जारा के हौसलों ने नाप दी दुनिया

अरुण नैथानी –
आमतौर पर भारत में जिस उम्र में बेटियां पढ़ाई पूरी कर करिअर की दिशा तलाश रही होती हैं, उस छोटी-सी उम्र में बेल्जियम की जारा रदरफोर्ड ने पूरी दुनिया का चक्कर लगा दिया। वह भी अकेले अपने छोटे से हवाई जहाज से। उसने दुष्यंत के कथन को सार्थक कर दिया कि तबीयत से पत्थर उछालो तो आसमान में भी छेद हो सकता है। जारा विश्व में सबसे कम उम्र में दुनिया का चक्कर लगाने वाली महिला बन गई हैं। मगर पांच माह का यह सफर कम खतरों से भरा नहीं था। कहीं रक्त जमाती ठंड, कहीं ज्वालामुखी के ऊपर से उडऩा, कहीं ठहरी तो भूकंप के झटकों से हिल गई। मगर खतरों की यह खिलाड़ी थमी नहीं। मौसम की खराबियों से उसका तीन माह का सफर तब पांच माह में पूरा हुआ जब वह पिछले दिनों बेल्जियम के कॉर्टिज्क-वेवेलगेम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी, जहां उसके परिवार व देशवासियों ने उसका जोरदार स्वागत किया।
महज उन्नीस साल की उम्र में अकेले दुनिया घूमने वाली पायलट जारा तमाम झंझावातों से गुजरते हुए इस मुकाम तक पहुंची। कई बार तो उसे लगा कि अब जीवन खत्म होने को है। वह बर्फीले बियाबान इलाकों में फंसी। एक महीने उसे अलास्का के नोम और करीब इकतालीस दिन रूस के अयान में बर्फीले तूफान के कारण फंसना पड़ा। वहीं एक बार तूफान के चलते कोलंबिया में रुकना पड़ा तो कहीं नौकरशाही की जटिलताओं से वीजा की दिक्कतों के कारण फंसना पड़ा। बेहद हल्के शार्क यूएल अल्ट्रालाइट स्पोर्ट प्लेन के जरिये अपने भारी-भरकम इरादों को पूरा करने के लिये निकली जारा ने आखिर अपने जुनून को हकीकत में बदला। वह पांच महीनों में पांच महाद्वीपों की यात्रा पूरी कर पायी। उसने करीब 51 हजार किलोमीटर का सफर बावन देशों से गुजर कर पूरा किया। वह 18 अगस्त, 2021 को अपने इस जुनून भरे सफर पर निकली थी।
जारा कहती है कि यह अनुभव रोमांचित करने वाला था। वह अलास्का में मौसम खराब होने के कारण फंसी। पूर्वी रूस में तूफान आने के कारण उलझकर रह गई। आइसलैंड में ज्वालामुखी की चुनौती का सामना किया। साइबेरिया व उत्तरी कोरिया के हवाई स्पेस से निकलते हुए लगा कि कहीं जीवन खत्म न हो जाये। इस दौरान उत्तरी कोरिया मिसाइल परीक्षण कर रहा था, लेकिन किसी तरह की चेतावनी नहीं दी थी। इस यात्रा में पृथ्वी के दो विपरीत सिरों को छूने की जिद में वह इंडोनेशिया के जांबी और कोलंबिया के टुमाको में उतरी। इस तरह जारा ने अमेरिका की अफगान मूल की शाइस्ता वैस का वह रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो उसने तीस साल की उम्र में बनाया था। वैसे पुरुषों में यह रिकॉर्ड 18 साल के एक युवक का है। लेकिन पुरुष और महिलाओं की उम्र का जो फासला पहले ग्यारह साल का था, उसे जारा ने महज ग्यारह महीने का कर दिया।
दरअसल, जारा रदरफोर्ड पायलट मां-बाप की बेटी है। ऊंची उड़ान के सपने उसने बचपन में ही देखने शुरू कर दिये थे। ब्रिटेन में हैंपशायर के एक स्कूल में जारा ने प्रारंभिक पढ़ाई की, लेकिन उसका परिवार बेल्जियम में रहता है। उसने चौदह साल की उम्र में हवाई जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया था। वर्ष 2020 में ही उसे पायलट का लाइसेंस मिला और 2021 में वह विश्व जीतने निकल पड़ी। अब उसका सपना एक सफल अंतरिक्ष यात्री बनने का है। वह कहती है कि उसकी यह सफल उड़ान निश्चय ही महिलाओं को विज्ञान, तकनीक और हवाई क्षेत्र में उम्दा करने के लिये प्रेरित करेगी। वह कहती है कि आमतौर पर लड़कियों से उम्मीद की जाती है कि वे सुंदर बनें, दयालु बनें तथा दूसरों की सहायता करने वाली बनें, लेकिन मैंने सिद्ध किया कि यदि मौका मिले तो वे अपनी तमाम महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर सकती हैं। प्रफुल्लित जारा मानती है कि यह अनुभव उद्वेलित करने वाला था। हालांकि, राह में बाधाएं कम न थीं। खासकर साइबेरिया की ठंड में, जहां यदि इंजन बंद हो जाता तो बचना मुश्किल था। लेकिन इसके बावजूद हमें रोमांच की राह चुनने से कतराना नहीं चाहिए। वह कहती है कि इस यात्रा का एक मकसद है कि लड़कियां विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग व गणित के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशें।
जारा की इस यात्रा के लिये परिवार व प्रायोजकों का भरपूर साथ मिला। उनके स्कूल ने भी उनका मनोबल बढ़ाया। वहीं शार्क अल्ट्रालाइट विमान बनाने वाली स्लोवानिया की कंपनी शार्क ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह जारा के नाम कई रिकॉर्ड बन गये हैं। वह सबसे छोटी उम्र की अकेली दुनिया का सफर तय करने वाली पहली महिला के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई हैं। वह विमान से दुनिया घूमने वाली बेल्जियम की पहली नागरिक भी बन गई हैं लेकिन यह यात्रा इतनी आसान भी नहीं थी।
साइबेरिया में एक समय वहां का तापमान सतह पर माइनस 35 डिग्री व और हवा में माइनस 20 डिग्री था। इसी तरह इंडोनेशिया में खराब मौसम के कारण दो दिन रुकना पड़ा और टर्मिनल में ही सोना पड़ा क्योंकि वहां से बाहर निकलने के दस्तावेज नहीं थे। कैलिफोर्निया में जंगल की आग के धुएं में विमान उड़ाया, मैक्सिको में उनके विमान में खराबी आ गई, सिंगापुर में उनके विमान का टायर फट गया। उसे यह भी खला कि वह क्रिसमस व नये साल पर परिवार से दूर है। सफर में गाने सुनकर वह अपना मन बहलाती रही। सोशल मीडिया में अपने वीडियो पोस्ट करके अपने परिजनों के साथ जुड़ी रही।

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