Why is income up to Rs 12 lakh tax freeFinance Minister gave the answer

नई दिल्ली 02 Feb, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के बाद एक इंटरव्यू के दौरान जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि सरकार ने 12 लाख तक की सालाना आय को टैक्स दायरे से बाहर रखने का फैसला क्यों रखा तो इसका वित्त मंत्री ने जवाब दिया।

उन्होंने कहा, मिडिल क्‍लास में ये चर्चा बहुत होती है कि आखिर उन्‍हें क्‍या मिला। हमार फोकस हर बार हर क्षेत्र के लोगों पर रहता है। इस बार हमने यह देखा कि कम से कम एक लाख रुपये कमाने वालों के लाइफ स्टाइल कैसा हैं? ये लोग कैसे रहते हैं। कैसा लाइफ स्‍टाइल मेंटेन करते हैं। ये सब देखने के बाद हमने निर्णय लिया कि हर महीने 1 लाख रुपये कमाने वालों को छूट दी जाए।

वहीं, वित्त मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा कि केंद्र ने यह सुनिश्चित करने के लिए सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़े और आत्मनिर्भर बने। वित्त मंत्री ने ये जवाब उस सवाल पर दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या कई ऑटोमोबाइल पर सीमा शुल्क कम करने की बजटीय घोषणा, जिससे टेस्ला और हार्ले डेविडसन जैसी कंपनियों को फायदा होगा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ घोषणाओं के बीच एक संकेत देने की कोशिश है।

उन्होंने कहा, हम अपनी अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं। हम भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करना चाहते हैं और इसे मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में सीमा शुल्क कम करने की घोषणा का उद्देश्य एमएसएमई के लिए सस्ता कच्चा माल उपलब्ध कराना, महत्वपूर्ण खनिज प्राप्त करना और भारतीय कंपनियों को सामग्री आयात करने और उच्च मूल्य के तैयार उत्पाद का निर्यात करने की अनुमति देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित अमेरिका यात्रा से पहले हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ और कम कर दिया गया है। 1600 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों के लिए सीबीयू (पूरी तरह से निर्मित इकाइयों) पर शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।
हालांकि, कारों और अन्य मोटर वाहनों के आयात पर मूल सीमा शुल्क भी कम कर दिया गया है, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी प्रभावी शुल्क दरों में बदलाव होगा या नहीं।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘विकसित भारत’ की नींव को मजबूत करने और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करने के बीच संतुलन बनाया है। उन्होंने विपक्ष की उन आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार केंद्रीय बजट में घोषणाओं के माध्यम से केवल बिहार और दिल्ली में मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। सीतारमण ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया था। यह उनका लगातार आठवां बजट था।

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