना होगा। खरगे ने कहा कि सरकार को अपनी सारी ताक़त लगाकर आतंकवादियों को ढूंढ निकालना चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ”सरकार को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था में पर्यटकों का भरोसा बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

अमरनाथ यात्रा कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है और हर साल लाखों पर्यटक इसमें हिस्सा लेते हैं। इससे पहले भी यात्रा के दौरान इस तरह के हमले हो चुके हैं। इसलिए यात्रियों की सुरक्षा को पुख्ता किया जाना चाहिए और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जाना चाहिए।

खरगे ने कहा, ”सरकार से हम अपेक्षा करते हैं कि जब जरूरी कार्रवाई हो जाए और पूरी मालूमात हासिल हो गई हो तो, वह सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर आतंकवाद की चुनौती से निपटने के बारे में चर्चा करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर कुछ सलाह लेनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा, ”यह राजनीति नहीं है और हम इस स्थिति में राजनीति नहीं चाहते। खरगे ने कहा, ”कांग्रेस पार्टी आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार के साथ समन्वय, सहयोग और साझेदारी करने को प्रतिबद्ध है। हमने समय-समय पर आतंकवाद और अलगाववाद का डट कर मुकाबला किया है और इसके खिलाफ़ लड़ाई में हमारे शीर्ष नेतृत्व ने अपने जीवन की आहुति भी दी है।

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हमें तुमपर हमेशा गर्व रहेगा, लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी ने दी भावुक विदाई

नईदिल्ली ,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अबतक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी लेफ्टिनेट विनय नरवाल की भी मौत हो गई थी।

बता दें कि लेफ्टिनेंट नरवाल कोच्चि में ड्यूटी पर तैनात थे और वह छुट्टी पर थे और पहलगाम गए हुए थे। इस घटना में उनकी भी मौत हो गई है। इस बीच लेफ्टिनेंट नरवालके पार्थिव शरीर को उनकी पत्नी ने भावुक विदाई दी है। रोती बिलखती लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी ने कहा, इनकी वजह से कई लोगों ने सर्वाइव किया। हमें आप पर हमेशा गर्व रहेगा।

बता दें कि 16 अप्रैल को ही लेफ्टिनेंट नरवाल की शादी हुई थी और 19 अप्रैल को उनका रिसेप्शन था। दो दिन पहले वह पहलगाम पहुंचे थे। घर में खुशियों का माहौल खत्म भी नहीं हुआ कि उनके परिवार में अब मातम पसर चुका है। बता दें कि इस हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि इस हमले में एक के बाद एक कई जानकारियां सामने आ रही हैं। दरअसल जिन चार आतंकियों ने 26 निर्दोषों की बेरहमी से हत्या कर दी, उनकी तस्वीरें सामने आ गई हैं। जानकारी के मुताबिक दो आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। हमला करने वाले ये दो आतंकी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है।

इन आतंकियों में से एक आसिफ शेख जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी बताया जा रहा है। चार आतंकियों में से तीन आतंकियों के नाम भी सामने आए हैं। इनके कोड में नाम थे, आसिफ फौजी का नाम मूसा था, सुलेमान शाह का नाम युनूस था, अबु तल्हा का कोड नामआसिफ था तीनों आतंकियों के कोड नेम थे।

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के शरीर पर बॉडी कैम लगे थे और उन्होंने पूरी घटना का वीडियो बनाया था। आतंकियों ने टूरिस्टों को पहले सिर झुकाने को कहा और उसके बाद एके-47 और अमेरिकन एम-14 राइफल से गोली मारनी शुरू कर दी। जांच एजेंसियों ने तीन संदिग्धों का स्केच भी जारी किया था, उसके तुरंत बाद अब चारों आतंकियों की तस्वीरें भी सामने आ चुकी है।

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तहव्वुर राणा की परिवार से बात करने की डिमांड का एनआईए ने किया विरोध

नई दिल्ली,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने अदालत में परिजनों से बात करने की डिमांड की थी, जिसका नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने विरोध किया है.

2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति की मांग वाली याचिका का एनआईए ने विरोध किया है.

एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट से कहा कि तहव्वुर राणा अपने परिवार वालों से बातचीत के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सूचनाओं को साझा कर सकता है.

एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने आज यानि 24 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

तहव्वुर राणा ने अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति की मांग की है. कोर्ट ने उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 21 अप्रैल को एनआईए को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने 10 अप्रैल को तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेजा था.

एनआईए ने तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में 10 अप्रैल को करीब दस बजे रात में पेश किया था. एनआईए ने 10 अप्रैल की शाम को तहव्वुर को दिल्ली के पालम वायुसेना अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया.

बता दें कि अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की एक टीम अमेरिका गई थी. तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है.

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.

64 वर्षीय तहव्वुर राणा के समर्थन की वजह से उस समय भारत में हेडली की आवाजाही आसान हो गई थी. पाकिस्तान मूल के तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली बचपन के दोस्त थे और दोनों ने एक ही सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी.

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पहलगाम आतंकी हमला: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों के लिए सुरक्षा की मांग

नई दिल्ली,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों को पहाड़ी राज्यों और दूरदराज के स्थानों पर जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय करने और उन स्थानों पर सशस्त्र बलों को तैनात करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक एकत्र होते हैं.

यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है. मंगलवार को दोपहर करीब 2.30 बजे आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन नाम के घास के मैदान पर पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई अन्य घायल हो गए. इस भयावह हमले के कारण पूरा देश गुस्से और दुख से उबल रहा है.

तिवारी द्वारा दायर याचिका में जम्मू-कश्मीर में शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में पर्यटन स्थलों, विशेषकर दूरदराज के पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में जहां पर्यटक आते हैं और एकत्र होते हैं, उचित चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति के समय त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके.

याचिका में कहा गया है कि अधिकांश उत्तर भारत के राज्यों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन क्षेत्र पर निर्भर करती है, क्योंकि गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. साथ ही कहा गया है कि आतंकवादी हमलों से इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.

याचिका में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने पर जोर दिया गया. याचिका में कहा गया है कि हाल ही में पहलगाम हमले के दौरान संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद वहां किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई.

याचिका में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र संगठन की आतंकवाद रोधी शाखा ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश बनाए हैं, जिनका भारत द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है.

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू

श्रीनगर,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन जारी है। पूरे प्रदेश में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

बुधवार की सुबह ही उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 2 आतंकियों को मार गिराया है। वहीं, अब बुधवार की शाम को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एनकाउंटर शुरू हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबल कुलगाम क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसी दौरान जिले के तंगमर्ग इलाके में गोलियों की आवाज सुनी गई। बता दें कि ये क्षेत्र प्रसिद्ध अबरबल झरने के पास स्थित है जो कि काफी मशहूर टूरिस्ट स्पॉट है।

ये क्षेत्र प्रदेश के पुंछ जिले की सीमा से सटा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। घटना के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।

बुधवार को सर्च ऑपरेशन में लगी सेना ने उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 2 आतंकियों को मार गिराया है। ये आतंकी बारामुल्ला के उरी नाला में सरजीवन के जनरल क्षेत्र से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।

हालांकि, सेना ने आतंकियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई जिसमें दो आतंकवादियों को मार गिराया गया। आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और युद्ध जैसे अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आंतकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर लोग पर्यटक थे और मिनी स्विटजरलैंड के नाम से मशहूर पहलगाम के बैसरन घाटी में पिकनिक मनाने के लिए आए थे।

अचानक से आतंकियों ने वहां आकर लोगों को गोलियों से भून डाला। आतंकियों ने हिंदू धर्म के लोगों की पहचान और उन्हें निशाना बनाकर बेरहमी से मौत के घाट उतारा।

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पहलगाम हमले को लेकर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक

शाह समेत कई मंत्री मौजूद

नईदिल्ली,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार में आला स्तर पर बैठकों के दौर जारी है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बेहद अहम बैठक जारी है।

इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत आला अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
बता दें कि पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए हैं।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में वायु सेना, थल सेना और नौसेना के प्रमुखों के साथ बैठक की। करीब ढाई घंटे चली इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की समग्र स्थिति पर चर्चा और अगले कदम को लेकर बातचीत की गई। तीनों सेना प्रमुखों ने अपनी तैयारियों की जानकारी रक्षा मंत्री को दी।

बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और रक्षा सचिव ने हिस्सा लिया।

हमले पर रक्षा मंत्री ने कहा, आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में देश ने निर्दोष नागरिकों को खोया है। हम सभी दुखी हैं। आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है।

मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। हम न केवल इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे, बल्कि उन तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे के इस हमले की साजिश रची है। जिम्मेदारों को आने वाले समय में जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा।

हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘पहलगाम में हुए हमले के बाद मैंने कल दोपहर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मैंने सभी प्रमुख राजनेताओं, जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों के सभी माननीय सांसदों और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता को निमंत्रण पत्र भेजे हैं।’

अब्दुल्ला ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है, जिसके मुताबिक, ये बैठक दोपहर 3 बजे होगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की।

बयान के मुताबिक, ‘उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में हुए नृशंस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने जानमाल के नुकसान पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और दोहराया कि संयुक्त राज्य अमेरिका इस संकट में भारत के लोगों के साथ खड़ा है।’

सीसीएस में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी फैसले लिए जाते हैं। यह समिति आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों पर फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था होती है। इनमें सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और सायबर सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।

इसकी बैठक में बैठक में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), कैबिनेट सचिव और रक्षा सचिव समेत आला अधिकारी भी हिस्सा लेते हैं।

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पहलगाम मृतकों को श्रद्धांजलि देने अमित शाह रेड कॉर्पेट पर चलकर आए,विपक्ष की आपत्ति

श्रीनगर ,23 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की आतंकी हमले में मौत के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मृतकों को श्रीनगर में श्रद्धांजलि दी, जिसका वीडियो सामने आने पर विपक्ष नाराजगी जता रहा है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में शाह श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम के परिसर में रेड कॉर्पेट पर चलकर मृतकों को श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं।

इसी को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समेत अन्य विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं।

टीएमसी सांसद सागरिक घोष ने वीडियो एक्स पर साझा कर लिखा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह शासन मॉडल की फोटो खिंचवाने की संस्कृति पहलगाम हमले में स्पष्ट रूप से उजागर हुई है।

त्रासदी के समय में रेड कार्पेट केवल यह दर्शाता है कि मोदी-शाह शासन कितना असंवेदनशील और बेशर्मी से अलग-थलग है। यह वीवीआईपी ऑप्टिमाइज़ेशन का नहीं बल्कि जवाबदेही का समय है।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग और आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेश शर्मा ने भी निंदा की है।

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पहलगाम आतंकी हमले में क्या पाकिस्तान का हाथ?

डिजिटल फुटप्रिंट समेत ये सबूत दे रहे संकेत

श्रीनगर ,23 अपै्रल (आरएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है। घाटी में आतंक फैलाने में हमेशा से पाकिस्तान की भूमिका रही है और इस बार भी ऐसे संकेत मिले हैं कि पहलगाम हमले में भी पाकिस्तान का कहीं-न-कहीं हाथ है।

फोरेंसिक विशेषज्ञों, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों द्वारा की गई संयुक्त जांच में एक योजनाबद्ध, समन्वित और बाहरी समर्थन वाले हमले की ओर इशारा करते हुए अहम जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फोरेंसिक विश्लेषण और जिंदा बचे लोगों के बयानों से पता चलता है कि हमलावर सैन्य स्तर के हथियार इस्तेमाल कर रहे थे और उन्नत संचार उपकरणों से लैस थे।

ये संकेत देता है कि आतंकियों ने उच्च स्तर का प्रशिक्षण लिया था और पूरी योजना बनाई थी।
हमले की सटीकता को देखते हुए अधिकारियों का मानना है कि आतंकियों को बाहरी या स्लीपर सेल के जरिए मदद दी गई थी।

सूत्रों के हवाले से बताया कि हमलावरों और पाकिस्तान में बैठे आतंकी गुटों के बीच डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए सीधे संवाद की पुष्टि हुई है।
आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट ने पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया है, जो मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित घरों तक पहुंच रहे हैं।

खुफिया एजेंसियों का दावा है कि आतंकी पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे।

एजेंसियों के अनुसार, आतंकवादी पूरी तैयारी के साथ आए थे। आतंकवादियों ने पीठ पर बैग टांग रखे थे, जिसमें सूखे मेवे, दवाइयां और संचार उपकरण थे।

रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादियों का समूह कुछ समय से जंगल में छिपा हुआ था और स्थानीय लोगों की मदद से पहलगाम की रेकी कर रहा था।

हमले में 3 से 4 आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से 2 बाहरी और 2 स्थानीय थे। माना जा रहा है कि स्थानीय आतंकी बिजभेरा और त्राल के हैं।
पाकिस्तान ने कहा कि उसका घटना से कोई लेना-देना नहीं है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा पहलगाम हमले में पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं है। दिल्ली में जो हुकूमत है, उसके खिलाफ बगावत हुई पड़ी है। ये घर में पनपा हुआ है।

भारत में नागालैंड से लेकर मणिपुर और कश्मीर में लोग सरकार के खिलाफ हैं। भारत सरकार लोगों के हक को मार रही है, इसके खिलाफ लोग खड़े हो चुके हैं।

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, यह सिर्फ एक अलग-थलग आतंकी घटना नहीं थी। हमलावरों को सीमा पार से निर्देशित, सुसज्जित और समर्थित किया गया था। उनका उद्देश्य क्षेत्र को अस्थिर करना और शांति को पटरी से उतारना है।

वहीं, हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। इस संबंध में टीआरएफ का एक अपुष्ट बयान भी सामने आया है।

16 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया था।

उन्होंने कहा था, हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है- कश्मीर हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी, हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।

वहीं, 19 अप्रैल को रावलकोट में हुई रैली में लश्कर कमांडर अबू मूसा ने कहा था कि जिहाद जारी रहेगा, कश्मीर में फिर बंदूकें गरजेंगी और सिर कटते रहेंगे।

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गाडिय़ों के हॉर्न अब नहीं करेंगे दिमाग खराब

नितिन गडकरी ला रहे नया कानून

नई दिल्ली ,22 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सड़क पर ट्रैफिक के कर्कश हॉर्न से परेशान लोगों के लिए जल्द ही राहत भरी खबर आ सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी वाहनों के हॉर्न की आवाज को बदलने के लिए एक नया कानून लाने की योजना बना रहे हैं। इस कानून के तहत गाडिय़ों के हॉर्न में भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि का इस्तेमाल किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में इस योजना का खुलासा करते हुए कहा कि उनका मानना है कि गाडिय़ों के हॉर्न की तेज और अप्रिय आवाज ध्वनि प्रदूषण बढ़ाती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। इसके बजाय, यदि हॉर्न में बांसुरी, तबला, वायलिन या हारमोनियम जैसे भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का उपयोग किया जाए, तो यह सुनना सुखद होगा और शोर कम होगा।

गडकरी ने परिवहन क्षेत्र से होने वाले वायु प्रदूषण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण परिवहन के कारण होता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार मेथनॉल और इथेनॉल जैसे हरित ईंधनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने भारतीय वाहन उद्योग की प्रगति पर भी प्रकाश डाला।

गडकरी ने बताया कि 2014 में भारतीय वाहन क्षेत्र का कारोबार 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। भारत अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। इस सूची में अब केवल अमेरिका और चीन ही भारत से आगे हैं। भारत दोपहिया वाहनों और कारों का निर्यात कर महत्वपूर्ण राजस्व भी अर्जित कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री की यह पहल ध्वनि प्रदूषण को कम करने और सड़कों पर एक सुखद अनुभव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान – संसद ही सर्वोच्च है

इससे ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं

नई दिल्ली ,22 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान सामने आया है।

उपराष्ट्रपति ने संविधान में निर्धारित भारतीय सरकार के ढांचे के भीतर न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर एक बार फिर सवाल उठाया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद और सुप्रीम कोर्ट की शक्ति को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सबसे सर्वोच्च संसद ही है, उससे ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि संसद में जो सांसद चुनकर आते हैं वो आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। सांसद ही सबकुछ होते हैं, इनसे कोई ऊपर कोई नहीं होता।

जगदीप धनखड़ ने ये बातें मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर अपने पिछले हमलों की आलोचना पर भी पलटवार किया और कहा कि किसी संवैधानिक पदाधिकारी (खुद के बारे में) द्वारा बोला गया हर शब्द सर्वोच्च राष्ट्रीय हित से निर्देशित होता है।

उन्होंने कहा कि संविधान कैसा होगा और उसमें क्या संशोधन होने हैं, यह तय करने का पूरा अधिकार सांसदों को है। उनके ऊपर कोई भी नहीं है। उपराष्ट्रपति का यह बयान तब आया है जबकि सुप्रीम कोर्ट को लेकर की गई उनकी टिप्पणी का एक वर्ग आलोचन भी कर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र में संसद ही सुप्रीम है। संवैधानिक पद पर बैठा हर व्यक्ति का बयान राष्ट्र के हित में होता है। निर्वाचित प्रतिनिधि तय करते हैं कि संविधान कैसा होगा। उनके ऊपर कोई और अथॉरिटी नहीं हो सकती।

सुप्रीम कोर्ट पर सार्वजनिक रूप से किए गए अनुचित हमलों में संविधान की प्रस्तावना के बारे में दो अलग-अलग ऐतिहासिक फ़ैसलों में

विरोधाभासी बयानों के लिए आलोचना शामिल थी – 1967 का आईसी गोलकनाथ मामला और 1973 का केशवानंद भारती मामला। धनखड़ ने 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान अदालत की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है। दूसरे मामले में एससी ने कहा कि यह संविधान का हिस्सा है। लेकिन संविधान के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। चुने हुए प्रतिनिधि ही संविधान के अंतिम स्वामी होंगे। उनसे ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं हो सकता।

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वक्फ कानून पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने की मुसलमानों से चर्चा

मुंबई ,22 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। वक्फ कानून को लेकर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मुंबई में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान उन्हें वक्फ कानून के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे यह कानून देश के गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

मुंबई में आयोजित इस बैठक में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, आज मुंबई में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान के तहत आम जन से मुलाकात कर संबोधित किया।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर यहां उपस्थित लोगों का उत्साह अत्यंत सुखद है। यह अधिनियम न्याय, पारदर्शिता और सामाजिक उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करता है। मुस्लिम समुदाय के गरीब परिवारों और महिलाओं के विकास के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।

बातचीत के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस कानून पर खुशी जाहिर की और पीएम मोदी का आभार जताया।

हाजी पटेल ने कहा कि आज यहां पर एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानून के बारे में हम लोगों को विस्तार से बताया है। मैं समझता हूं कि केंद्र की मोदी सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए वक्फ में संशोधन किया है।

इस कानून से वक्फ की जमीनों का लाभ गरीब मुसलमानों को मिलेगा। अब तक जो मुसलमान जमीन की कमी होने के कारण सड़कों पर रहने के लिए मजबूर थे। वह अब वक्फ की जमीन पर अपना घर बना सकेंगे। मैं एक बार फिर से पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का धन्यवाद करना चाहता हूं।

सलीम बागवान ने बताया कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ कानून के बारे में बताया। हम लोगों को पूरा भरोसा है कि यह कानून गरीब मुसलमानों के हित को देखते हुए लाया गया है। जो लोग इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वह अब तक सिर्फ मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझते थे।

पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। वक्फ कानून से गरीब मुसलमानों को घर मिलेगा, कारोबार के लिए जगह मिलेगी। मैं पीएम मोदी का आभार जताना चाहता हूं।

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अमरनाथ यात्रा से पहले पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला

गोलीबारी में एक की मौत, कई घायल

श्रीनगर ,22 अपै्रल (एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की। इस हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।

घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल तत्काल मौके पर पहुंचे और पूरे इलाके को घेर लिया। पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवादियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। घायल पर्यटकों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया है।

एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने समाचार एजेंसी पीटीआई को फोन पर बताया कि उनके पति के सिर में गोली लगी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले में कम से कम सात अन्य लोग घायल हुए हैं। महिला ने अपनी पहचान उजागर नहीं की, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि बैसरन मैदानों में गोलियों की आवाज सुनने के बाद सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और तुरंत मोर्चा संभाल लिया।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब 3 जुलाई से वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। पर्यटकों को निशाना बनाना इस ओर इशारा करता है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

यात्रा शुरू होने से ठीक पहले हुआ यह हमला सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है। फिलहाल पुलिस और सुरक्षा बल इलाके की घेराबंदी कर स्थिति को नियंत्रण में लाने और हमलावरों का पता लगाने में जुटे हैं।

आतंकवादियों की संख्या कितनी थी और उन्होंने कैसे हमला किया, इसकी विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।

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अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात

नई दिल्ली 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) – राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने आज भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच अल्पसंख्यकों से जुड़े विभिन्न महत्त्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ पंजाब से संबंधित विषयों पर भी सार्थक चर्चा हुई।

मुलाक़ात के दौरान लालपुरा ने अमित शाह को अपनी लिखी पुस्तक भेंट की, जिसे गृहमंत्री ने सहर्ष स्वीकार किया। यह भेंट सांस्कृतिक और बौद्धिक आदान-प्रदान का प्रतीक रही। यह बैठक अल्पसंख्यक समुदायों की बेहतरी और क्षेत्रीय समरसता को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखी जा रही है।

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बेंगलुरु में वायुसेना के फाइटर पायलट से मारपीट

पत्नी से दुर्व्यवहार; खून से लथपथ मिले विंग कमांडर

बेंगलुरु 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : देश की आईटी सिटी बेंगलुरु से एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां भारतीय वायुसेना के एक फाइटर पायलट विंग कमांडर आदित्य बोस के साथ सरेआम बेरहमी से मारपीट की गई और उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर मधुमिता सीवी रमन के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। इस हमले में विंग कमांडर बोस गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें खून से लथपथ हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जब विंग कमांडर आदित्य बोस अपनी पत्नी के साथ एयरपोर्ट जा रहे थे। आरोप है कि बाइक सवार कुछ बदमाशों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और उसे रोक लिया। विंग कमांडर बोस ने इस पूरी घटना का एक वीडियो बनाकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और जिसने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है।

वायरल वीडियो में विंग कमांडर बोस ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि एक बाइक सवार उनका पीछा कर रहा था और कन्नड़ भाषा में गाली देते हुए उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर जबरन रोक लिया। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी पर डीआरडीओ (DRDO) का स्टीकर लगा हुआ था, जिसे देखकर बदमाश और भी ज्यादा आक्रामक हो गए और उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे। बदमाशों ने उनकी पत्नी, जो खुद भी एक वायुसेना अधिकारी हैं, के साथ भी बदसलूकी की।

विंग कमांडर बोस के अनुसार, जब उन्होंने बदमाशों का विरोध करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने चाबी के गुच्छे से उनके चेहरे और माथे पर कई वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और खून बहने लगा। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए बताया कि मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई थी, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने बीच-बचाव करने या उनकी मदद करने की हिम्मत नहीं दिखाई। मारपीट के बाद बदमाश उनकी गाड़ी पर और उन पर पत्थर फेंकते हुए मौके से फरार हो गए।

उधर, बेंगलुरु पुलिस ने इस घटना का संज्ञान लिया है। पुलिस के मुताबिक, शुरुआती तौर पर यह मामला रोडरेज का लग रहा है। पुलिस ने विंग कमांडर बोस द्वारा साझा किए गए वीडियो के आधार पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी पहचान और तलाश में जुट गई है। इस घटना ने बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहर में सुरक्षा व्यवस्था और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एक सेवारत वायुसेना अधिकारी और उनकी पत्नी के साथ हुई इस तरह की घटना की चौतरफा निंदा हो रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के लिए रवाना

भारत-सऊदी संबंधों को मिलेगी मजबूती

नई दिल्ली 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सऊदी अरब की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए रवाना हुए। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री, महामहिम प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है।

अपने इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी भारत-सऊदी अरब के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने के लिए चर्चा करेंगे। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद से भारत और सऊदी अरब के साथ-साथ खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ संबंधों को नई दिशा दी है। उनके नेतृत्व में भारत-सऊदी संबंधों ने रणनीतिक गहराई और गति प्राप्त की है। पीएम मोदी की सऊदी अरब की यह तीसरी यात्रा है, जबकि उनसे पहले सभी प्रधानमंत्री 7 दशकों में कुल मिलाकर 3 बार सऊदी अरब गए थे। यह खाड़ी क्षेत्र के किसी देश की उनकी 15वीं यात्रा भी है।

सऊदी अरब रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कहा, “मैं जेद्दा, सऊदी अरब जा रहा हूं। वहां मेरी कई बैठकों और कार्यक्रमों में शामिल होने की योजना है। भारत सऊदी अरब के साथ अपने पुराने रिश्तों को बहुत महत्व देता है। पिछले दस सालों में हमारे आपसी संबंध बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं। मुझे रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने का इंतजार है। मैं वहां भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलूंगा।”

वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में भी पीएम मोदी ने भारत और सऊदी अरब के ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने बयान में कहा गया कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने लंबे और ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देता है, जिसने हाल के वर्षों में रणनीतिक गहराई और गति प्राप्त की है।

साथ मिलकर, हमने रक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी और ठोस साझेदारी विकसित की है। क्षेत्रीय शांति, समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए हमारी साझा रुचि और प्रतिबद्धता है। पिछले एक दशक में सऊदी अरब की मेरी यह तीसरी यात्रा होगी और ऐतिहासिक शहर जेद्दा की पहली यात्रा होगी।

बता दें कि यह प्रधानमंत्री मोदी की खाड़ी देश की तीसरी यात्रा होगी, इससे पहले वह 2016 और 2019 में रियाद जा चुके हैं। यह दौरा भारत और सऊदी अरब के बीच गहराते रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है, खासकर ऊर्जा सहयोग, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में।

यह यात्रा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा और भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के बाद हो रही है।

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बड़ी वारदात : यात्रियों से भरी बस पर अंधाधुंध फायरिंग

ड्राइवर की मौत; लोगों ने कूदकर बचाई जान

पटना 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): पटना के जीरो माइल पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब यात्रियों से भरी एक बस पर तीन अपराधियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में बस चालक दुष्यंत मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई।

हमले के बाद दहशत में आए यात्री बस से कूदकर भाग खड़े हुए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस नीतू राज सर्विसेज की थी और बेतिया जाने के लिए स्टैंड से निकली थी। जीरो माइल पर ट्रैफिक के कारण बस धीमी रफ्तार से चल रही थी।

इसी दौरान तीन हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। कई यात्रियों ने सिर झुकाकर और बस की फर्श पर लेटकर जान बचाई। फायरिंग लगभग डेढ़ मिनट तक चली। हमलावरों के फरार होते ही सड़क पर अफरा-तफरी मच गई, जिसका फायदा उठाकर वे आसानी से भाग निकले। पुलिस ने मौके से छह खोखे बरामद किए हैं।

घटना की सूचना मिलते ही एसपी डॉ. के. रामदास और एसडीपीओ-2 सत्यकाम दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए एनएमसीएच भेजा गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह हमला रंगदारी से जुड़ा हो सकता है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, बस स्टैंड में दो कुख्यात अपराधियों का दबदबा है, जो फिलहाल बेउर जेल में बंद हैं। आशंका जताई जा रही है कि बस मालिकों से रंगदारी मांगी गई थी, और विरोध करने पर यह हमला किया गया। फिलहाल पुलिस बस मालिक, कंडक्टर और मैनेजर से पूछताछ कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

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रामबन बाढ़: जम्मू-श्रीनगर हाईवे लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा

जम्मू 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा। अधिकारियों ने कहा कि हाईवे को बहाल करने में पांच दिन और लगेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के इंजीनियरों ने बताया कि हाईवे 22 स्थानों पर क्षतिग्रस्त है और मरम्मत का काम तेजी से किया जा रहा है।

रविवार को रामबन जिले में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोगों को बचाया गया था। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे का लगभग 4 से 5 किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह बह गया और मलबे के नीचे कई वाहन दब गए।

कई सौ यात्री हाईवे पर फंसे हुए हैं। अधिकारी फंसे हुए यात्रियों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराने के लिए आगे आए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला राहत अभियान का व्यक्तिगत निरीक्षण करने और नुकसान का आकलन करने के लिए सोमवार को हाईवे पर काली मोड़ पहुंचे थे।

सीएम ने कहा था कि नुकसान बहुत बड़ा है, लेकिन आपदा स्थानीय स्तर पर हुई है। इसलिए इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि, मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को हर संभव राहत और सहायता प्रदान की जाएगी।

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से प्रभावित परिवारों के लिए राहत राशि देने का अनुरोध किया है।

इस बीच, कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर वीके बिधूड़ी ने घाटी के लोगों से फिर अपील की है कि वे घबराहट में खरीदारी न करें, क्योंकि यहां दो हफ्तों तक चलने के लिए खाद्यान्न और पेट्रोलियम उत्पादों का पर्याप्त भंडार है।

लोग अपनी दैनिक जरूरत से कहीं अधिक पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए घाटी भर में पेट्रोल पंपों पर भीड़ लगा रहे हैं। गांदरबल जिले में एक पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने कहा, “घबराहट में की गई खरीदारी के कारण स्टॉक खत्म हो रहा है, क्योंकि हम हर दिन सामान्य से तीन गुना अधिक वाहन चालकों की भीड़ देख रहे हैं।”

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले को जम्मू डिवीजन के राजौरी जिले से जोड़ने वाला मुगल रोड फिलहाल हल्के मोटर वाहनों (एलएमवी) के लिए एकतरफा यातायात के लिए खुला है।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे की नाकाबंदी के कारण हवाई टिकटों की भी होड़ मच गई है, क्योंकि घाटी से बाहर जाने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग स्थलीय यात्रा की अनिश्चितता के मुकाबले हवाई यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

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CJI पर टिप्पणी कर फंसे BJP सांसद निशिकांत दुबे, सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती

मामले को अगले हफ्ते किया लिस्ट

नई दिल्ली 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना पर विवादित बयान देकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे अगले हफ्ते के लिए लिस्ट कर दिया है। अदालत में पेश हुए वकीलों ने दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।

 वकीलों का कहना है कि दुबे का बयान सिर्फ अदालत की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाता, बल्कि सोशल मीडिया पर भी सुप्रीम कोर्ट को लेकर अपमानजनक टिप्पणियों की बाढ़ ला दी है। उन्होंने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को पत्र लिखकर इस पर सहमति मांगी है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि मामला गंभीर है और इसे अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। सुनवाई के दौरान वकील ने कहा, “बीजेपी सांसद ने कहा कि भारत में गृह युद्ध के लिए CJI जिम्मेदार हैं। यह अब तक का सबसे गंभीर हमला है न्यायपालिका पर।”

वकीलों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट सोशल मीडिया से संबंधित विवादित वीडियो को हटाने का आदेश दे, जिससे न्यायपालिका की साख को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है, बल्कि अदालत की अवमानना से जुड़ा मुद्दा है, जिस पर ठोस कार्रवाई जरूरी है।

अब सबकी निगाहें अगले हफ्ते होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें तय होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है और क्या सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही आगे बढ़ेगी।

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ED की बड़ी कार्रवाई : वन भूमि घोटाले से जुड़े मामले में झारखंड-बिहार में 16 ठिकानों पर Raid

रांची 22 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में जमीन घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई की। ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।

जांच एजेंसी ने रांची, बोकारो, रामगढ़ सहित झारखंड और बिहार के कुल 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। बोकारो के मौजा तेतुलिया क्षेत्र में 103 एकड़ संरक्षित वन भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त और धोखाधड़ी से अधिग्रहण से जुड़ा मामला सामने आया है। जमीन की खरीद में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल और सरकारी नियमों की अनदेखी की बात भी सामने आई है।

रांची स्थित हरिओम टावर बिल्डिंग में स्थित राजबीर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के कार्यालय पर भी ईडी की टीम ने छापा मारा। ईडी इस मामले में तमाम कंपनियों और व्यक्तियों की भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है। इसके साथ-साथ यह भी संभावना जताई जा रही है कि कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, करीब 103 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री के आरोप को लेकर 2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाने में केस दर्ज किया गया था।

जिसके बाद सीआईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। सीआईडी की शुरुआती जांच में यह बातें स्पष्ट रूप से सामने आईं कि जमीन माफिया और बीएसएल के कर्मियों के द्वारा मिलकर जमीन की हेरा-फेरी की गई थी।

इस गड़बड़ी में बीएसएल के द्वारा वन विभाग को प्रॉपर तरीके से जमीन का हैंडओवर नहीं किया जाना बताया गया था। इसके बाद ईडी ने इस मामले में अपनी तफ्तीश शुरू की।

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बॉलीवुड में दस्तक देने वाली है अभिनेत्री अंजली शर्मा

22.04.2025 – पंजाबी फिल्म ‘डबल दी ट्रबल’, ‘दिलदारियां’, ‘मुंडा पंगेबाज’, वेब सीरीज ‘द लास्ट कोम्प्रोमाईज़’, शॉर्ट फिल्म ‘लॉटरी’ और कई म्यूजिक वीडियो में अपनी अभिनय प्रतिभा कौशल का प्रदर्शन करने के बाद बॉलीवुड में दस्तक देने वाली है।

बहुत जल्द ही एक बड़े बैनर के तहत उनकी फिल्म की घोषणा होने वाली है। साथ ही साथ जल्द ही उनकी हिंदी वेब सीरीज आने वाली है जिसमें वह एक अमीर महिला का किरदार निभा रही हैं।

इस सीरीज में उनकी भूमिका बड़ी दिलचस्प है। हर तरह के रोल निभाने की चाहत रखने वाली नवोदित हँसमुख बिंदास अभिनेत्री अंजली शर्मा एशियन पेंट, सोनालिका ट्रैक्टर, परंपरा होम डेकॉर, मेमसाहब एथनिक वीयर, दिवा ब्यूटी आदि के एड फिल्मों में भी वह अपनी कला का जौहर दिखा चुकी है।

अंजली शर्मा पंजाब के छोटे से शहर फाजिल्का में पैदा हुई हैं और चंडीगढ़ में वह पली बढ़ी और शिक्षित हुई हैं। अंजली को बचपन से एक्टिंग का शौक रहा, इस शौक को पूरा करने के लिए शुरुआत में उन्होंने छुपकर डांस क्लास जॉइन की और पंजाब दूरदर्शन के लिए ऑडिशन दिया।

उन्हें पंजाब दूरदर्शन में ‘फूल कलियां’ कार्यक्रम में काम करने का मौका मिला। इस प्रकार उन्होंने अभिनय की पहली सीढ़ी चढ़ी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। ‘तू पतंग मैं डोर’ में उन्होंने नकारात्मक किरदार निभाया जो दर्शकों को बेहद पसंद आई। अंजली शर्मा कहती हैं कि उन्हें क्राइम थ्रिलर और मिस्ट्री फिल्मों में अभिनय करने का बेहद शौक है। सस्पेंस, थ्रिल, ट्विस्ट और जटिल किरदारों को निभाना उन्हें बेहद पसंद है।

वह आगे कहती हैं कि ऐसी भूमिका जो बेहद चैलेंजिंग हो और जो उनकी कम्फर्ट जोन से बाहर हो, ऐसे किरदार करने के लिए वह सदा उत्साहित रहती है। वह कहती हैं कि ‘मिर्ज़ापुर’, ‘कोहरा’, ‘द फैमिली मैन’ जैसे शोज की कहानी ऐसे ही जोनर में बनी है। इन शोज़ ने एक नया लेवल सेट किया है और ऐसे अलग जोनर की शोज़ का हिस्सा बनने को वह उत्साहित हैं।

अंजली शर्मा ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत और अपने जीवन के अनुभवों के बारे में बताया कि सोलह साल की उम्र में ही उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। पंजाब में अपने गांव से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से मुम्बई तक पहुंचने के उनके सफर में कई पड़ाव आये पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने सपनों को साकार करने की दौड़ में आगे बढ़ती रही।

उन्होंने बताया कि इस लंबे सफर में काफी कुछ सीखा और अनुभव बटोरे। मायानगरी मुंबई ने उन्हें नए अवसर और चुनौतियाँ दी। वह अपने काम के प्रति समर्पित है और अपनी योग्यता और मेहनत करने में विश्वास रखती हैं।

उनका मानना ​​है कि जुनून और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। वर्तमान समय में बॉलीवुड में अभिनेत्री अंजली शर्मा कई प्रसिद्ध फिल्म निर्देशकों के साथ बड़े बड़े बैनरों की फिल्मों में अपनी अभिनय कौशल का प्रदर्शन करने के लिए बेकरार है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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नोएडा में जमीन विवाद में मारपीट, 12 आरोपी गिरफ्तार

नोएडा ,21 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के नोएडा में थाना नॉलेज पार्क क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर मारपीट की घटना सामने आई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना नोएडा के स्पोर्ट लैण्ड फार्म हाउस, सेक्टर 151 की है।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उक्त फार्म हाउस में इक्नोन कंपनी के पास करीब 300 बीघा जमीन है, जिसमें भारत शर्मा (निवासी पटपडग़ंज, मयूर विहार फेस-1, दिल्ली) का 18 प्रतिशत और उनके सगे भाई नीरज शर्मा का 77 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा कुशल राठी (निवासी सेक्टर 48, नोएडा) का पांच प्रतिशत हिस्सा है।

भारत शर्मा ‘नाइन ओ नाइन’ कंपनी के डायरेक्टर भी हैं, जिनकी उक्त क्षेत्र में करीब 100 बीघा जमीन और है। इस जमीन को लेकर दोनों भाइयों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिसकी सुनवाई गौतमबुद्ध नगर के सिविल जज की अदालत में चल रही है।

पुलिस के मुताबिक, दिनांक 20 अप्रैल को जमीन के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। इस संबंध में थाना नॉलेज पार्क में मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस ने दोनों पक्षों के कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना में इस्तेमाल कुछ गाडिय़ों को भी जब्त किया गया है। हालांकि विवाद के दौरान कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है। फायरिंग की आशंका पर पुलिस द्वारा गहन जांच की जा रही है।

पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें एक पक्ष के अर्जुन तोमर (19), मुजफ्फरनगर; अशोक सिंह (49), बलिया; सुरेश सिंह (35), गोंडा और दूसरे पक्ष के विजय अत्री (45), मथुरा; सतीश कुमार (39), भिवानी, हरियाणा; नरेन्द्र कुमार (39), चरखी दादरी, हरियाणा; यशपाल (39), पलवल, हरियाणा; राजेश कुमार (52), महेन्द्रगढ़, हरियाणा; श्याम (28), अलीगढ़; कृष्ण (21), पलवल, हरियाणा; विनीत (23), पलवल, हरियाणा और रोहन (21), नॉलेज पार्क, गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और यदि अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आती है तो आगे भी गिरफ्तारी की जा सकती है।

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राहुल गांधी विदेश में खराब करते हैं देश की इज्जत : मोहन यादव

भोपाल ,21 अपै्रल(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए बयान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी का रिकॉर्ड रहा है कि वह विदेशों में देश की इज्जत खराब करते हैं।

राजधानी भोपाल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए राहुल गांधी द्वारा बोस्टन में चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा, राहुल गांधी का रिकॉर्ड रहा है कि वह देश की इज्जत बाहर जाकर बिगाड़ते हैं। बाबा महाकाल उन्हें सद्बुद्धि दें कि इस बार वह बाहर जाकर ऐसा न करें, फिर भी यह राहुल गांधी की इच्छा पर है।

उन्होंने राहुल गांधी को सलाह देते हुए कहा कि वह दुनिया में देश की टोपी उछालने का काम न करें। राहुल गांधी को राजनीति करनी है तो देश के अंदर करें।

मोहन यादव ने कहा, आप संसद सदस्य हैं। जो बात रखनी है, वहां रखें। विदेश में ऐसा कोई नेता नहीं है जो अपने देश का बाहर इस तरह माहौल बनाता हो। यह कांग्रेस का चरित्र है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों को चाहिए कि वे अपने नेता को नियंत्रण में रखें।

राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ न दिए जाने के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार का रुख स्पष्ट है, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के स्टैंड पर हम कायम भी हैं।

इस मामले में हमने सॉलिसिटर जनरल से भी कहा है कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में ओबीसी आयोग की जो रिपोर्ट आई थी, उसके परीक्षण के साथ-साथ ओबीसी आरक्षण को लेकर जितनी भी याचिकाएं लगी हैं, उन सभी से हम संवाद कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हम सबका उद्देश्य सर्वहारा वर्ग का विकास है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

मुझे विश्वास है कि अच्छे परिणाम आएंगे। ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा था कि राज्य सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देना ही नहीं चाहती।

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