राहुल गांधी 2 दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे, एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत

लेह ,17 अगस्त (एजेंसी)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे। यहां पर लेह एयरपोर्ट पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

हालांकि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में दो बार श्रीनगर और जम्मू का दौरा किया था, लेकिन वह लद्दाख नहीं गए थे।
पार्टी सूत्र के मुताबिक, राहुल गांधी ने अपनी लद्दाख यात्रा की कोई योजना नहीं बताई है।

जनवरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू और श्रीनगर पहुंचे थे।

फरवरी में एक बार फिर निजी यात्रा पर राहुल गांधी ने गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट का दौरा किया था।

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सोना तस्करी में वांछित आरोपी को सीबीआई ने सउदी अरब में पकड़ा

नई दिल्ली ,17 अगस्त (एजेंसी)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इंटरपोल की मदद से सोने के बिस्?कुटों की अवैध तस्करी की साजिश रचने के एक आरोपी को सऊदी अरब से वापस लाने में सफलता प्राप्?त की है।

आरोपी की पहचान मोहब्बत अली के रूप में हुई है। उसे गुरुवार को सऊदी अरब से भारत वापस लाया गया। वह एनआई द्वारा वांछित था और उसके खिलाफ रेड नोटिस भी जारी किया गया था।

सीबीआई ने कहा कि एनआईए के अनुरोध के आधार पर आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था।

उसके खिलाफ एनआईए ने सऊदी अरब के रियाद से भारत में सोने की छड़ों की अवैध तस्करी की साजिश रचने का मामला दर्ज किया था।

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दिल्ली विधानसभा में तीखी नोकझोंक, भाजपा विधायक ने मंत्री से कहा-मुंह पर टेप लगाकर बैठो

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को भाजपा नेताओं और आप विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

यह नोकझोंक उस समय हुई जब भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब वे बोलते हैं तो मंत्री सौरभ भारद्वाज को डर लगता है इसलिए उन्हें मुंह पर टेप लगाकर चुपचाप बैठना चाहिए।

विजेंद्र गुप्ता ने मंत्री से कहा कि अपने मुंह पर टेप लगाओ और बैठो।

विजेंद्र की इस टिप्पणी से तीखी बहस हुई और उपसभापति राखी बिड़ला ने उनसे अपने शब्द वापस लेने को कहा।
राखी बिड़ला ने कहा कि यह बात कहने का उचित तरीका नहीं है। कुछ मिनट के हंगामे के बाद गुप्ता ने कहा कि वह अपने शब्द वापस ले रहे हैं।

गुप्ता ने याचिका समिति के गठन के संबंध में कहा कि इसकी संरचना निष्पक्ष नहीं थी।

प्रत्येक समिति में कम से कम एक विपक्षी सदस्य होना चाहिए। कुछ समितियों में जानबूझकर एक भी विपक्षी सदस्य को शामिल नहीं किया गया है।

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कमेटी ने विधानसभा में तीन मुद्दों पर चर्चा की।

पहला- सरकारी अस्पतालों में ओपीडी काउंटर, दूसरा- वृद्धावस्था पेंशन और तीसरा- सामुदायिक क्लिनिक।

इनमें से दो मुद्दे मंत्री सौरभ भारद्वाज से जुड़े हैं, जबकि वृद्धावस्था पेंशन का मामला राघव चड्ढा से जुड़ा है।

भाजपा नेता विजेंद्र इन तीनों मुद्दों पर थे, तभी उन्होंने यह टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

इस बीच दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है।

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पुणे की उड़ान से ठीक पहले गेट पर बेहोश हुआ इंडिगो का पायलट, मौत

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। नागपुर से पुणे जा रही इंडिगो की उड़ान से ठीक पहले गुरुवार को उसी उड़ान का एक पायलट बेहोश होकर बोर्डिंग गेट पर गिर गया। अस्पताल ले जाने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा, नागपुर में हमारे एक पायलट के निधन पर हमें दु:ख है। नागपुर हवाई अड्डे पर उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां दुर्भाग्यवश उनका निधन हो गया।

हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं।
इस सप्ताह पायलटों की अचानक मौत का यह तीसरा मामला है, जिनमें से दो भारतीय हैं।

कतर एयरवेज का एक अनुभवी पायलट बुधवार को एक यात्री के रूप में दिल्ली से दोहा जा रहा था। रास्?ते में गंभीर रूप से बीमार पडऩे से उसकी मृत्यु हो गई। उड़ान क्यूआर 579 को बीच रास्?ते से दुबई के लिए डायवर्ट किया गया।

गौरतलब है कि यह पायलट पहले एलायंस एयर और स्पाइसजेट के साथ जुड़ा था।

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छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की

नई दिल्ली, 17 अगस्त (एजेंसी)। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। बीजेपी की पहली सूची में सीएम शिवराज सिंह चौहान और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के नाम नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के नाम भी इस लिस्ट में नहीं हैं ।

बीजेपी ने 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए 21 और मध्य प्रदेश के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है. मध्यप्रदेश में 230 सीटें हैं। दोनों राज्यों में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। मध्य प्रदेश के लिए बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं।

उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में ज़्यादातर रिज़र्व, अनुसूचित जाति जनजाति की सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। पार्टी ने भोपाल उत्तर और मध्य विधानसभा सीट के लिए टिकट तय कर दिए हैं। इन सीटों पर ध्रुव नारायण सिंह और पूर्व महापौर आलोक शर्मा चुनाव लड़ेंगे। प्रीतम सिंह लोधी को भी पिछोर से टिकट दिया गया है।

छत्तीसगढ़ में पांच महिलाओं, दस अनुसूचित जनजाति और एक अनुसूचित जाति के प्रत्याशी का नाम पहली लिस्ट में है। मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों की पहली सूची में पांच महिलाएं, आठ अनुसूचित जाति और 13 अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशी शामिल हैं।प्रत्याशियों की लिस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के एक दिन बाद आई है।

सीईसी उम्मीदवारों के चयन और चुनाव रणनीति व तैयारी के लिए पार्टी की ओर से निर्णय लेने वाली संस्था है।उम्मीदवारों के नामों की पहले से घोषणा करने के बीजेपी नेतृत्व के फैसले का उद्देश्य पार्टी के भीतर मतभेदों की पहचान करना और मुद्दों को पहले से ही हल करने की कोशिश करना हो सकता है।

इस साल की शुरुआत में कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी एक और हार झेलने के मूड में नहीं है। इस साल के अंत में राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल हैं जहां चुनाव होने वाले हैं।इनमें से छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विपक्षी दल कांग्रेस का शासन है.

मिजोरम में मणिपुर हिंसा के मद्देनजर सहयोगी सत्तारूढ़ पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट के साथ बीजेपी के संबंध तनावपूर्ण हैं। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है।

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मोदी सरकार ने जंगलों को किया बर्बाद : जयराम रमेश

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि मानित जंगलों को खत्म करने की जल्दबाजी में नरेंद्र मोदी सरकार ने वास्तव में जंगलों को बर्बाद कर दिया।

कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट में कहा, संसद द्वारा पिछले सप्ताह वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में खतरनाक संशोधन पारित करने के बाद ओडिशा सरकार ने तुरंत आदेश पारित कर दिया कि मानित वनों को अब वन नहीं माना जाएगा।

राज्यसभा सांसद ने कहा, अब केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि राज्य का आदेश वापस ले लिया गया है। भ्रम की स्थिति है। मानित वनों को खत्म करने की जल्दबाजी में, मोदी सरकार ने वास्तव में वनों को बर्बाद कर दिया है।

उन्होंने ओडिशा सरकार द्वारा डीम्ड फॉरेस्ट आदेश को वापस लेने की एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की।

कांग्रेस ने संसद में वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 का विरोध किया है।

2 अगस्त को एक बयान में, रमेश ने कहा था कि संशोधनों के सार को संसद में दबा दिया गया है, जो मोदी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, और पर्यावरण, वन व पर्यावरण पर उसकी वैश्विक बातचीत और घरेलू प्रयासों के बीच मौजूद अंतर को दर्शाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक के जल्द ही कानून बनने तक की यात्रा, एक केस स्टडी है कि कैसे विधायी प्रक्रिया को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है।

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शिमला मंदिर आपदा में मरने वालों की संख्या पहुंची 14

शिमला,17 अगस्त (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश की राजधानी में भूस्खलन के कारण मंदिर ढहने की घटना के चौथे दिन गुरुवार को फिर से खोज अभियान शुरू करते हुए बचावकर्मियों ने एक शव बरामद किया।

इसके साथ ही घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई।

एक अधिकारी ने बताया कि शव हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का है। इसे आपदा स्थल से दो किमी दूर से बरामद किया गया।

अधिकारियों को आशंका है कि मिट्टी के ढेर में अभी कम से कम सात लोग और फंसे हो सकते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि एक शव को छोड़कर सभी की पहचान कर ली गई और उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।
लोगों के रिश्तेदारों ने उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है।

एक बचावकर्ता ने कहा, अब तक हमें सात लापता लोगों के बारे में जानकारी मिली है और हम उनका पता लगाने के काम में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मृतकों में एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल हैं, इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं, जो आपदा के समय शिव बावड़ी मंदिर के अंदर थे।

समर हिल मार्केट में एक दुकान के मालिक 60 वर्षीय पवन शर्मा, उनकी 57 वर्षीय पत्नी संतोष शर्मा, 32 वर्षीय बेटा अमन शर्मा, 27 वर्षीय बहू अर्चना शर्मा और 12 से 1.5 साल की उम्र की तीन पोतियां एक हवन के लिए मंदिर थीं, जब वह ढह गया।

परिवार के चार सदस्यों के शव मिल गए हैं, तीन अभी भी लापता हैं और बचावकर्ताओं का कहना है कि उनके जीवित रहने की संभावना कम है।

आपदा के तुरंत बाद घटनास्थल का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इसे एक अभूतपूर्व त्रासदी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य 50 साल की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है।

उसी दिन, शिमला में फगली में एक और भूस्खलन हुआ जहां पांच लोग मारे गए। एक दिन बाद शिमला के पुराने बस स्टैंड के पास कृष्णा नगर इलाके में कम से कम पांच घर ढह गए, इसमें दो लोगों की मौत हो गई।

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लैंडिंग मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग किया गया

*चंद्रयान-3 मिशन*

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी देते हुए कहा चंद्रयान 3 मिशन में लैंडिंग मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है। कल लगभग 4 बजे के लिए नियोजित डीबूस्टिंग पर लैंडिंग मॉड्यूल थोड़ी निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बाहुबली रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण किया था। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है।
लैंडर के 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।लैंडर चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा।

सॉफ्ट लैंडिंग एक पेचीदा मुद्दा है, क्योंकि इसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग सहित जटिल युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होती है।सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्र खोजने के लिए लैंडिंग से पहले लैंडिंग साइट क्षेत्र की इमेजिंग की जाएगी।

सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि के लिए चंद्र सतह पर प्रयोग करेगा जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है।

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नेहरू की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं

*नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदलने पर राहुल बोले*

नई दिल्ली,17 अगस्त (आरएनएस)। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर पीएमएम – प्राइम मिनिस्टर्स मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी – किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं है।

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हिमाचल में बारिश से 10,000 करोड़ की तबाही ,राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

शिमला,17 अगस्त (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश 50 साल की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। सामाजिक संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्थिति को राष्ट्रीय आपदा या दुर्लभ गंभीरता की आपदा घोषित करने पर विचार करने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री को भेजे एक लंबे पत्र में उन्होंने कहा कि राज्य इस समय अभूतपूर्व आपदा से जूझ रहा है।

पिछले एक महीने से आधी से ज्यादा आबादी भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगातार जिंदगी दांव पर लगाकर जी रही है।
उन्होंने कहा कि ब्यास घाटी में आई बाढ़ इस बड़े पैमाने की आपदा का शुरुआती बिंदु थी जो अब राज्य के कई जिलों में फैल रही है।

हजारों इमारतें आंशिक रूप से या पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। सैकड़ों लोगों की जान चली गई है, और हजारों परिवारों को अपना घर छोड़कर अस्थायी आश्रयों या रिश्तेदारों के यहां शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

स्थिति गंभीर है। लगभग दो हजार सड़कें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, और सरकारी और निजी संपत्ति दोनों को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है।

उनका कहना है कि प्रारंभिक अनुमान से पता चलता है कि राज्य को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हो रहा है, जो अभूतपूर्व है।

पत्र में कहा गया है कि दुर्लभ गंभीरता की इस आपदा के सामने केंद्र सरकार के आवश्यक समर्थन के बिना हिमाचल प्रदेश स्थिति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, जिससे तत्काल सहायता में देरी हो सकती है और बड़े पैमाने पर परिवारों के दीर्घकालिक पुनर्वास में अनुचितता हो सकती है। इस परिदृश्य में राज्य आपदा राहत कोष राज्य के लोगों को त्वरित राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।”

हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व नौकरशाह और किन्नौर में हिमलोक जागृति मंच के आर.एस. नेगी; हिमालय बचाओ समिति कैमला, चम्बा के कुलभूषण उपमन्यु; हिमालय नीति अभियान के गुमान सिंह; सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश दीपक गुप्ता; और पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर शामिल हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 24 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत से लेकर बुधवार तक राज्य को 7,482 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

राज्य में भूस्खलन की 113 और बाढ़ की 58 घटनाओं में कुल 327 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा संबंधी घटनाओं में 38 लोग लापता हैं।

कुछ व्यक्तियों सहित 89 संगठनों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की आपदा से प्रभावित विभिन्न राज्यों को जिस प्रकार बेहद कम सहायता राशि जारी की थी। हिमाचल प्रदेश में इस साल आपदाओं की तीव्रता और परिमाण राज्य सरकार की क्षमता से कहीं अधिक है।

राज्य आपदा राहत कोष स्तर पर मौजूदा स्थिति में राहत और पुनर्वास के लिए धनराशि कुल नुकसान का लगभग पांच प्रतिशत है।
इस प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मूल्यांकन की गई कुल क्षति का 100 प्रतिशत धनराशि यानी 10,000 करोड़ रुपये सीधे राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से और यदि आवश्यक हो तो राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता कोष (एनसीसीएफ) से हस्तांतरित करने की तत्काल आवश्यकता है, जो इस गंभीर घड़ी में अधिक उपयुक्त और तत्काल आवश्यक होगा।

सामाजिक संगठनों ने घातक आपदाओं को रोकने के लिए हिमालयी क्षेत्र में विकास परियोजनाओं और नीतियों का गहन पुनर्मूल्यांकन पर भी जोर दिया है।

इस तथ्य के बावजूद कि हिमालयी राज्य के अधिकांश पिकनिक स्पॉट भूकंप की दृष्टि से जोन 4 और 5 में आते हैं, स्थानीय अधिकारी अभी तक अपनी नींद से नहीं जागे हैं, जो गंभीर भूकंपीय संवेदनशीलता का संकेत देता है।

सतत विकास की वकालत करते हुए, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और राज्य उच्च न्यायालय ने हिमाचल भर में बढ़ते अनधिकृत निर्माणों को लेकर राज्य के अधिकारियों को बार-बार फटकार लगाई है।

पुराने समय के लोग भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों पर अधिकांश सुरम्य शहरों को कंक्रीट के जंगलों में बदलने का आरोप लगाते हैं। शिमला के बाहरी इलाके संजौली में मृतकों को अक्सर रस्सियों के सहारे घरों से बाहर निकालना पड़ता है।

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दिल्ली की एक फैक्ट्री में आग लगने से 5 दमकलकर्मी घायल

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। दिल्ली में एक रासायन की फैक्ट्री में आग लगने के कारण हुए विस्फोट में पांच दमकलकर्मी घायल हो गए। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि बुधवार रात 10.56 बजे फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद 30 दमकल गाडिय़ों को बवाना औद्योगिक क्षेत्र भेजा गया।

गर्ग ने कहा, जब दमकलकर्मी आग बुझाने में लगे थे, तभी एक रासायन टैंक में अचानक विस्फोट हो गया, जिसके कारण दीवार और गेट ढह गए और पांच कर्मचारी घायल हो गए।उन्हें महर्षि बाल्मीकि अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार दिया गया।
घायल दमकलकर्मियों की पहचान धर्मवीर, अजीत, नरेंद्र, जयवीर और विकास के रूप में हुई है।

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आयुुष्मान योजना के लाभार्थियों को इलाज के लिए करना पड़ा भुगतान: सीएजी

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया कि योजना की मंशा के बावजूद लाभार्थियों को इलाज के लिए पैसे का भुगतान करना पड़ा।

गौरतलब है कि एबी-पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जाता है।
यह लाभार्थियों को सेवाओं के ल?िए कैशलेस और पेपरलेस सुविधा प्रदान करता है।

एबी-पीएमजेएवाई पर हाल ही में संसद में पेश सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट ने कहा, एसएचए (राज्य स्वास्थ्य एजेंसी) और निजी ईएचसीपीएस (पैनलबद्ध स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता) द्वारा हस्ताक्षरित समझौते में कहा गया है कि पीएमजेएवाई लाभार्थियों को पूरी तरह से कैशलेस तरीके से सेवा प्रदान किया गया।

अस्पताल में मरीज के प्रवेश के बाद, सभी नैदानिक परीक्षणों, दवाओं, प्रत्यारोपण आदि का खर्च अस्पताल द्वारा वहन किया जाना चाहिये, लेकिन लेखापरीक्षा में ऐसे उदाहरण सामने आया, जहां रोगियों को इलाज के लिए भुगतान करना पड़ा।

हिमाचल प्रदेश में, पांच ईएचसीपी के 50 लाभार्थियों को अपने नैदानिक परीक्षणों का प्रबंधन अन्य अस्पताल/नैदानिक केंद्र से करना पड़ा और परीक्षणों की लागत लाभार्थियों द्वारा वहन की गई।

रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जम्मू-कश्मीर में 10 सार्वजनिक ईएचसीपी पर, 459 मरीजों ने शुरुआत में अपनी जेब से 43.27 लाख रुपये का भुगतान किया, बाद में मरीजों को प्रतिपूर्ति की गई। 75 मरीजों को 6.70 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति अभी बाकी है।

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, झारखंड में, बीमा कंपनी ने पाया कि लाइफ केयर हॉस्पिटल, गोड्डा के 36 मरीजों ने दवाओं, इंजेक्शन, रक्त आदि की खरीद के लिए भुगतान किया।

बीमा कंपनी के अवलोकन के आधार पर एसएचए ने 28 अगस्त, 2020 को अस्पताल को पांच दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। लेकिन अस्पताल ने न तो कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मेघालय में, फरवरी 2019 से मार्च 2021 तक पांच निजी ईएचसीपी में इलाज कराने वाले 19,459 लाभार्थियों में से 13,418 (69 प्रतिशत) को छुट्टी के समय 12.34 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ा।

अगस्त, 2022 में, एनएचए ने जवाब दिया कि जेब से खर्च स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता के कारण हो सकता है। ऑडिट की राय है कि अस्पतालों को लाभार्थियों को मुफ्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए परस्पर संबंधित सेवा प्रदाताओं के साथ सहयोग करना चाहिए।

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भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा दादर एवं नगर हवेली व दमन एवं दीव के दो दिवसीय दौरे पर

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार से दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के दो दिवसीय राजनीतिक दौरे पर रहेंगे। इस दौरान नड्डा भाजपा की प्रदेश ईकाई के पदाधिकारियों और कोर कमेटी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और साथ ही क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।

नड्डा गुरुवार को शाम 6 बजे के लगभग दमन एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा और उनके सम्मान में एयरपोर्ट के बाहर एक बाइक रैली भी निकाली जाएगी। नड्डा दमन में पार्टी की प्रदेश ईकाई के पदाधिकारियों और कोर कमेटी नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने और चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा करेंगे।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को दमन में आयोजित क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।

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आज अलग होंगे लैंडर-प्रोपल्शन मॉड्यूल; 23 अगस्त को चांद पर उतरेगा चंद्रयान-3

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। चंद्रयान-3 की चौथी बार कक्षा बदली गई और वह चंद्रमा की कक्षा में पांचवें और अंतिम चरण में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया है। यह चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया। इसके साथ अंतरिक्षयान ने चंद्रमा से जुड़े अपने सभी युद्धाभ्यास पूरे कर लिए हैं।

इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी कि आज की सफल फायरिंग (जो थोड़े समय के लिए आवश्यक थी) ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की 153 किमी & 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया।

इसके साथ चांद की ओर बढऩे के सभी प्रवेश चरण पूरे हुए। अब प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल (जिसमें लैंडर और रोवर शामिल हैं) के अलग होने की तैयारी है। बृहस्पतिवार को लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग होंगे। बता दें कि 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था।

इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया। इसरो ने इन तीन हफ्तों में चंद्रयान-3 को पृथ्वी से बहुत दूर स्थित कक्षाओं में स्थापित किया।

इसरो सूत्रों के मुताबिक, अलग होने के बाद लैंडर को डीबूस्ट (धीमा करने की प्रक्रिया) किया जाएगा, ताकि उसे एक कक्षा में स्थापित किया जा सके, जहां से पेरिल्यून (चंद्रमा से निकटतम बिंदु) 30 किमी और अपोल्यून (चंद्रमा से सबसे दूर का बिंदु) 100 किमी दूर है। 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास होगा।

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कर्नाटक में 48 स्थानों पर लोकायुक्त की छापेमारी

बेंगलुरु ,17 अगस्त (एजेंसी)। कर्नाटक लोकायुक्त ने गुरुवार को सरकारी अधिकारियों के आवासों और कार्यालयों को निशाना बनाते हुए राज्य भर में 48 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। बेंगलुरु, बीदर, कोडागु, चित्रदुर्ग, दावणगेरे और अन्य स्थानों पर सुबह से ही छापेमारी चल रही है।

लोकायुक्त के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी में 200 से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं। राज्य की राजधानी बेंगलुरु में लोकायुक्त अधिकारियों के खिलाफ दर्ज चार एफआईआर के सिलसिले में 10 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

अधिकारी मदिकेरी शहर में कोडागु के अतिरिक्त एसपी नंजुंडे गौड़ा के आवास पर छापेमारी कर रहे हैं। पेरियापटना शहर के पास मकनहल्ली गांव में उनके ससुर के आवास और मैसूर शहर में उनके रिश्तेदारों के घरों पर भी छापे मारे गए। सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त अधिकारियों ने मदिकेरी स्थित उनके आवास पर नकदी और दस्तावेज जब्त किए हैं।

लोकायुक्त एसपी सुरेश बाबू के नेतृत्व वाली टीम ने सुबह 4 बजे छापेमारी शुरू की। बेलगावी सिटी कॉर्पोरेशन के सहायक आयुक्त संतोष अनिशेट्टार के आवास पर भी छापेमारी की गई।

संतोष का आवास धारवाड़ में मिशिगन लेआउट में स्थित है और अधिकारी महत्वपूर्ण दस्तावेजों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने पहले हुबली-धारवाड़ सिटी कॉर्पोरेशन में काम किया था।

कोप्पल में निर्मिति केंद्र के प्रबंधक मंजूनाथ बन्निकोप्पा के कार्यालय और आवास पर भी छापेमारी चल रही है। अधिकारी ने कथित तौर पर हुलिगी शहर में एक लॉज में निवेश किया है और वहां भी छापे मारे गए।

योजना अनुभाग में हरंगी बांध अधीक्षक के.के. रघुपति के मैसूर के विजयनगर फोर्थ स्टेज स्थित आवास पर भी छापेे मारे गए।
छापेमारी के बारे में अभी और जानकारी सामने आना बाकी है।

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मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सीबीआई की स्पेशल 53 टीम गठित

*29 महिला अधिकारी भी शामिल*

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। मणिपुर में जातीय हिंसा की जांच के लिए विभिन्न रैंक की 29 महिला अधिकारियों समेत 53 अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। सीबीआई जांच के दायरे में आए शुरुआती मामलों के लिए दो महिला डीआईजी रैंक के अधिकारी समेत 29 महिला को शामिल किया गया है। राज्य में हिंसा और महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को लेकर 65 हजार के अधिक एफआईआर दर्ज किया है। इनमें से 11 मामलों की जांच सीबीआई को सौंपा गया है।

सभी अधिकारी संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय को रिपोर्ट करेंगे, जो विभिन्न मामलों में जांच की निगरानी करेंगे। तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं, और कई सौ लोग घायल हुए हैं।

बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्चÓ आयोजित किये जाने के दौरान यह हिंसा भड़की थी। मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते 70 से अधिक लोगों की मौत

*हिमाचल में आसमानी आफत ने मचाया कोहराम*

नई दिल्ली,17 अगस्त (एजेंसी)। हिमाचल और उत्तराखंड में प्रकृति का कोहराम लगातार जारी है. पिछले 5 दिनों से भारी बारिश ने ना सिर्फ आम जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया बल्कि लैंडस्लाइड का सिलसिला भी लगातार जारी है. ऐसे में प्रदेश में अभी तक कुल 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जिसके चलते सरकार ने आज भी स्कूल कॉलेज बंद करने का फैसला किया है.

लैंडस्लाइड के कारण कई घर जमींदोज हो गये है. एक के बाद एक इमारतों के गिरना से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गये है. ऐसे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की सहायता से बचाव कार्य चलाया जा रहा है. हिमाचल में कांगड़ा स्थिति अधिका जटिल होने के चलते हेलिकॉप्टर से लोगों का रेस्क्यू लगातार जारी है.

आपदा के कारण अभी तक पिछले चार दिनों में कुल 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अभी इसके आधिकारिक आंकड़ें सरकार की तरफ से जारी नहीं किये गये है. वहीं कुदरती कहर के चलते राज्य सरकार को 10 करोड़ रुपये के नुकसान होने की आशंका जतायी जा रही है.

मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल में अगले 2 दिनों तक और उत्तराखंड में अगले 5 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. 18 अगस्त से अगले तीन दिनों तक यलो अलर्ट जारी किया गया है. इसमें मंडी, शिमला, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, चंबा, ऊना, बिलासपुर व हमीरपुर जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. ऐसे में सरकार की ओर से एतिहात की तौर पर नदी नालों से दूर रहने को कहा गया है. साथ ही काम होने पर बाहर निकलने की अपील भी की गयी है.

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प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते पैरा-शिक्षक: कलकत्ता हाई कोर्ट

कोलकाता,16 अगस्त (एजेंसी)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पैरा-शिक्षकों को अनुमति देने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ के पहले के आदेश को भी खारिज कर दिया, जिसमें पैरा-शिक्षकों को चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई थी।

उच्च माध्यमिक पैरा-शिक्षकों के एक वर्ग ने 2022 के लिए प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति के लिए पिछले साल न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की पीठ से संपर्क किया था।

मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय की पीठ ने इन पारा शिक्षकों को चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दे दी।
हालाँकि, उनके फैसले को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ में फिर से चुनौती दी गई।

अंतत: मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के पहले के आदेश को पलट दिया और फैसला सुनाया कि पैरा-शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि के खिलाफ पूर्व कोयला सचिव, आईएएस अधिकारी की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा

*कोयला घोटाला मामला*

नई दिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व कोयला सचिव एच.सी. की अपील पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा। गुप्ता और पूर्व आईएएस अधिकारी केएस क्रोफा ने छत्तीसगढ़ में एक कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं में शामिल होने के लिए अपनी दोषसिद्धि और जेल की सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी।अपील स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने नोटिस जारी किया और कहा कि मामले का निपटारा होने तक दोनों अपीलकर्ता जमानत पर रहेंगे।

न्यायाधीश ने कहा कि अपीलों को अन्य दोषियों – पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंदर दर्डा और जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जयसवाल द्वारा दायर अपीलों के साथ उचित समय पर सूचीबद्ध किया जाएगा।अदालत ने कहा, नोटिस जारी करें। सीबीआई के वकील ने नोटिस स्वीकार कर लिया है। अपीलें स्वीकार कर ली गई हैं और उचित समय पर सुनवाई के लिए आएंगी।जब गुप्ता और क्रोफा को विशेष न्यायाधीश द्वारा जमानत दे दी गई, तो उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देने की अनुमति दी गई।

28 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने दर्दस और जयासवाल को अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने उन्हें अपनी दोषसिद्धि को उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देने में सक्षम बनाया।न्यायाधीश शर्मा ने मामले में उन्हें दोषी ठहराने और सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दर्दस और जयासवाल द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था।अदालत ने सीबीआई से जवाब मांगा था और इसे आठ सप्ताह के भीतर दाखिल करने का निर्देश दिया था.दिल्ली की अदालत ने उन्हें चार साल की जेल की सजा सुनाई थी जबकि गुप्ता, क्रोफा और के.सी. सामरिया को तीन साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।

कोर्ट ने मेसर्स जेएलडी यवतमाल पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.विशेष न्यायाधीश द्वारा दर्दस और जयासवाल पर 15’5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. अन्य तीन दोषियों को प्रत्येक को 20,000 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया।13 जुलाई को विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने उन्हें दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया।आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।अदालत ने पहले वरिष्ठ लोक अभियोजक ए.पी. सिंह द्वारा प्रस्तुत तर्कों को स्वीकार किया था, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई ने किसी भी उचित संदेह से परे अपने मामले को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है।

सजा की मात्रा पर सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने अधिकतम सजा की मांग करते हुए दावा किया था कि दर्डा और उनके बेटे ने जांच को प्रभावित करने के लिए तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा से उनके आवास पर मुलाकात की थी। आगे दावा किया गया कि मामले में एक गवाह ने कहा कि उसे जयसवाल ने धमकी दी थी, जिसने उसे अपने खिलाफ गवाही न देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की थी।20 नवंबर 2014 को कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई की ओर से सौंपी गई क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

अदालत ने जांच एजेंसी को नए सिरे से जांच शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि पूर्व सांसद दर्डा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनके पास कोयला विभाग भी था, को संबोधित पत्रों में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था।अदालत के अनुसार, विजय दर्डा, जो लोकमत समूह के अध्यक्ष हैं, ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी के लिए छत्तीसगढ़ में फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक प्राप्त करने के लिए इस तरह की गलत बयानी का सहारा लिया।अदालत ने फैसला सुनाया था कि धोखाधड़ी का कार्य निजी संस्थाओं द्वारा एक साजिश के तहत किया गया था जिसमें निजी पक्ष और लोक सेवक दोनों शामिल थे।

जेएलडी यवतमाल एनर्जी को 35वीं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक प्रदान किया गया था। शुरुआत में, सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया कि जेएलडी यवतमाल ने 1999 और 2005 के बीच अपनी समूह कंपनियों को चार कोयला ब्लॉकों के पिछले आवंटन को गैरकानूनी तरीके से छुपाया था। हालांकि, एजेंसी ने बाद में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि जेएलडी को कोई अनुचित लाभ नहीं दिया गया था।

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जम्मू-कश्मीर के महाराजा ने आंतरिक संप्रभुता बरकरार रखी थी

*वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा*

नई दिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (एससी) के समक्ष दलील दी कि जम्मू-कश्मीर के महाराजा ने आंतरिक संप्रभुता बरकरार रखी थी और अनुच्छेद 370 स्थायी समझौते का संवैधानिक विकल्प है।

उन्होंने तर्क दिया कि भारतीय संघ के साथ विलय पत्र में प्रवेश करने से एक हद तक राज्य की बाहरी संप्रभुता का नुकसान हुआ, लेकिन आंतरिक संप्रभुता नहीं खोई है।

धवन ने कहा कि भारत में दुनिया की सबसे अधिक विविधता है और भारतीय संविधान कई राष्ट्रों और कई संस्कृतियों वाली सभ्यता का संविधान है।

उन्होंने कहा, जिस विविधता को संजोया जाना है, उसे एकरूपता के नाम पर खत्म नहीं किया जा सकता है। भारतीय संविधान बहु-सममितीय है, जिसका जम्मू और कश्मीर एक हिस्सा है।

धवन ने तर्क दिया कि राष्ट्रपति शासन के तहत केंद्रीय संसद राज्य विधानमंडल की कानून बनाने की शक्तियों का प्रयोग कर सकती है, लेकिन सीमाओं को बदलने जैसे कार्य नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि जबकि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा की गई है, अनुच्छेद 3, 4 और 370 (पूर्व शर्त के रूप में राज्य विधायिका की अनिवार्य सहमति प्रदान करना) के तहत निहित प्रावधानों को लागू नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, शर्तें राज्य की विधायिका के लिए विशिष्ट हैं… न तो संसद और न ही राष्ट्रपति उन्हें प्रतिस्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिस्थापन की ऐसी प्रक्रिया संविधान के लिए विध्वंसक होगी।

उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 कई प्रावधानों में से एक है, जो संविधान में संघवाद की बुनियादी संरचना का गठन करता है।

उन्होंने संघवाद के संरक्षण के बारे में अपने तर्कों के समर्थन में दिल्ली की एनसीटी सरकार को सेवाओं का नियंत्रण सौंपने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले और कई अन्य न्यायिक उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, राज्यों की स्वायत्तता हमारे संविधान के लिए मौलिक है।
धवन के बाद वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने संविधान पीठ के समक्ष मौखिक दलीलें शुरू कीं। उन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने में शक्तियों का प्रयोग संविधान के साथ धोखाधड़ी के अलावा कुछ नहीं था।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की केंद्र की कार्रवाई का देश के भविष्य पर प्रभाव पड़ेगा।
दवे ने कहा, कल ऐसा हो सकता है कि मेरी पार्टी ए राज्य में निर्वाचित न हो सके। मैं (केंद्र में सत्तारूढ़ दल का जिक्र करते हुए) इसे (राज्य ए) केंद्र शासित प्रदेश में विघटित कर दूंगा? क्योंकि कानून व्यवस्था की समस्या है? यह गंभीरता से विचार करने लायक बात है।

उन्होंने कहा, हमारे पास उत्तर पूर्व भारत के कई राज्यों में विद्रोह है। पंजाब में हमारा लंबे समय तक विद्रोह रहा। अगर हम राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों में विघटित करना शुरू कर देंगे, तो कोई भी राज्य नहीं बचेगा।

दवे ने तर्क दिया कि राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा, 2019 में सत्तारूढ़ पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया था कि हम (अनुच्छेद) 370 को निरस्त कर देंगे।

इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संविधान की लोकतंत्र, संघवाद आदि जैसी बुनियादी विशेषताओं पर प्रहार करता है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 02 अगस्त से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

संविधान पीठ में शामिल शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं : सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बी.आर. गवई, और सूर्यकांत। संविधान पीठ याचिकाकर्ताओं की दलीलें गुरुवार को भी सुनना जारी रखेगी।

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सरकारी अधिकारियों को सिर्फ असाधारण मामलों में ही अदालतों में बुलाया जाए

*केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा*

नईदिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट में विचार के लिए पेश एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के मसौदे में केंद्र सरकार ने कहा है कि अदालतों में सरकारी अधिकारियों की व्यक्तिगत हाजिरी केवल असाधारण मामलों में ही मांगी जानी चाहिए।

एसओपी में कहा गया है, हालांकि, असाधारण मामलों में भी जहां सरकारी अधिकारी की व्यक्तिगत उपस्थिति अभी भी अदालत द्वारा मांगी जाती है, अदालत को पहले विकल्प के रूप में वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंस) के माध्यम से पेश होने की अनुमति देनी चाहिए।

एसओपी ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों पर भरोसा जताया, जिसमें कहा गया था कि अदालतों को रिट, जनहित याचिका और अवमानना मामलों जैसे मामलों की सुनवाई के दौरान सरकारी अधिकारियों को तलब करते समय आवश्यक संयम बरतना चाहिए।

एक उदाहरण का हवाला देते हुए, जिसमें पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के आवास और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को अनुचित पोशाक के लिए फटकार लगाई थी, हालांकि वह सफेद कमीज और पतलून पहने हुए थे, केंद्र ने कहा कि अदालतों को पोशाक पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

इसके अलावा, पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने पूछा था कि क्या अधिकारी ने मसूरी स्थित सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षण लिया था और क्या वहां उन्हें यह नहीं बताया गया था कि अदालत में कैसे पेश होना है।

एसओपी में कहा गया, सरकारी अधिकारी अदालत के अधिकारी नहीं हैं और उनके सभ्य कार्य पोशाक में उपस्थित होने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, जब तक कि ऐसी उपस्थिति गैर-पेशेवर या उनके पद के लिए अशोभनीय न हो।

इसमें कहा गया है कि सरकारी वकीलों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर कोई अवमानना शुरू नहीं की जानी चाहिए जो हलफनामे या लिखित बयान या अदालत के समक्ष प्रस्तुत जवाब के माध्यम से पुष्टि की गई सरकार के रुख के विपरीत हो।

एसओपी में कहा गया है, अदालत द्वारा किसी विशेष परिणाम का निर्देश देते हुए अनुपालन पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए, खासकर कार्यकारी क्षेत्र के मामलों पर।

यदि सरकार की ओर से न्यायिक आदेश में बताई गई समय-सीमा को संशोधित करने का अनुरोध किया जाता है, तो अदालत अनुपालन के लिए संशोधित उचित समय-सीमा की अनुमति दे सकती है।

हाल ही में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अवमानना कार्यवाही में अंडमान और निकोबार प्रशासन के मुख्य सचिव को निलंबित कर दिया था,

जबकि उपराज्यपाल को अपने स्वयं के कोष से 5 लाख रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया था।

बाद में प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने इस निर्देश पर रोक लगा दी थी।

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राष्ट्रपति ने दी असम में परिसीमन की मंजूरी, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया अहम उपलब्धि

नईदिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। असम में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस संबंध में एक अधिसूचना ट्विटर पर शेयर करते हुए बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को मंजूरी दे दी है।चुनाव आयोग द्वारा 2001 की जनगणना के आधार पर यह परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य में 1976 के बाद पहली बार निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सरमा ने ट्विटर पर लिखा, आज माननीय राष्ट्रपति ने असम के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी परिसीमन अधिसूचना को मंजूरी दे दी है। असम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। जय मां भारती, जय हो असम।बता दें कि असम में 2021 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में लोगों के राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का वादा किया था।

असम से कांग्रेस के लोकसभा सासंद गौरव गगोई ने परिसीमन को लेकर ट्विटर पर सवाल उठाए हैं।उन्होंने लिखा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में उठाए गए गंभीर सवालों के बावजूद चुनाव आयोग ने असम में परिसीमन में जिस तेजी से काम किया है, वह भाजपा के क्रूर अधिनायकवाद का एक और उदाहरण है। भाजपा नए विधेयक में भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयोग के चयन से भी बाहर रखना चाहती है।

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों का कहना है कि ये कदम मुस्लिम प्रतिनिधित्व को कम करने का राजनीतिक एजेंडा है। एआईयूडीएफ का कहना है कि परिसीमन लागू होने से मुस्लिम बहुल विधानसभा सीटों की संख्या 29 से घटकर 22 हो जाएंगी।एआईयूडीएफ के विधायक करीमुद्दीन बरभुया का कहना है कि चुनाव आयोग ने परिसीमन का मसौदा ऐसे तैयार किया है, जिससे विधानसभा में राज्य में 14 लोकसभा और 126 विधानसभा सीटें हैं। चुनाव आयोग ने पिछले महीने प्रकाशित एक आदेश में इन निर्वाचन सीटों की संख्याओं को बरकरार रखा है, जबकि एक संसदीय और 19 विधानसभा क्षेत्रों का नाम बदल गया है।इसके अलावा चुनाव आयोग परिसीमन के उस मसौदे पर भी अड़ा हुआ है, जिसमें 126 विधानसभा क्षेत्रों में से 30 में बड़े बदलाव का प्रस्ताव है।हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग ने क्या-क्या बदलाव किए हैं।

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भारतीय सेना को जल्द मिलेंगे अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, अमेरिकी कंपनी बोइंग ने शुरू किया उत्पादन

नईदिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। अमेरिका की विमान कंपनी बोइंग ने भारतीय सेना के लिए 6 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर का उत्पादन शुरू कर दिया है।कंपनी ने बताया कि यह हेलीकॉप्टर एरीजोना प्रांत के मेसा में बन रहे हैं और अगले साल इनकी डिलीवरी की जा सकती है।गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना को 22 ई-मॉडल हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी करने के बाद बोइंग ने 2020 में भारतीय सेना के लिए 6 एएच-64ई हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा, हम भारत के साथ रक्षा सहयोग में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल करने पर खुश हैं। बोइंग का यह कदम भारत की रक्षा क्षमताओं का सहयोग करने के लिए अटूट प्रतिबद्धता को उजागर करता है।उन्होंने आगे कहा, एएच-64ई हेलीकॉप्टर की अत्याधुनिक तकनीक और युद्ध-परीक्षण प्रदर्शन भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाने के साथ-साथ रक्षात्मक क्षमताओं नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

दुनिया का प्रमुख हमलावर हेलीकॉप्टर है अपाचे

बोइंग की मेसा साइट की वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी और अटैक हेलीकॉप्टर कार्यक्रम की उपाध्यक्ष क्रिस्टीना उपाह ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर दुनिया का प्रमुख हमलावर हेलीकॉप्टर है।उन्होंने आगे कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर में अद्वितीय मारक क्षमता है और हम भारतीय सेना को यह तकनीक प्रदान करने के लिए उत्साहित हैं।गौरतलब है कि टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड ने इस साल की शुरुआत में हैदराबाद में भारतीय सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर का फ्यूजलेज (मुख्य धड़ा) निर्मित किया था।

भारतीय वायुसेना को सितंबर, 2019 में 22 में से 8 अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली खेप मिली थी। इन्हें पठानकोट एयरबेस पर एक कार्यक्रम में वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।बोइंग ने तय समयसीमा से पहले ही 2020 में बाकी हेलीकॉप्टर की डिलीवरी पूरी कर दी थी, जिसके बाद इन्हें भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में तैनात किया गया था।वायुसेना ने एमआई-35 हेलीकॉप्टर का स्थान लेने के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर की खरीददारी का फैसला किया था।

अपाचे हेलीकॉप्?टर के जरिए अनेक आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। इनमें हवा से जमीन में मार करने वाली हेलफायर मिसाइल, 17 एमएम हाइड्रा रॉकेट और हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइल शामिल हैं।अपाचे हेलीकॉप्?टर में हथियार उप प्रणाली के हिस्?से के रूप में 1200 राउंड के साथ 30 एमएम चेकगन है। इसके साथ ही इसमें हेलीकॉप्?टर फायर कंट्रोल रडार है, जो 360 डिग्री का कवरेज प्रदान करता है। इसमें नाइट विजन प्रणाली भी है।

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‘देवरा’ में बिल्कुल नए अवतार में नज़र आएंगे सैफ अली खान…..फिल्म का फर्स्ट लुक जारी..! 

17.08.2023  –  साउथ फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित निर्देशक कोरताला शिवा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘देवरा’ में अभिनेता सैफ अली खान ‘भैरा’ के किरदार में बिल्कुल नए अवतार में नज़र आएंगे। पिछले दिनों उनके जन्मदिन के अवसर पर  जूनियर एनटीआर ने अपने सोशल मीडिया पर उनके  लुक को रिवील किया।

आधिकारिक पोस्टर में सैफ अली खान शांत पानी और पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में खड़े नज़र आ रहे हैं। निश्चित रूप से ‘देवरा’ प्रशंसकों के लिए एक बड़ा आश्चर्य बनकर सामने आया है। ‘देवरा’ से सैफ अपना तेलुगु डेब्यू कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ‘देवरा’ का फर्स्ट लुक देखते ही देखते वायरल हो गया है।

फिल्म ‘देवरा’ में जूनियर एनटीआर के अलावा सैफ अली खान, जान्हवी कपूर और प्रकाश राज मुख्य रोल में नजर आएंगे। फिल्म अगले साल 5 अप्रैल को सिनेमाघर में रिलीज के लिए शेड्यूल की गई है।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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