नई दिल्ली , 25 अप्रैल (एजेंसी) । भारतीय और कोरियाई तट रक्षकों के बीच एक 11वीं उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के तटों की सुरक्षा के लिए साझा उपायों और विशेषज्ञता का विकास करना हो सकता है। इस बैठक में, तट रक्षकों के बीच संचार को मजबूत करने के लिए तकनीकी उन्नयन, संयुक्त अभ्यास और अनुभवों का विनिमय किया जा सकता है। इसके अलावा, इस बैठक में दोनों देशों के तट रक्षकों के बीच भावनात्मक संबंधों का विकास भी हो सकता है।
इस संबंध को मजबूत करने से दोनों देशों के तटों की सुरक्षा में सुधार हो सकता है। इस बैठक के माध्यम से, भारत और कोरिया दोनों देशों के तटों की सुरक्षा को सुधारने के लिए एक दूसरे से सीख सकते हैं। इसके लिए, एक समझौता भी हो सकता है जो दोनों देशों के बीच संयुक्त तट रक्षा अभ्यासों को संभव बनाए रखता है।
दक्षिण कोरिया तट रक्षक के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की नई दिल्ली में भारतीय तटरक्षक बल के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। दक्षिण कोरियाई तट रक्षक के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कमिश्नर जनरल किम जोंग वूक करेंगे, जबकि भारतीय तट गार्ड टीम का नेतृत्व भारतीय तटरक्षक बल के कार्यवाहक महानिदेशक एडीजी राकेश पाल करेंगे।
दोनों पक्षों द्वारा क्षमता निर्माण और आपसी हित के अन्य मुद्दों सहित आपसी सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करने की उम्मीद है। यह बैठक दो देशों के बीच तटरक्षक क्षेत्र में बढ़ती भूमिका के संकेत के रूप में देखी जा सकती है। दोनों देशों के तटरक्षकों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि मानसूनी जलवायु, सागर तटों के संरक्षण और तटरक्षक संबंधी तकनीकी मुद्दों के साथ-साथ अपराधों और आतंकवाद से लडऩा भी होता है।
इस बैठक में दोनों देशों के तटरक्षकों के बीच अनुभव और विशेषज्ञता का आपसी अदालत, सहयोग और ज्ञान का आदान-प्रदान होगा। इस बैठक के माध्यम से दोनों देशों के तटरक्षक संगठन एक दूसरे से बेहतर समझ पाएंगे और संबंधित मुद्दों पर आपसी सहयोग बढ़ाएंगे। इससे दोनों देशों के संबंधों में विशेष सामरिक और सामाजिक आधार पर नए मौके भी उत्पन्न हो सकते हैं।
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