नई दिल्ली , 26 फरवरी (एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा खुद को नोबेल पुरुस्कार दिए जाने की मांग करने पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह सहित आप के तमाम नेताओं के भ्रष्टाचार की सच्चाई उजागर हो गयी है। आम आदमी पार्टी झूठ और ड्रामे का सहारा लेकर भ्रष्टाचार के सवालों से बचती है और जनता को गुमराह करती है। साथ ही, उन्होंने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा संदेशखाली मामले के आरोपियों पर कार्रवाई न करने की कड़ी निंदा की।
शहजाद पूनावाला ने ने कहा कि आज भ्रष्टाचार के सरगना मनीष सिसोदिया को जेल की सलाखों के पीछे एक वर्ष पूरा हो गया है। मनीष सिसोदिया का ध्यान शिक्षा मंत्री के नाते कम अपितु शराब मंत्री के नाते कार्य करने पर ज्यादा रहता था। भ्रष्टाचार के सरगना अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता के साथ घोटाला और भ्रष्टाचार करने के लिए माफी मांगने की बजाय अपने लिए नोबेल पुरुस्कार की मांग कर रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना ये है कि एक वर्ष पहले जब मनीष सिसोदिया न्यायालय के आदेश अनुसार जेल की काल कोठरी के पीछे गए थे, तब अरविंद केजरीवाल ने उनके काले कारनामों के लिए भारत रत्न की मांग कर रहे थे।
आज जब उन्हें जेल में जाने के एक वर्ष के अंदर भी देश के किसी न्यायालय ने उनको राहत नहीं दी है और इसके उलट न्यायालय ने शराब घोटाले में 368 करोड़ रुपए के हेरफेर की बात कही है। संजय सिंह, विजय नायर और मनीष सिसोदिया सहित इनके सभी भ्रष्टाचारी साथियों को जब महीनों को बेल या राहत नहीं मिली तो पहले इनके लिए भारत रत्न की मांग करने वाले अरविंद केजरीवाल माफी मांगने की बजाय अब खुद के लिए नोबेल पुरुस्कार मांग रहे हैं। शहजाद पूनावाला नेकहा कि आज देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गई भगवान, कितना बदल गया इंसान गाने के बोल बदल चुके हैं।
आज इस गाने के बोल हो गए हैं – दिल्ली वासियों के मुख्यमंत्री की हालत क्या हो गई जनता रूपी भगवान, कितना बदल गया ये इंसान। ये वही अरविंद केजरीवाल है जो आम आदमी की पार्टी की शुरुआत होने से पहले अन्ना हजारे की छत्रछाया में कहा करता था कि घोटाले का आरोप लगने मात्र पर ही पहले आरोपी नेता का इस्तीफा होगा और उसके बाद जांच होगी। इस्तीफे की बात तो दूर की है आज तो अरविंद केजरीवाल जांच तक में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल बच्चों की कसम खाकर कहा करते थे कि आम आदमी पार्टी कभी कांग्रेस के साथ समझौता नहीं करेगी और लालू प्रसाद यादव, सोनिया गांधी को जेल के पीछे पहुंचाएगी लेकिन आज इन्हीं की संगत में बैठकर इस्तीफा देना तो दूर, सात-सात बार समन आने के बावजूद केजरीवाल जांच में सहयोग करने से कतरा रहे हैं। शहजाद पूनावाला ने अरविंद केजरीवाल पर हमलावर होते हुए कहा कि केजरीवाल को भ्रष्टाचार करने के लिए नोबेल पुरुस्कार मिलना चाहिए।
इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार कर भगोड़े बनने में, बेचारा बनने में, भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बताने में और अत्याचार का ड्रामा एवं नौटंकी करने में नोबेल पुरुस्कार मिलना चाहिए। इसके बाद तीसरा नोबेल पुरुस्कार अरविंद केजरीवाल को झूठ बोलने के लिए दिया जाना चाहिए। इन लोगों ने दवा से दारू तक, मोहल्ला क्लीनिक से शराब के ठेके तक, टैक्स से कक्षा तक, बस से शीशमहल तक हर विभाग को ठगा और लूटा है। हर विभाग को केजरीवाल ने अपनी काली कमाई और कमीशन का स्रोत बनाया है।
भाजपा ने पहले ही लैब टेस्ट, बस और शीशमहल में हुए घोटालों को उजागर किया है। जब मीडिया ने शीशमहल घोटाले को प्रमुखता से दिखाया तो केजरीवाल ने पत्रकारों के साथ बदसुलूकी की। शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा कि शराब घोटाला मामले में कोर्ट किसी भी स्तर पर राहत देने को तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी द्वारा शराब के बाद पानी में भी घोटाला किया गया। श्री शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी का भ्रष्टाचार उजागर करते हुए बताया कि किस तरह आप पार्टी द्वारा 70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में जल बोर्ड भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और विभन्न प्रकार के अवैध कारनामों का अड्डा बन चुका है। दिल्ली जल बोर्ड के एक बड़े स्कैम में शामिल कई वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। इस स्कैम में ठेके ऐसे फर्जी ठेकेदारों को दिए जा रहे थे, जो किसी भी रूप से उसके लिए मान्य नहीं थे और इसके एवज में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा था। अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड के माध्यम से ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) के नाम पर वन टाइम सुपर स्कैम की तैयारी कर रहे हैं। शहजाद पूनावाला ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के बढ़े हुए बिल आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि वे इन बढ़े हुए बिलों से लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाना चाहते हैं लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। जब चुनाव प्रचार में जाकर क्रेडिट लेने और अपने एजुकेशन एवं हेल्थ मॉडल को सबसे बढ़िया बताने की बात आती है तो केजरीवाल सबसे आगे रहते हैं और बाकी सभी कामों के नाम पर विक्टिम कार्ड खेल जाते हैं।
2012 से लेकर 2014 तक केजरीवाल एयर फ्लो वाटर मीटर और सभी विपक्षी नेताओं की एक लिस्ट लेकर बैठते थे और कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाते थे कि सरकार एयर फ्लो मीटर लगाकर उपभोक्ताओं से बढ़े हुए बिलों की वसूली करके भ्रष्टाचार कर रही है। लेकिन 2014 के बाद जब आम आदमी पार्टी की सरकार आई तो यह मीटर बंद करने की बजाय अरविंद केजरीवाल ने एयर फ्लो मीटर को जारी रखा। इसका स्पष्ट यह है कि दिल्ली में शीला जी (कांग्रेस) की सरकार बदल गई लेकिन दोनों पार्टियों का भ्रष्टाचारी चेहरा नहीं बदला। शहजाद पूनावाला ने कहा कि 2016 में उन्होंने कहा था कि वह एक सॉफ्टवेयर ला रहे हैं, जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को बिल में किसी तरह की गड़बड़ी का सामना नहीं करना पड़ेगा और सही बिल देना होगा।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करारे प्रश्न करते हुए कहा कि केजरीवाल ने एयरफ्लो वाटर मीटर के इस्तेमाल को बंद क्यों नहीं किया, अगर 95 फीसदी उपभक्ताओं को अधिक बिल की समस्या है तो ये आंकड़ा मात्र 10 लाख क्यों हैं, अगर बढ़े हुए बिल कोविड काल से आ रहे हैं तो 2012 तक के बिल क्यों माफ करना चाह रहे हैं, दिल्ली जल बोर्ड के खातों की ऑडिट क्यों नहीं करवा रहे हैं और सीएजी को दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट क्यों नहीं मुहैया करवाए जा रहे हैं। पूनावाला ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में घोटाले के ए, बी, सी, डी की क्रांति लेकर आए हैं। जिसमें ए का मतलब अवॉइड समन, बी फॉर भाग जाओ फ्रॉम समन, सी फॉर किसी तरह से समन का कवर अप कर दिया जाए और डी फॉर समन पर जनता का ध्यान डायवर्ट कर ड्रामेबाजी की जाए। जब सातवीं बार समन दिया गया तो अरविंद केजरीवाल फिर से पेश होने की बजाय ए,बी,सी,डी करने लगे।
इन्होंने पहले स्टार प्रचारक बनाया और फिर विपश्यना, उसके बाद चुनाव और अंत में द्वेषपूर्ण कार्रवाई का बहाना बनाया। प्रश्न ये है कि अगर सात समन द्वेषपूर्ण भावना से दिए गए हैं तो अब तक कोर्ट ने इन्हें खारिज क्यों नहीं किया। कोर्ट ने समन खारिज नहीं किए हैं, उल्टा प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा है कि अरविंद केजरीवाल एजेंसी के साथ सहयोग करने के बदले उनके समन को नजरअंदाज कर रहे हैं। शहजाद पूनावाला ने कहा कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने लालू प्रसाद यादव का उदाहरण दिया। ये अत्यंत हास्यास्पद है कि अन्ना हजारे के प्रदर्शन से अपनी नींव रखने वाली पार्टी आज लालू प्रसाद यादव का उदाहरण दे रही है। सौरभ और आतिशी अब ईडी पर समन भेजने में जल्दबाजी का आरोप लगा रहे हैंं, लेकिन सत्य तो ये है कि कोर्ट ने किसी भी कार्यवाही पर रोक लगाने की बजाय आपको जांच में सहयोग करने का आदेश जारी किया है। न्यायालय ने ही कहा है कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को बेल नहीं मिलेगी। आम आदमी पार्टी अपनी सहूलियत के अनुसार न्यायालय के आदेश का प्रयोग करती है।
आतिशी का दूसरा तर्क था कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई पीएमएलए में संसोधन कर की जा रही है, लेकिन इसका सत्य ये है कि सीबीआई कोर्ट ने इनके खिलाफ आदेश दिया है और सीबीआई कोर्ट पीएमएलए में नहीं अपितु प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में कार्रवाई करती है। सीबीआई के आदेश में पीएमएलए से कोई लेना देना नहीं है। आम आदमी पार्टी एक तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करती है दूसरी और चार बार दोषी पाए गए लालू प्रसाद यादव और दो बार दोषी पाए गए डीएमके के पोनमूडी के साथ गठबंधन करती है। इसके बाद भी अपने आपको कट्टर ईमानदार कहती है। पूनावाला ने कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का वकतव्य मीडिया के सामने रखा जिसमें वह कह रही थी कि आम आदमी पार्टी शिक्षा का सहारा लेकर शराब घोटाले से बच नहीं सकती। इस पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल से प्रश्न पूछा कि क्या कांग्रेस भी द्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही है।
ये वही लोग हैं जो कहते थे कि सब मिले हुए हैं जी और आज ये सब एक हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के पास शराब घोटाले, ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेका देने, कमीशन 2.5 फीसदी से 12.5 फीसदी होने, पुरानी पॉलिसी पर वापस जाने और हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं है। इन लोगो ने दवा के बाद दारू का घोटाला किया और अब दारू के बाद पानी के घोटाला करने वाले हैं। शहजाद पूनावाला ने तृणमूल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार पूरी तरह से तानाशाही और तालिबानी मानसिकता वाली सरकार बन चुकी है।
श्री पूनावाला ने बताया कि जब कोई पत्रकार पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हुए अत्याचारों पर सवाल उठाता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। कोई जांच कमेटी का सदस्य जैसे वरिष्ठ वकील जाता है तो उन्हें रोक लिया जाता है, विपक्ष का कोई नेता या कोई कार्यकर्ता जाता है तो उनके साथ मारपीट की जाती है और उन्हें अन्यायिक तरीके से 144 धारा लगाकर रोक दिया जाता है। संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं को डराने, धमकाने का प्रयास किया जाता है और शाहजहां शेख जैसे अपराधियों को प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ावा और संरक्षण दिया जाता है।
शहजाद पूनावाला ने बताया कि तृणमूल के काले कारनामों पर आज हाईकोर्ट तक ने फटकार लगाई है। इससे पहले भी 2021 में जब चुनाव के बाद तृणमूल के गुंडों के द्वारा महिलाओं का बलात्कार किया था, तब हाई कोर्ट ने इन सभी मामलों में संज्ञान लिया और प्रमाण प्रस्तुत किए जिनसे ये साबित हो गया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस महिलाओं के साथ न खड़े होकर अपराधियों के साथ खड़ी थी। पूनावाला ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने कभी महिलाओं के प्रति ममता नहीं दिखाई और न ही उनका समर्थन किया।
शहजाद पूनावाला ने समस्त विपक्षी गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा कि शाहजहां शेख को सेक्युलर संरक्षण केवल ममता बनर्जी द्वारा नहीं बल्कि पूरे इंडी गठबंधन द्वारा दिया जा रहा है। पत्रकारों के संवैधानिक अधिकारों और महिला उत्पीड़न पर हाथरस से लेकर भाजपा शासित प्रदेशों में जब भी कोई अप्रिय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है तब प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल वल्चर टूरिज्म करने पहुंच जाया करते थे लेकिन संदेशखाली की घटना पर किसी ने एक ट्वीट तक नहीं किया। अंत में शहजाद पूनावाला ने इंडी गठबंधन पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि संदेशखाली की घटना पर पूरा विपक्ष चुप है।
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