चंडीगढ़ ,22 जनवरी (एजेंसी)। 500 वर्ष बाद भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण का सपना पूरा होने पर देश भर में जश्न का माहौल है, वहीं गांव झांसा में भी बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर गए कार सेवकों में शामिल कुरुक्षेत्र के गांव झांसा के स्वर्गीय सरदा राम पाल की धर्मपत्नी परवारी देवी जोकि जीवन के 100 बसंत देख चुकी हैं इस उम्र में अब उनकी आंखों की पुतलियां पूरी तरह नहीं खुल रही, लेकिन वह इस पल की गवाह बनी हैं। अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव को लेकर उनका जोश देखते ही बनता है।
भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर जहां उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं वहीं वह उनके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कोटि-कोटि आभार व्यक्त करने से गुरेज नहीं करती। उन्होंने कहा कि आज करोड़ भारतवंशियों का सपना सच हो गया है जिसकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।
उन्होंने बताया कि जब उनके पति स्वर्गीय सरदा राम पाल गडरिया समाज से जोकि प्रदेश भर में इस समाज से इकलौते कार सेवक थे। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता व हरियाणा साहित्य अकादमी के सदस्य दिवंगत धनीराम भारती के साथ दिवंगत पूर्व सरपंच हेमराज गिरधर ,दिवंगत बंताराम लोहिया, दिवंगत अमरनाथ गाबा, दिवंगत भगवान दास गिरधर, दिवंगत भगवान दास कक्कड़ के अलावा रामस्वरूप दहिया, पंडित ओम प्रकाश शर्मा, रामकुमार कंसल ही अभी जीवित बचे हैं।
परवारी देवी ने बताया कि जब उनके पति बाबरी मस्जिद गिराने के लिए अयोध्या गए थे उस दौरान वहां पर गोलियां चलने और लाठी चलने की बात सुनने में आई थी जिसके बाद पूरा परिवार सहम गया था और जब तक उनके पति सरदा राम सहित अन्य सदस्य सकुशल घर वापस नहीं लौटे थे तब तक परिवार सहित गांव के लोगों में चिंता बनी रही।
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