डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद आईओए ने किया तीन सदस्यीय एडहॉक समिति का गठन, भूपिंदर सिंह बाजवा करेंगे समिति का नेतृत्व

नई दिल्ली ,27 दिसंबर (एजेंसी)। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबन के बाद तीन सदस्यीय एड हॉक समिति का गठन किया है। भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा पैनल के अध्यक्ष होंगे जबकि पूर्व हॉकी ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजुषा कंवर इसके दो अन्य सदस्य हैं।

खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएआई को निलंबित कर दिया था जिसके तीन दिन पहले नए पदाधिकारी चुने गए थे, पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह को चुनावों में अध्यक्ष चुना गया था। खेल मंत्रालय ने इसके बाद डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए आईओए को तदर्थ समिति (एडहॉक समिति) का गठन करने को कहा था।

आईओए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नवनिर्वाचित अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनमाने फैसले किए हैं और सुशासन के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया है। आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने विज्ञप्ति में कहा, आईओए को हाल ही में पता चला है कि नए अध्यक्ष और डब्ल्यूएफआई के अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए और आईओसी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने फैसले किए हैं, इसके अलावा उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति (एडहॉक समिति) के फैसलों को पलट दिया है।

उन्होंने कहा, आईओए निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने और आईओसी के अनुसार खिलाडिय़ों के हितों की रक्षा करने और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए शासन मानदंडों के पालन को महत्वपूर्ण मानता है, इसलिए एक तदर्थ समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।

तदर्थ समिति (एडहॉक समिति) को डब्ल्यूएफआई का संचालन करने का काम सौंपा गया है जिसमें खिलाडिय़ों का चयन, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए खिलाडिय़ों की प्रविष्टियां जमा करना, खेल गतिविधियों का आयोजन करना, बैंक खातों का संचालन, वेबसाइट का प्रबंधन और अन्य संबंधित जिम्मेदारियां शामिल हैं।

बाजवा डब्ल्यूएफआई के मामलों को चलाने और इसके चुनाव कराने के लिए अप्रैल में आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति के सदस्यों में भी शामिल थे, अदालत में चल रहे मामलों के कारण बार-बार देरी के बाद अंतत: 21 दिसंबर को चुनाव हुए और बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।

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