झांसी 10 जनवरी,। हॉकी के जाने माने खिलाड़ी एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित अशोक कुमार ने कहा कि भारतीय टीम के एफआईएच ओडिशा मेन्स वर्ल्ड कप 2023 जीतने की पूरी क्षमता है।
वर्ष 1975 में हॉकी की विश्व विजेता बनी भारतीय टीम की न केवल हिस्सा रहे बल्कि फाइनल में अपने करिश्माई गोल के बल पर टीम को रोमांचक जीत दिलाने वाले अर्जुन पुरस्कार विजेता ओलंपियन अशोक कुमार ने यूनीवार्ता से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि घरेलू मैदान पर अपने देश की टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने संभावनाएं प्रबल हैं, बशर्ते उसे 1975 की भारतीय टीम की उस ऐतिहासिक जीत को अपने जहन में रखकर इस मेगा इवेंट में 1975 के प्रदर्शन को दोहराना होगा। भारत के पास अच्छे स्ट्राइकर, पेनाल्टी कॉर्नर लेने वाले और अच्छे गोलकीपर हैं इसलिए इस विश्वकप में उनके पास इस विश्वकप में दूर तक जाने के लिए सभी अनुकूल परिस्थितिया मौजूद हैं।
अशोक कुमार ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी बहुत उत्साहित या भावुक हो जाते हैं लेकिन अगर वो अपना फोकस रख सके तो ऑस्ट्रेलिया के साथ विश्व कप जीतने के सबसे बड़े दावेदारों में से एक हैं। नीदरलैंड का विश्व कप में हमेशा अच्छा प्रदर्शन रहता है और उसे नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता है। पिछले कुछ टूर्नामेंटों में उन्होंने काफी सुधार किया है, इसलिए मुझे उनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि भारत के साथ साथ बेल्जियम, अर्जेंटीना और इंग्लैंड भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए, कम से कम छह-सात टीमें हैं जो शीर्ष पर हो सकती हैं। यह बेहद दिलचस्प होगा क्योंकि टूर्नामेंट में कड़े मुकाबले होने वाले है और हॉकी को इसकी जरूरत है। भारत स्पेन, इंग्लैंड और वेल्स के साथ ग्रुप डी में है।
वर्ष 1975 विश्वविजेता टीम के सदस्य राइट इन अशोक कुमार ने ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की सराहना की और बताया कि वह इतने सफल क्यों हैं?क्योंकि हरमनप्रीत सिंह शांत स्वभाव के साथ साथ सुकून भरा रवैया है। वह वास्तव में शानदार खिलाड़ी है क्योंकि वह अपनी ताकत और विपक्षी टीमो की कमजोरियों से भलीभांति परिचित है। जब वह पेनल्टी कार्नर ले रहा होता है तो वह इस पर ज्यादा जोर नहीं देता कि सामने कौन है। हालांकि मुझे लगता है कि उस पर दबाव काफी ज्यादा होगा।
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र और ओलंपियन अशोक कुमार ने कहा कि भारत के पास युवा ड्रैग फ्लिकरों का एक मजबूत पूल है जो एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 भुवनेश्वर-राउरकेला में टीम की मदद करेगा।
उन्होंने कहा मौजूदा भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत यह है कि उनके पास फॉर्वर्ड लाइन में मनदीप और मिडफल्ड में मनप्रीत, विवेक सागर के रूप में अच्छा कॉम्बिनेशन है इसके साथ साथ 4-5 वास्तव में अच्छे पेनल्टी कार्नर लेने वाले खिलाड़ी हैं जो स्कोर कर सकते हैं। अगर वे सभी अच्छा करेंगे, तो इससे हरमनप्रीत सिंह पर दवाब कम रहेगा। मैं उम्मीद कर सकता हूं कि भारतीय खिलाड़ी 1975 की विश्व विजेता बनने की हमारी कहानी को एकबार पुन: दोहराने मे सक्षम है ।
गौरतलब है कि हॉकी विश्व कप 1971 के प्रथम विश्व कप मे कांस्य पदक, 1973 के द्वितीय विश्व कप मे रजत पदक और 1975(विश्व विजेता) स्वर्ण पदक भारत को जीतकर देने वाले अशोक कुमार 1978 में वर्ल्ड कप खेलने वाली भारतीय हॉकी टीम का भी हिस्सा रहे। इसके अलावा 1972 जर्मनी म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक व 1976 ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम में शामिल रहे अशोक कुमार ने 04 एशियन हॉकी के रजत पदक सहित भारत के लिए कुल 08 पदक जीते।
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