जस्टिस यशवंत वर्मा के घर के बाहर भी मिल रहे जले हुए नोट

नई दिल्ली ,23 मार्च(एजेंसी)। दिल्ली के 30 तुगलक रोड स्थित जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के बाहर 500 रुपये का जला नोट मिला है। रविवार को जब एनडीएमसी कर्मचारी सफाई करने पहुंचे तो उन्हें कागज के कुछ जले टुकड़े दिखे। कथित तौर पर इसे उठाया तो पता चला ये 500 रुपये का जला हुआ नोट है।

पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं, जिसमें जला हुआ नोट और अन्य सामान भी शामिल हैं। जस्टिस वर्मा का आवास 30 तुगलक रोड पर स्थित है, जो एक प्रमुख सरकारी आवास है।

इससे पहले शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो जारी किया था जिसमें जस्टिस वर्मा के आवास से जले हुए नोटों की गड्डियां दिख रही थीं। इसके बाद आरोपों की जांच के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया।

इस समिति में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधवालिया, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज अनु शिवरामन शामिल होंगी। इसके अलावा, जस्टिस यशवंत वर्मा को फिलहाल कोई न्यायिक काम नहीं सौंपने का आदेश दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से शनिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधवालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने के लिए कहा गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से एक बड़ा खुलासा हुआ था। कथित तौर पर उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। इसने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

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संभल में जामा मस्जिद के सदर गिरफ्तार, इलाका छावनी में तब्दील

संभल ,23 मार्च(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के संभल के जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज लिया है। पुलिस ने पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा के बारे में उनसे पूछताछ की।

वहीं शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद संभल  अनुज चौधरी ने कहा शांति व्यवस्था के लिए पहले से ही पर्याप्त बल लगाया गया था और अभी भी क्षेत्र में पर्याप्त बल मौजूद है।

व्यवस्था के मद्देनजर कई पुलिस बल की भारी तैनाती की गई है और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। जफर अली के बड़े भाई मोहम्मद ताहिर ने आरोप लगाया है कि सदर को न्यायिक आयोग में बयान देने से रोकने के लिए यह असंवैधानिक कार्रवाई हुई है। उन्होंने बताया कि जफर अली को पुलिस जेल भेजना चाहती है। पुलिस चाहती है कि वह बयान न दें। लेकिन वह वही बयान देंगे जो आयोग के सामने दिया है।

मोहम्मद ताहिर ने बताया कि शनिवार को जफर अली को न्यायायिक आयोग से सम्मन आया था। उन्हें जाना था। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने असंवैधानिक कार्रवाई की है। हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। जो न्यायिक आयोग में कहा है, वही बयान देंगे। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि जफर अली की गिरफ्तारी हो सकती है।

अभी किसी ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन संभावना यही है। पुलिस उन्हें 11 बजे घर से बुलाकर ले गई है। दो इंस्पेक्टर उन्हें ले जाने के लिए आए थे। उल्लेखनीय है कि जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट और पुलिस अधिकारियों के बीच पहले भी कई बार नोकझोंक हो चुकी है। इसके वीडियो भी खूब वायरल हुए हैं।

जामा मस्जिद कमेटी के सदर ने 24 नवंबर को हुए बवाल में पुलिस पर गोली चलाने का आरोप भी लगाया था। संभल की जामा मस्जिद में न्यायालय के आदेश पर 24 नवंबर को सर्वे हो रहा था। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे। वे पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान बवाल हो गया था। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हिंसा, गोलीबारी और पथराव हुआ था। हिंसा करने के आरोप में पुलिस ने कई लोगों को जेल भी भेजा है।

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औरंगजेब भारत के लोगों का आइकॉन नहीं हो सकता: संघ

बेंगलुरू ,23 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (क्रस्स्) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज कहा कि क्या औरंगजेब भारत के लोगों के लिए आइकॉन हो सकता है। औरंगजेब ने जो किया इसके लिए उसको आइकॉन नहीं मानना चाहिए।

देश का आइकॉन कोई बाहरी होगा या फिर कोई और। इस पर चिंतन की जरूरत है। आज क्रस्स् की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक का आखिरी दिन है। प्रेस कांफ्रेंस में होसबाले ने कर्नाटक में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट में 4त्न मुस्लिम आरक्षण पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने कहा- डॉ. भीमराव अंबेडकर के लिखित संविधान में धर्म आधारित आरक्षण स्वीकार नहीं किया गया है। जो लोग गंगा जमुनी तहज़ीब की बात करते हैं उनको ये सोचना चहिए की वो अपना आइकॉन औरंगजेब को मानते हैं या दारा शिकोह को?

स्वतंत्रता की लड़ाई सिर्फ अंग्रेज़ों से बस नहीं लड़ी गई, शिवाजी और महाराणा प्रताप ने भी मुगलों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी. वो भी स्वतंत्रता संग्राम था. देश के लोगों को तय करना है की उनको अपना आइकॉन औरंगजेब को मानते हैं या दारा शिकोह को?

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पादरी ने महिला को मारे थप्पड़, यौन उत्पीडऩ के भी लग चुके हैं आरोप

जालंधर ,23 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।  गांव ताजपुर में ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विस्डम’ के पादरी बजिंदर सिंह एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। बजिंदर सिंह द्वारा कथित रूप से एक महिला के साथ यौन उत्पीडऩ का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि उनके द्वारा महिला के सथ मारपीट की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। जो चर्चा का विषय बनी हुई है।

पादरी का ये कथित वीडियो चंडीगढ़ का बताया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि किस तरह से पादरी बजिंदर सिंह कथित रूप से पहले युवकों पर कुछ फेंकते हैं और फिर महिला पर हमला कर देते हैं। जिसके बाद महिला को थप्पड़ मारते है और गर्दन पकड़ लेते है। हालांकि इस बारे में ताजपुर चर्च और पादरी की ओर से कोई सफाई नहीं दी गई है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले बजिंदर सिंह बैठे हुए कुछ युवकों से बात कर रहे होते है। जिस समय यह घटना हुई, उस समय पादरी के कार्यालय कक्ष में एक बच्चा और तीन महिलाएं भी मौजूद थीं। फिर अचानक ही आपा खो बैठते है और युवकों पर कुर्सी से हमला कर देते है। सीसीटीवी टाइमिंग के मुताबिक यह वीडियो इसी साल 14 फरवरी दोपहर करीब 2 बजकर 20 मिनट का है।

महिला पादरी से बहस भी करती नजर आ रही है। पादरी जब महिला पर हाथ उठाता है तो मौके पर मौजूद लोग पादरी को पीछे धकेलने के लिए भी पहुंच जाते हैं। ये वीडियो एक बार चर्चा का विषय बन गई है।

यौन उत्पीडऩ मामले में एसआईटी कर रही जांच

आपको बता दें कि पादरी बजिंदर सिंह पर कुछ दिनों पहले ही महिला से यौन उत्पीडऩ के मामले में कपूरथला पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम गठित कर दी थी। एसआईटी में एसपी फगवाड़ा रूपिंदर कौर भट्टी, डीएसपी दीप करण सिंह और सिटी थाना एसएचओ विक्रमजीत सिंह को शामिल किया गया था।

क्या कहा था महिला ने एफआईआर में

शिकायतकर्ता महिला ने थाना सिटी में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में दावा किया गया था कि प्रॉफिट बजिंदर सिंह ने जालंधर में उनके साथ गलत हरकतें कीं। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता अक्टूबर 2017 से चर्च जाने लगे थे। इसी दौरान बजिंदर सिंह ने उसका फोन नंबर लेकर अनुचित संदेश भेजने शुरू कर दिए थे। महिला ने आरोप लगाया कि 2022 में बजिंदर सिंह ने उसे चर्च में अकेले कैबिन में बैठाना शुरू कर दिया। वहां वह उसके साथ गलत व्यवहार करता था।

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सीएम फडणवीस का ऐलान – त्र्यंबकेश्वर में कुंभ मेले से पहले विकास कार्य होंगे पूरे

नासिक ,23 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को त्र्यंबकेश्वर और नासिक में 2027 के सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि समय पर सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी और इस काम में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी।

फडणवीस ने कहा कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर और आसपास के इलाके के विकास के लिए योजना तैयार की गई है। इससे पहले उन्होंने त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दर्शन किए और कुशावर्त तीर्थ का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के लिए कॉरिडोर, पार्किंग, शौचालय, मंदिर और तालाबों की मरम्मत जैसे काम किए जाएंगे। साथ ही ब्रह्मगिरि क्षेत्र में प्राकृतिक रास्ते बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने पानी की शुद्धता पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) नेटवर्क की योजना बनाई गई है। उन्होंने वादा किया कि कुंभ मेले से पहले सभी काम पूरे होंगे।

फडणवीस ने कहा, इसके लिए बड़ी रकम चाहिए होगी, लेकिन राज्य सरकार धन की कमी नहीं आने देगी। हम जरूरी फंड मुहैया कराएंगे।
उनका कहना था कि देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के कुंभ मेले की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी कानून बनाने की बात कही।

उन्होंने बताया कि कुंभ मेला प्राधिकरण का गठन होगा, ताकि तैयारियों के लिए मजबूत कानूनी ढांचा तैयार हो सके।

संतों की इस मांग पर कि वह स्वयं कुंभ मेले की जिम्मेदारी लें, फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है। हम उत्तर प्रदेश की तरह ही कानून बनाकर काम करेंगे। इससे कुंभ मेले का आयोजन व्यवस्थित और भव्य होगा।

कुशावर्त तीर्थ के पानी की खराब स्थिति पर नाराजगी जताते हुए फडणवीस ने कहा कि उन्होंने विशेषज्ञों की टीम से जांच कराई थी। विशेषज्ञों ने पानी साफ करने के उपाय सुझाए हैं, जिनमें से कुछ पर फैसला लिया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सबसे अच्छा विकल्प चुनकर तुरंत कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि प्याज पर लगी 20 फीसद निर्यात शुल्क को हटा लिया गया है। यह फैसला शनिवार को लिया गया, जिससे प्याज किसानों को फायदा होगा। फडणवीस ने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार में राहत मिलेगी।

उन्होंने 2027 में नासिक और त्र्यंबकेश्वर में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों के बारे में बताया कि इसके लिए कई बैठकें हो रही हैं और हर तरह की व्यवस्था की जा रही है। त्र्यंबकेश्वर के विकास के लिए 1,100 करोड़ रुपये का प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत मंदिर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी, जैसे पार्किंग, शौचालय, रास्ते और पानी की व्यवस्था। उन्होंने कहा, हम इस काम को दो हिस्सों में करेंगे। पहला चरण 2027 तक और दूसरा 2028-29 तक पूरा होगा।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि कुंभ मेला भव्य होगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां उम्मीद से ज्यादा लोग आए थे। ठीक वैसे ही नासिक में भी भारी भीड़ होने की संभावना है। इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

फडणवीस ने त्र्यंबकेश्वर के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक स्थल देशभर के लोगों को आकर्षित करता है। इसलिए, सरकार इसका पूरा विकास करना चाहती है। 1,100 करोड़ के प्लान में मंदिर और आसपास के इलाकों को बेहतर बनाने की योजना है। साथ ही, कुंभ मेले के दौरान व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

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CBI ने बॉलीवुड एक्टर सुशांत केस में कोर्ट में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट

रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट

मुंबई 23 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई ने पांच साल बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस केस की जांच में सीबीआई को हत्या के कोई सबूत नहीं मिले।

क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी उसकी हत्या होने का कोई सबूत नहीं मिला है। सीबीआई जांच में रिया चक्रवर्ती और उसकी परिवार को क्लीन चिट मिल गई है। जून 2020 में सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी की थी।

 इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है। सुशांत के पिता ने रिया चक्रवर्ती के ऊपर जो आरोप लगाए थे और रिया ने जो सुशांत के परिवार पर जो आरोप लगाए थे, दोनों केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है।

पहली क्लोजर रिपोर्ट मुंबई में दाखिल की गई है जबकि दूसरी क्लोजर रिपोर्ट पटना में दाखिल की गई है। एक मामला सुशांत के पिता ने दर्ज कराया था, जो एक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है, जबकि दूसरा मामला सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने उनकी बहनों के खिलाफ दर्ज कराया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, रिया और उनके परिवार को क्लीन चिट दी गई है। सीबीआई को कोई ऐसा सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित हो सके कि किसी ने सुशांत सिंह राजपूत को खुदकुशी के लिए उसकाया था।

मतलब सुशांत सिंह राजपूत की मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। अब अदालतें तय करेंगी कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को आगे की जांच का आदेश दिया जाए।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत जून 2020 में हुई थी। उनका शव उनके बांद्रा स्थित किराए के घर में पंखे से लटका हुआ मिला था। इस मामले में सीबीआई ने 2020 अगस्त में सुशांत केस टेकओवर करके जांच शुरू की थी।

करीब 4 साल की जांच के बाद क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई। इसमें रिया और उनके परिवार को क्लीन चिट दी गई है। सीबीआई ने रिपोर्ट में किसी तरह की षडयंत्र, दरवाजे को बंद करने, जबरन शरीर पर किसी तरह की हिंसा से इनकार किया है। सीबीआई ने कहा कि सुशांत की मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।

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जम्मू-कश्मीर: डोडा में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

जम्मू 23 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यह बरामदगी डोडा की भद्रवाह तहसील के भलरा इलाके में तलाशी के दौरान की गई।

अधिकारियों ने कहा, “संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान, एके-सीरीज के 25 कारतूस, एक पिस्तौल, तीन पिस्तौल मैगजीन और पिस्तौल के छह कारतूस बरामद किए गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण जब्ती है जो क्षेत्र में उपद्रवी तत्वों की मौजूदगी को दर्शाती है।”

अधिकारियों ने कहा, “यह अभियान खुफिया सूचनाओं पर आधारित था, जिसमें सुरक्षाबलों को संदेह था कि इलाके में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे हथियारों का होना खतरा पैदा करता है। इन हथियारों को जमा करने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।”

पिछले छह महीनों से आतंकवादियों ने जम्मू डिवीजन के डोडा, किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ, रामबन और कठुआ जिलों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। इन जिलों के घने जंगली इलाकों को आतंकवादियों द्वारा छिपने की जगह के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। माना जा रहा है कि ये ज्यादातर कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी हैं।

इन आतंकवादियों की कार्यप्रणाली यह रही है कि वे हमला करके तुरंत भाग जाते हैं और फिर घने जंगलों में छिप जाते हैं।

आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए सेना और सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। केवल घेराबंदी और तलाशी अभियान पर निर्भर रहने के बजाय, सेना और सुरक्षाबल अब जंगली इलाकों में भी तैनात हैं।

जंगल युद्ध में प्रशिक्षित 4,000 से अधिक विशिष्ट कमांडो अब पुंछ, राजौरी, डोडा, किश्तवाड़, कठुआ और रामबन जिलों के वन क्षेत्रों में तैनात हैं। सेना और सुरक्षा बलों की रणनीति में बदलाव के बाद इन जिलों में आतंकवादी हमलों में कमी आई है।

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बलिया: सपा सांसद ने फरियादी महिला को कहा ‘पागल’

विवादित रास्ते पर सोने की दी नसीहत, वीडियो वायरल

बलिया 23 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । सलेमपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद रामाशंकर विद्यार्थी का एक विवादित बयान सुर्खियों में आ गया है। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित दिशा समिति की बैठक के बाद बाहर निकलते समय सांसद से मिलने पहुंची एक फरियादी महिला को उन्होंने ‘पागल’ कह दिया। यही नहीं, महिला की शिकायत सुनने की बजाय उन्होंने उसे विवादित रास्ते पर खटिया लगाकर सोने की नसीहत भी दे दी।

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव की एक महिला अपने रास्ते के विवाद को लेकर सांसद से फरियाद लगाने पहुंची थी। वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला अपनी बात पूरी तरह रख भी नहीं पाई थी कि सांसद ने भोजपुरी में कहा, “रस्त्वा पर तुहूँ खटिया बिछा के सुतिः ऐमे का करे के बा?”

सांसद के इस बयान पर महिला हैरान रह गई और उसने आपत्ति जताते हुए कहा, “आप कैसे बात कर रहे हैं?” लेकिन सांसद ने महिला को शांत कराने की बजाय उसे ‘पागल’ तक कह दिया।

वीडियो वायरल, लोगों में नाराजगी

फरियादी महिला और सपा सांसद के बीच हुई इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इसके बाद मीडिया ने महिला से संपर्क किया, जहां उसने बताया कि वह अपने रास्ते के विवाद को लेकर सांसद के पास मदद मांगने गई थी, लेकिन उन्होंने उसका अपमान किया।

महिला ने कहा, “रामाशंकर विद्यार्थी हमारे क्षेत्र के सांसद हैं, मैं अपनी समस्या बताने गई थी, लेकिन उन्होंने मुझे ‘पागल’ कहा और रास्ते पर खटिया डालकर सोने की सलाह दी। उनके शब्दों से मुझे बहुत बुरा लगा।”

सांसद की चुप्पी, विपक्ष का हमला

इस वीडियो के वायरल होने के बाद सांसद रामाशंकर विद्यार्थी की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं आई है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सपा सांसद पर हमला बोल दिया है। स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने सांसद के बयान की निंदा करते हुए इसे जनता के प्रति असंवेदनशीलता करार दिया है।

अब देखना होगा कि समाजवादी पार्टी इस विवादित बयान पर क्या रुख अपनाती है और सांसद इस पर अपनी सफाई कब तक देते हैं।

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यूपी के आजमगढ़ में साइबर ठगी करने वाले सात लोग गिरफ्तार

आजमगढ़ 23 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की साइबर पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) हेमराज मीणा ने बताया कि जनपद बनारस में छापेमारी के दौरान तकरीबन सात लोग मिले हैं।

शुभम जायसवाल थाना जमालपुर, मिर्जापुर, धनजीत यादव जौनपुर, अजय यादव बनारस, अभय राय चंदौली, अभिनाश राय पश्चिम बंगाल, पीयूष यादव जौनपुर के रहने वाले हैं। इनके पास से करीब 15 लाख का सामान, जिसमें 51 मोबाइल फोन, चार लैपटॉप, 42 एटीएम कार्ड, 13 पासबुक, करीब 80 सिमकार्ड और एक फाइबर का राउटर मिला है।

एसपी ने बताया कि यह पांडेपुर के एक किराए के मकान से एक कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। इनके सारे अकाउंट की जानकारी की गई तो पता चला कि इन लोगों ने 208 अकाउंट खुलवा रखे थे। उनमें पिछले छह माह में 95 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ है। इनके सभी अकाउंट को सीज कराया गया है। एक करोड़ की धनराशि फ्रीज कर दी गई है। ये लोग काफी दिन से काम कर रहे थे। पहले ये आजमगढ़ में थे। यहां जब छापा पड़ा तो इनके बाकी मेंबर बनारस से शिफ्ट कर लिए गए थे। वहां पर ऑनलाइन गेम क्रिकेट बज के नाम से संचालित कर रहे थे, जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को गेम खिलवाते थे।

उन्होंने बताया कि ये लोगों को पैसा जितवाने और तीन गुना करने के नाम से लालच देते थे। जब लोग बड़ा अमाउंट लगाते थे, ये लोग अलग खातों या फिर किसी कंपनी के नाम से ट्रांसफर कर देते थे या फिर एटीएम के माध्यम से विड्रॉल कर लेते थे। यह गैंग संगठित ढंग से काम कर रहे थे। इसमें कुल सात लोग पकड़े गए हैं। 20 हजार नकद मिला है। बाकी चीजों पर भी काम चल रहा है। पहले ये आजमगढ़ में पकड़े गए थे। इनके साथी आज पकड़े गए हैं। ये लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मोटिवेट करके लोगों का पैसा ठगने का काम कर रहे हैं। साइबर टीम ने कार्रवाई की पूरी टीम को 25 हजार का पुरस्कार भी दिया गया है। पहले 11 लोग पकड़े गए थे। अभी सात लोग पकड़े गए हैं।

उन्होंने बताया कि इनके मास्टरमाइंड, जो ऑर्गनाइज कर रहे हैं, उनकी बैंक डिटेल्स और मोबाइल से हुई बातचीत के जरिए जानकारी जुटाई जा रही है। अभी जो लोग मिले हैं, ये लोग अकाउंट मेंटेन करने का काम करते थे। अभी इनके मास्टरमाइंड को पकड़ना बाकी है। ये लोग भी अपने ऊपर वालों को नहीं जानते हैं। हमारी टीम उनकी तलाश में है। जो पकड़े गए हैं, वे फर्जी कंपनी पंजीकृत करवाए हुए थे। एटीएम से विड्रोल करके शॉपिंग की गई है। इन्होंने जो नंबर प्रयोग किए उनमें एक श्रीलंका का है। इंटरनेट कॉल के माध्यम से लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं। बचे लोगों की गिरफ्तारी शीघ्र होगी।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ये लोग दूसरों को अपनी कंपनी में काम करने के नाम पर प्रचार करते थे। ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक पर चैनल्स तथा विज्ञापन के माध्यम से लोगों को फंसाने का काम करते थे। ये लोग फेक अकाउंट और अन्य चीजों के लिए काम कर रहे थे। जो पैसा आता था, उसे गेमिंग के जरिए खातों में ट्रांसफर करना और कैश विड्रॉल करना इनका काम था। ये लोग इंटरनेट कॉल से ज्यादा काम कर रहे हैं। जल्द इनके मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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जेएलकेएम धनबाद जिला कार्यसमिति समिति का बैठक संपन्न

संगठन विस्तार और आगामी चुनाव को लेकर रणनीति तैयार

धनबाद,23.03.202 –  झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सह डूमरी विधायक टाइगर जयराम महतो के निर्देशानुसार आज धनबाद जिला प्रधान कार्यालय मेमको मोड़ में पार्टी के जिला कार्यसमिति का बैठक संपन्न हुआ. बैठक का अध्यक्षता पार्टी के धनबाद नगर जिलाध्यक्ष शक्तिनाथ महतो और संचालन जिला महासचिव सल्लाऊद्दीन अंसारी के द्वारा किया गया.

 बैठक में झारखंडी भाषा ख़तियान संघर्ष समिति व झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के संगठन मजबूती विस्तार आगामी चुनाव की तैयारी पर रणनीति तैयार किया गया. टाइगर जयराम महतो के विचारधाराओं को धनबाद जिले अंतर्गत सिंदरी विधानसभा से लेकर सभी विधानसभा क्षेत्रों में जन जन पहूंचाने का संकल्प लिया गया

धनबाद जिला मीडिया प्रभारी युवा क्रांतिकारी रंजीत कुमार महतो ने कहा कि झारखंड में अगर सकारात्मक बदलाव ला सकता है तो वह हमारी झारखंडी भाषा ख़तियान संघर्ष समिति व झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ही कर सकता है.

बैठक में मुख्य रूप से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के धनबाद नगर जिलाध्यक्ष शक्तिनाथ महतो धनबाद जिला मीडिया प्रभारी युवा क्रांतिकारी रंजीत कुमार महतो केंद्रीय अध्यक्ष युवा मोर्चा कुश महतो धनबाद नगर जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा डिंपल चौबे जिला महासचिव सलाउद्दीन अंसारी बाघमारा पूर्व प्रत्याशी दीपक रवानी एसी मोर्चा केंद्रीय अध्यक्ष हरेंद्र रजक अख़लाख अंसारी राईडर भाई पूर्व प्रत्याशी सपन मोदक केंद्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा छोटू रजक जिला कार्यसमिति प्रेम रजक जिला कोषाध्यक्ष पप्पु पहाड़ी महतो और पार्टी के लगभग सभी धनबाद जिला पदाधिकारी केंद्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति हुई

उक्त जानकारी रंजीत कुमार महतो ने दी.

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जब गुंडों माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होती है तो अखिलेश बिलबिला उठते हैं : केशव प्रसाद

हरदोई  22 March,(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गुंडों, अपराधियों और माफियाओं के साथ कोई समझौता नहीं करती है। जब गुंडों माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होती है तो अखिलेश बिलबिला उठते हैं।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य हरदोई पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकार वार्ता में कहा कि अगर कोई अपराध करता है तो उसके खिलाफ जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई की पैरवी की जाती है। उन्होंने एक सवाल में कहा कि सरकार और संगठन दोनों अच्छे हैं।

दोनों एक रथ के पहिए हैं। संगठन और सरकार मिलकर काम कर रहे हैं। इस कारण संगठन और सरकार दोनों मजबूर हैं। जनता के हित में दोनों लगातार काम कर रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गांवों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यूपी में अब तक एक लाख करोड़ की किसान सम्मान निधि दी जा चुकी है। आयुष्मान कार्ड से लाखों लोगों को लाभ मिला है।

मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि हाल ही में चार राज्यों के चुनावों में से तीन में भाजपा की जीत जनता के विश्वास को दर्शाती है।

इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव ने अपने एक बयान में कहा कि हम किसानों को नलकूप चलाने के लिए मुफ्त में बिजली दे रहे हैं। हम बिना किसी भेदभाव के काम कर रहे हैं। दंगा मुक्त प्रदेश बनाने का कार्य भाजपा ने किया है।

सालार मसूद गाजी को संत बताए जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्रामणकारी संत नहीं होता है। वह अत्याचारी होता है, जिसने मंदिरों को तोड़ा हो, धर्मांतरण कराने के लिए बल का प्रयोग किया हो।

जिसने भारत की संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया हो, उसके बारे में ऐसा बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद के बारे में अखिलेश यादव अपनी चुप्पी तोड़ें।

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एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (एएएफटी) के पूर्व छात्रों का 33वां मिलन समारोह संपन्न

22.03.2025 – नोएडा फिल्मसिटी स्थित ‘मारवाह स्टूडियो’ द्वारा संपोषित एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (एएएफटी) द्वारा भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को दिए गए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। यह संस्थान अपने विशाल 100 एकड़ की फिल्म सिटी, नोएडा में स्थित अपने प्रतिष्ठित ए ए एफटी नोएडा परिसर और और 27 एकड़ के रायपुर विश्वविद्यालय परिसर के साथ, तीन दशकों से रचनात्मक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

मोहित मारवाह और अक्षय मारवाह द्वारा सह-स्थापित ए ए एफटी विश्वविद्यालय और ए ए एफ टी ऑनलाइन के माध्यम से अपनी पहुँच का विस्तार करते हुए, अभिनव और उन्नत-स्तरीय पाठ्यक्रमों के साथ अपनी पहुँच को नवोदित प्रतिभाओं तक बढ़ाने की दृष्टिकोण के साथ यह संस्थान जनहित में रचनात्मक शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए मानक स्थापित करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिभा का पोषण करने की दिशा में अपने स्थापना काल से ही गतिशील है।

हाल ही में एएएफटी ने 33 वर्षों की निरंतर उत्कृष्टता का जश्न मनाने के उद्वेश्य से नोएडा में पूर्व छात्रों का 33वां भव्य मिलन समारोह (एलुमनाई मीट) का आयोजन किया। इस मिलन समारोह में मीडिया, एंटरटेनमेंट और क्रिएटिव आर्ट्स के विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों ने एकत्र होकर अपने अनुभव साझा किए और अपनी रचनात्मक यात्रा को याद किया। इस 33वें ‘एलुमनाई मीट’ में पूर्व छात्रों के लिए नेटवर्किंग के असंख्य अवसरों की नींव रखी, जिससे एक सजीव और ऊर्जावान माहौल बना, जिसने उन्हें एएएफटी के कैंपस में बिताए अपने दिनों की मधुर यादों में खो जाने पर मजबूर कर दिया।

एएएफटी के अध्यक्ष, डॉ. संदीप मारवाह ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा “यह एलुमनाई मीट हमारी समृद्ध विरासत का उत्सव है। भविष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहना ही प्रगति का एकमात्र मार्ग है और मैं अत्यंत हर्षित हूँ यह देखकर कि हमारे सम्मानित पूर्व छात्र यहां एकत्रित होकर अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं तथा अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर उल्लेखनीय योगदान देकर अपनी मातृसंस्था का गौरव बढ़ा रहे हैं।” इस मिलन समारोह में उन सभी विशिष्ट प्रतिभाशाली पूर्व छात्रों को ‘गौरव सम्मान’ अवॉर्ड दे कर सम्मानित किया गया. जिन्होंने एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न (एएएफटी) से पास आउट होने के बाद अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है।

जिनमें देवांशु सिंह (संस्थापक एवं एमडी, सिंह इवेंट्स एंड एग्जीबिशन्स), जुनैद खान (मारुति सुजुकी कलर्स ऑफ यूथ, सीजन 6, 7, 8 में योगदान), श्रेयांश मोहन वर्मा (परफ़ॉर्मर, संस्थापक एवं म्यूजिक एडवाइजर, फिल्म जार प्रोडक्शन हाउस), अनामिका गौड़ (2023 की यंगेस्ट प्रोफेशनल ऑफ द ईयर पुरस्कार विजेता, प्रभावशाली पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान), और दीपना (कास्टिंग डायरेक्टर, बालाजी प्रोडक्शंस) के नाम उल्लेखनीय हैं। इनकी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ एएएफटी के वर्तमान छात्रों और अन्य पूर्व छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।

‘नेटवर्किंग और भविष्य के अवसरों को बढ़ावा’ विषय पर परिचर्चा के दौरान अतिथि वक्ताओं ने नेटवर्किंग सत्रों के माहौल को और भी समृद्ध बना दिया। इस कार्यक्रम में पूर्व छात्रों को नई संभावनाओं की खोज करने और आपसी सहयोग बढ़ाने का अवसर मिला, जिससे भविष्य के लिए मजबूत संबंधों की नींव रखी गई।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे सहयोगी और सक्रिय एलुमनाई नेटवर्क को विकसित करना था, जो पूर्व छात्रों को बेहतर भविष्य की संभावनाओं के लिए प्रेरित और सशक्त बना सके। एलुमनाई मीट 2025 ने साबित किया कि एएएफटी केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक मजबूत और प्रेरणादायक समुदाय है, जो अपने पूर्व छात्रों को वर्तमान और भविष्य में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए तत्पर है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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नुकसान की भरपाई दंगाइयों से होगी, जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाएंगे

CM फडणवीस का ऐलान

नागपुर 22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक संपत्ति को जो भी नुकसान पहुंचा है, उसकी वसूली दंगाइयों से ही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि यदि वे नुकसान का भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और आवश्यकता पड़ने पर बुलडोजर की कार्रवाई भी की जा सकती है।

फडणवीस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक इस मामले में 104 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे भी गिरफ्तारियां जारी रहेंगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को भी कड़ी चेतावनी दी और बताया कि अब तक 68 ऐसी सोशल मीडिया पोस्टों की पहचान कर उन्हें डिलीट कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस हिंसा से जुड़े तमाम कयासों को खारिज करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में किसी भी विदेशी ताकत या बांग्लादेशी लिंक की कोई भूमिका सामने नहीं आई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हिंसा का कोई राजनीतिक कोण भी फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। फडणवीस ने खुफिया तंत्र की भूमिका पर सफाई देते हुए कहा कि इस घटना को खुफिया तंत्र की नाकामी नहीं कहा जा सकता, हालांकि सूचना तंत्र को और मजबूत किया जा सकता है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ के दावों पर मुख्यमंत्री ने इन्हें अफवाह बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी जरूर हुई है, लेकिन किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की घटना सामने नहीं आई है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी लोग इस हिंसा में शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने दोहराया कि यदि दंगाइयों ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई नहीं की, तो उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और जरूरत पड़ने पर बुलडोजर भी चलाया जा सकता है।

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अगले पांच दिनों में बढ़ेगा तापमान, इन राज्यों में भारी बारिश और आंधी की चेतावनी

नई दिल्ली 22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): मौसम विभाग ने आज पूर्वोत्तर भारत और उससे सटे मध्य भारत के राज्यों में भारी बारिश, आंधी तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। वहीं, देश के ज्यादातर हिस्सों में अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।

पिछले 24 घंटों की बात करें तो ओडिशा, तमिलनाडु और केरल में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। इसके अलावा, विदर्भ, गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में ओले भी गिरे।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आज यानी 22 मार्च को पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और केरल में तेज हवाएं चलेंगी। छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और इंटीरियर कर्नाटक में आज और कल यानी 23 मार्च को तेज बारिश, आंधी तूफान और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। झारखंड, ओडिशा, दक्षिण तमिलनाडु, केरल और माहे में आज भारी बारिश की संभावना है।

इसके अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और दक्षिण इंटीरियर कर्नाटक में आज ओलावृष्टि की आशंका जताई गई है। अरुणाचल प्रदेश में अगले पांच दिनों तक बारिश, बिजली और आंधी तूफान की चेतावनी दी गई है। असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे, लक्षद्वीप, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, तेलंगाना और इंटीरियर कर्नाटक में अगले तीन से चार दिनों के दौरान बारिश होने की संभावना है।

उत्तर पश्चिम भारत के मौसम की बात करें तो अगले एक दिन के बाद तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने का अनुमान है। मध्य भारत में भी धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। वहीं, दक्षिण भारत के राज्यों में अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है।

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चंद्रयान-3 ने फिर किया कमाल, चंद्रमा पर पानी और बर्फ की जगी उम्मीद

नई दिल्ली 22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा पर पानी और बर्फ की खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। चंद्रमा की सतह तापीय भौतिकी प्रयोग (ChaSTE) के तहत विक्रम लैंडर द्वारा किए गए तापमान मापों ने चांद की उच्च अक्षांश वाली मिट्टी में पानी और बर्फ के संभावित जमाव की ओर इशारा किया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) के वैज्ञानिक के दुर्गा प्रसाद ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि चंद्रमा पर पानी और बर्फ की उपस्थिति भविष्य में मानव जीवन और अन्वेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चांद का तापमान न केवल पानी और बर्फ की मौजूदगी को निर्धारित करता है, बल्कि अन्य वैज्ञानिक पहलुओं को भी प्रभावित करता है।

चंद्रयान-3 मिशन से प्राप्त यह नई जानकारी प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित हुई है। ChaSTE प्रयोग ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में 355K (82°C) तक तापमान दर्ज किया, जो कि अनुमानित 330K से 25K अधिक था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तापमान वृद्धि लैंडर के 6° के स्थानीय ढलान पर सूरज की ओर झुके होने के कारण हुई।

ChaSTE के अवलोकनों के आधार पर, अनुसंधान दल का मानना है कि 14° से अधिक ढलान वाले बड़े ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी और बर्फ के स्थायी भंडार मौजूद हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में सौर विकिरण कम पहुँचता है, जिसके कारण तापमान भी कम रहता है, जो भविष्य के चंद्र अभियानों और संभावित मानव निवास के लिए इन्हें अधिक उपयुक्त बनाता है।

चांद पर पानी की खोज और उसके संभावित उपयोग को लेकर कई देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां उत्सुक हैं। चंद्रयान-3 से प्राप्त ChaSTE के यह परिणाम भविष्य के चंद्र मिशनों और चंद्रमा पर स्थायी मानव उपस्थिति की संभावनाओं को नई दिशा दे सकते हैं। इसरो ने बताया कि इस महत्वपूर्ण डेटा का आगे भी विश्लेषण किया जाएगा और आगामी शोध पत्र प्रकाशित किए जाएंगे।

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बॉम्बे हाई कोर्ट में दिशा सालियान मामले की सुनवाई 2 अप्रैल 2025 को

मुंबई ,22 मार्च(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिवंगत दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई की तारीख तय कर दी है। यह सुनवाई अब 2 अप्रैल 2025 को होगी।

सतीश सालियान ने अपने वकील के जरिए यह याचिका दायर की थी, जिसकी एक प्रति पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) अधिकारी समीर वानखेड़े को भी दी गई है।

समीर वानखेड़े के वकील फैज मर्चेंट ने बताया कि उनके मुवक्किल इस मामले में हाई कोर्ट के सामने एक विस्तृत हलफनामा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। इस हलफनामे में वानखेड़े से जुड़े सभी सवालों और आरोपों का जवाब होगा।

सूत्रों के मुताबिक, वानखेड़े अपनी जांच के दौरान जुटाए गए कुछ अहम सबूत भी कोर्ट में पेश कर सकते हैं। इन सबूतों में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे से जुड़ी जानकारी शामिल हो सकती है।

कहा जा रहा है कि वानखेड़े का हलफनामा पहले ही तैयार हो चुका है। यह तब तैयार किया गया था, जब याचिका की प्रति मीडिया में लीक हो गई थी।

स्रोतों का दावा है कि इस हलफनामे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, जो कई लोगों को कानूनी मुश्किल में डाल सकते हैं। अगर ये दावे सही साबित हुए, तो यह मामला एक नया और बड़ा मोड़ ले सकता है।

दिशा सालियान की मौत जून 2020 में हुई थी, जिसके बाद से यह मामला चर्चा में रहा है। सतीश सालियान का मानना है कि उनकी बेटी की मौत के पीछे कई सवाल अनसुलझे हैं। अब हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई से इस मामले में नई जानकारी सामने आने की उम्मीद है।

जैसे-जैसे यह कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, और तथ्य सामने आएंगे, इसकी पूरी जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी। यह मामला न सिर्फ दिशा के परिवार के लिए, बल्कि सभी संबंधित पक्षों के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है।

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पेपर लीक मामला: सरिता मीणा के बाद अब पटवारी भर्ती का सरगना हर्षवर्धन भी बर्खास्त

दौसा ,22 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामलों में अपनी ज़ीरो टॉलरेंस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करना शुरू कर दिया है।

पुलिस और प्रशासन द्वारा लगातार किए जा रहे बड़े एक्शनों ने इस बात को साबित कर दिया है कि सरकार इस मामले में कितनी सख्त है। पेपर लीक मामलों में लिप्त राज्य कर्मियों को बर्खास्त करके सरकार ने एक सख्त संदेश दिया है। पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

दौसा कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने हर्षवर्धन को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। हर्षवर्धन को जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 में एसआईटी ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। इससे पहले, हर्षवर्धन की पत्नी सरिता मीणा को तत्कालीन भीलवाड़ा कलक्टर नमित मेहता ने बर्खास्त किया था।

सरिता ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी।एसओजी एटीएस एडीजी वी.के.सिंह की प्रभावी मॉनिटरिंग का भी इन कार्रवाइयों में बड़ा योगदान रहा है।

एडीजी वी.के.सिंह ने बताया कि एसआई भर्ती परीक्षा में लिप्त 45 सहित कुल 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त/सेवा से पृथक किया जा चुका है। शेष 189 राज्यकर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है।

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पेपर लीक मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और परीक्षाओं की पवित्रता बनी रहे।

वी. के सिंह ने बताया कि इन कार्रवाइयों से युवाओं में विश्वास का माहौल बनेगा। यह राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

यह उन लोगों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा जो पेपर लीक करने की कोशिश कर सकते हैं। यह खबर राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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विश्व जल दिवस पर वाराणसी में रन फॉर क्लीन गंगा’ मैराथन

लोगों ने लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा

वाराणसी ,22 मार्च (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। विश्व जल दिवस के मौके पर संकट मोचन फाउंडेशन ने ‘रन फॉर क्लीन गंगा’ मैराथन का आयोजन किया। यह मैराथन भैसासुर घाट से शुरू होकर तुलसी घाट तक 6 किलोमीटर सड़क मार्ग पर चली। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस आयोजन का मकसद गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना और लोगों में जागरूकता फैलाना था।

संकट मोचन फाउंडेशन के महंत और आयोजक विशंभर नाथ मिश्र ने  बताया कि यह पहली बार है जब विश्व जल दिवस पर मैराथन का आयोजन किया गया।

उन्होंने कहा, हर साल हम गंगा तट पर मानव श्रृंखला बनाते थे, लेकिन इस बार हमने मैराथन चुनी, ताकि शहर के हर कोने तक गंगा की सफाई का संदेश पहुंचे। गंगा से हर कोई जुड़ा नहीं है, इसलिए हम इसे सभी तक ले जाना चाहते थे। युवाओं की भागीदारी और भीड़ देखकर लगता है कि हमारा अभियान सफल होगा।

मैराथन में शामिल तनु शुक्ला ने कहा, जैसे हम मां अपने बच्चों को साफ रखते हैं, वैसे ही गंगा को भी साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है। आज लोग गंगा में हर तरह की गंदगी डाल रहे हैं।

हमारा लक्ष्य लोगों को जागरूक करना है कि वे इस काम में हमारा साथ दें। यह संदेश सिर्फ वाराणसी तक नहीं, बल्कि पूरे देश में जाना चाहिए कि माताएं गंगा की सफाई के लिए कितनी सजग हैं।

वंदना दुबे ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, हम माताएं ‘मदर फॉर क्लीन इंडिया’ और ‘मदर फॉर क्लीन गंगा’ के तहत काम कर रही हैं।

इस मैराथन के जरिए हम पूरे वाराणसी और भारत को यह संदेश देना चाहते हैं कि गंगा को साफ करने के लिए हमें एकजुट होना होगा। बच्चे, बूढ़े, युवा—सभी इस आयोजन में शामिल हुए, ताकि सफाई का यह संदेश दूर तक पहुंचे।

वगीशा दुबे ने मैराथन के उद्देश्य को और स्पष्ट करते हुए कहा, हमारा मुख्य मकसद गंगा को साफ करना है। इस मैराथन के जरिए हम दिखाना चाहते हैं कि छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़ों तक, सभी एक साथ मिलकर गंगा की सफाई के लिए काम कर सकते हैं।

गंगा में बढ़ती गंदगी को जल्द से जल्द खत्म करना हमारा लक्ष्य है। यह आयोजन लोगों को एकजुट करने का भी एक जरिया है।

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राजस्थान के राजसमंद में ड्राइवर को आई झपकी, बस पलटने से 13 यात्री घायल

राजसमंद  22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । राजस्थान के राजसमंद जिले में चारभुजा थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब जयपुर से अहमदाबाद जा रही एक निजी बस अनियंत्रित होकर पलट गई। यह हादसा गोमती और धानिन के बीच हाईवे पर हुआ, जिसमें 13 यात्री घायल हो गए।

सूचना के अनुसार, बस हरियाणा से रवाना होकर जयपुर होते हुए अहमदाबाद जा रही थी। ड्राइवर को अचानक नींद आ जाने के कारण यह हादसा हुआ। हादसे के बाद, आधा दर्जन गंभीर रूप से घायल यात्रियों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया, जबकि बाकी यात्रियों को चारभुजा में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

घटना की सूचना मिलते ही, चारभुजा थाना अधिकारी प्रीति कुमारी मय जाप्ता मौके पर पहुंचीं। उन्होंने घायलों को अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था की और बाकी सवारियों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गंतव्य की ओर रवाना किया। इसके साथ ही क्रेन मंगवाकर बस को रोड के किनारे लगवाया गया, ताकि यातायात सामान्य हो सके।

बताया जा रहा है कि बस ड्राइवर ने नशा कर रखा था, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। लोगों का कहना है कि हादसे से पहले भी ड्राइवर बस को बुरी तरह चला रहा था। हादसे के बाद ड्राइवर और कंडक्टर मौके से फरार हो गए। पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए तलाश में जुट गई है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

इससे पहले राजस्थान के भीलवाड़ा में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हो गया था। जिले के मांडलगढ़ के लाडपुरा चौराहे पर तेज गति से आ रहे सीमेंट के टैंकर ने आगे चल रहे टैंकरों को टक्कर मार दी।

टक्कर के कारण तीन गाड़ियों में भीषण आग लग गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। टैंकर चालक आग की चपेट में आ गया और जिंदा जलकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद हाइवे पर लंबा जाम लग गया, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया।

इस मामले में पुलिस ने चालक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और हादसे के कारणों की जांच शुरू की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के प्रयास में टैंकर आपस में टकरा गए, जिससे यह भीषण हादसा हुआ।

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हरियाणा : कुरुक्षेत्र में महायज्ञ के दौरान पत्थरबाजी और फायरिंग…

23 घायल, एक की हालत गंभीर

कुरुक्षेत्र 22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में चल रहे 1000 कुंडीय महायज्ञ में शनिवार को खाने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि माहौल तनावपूर्ण हो गया। आरोप है कि ब्राह्मणों को बासी खाना परोसने को लेकर कहासुनी हो गई, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई।

विवाद के दौरान एक सुरक्षाकर्मी ने गोली चला दी, जो आशीष तिवारी नामक ब्राह्मण को लगी। उन्हें गंभीर हालत में लोकनायक जयप्रकाश नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना में करीब 23 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

Haryana: Stone pelting and firing during Mahayagna in Kurukshetra…23 injured, one in critical condition : इस घटना से नाराज ब्राह्मणों ने महायज्ञ स्थल के बाहर कुरुक्षेत्र-कैथल रोड जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस ने सख्ती दिखाई और जाम खुलवाने का प्रयास किया।

फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अंतिम समाचार मिलने तक माहौल अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

18 मार्च से शुरू हुआ यह महायज्ञ 27 मार्च तक चलना था, जिसके लिए 1008 कुंडीय यज्ञशाला बनाई गई थी। महायज्ञ में हर दिन 1,00,000 आहुतियां डाली जा रही थीं।

अब इस विवाद के बाद आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है। अब तक इस महायज्ञ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, मुख्यमंत्री की पत्नी सुमन सैनी और पूर्व राज्य मंत्री सुभाष सुधा जैसे कई बड़े नेता शामिल हो चुके हैं

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जल सभ्यताओं की जीवन रेखा, इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाना जरूरी : पीएम मोदी

नई दिल्ली  22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । विश्व जल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए जल संरक्षण का संदेश दिया। नेताओं ने लोगों से पानी की बचत और इसके महत्व को समझने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि विश्व जल दिवस पर हम जल संरक्षण और सतत विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। उन्होंने कहा, “जल सभ्यताओं की जीवन रेखा है, इसलिए इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाना जरूरी है।”

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जल दिवस के मौके पर अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने विश्व जल दिवस पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि जल-प्रकृति का अमूल्य वरदान- न केवल जीवन का आधार है, बल्कि हमारी संस्कृति, कृषि और भविष्य की समृद्धि का मूल स्रोत भी है।

उन्होंने आगे लिखा कि इसकी सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।

इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि पंचकूला में कैच द रेन अभियान की शुरुआत हो रही है। उन्होंने आगे लिखा, “आज हरियाणा के पंचकूला में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी के साथ “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2025” का शुभारंभ होने जा रहा है। इस वर्ष की थीम है: “जल संचय, जनभागीदारी: जन जागरूकता की ओर।” यह सिर्फ एक थीम नहीं, जन-जन के जीवन से जुड़ा एक राष्ट्रीय आंदोलन भी है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मौके पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, “विश्व जल दिवस की बधाई! आइए, जल को बचाने का संकल्प लें और स्वच्छ व समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ें।” उनका संदेश पानी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने पर केंद्रित था।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा, “प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं! उत्तराखंड पवित्र नदियों का उद्गम स्थल और जल संपदा से भरपूर है। यह हमारी धरोहर है, जिसे बचाना हमारा कर्तव्य है।”

उन्होंने जल के सही उपयोग को सतत विकास की कुंजी बताया और कहा कि सरकार जल संसाधनों को संरक्षित करने के लिए लगातार काम कर रही है। धामी ने लोगों से भविष्य के लिए जल संरक्षण का संकल्प लेने को कहा।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस दिन को खास माना। उन्होंने लिखा, “जल है तो कल है। विश्व जल दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं। आइए, प्रकृति के इस अनमोल तोहफे को बचाएं और समृद्ध भविष्य बनाएं।” उनका संदेश पानी की अहमियत और इसके संरक्षण पर जोर देता है।

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पटना में राबड़ी आवास के बाहर फिर से लगे पोस्टर

सीएम नीतीश कुमार को बताया,खलनायक

पटना  22 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर शनिवार को फिर से सीएम नीतीश कुमार को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर में लिखा गया, “नायक नहीं, खलनायक हूं मैं।” पोस्टर में स्पष्ट रूप से यह भी लिखा है, “हां, मैंने किया है महिलाओं का अपमान, गांधी जी का किया है अपमान, अब हो गया है राष्ट्रगान का अपमान।”

पोस्टर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के विधायक गोपाल मंडल और भाजपा विधायक हरीभूषण ठाकुर बचौल को दिखाया गया है। इससे पहले भी बिहार में कई बार ऐसे पोस्टर सामने आए हैं जो राजनीतिक पारा बढ़ाते रहे हैं। शुक्रवार को भी राबड़ी देवी के आवास के बाहर ऐसे पोस्टर लगे थे, जिसमें नीतीश कुमार को लेकर तंज किया गया था।

शुक्रवार को लगे पोस्टर में लिखा गया था- यह सरकार “धृतराष्ट्र की सरकार” है। पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को “कुर्सी कुमार” के रूप में संबोधित किया गया है।

राजद ने आरोप लगाया कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा है और यह स्थिति 18 वर्षों से सत्ता में काबिज एनडीए सरकार के कारण बनी है। पोस्टर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें विशेष रूप से नालंदा में एक महिला के पैरों में छह कील ठोकने जैसी क्रूर घटनाओं का उल्लेख है।

इसके अलावा, राजद ने नीतीश कुमार की सरकार को “20 साल पुरानी खटारा सरकार” और “निकम्मी भाजपा-जदयू सरकार” बताया है। आंकड़ों का हवाला देते हुए, राजद ने दावा किया कि नीतीश सरकार के तहत बिहार में 60,000 हत्याएं और 25,000 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं।

इसके अलावा बिहार विधान परिषद में प्रदेश की कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में ही मौजूद थे। विपक्ष ने सरकार के विरोध में नारेबाजी भी की।

सदन के बाहर निकलने पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, “सदन के अंदर विपक्ष को सत्ता पक्ष के लोग बोलने नहीं देते हैं और सरकार भी नहीं मान रही है कि सदन के अंदर विपक्ष है। बिहार में इतनी घटनाएं घट रही हैं, हत्या हो रही है, अपहरण हो रहा है, लूट हो रही है, रेप की घटनाएं घट रही हैं, दलित बच्चियों के साथ रेप हो रहा है। सदन के अंदर जब हम लोग सवाल उठाते हैं तो सत्ता पक्ष द्वारा सवाल को उठाने नहीं दिया जाता है।”

उन्होंने कहा कि यह बिहार की जनता का सवाल है, जब जनता के सवाल नहीं उठाएंगे तो सदन में क्या उठाएंगे? जो घटनाएं हो रही हैं, उस पर चर्चा करें। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री कहने लगते हैं आप (राबड़ी देवी) और आपके पति (लालू प्रसाद यादव) ने क्या किया है? सब हमने किया है।

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नहीं रहे गुजरे जमाने के दिग्गज अभिनेता राकेश पाण्डेय

22.03.2025 – हिंदी और भोजपूरी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता राकेश पाण्डेय अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार (21मार्च) को सुबह 8.51बजे जुहू, मुंबई स्थित अपने आवास में उन्होंने 79 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। अभिनेता राकेश पाण्डेय ने अपना फिल्मी करियर 1969 में प्रदर्शित फिल्म-‘सारा आकाश’ से किया था। 1969 में प्रदर्शित फिल्म-‘सारा आकाश’ उपन्यासकार राजेन्द्र यादव के उपन्यास पर आधारित थी। इस फिल्म को राष्ट्रपति अवार्ड से नवाज़ा गया था।

1979 में प्रदर्शित भोजपुरी फिल्म- ‘बलम परदेसिया’ ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर उस दौर में दम तोड़ती भोजपुरी फिल्मों के अस्तित्व को पुनर्जीवित किया था। इस भोजपुरी फिल्म के नायक थे-राकेश पाण्डेय।

यूं देखा जाय तो 60 के दशक में जब फिल्मों में अभिनेता राकेश पाण्डेय का फिल्मों में पदार्पण हुआ था। उस वक़्त के आगंतुकों के बीच का उन्हें दिलीप कुमार कहा जाने लगा था।

वैसे जिन्होंने सुपर स्टार राजेश खन्ना की फिल्म-‘अमर प्रेम’ देखी होगी उन्हें, फिल्म के कैरेक्टर आनंद बाबू की पत्नी के भाई का कैरेक्टर याद ही होगा जो पुष्पा (शर्मिला टैगोर) के पास जा कर आनंद बाबू को उसके पास आने से मना करने को कहता है। अपनी छोटी सी भूमिका में अभिनेता राकेश पाण्डेय सिने दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रहे। बॉलीवुड के नामचीन निर्माता निर्देशक भी उस दौर में उन पर ध्यान देने लगे थे।

सन 1946 में हिमाचल प्रदेश में जन्मे अभिनेता राकेश पाण्डेय ने शमशेर हाई स्कूल नहान (हिमाचल प्रदेश) 1961 में मैट्रिक करने के बाद जे आर आर कॉलेज (हिमाचल प्रदेश) में अपनी पढ़ाई पूरी की और भारतेन्दु एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स से स्नातक की डिग्री के पश्चात इन्होंने इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट (पुणे) की ओर अपना रुख किया। 1966 में यहाँ से एक्टिंग का कोर्स कंप्लीट करने कर बाद ये इप्टा से जुड़ गए और थियेटर की दुनियां में क्रियाशील हो गए।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बचपन से ही रुचि रखने वाले अभिनेता राकेश पाण्डेय को इंग्लिश, हिन्दी, ब्रजभाषा, भोजपुरी और देश के अन्य प्रदेशों में प्रचलित क्षेत्रीय भाषाओं का भी गहरा ज्ञान था। बतौर नायक और चरित्र अभिनेता 80 भोजपुरी फिल्मों में अभिनेता राकेश पाण्डेय ने काम किया था और दो भोजपुरी फिल्मों का निर्देशन भी किया था। इन्हें चतुर्थ भोजपुरी अवार्ड समारोह में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी मिल चुका है। साथ ही साथ भोजपुरी फिल्मों में विशेष योगदान के लिए दादा साहब फालके अकादमी द्वारा उन्हें दादा साहब सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया था।

‘सारा आकाश'(1969), दो राहा (1971), रखवाला (1971), मान जाइये (1972), अमर प्रेम (1972), कुंवारा बदन (1973), इंतज़ार (1973), ‘हाथी के दाँत’ (1973), ‘दिल की राहें'(1973), ‘वो मैं नहीं’ (1974), ‘उजाला ही उजाला’ (1974), ‘शिकवा’ (1974), ‘शतरंज के मोहरे'(1974), ‘दो चट्टाने'(1974), ‘एक गाँव की कहानी’ (1975), ‘ज़िन्दगी और तूफान'(1975), ‘मुट्टी भर चावल’ (1975), ‘हिमालय से ऊँचा'(1975), ‘अपने दुश्मन’ (1975), आंदोलन’ (1975), ‘जीवन ज्योति’ (1976), ‘आरम्भ’ (1976),’ज़िन्दगी'(1976), ‘यही है ज़िन्दगी’ (1977),’टूटे खिलौने’ (1978), ‘दरवाज़ा’ (1978), ‘मेरा रक्षक’ (1978), ‘बलम परदेशिया’ (भोजपुरी-1979),’मंजिल’ (1979), ‘गोरी दियाँ झंजरण’ (ब्रजभाषा-1980), ‘अब्दुल्लाह'(1980), ‘नई इमारत’ (1981), ‘महाबली हनुमान'(1981), ‘धरती मैया’ (भोजपुरी-1981) ‘संत ज्ञानेश्वर’ (1982), ‘अपराधी कौन’ (1982), ‘माया बाजार'(1984), ‘चाँदनी बनी चुड़ैल’ (1984) ‘भैया दूज’ (भोजपुरी-1984), ‘युद्ध'(1985), ‘ज़ेवर’ (1987), ‘108 तीर्थ यात्रा’ (1987), ‘जवानी की लहरें'(1988), ‘चिंतामणि सूरदास’ (1988), ‘ईश्वर’ (1989), ‘मेहबूब मेरे महबूब’ (1992), ‘अधर्म’ (1992), ‘द मेलोडी ऑफ लव’ (1993), ‘गोपाला'(1994), ‘बेटा हो तो ऐसा’ (1994), ‘तक़दीर वाला'(1995), ‘भीष्म’ (1996), ‘सर कटी लाश’ (1999), ‘ब्रिज कौ बिरजू’ ( ब्रज भाषा-1999), ‘हसीना डकैत (2001), ‘इंडियन’ (2001), ‘दिल चाहता है’ (2001), ‘बिरसा-द ब्लैक आयरन मैन'(2004), ‘स्टेइंग अलाइव’ (2007) और ‘मालिक एक’ (2010) जैसी अनगिनत सफल फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा विखेर चुके अभिनेता राकेश पाण्डेय छोटे पर्दे पर भी ‘जाट की जुगनी’, ‘साँस’, ‘देवी’, ‘छोटी बहू’, ‘दहलीज़’, ‘सरोजनी-एक नई पहल’ ‘उतरन’ और ‘हैप्पी होम’ आदि धारावाहिकों में भी नजर आए थे। साथ ही साथ उन्होंने ‘सात फेरे’, ‘जान मारे गोरिया’, और ‘मैला आँचल’ जैसी कई अलबमों में भी काम किया था।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा ) के बढ़ते कदम…….!

* 78 वें कान फिल्म फेस्टिवल में एक बार फिर इंपा …..!

22.03.2025 – 1937 में स्थापित इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा ) अपने स्थापना काल से ही एक गैर लाभकारी संगठन के रूप में भारतीय फिल्म जगत में एक्टिव फिल्म निर्माताओं को संरक्षण देने के उद्वेश्य से एक फिल्म पंजीकरण निकाय और सेवा प्रभाग का संचालन करता चला आ रहा है। फिलवक़्त इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा ) का नेतृत्व बतौर अध्यक्ष अभय सिंहा कर रहे हैं। एक केंद्रीय संगठनात्मक निकाय के रूप में इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन फिल्म निर्माताओं के हित में कल्याणकारी योजनाओं के साथ भारतीय सिनेमा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उजागर करने की दिशा में अग्रसर है।

इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन अपने सदस्यों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सभी उत्सव- औपचारिकताओं में सहायता करते हुए मार्केट प्रीमियर, प्रतिनिधि पंजीकरण, विशेष फिल्म लॉन्च और अन्य कार्यक्रमों के अवसर प्रदान कर रहा है। कान फिल्म फेस्टिवल और अन्य फिल्म समारोहों में अपने सदस्यों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने वाली एकमात्र संस्था के रूप में इंपा अपने सदस्यों को अपना काम प्रदर्शित करने के लिए सर्वोत्तम संभव मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पूर्व की भांति इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा फ्रांस के कांस शहर में 13 मई से 24 मई 2025 तक होने वाली 78 वें कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी निरंतर भागीदारी की घोषणा की जा चुकी है। ‘कान फिल्म फेस्टिवल’ इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। पूरी दुनिया के सिनेमा प्रेमियों को कान फिल्म फेस्टिवल का इंतजार रहता है। विदित हो कि इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा ) ने 2024 में 77वें कान फिल्म फेस्टिवल में शानदार शुरुआत की, जहाँ इंपा के पदाधिकारी, समिति के सदस्य और भाग लेने वाले सदस्यों ने इंपा स्टॉल के माध्यम से अपनी फिल्मों का सफलतापूर्वक प्रचार किया।

साथ ही साथ इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले 55 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 12 फिल्मों के प्रदर्शन और 3 फिल्मों का विपणन संपन्न हुआ था। बकौल अभय सिंहा दुनिया के शीर्ष खरीदारों और वितरकों का प्रतिनिधित्व करने वाले 300 से अधिक स्टॉल के साथ कान फिल्म फेस्टिवल अंतर्राष्ट्रीय विपणन और वैश्विक प्रदर्शन के लिए सबसे आकर्षक फिल्म बाजार बना हुआ है।

अपने सदस्यों के लिए भागीदारी को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने कान फिल्म मार्केट में एक समर्पित स्टॉल सुरक्षित किया है। सदस्य अब इंपा के तहत बहुत कम लागत पर अपनी फिल्मों का प्रचार कर सकते हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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