आज का राशिफल

मेष : आज आपको ताजगी और स्फूर्ति का अभाव रहेगा। उसके साथ ही क्रोध की अधिकता रहेगी। इसके परिणाम स्वरूप आपका काम बिगडऩे की संभावना रहेगी। अत: गुस्से पर नियंत्रण रखना पड़ेगा। आफिस में अधिकारियों और घर में कुटुंबीजनों तथा विरोधियों के साथ वाद-विवाद में पड़े बिना मौन रहकर दिन व्यतीत करना बेहतर रहेगा।

वृष : अत्यधिक कार्यभार और खानपान में लापरवाही से आपका स्वास्थ्य खराब होगा। समय से भोजन और नींद न लेने के कारण मानसिक रूप से बेचैनी अनुभव होगी। प्रवास में विघ्न आने की संभावना होने से प्रवास न करें। निर्धारित समय कार्य पूरा नहीं कर सकने से रोष रह सकता है।

मिथुन : मौज-मस्ती और मनोरंजन की प्रवृत्तियों में आपको विशेष रुचि होगी। कुटुंबीजन मित्र मंडल या प्रिय व्यक्ति के साथ बाहर घूमने-फिरने जाने का आयोजन होगा। सार्वजनिक जीवन में मान प्रतिष्ठा की वृद्धि होगी। विपरीत लिंगीय व्यक्तियों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। प्रणय प्रसंगों की पूर्व भूमिका निर्मित होगी। सार्वजनिक जीवन में मान-सम्मान के अधिकारी बनेंगे।

कर्क : आज का दिन खुशी और सफलता का है। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। नौकरीपेशा वालों को ऑफिस में अनुकूल वातावरण रहेगा। नौकर वर्ग औऱ ननिहाल पक्ष से लाभ होगा। स्वास्थ्य बना रहेगा। आर्थिक लाभ होगा। आवश्यक खर्च होंगे।

सिंह : आज आप शारीरिक मानसिक स्वस्थता से काम करेंगे। सृजनात्मक प्रवृत्तियों में विशेष दिलचस्पी रहेगी। साहित्य और कला के क्षेत्र में कुछ नए सृजन करके प्रेरणा मिलेगी। प्रेमीजनों एवं प्रिय व्यक्तियों के साथ मिलन मुलाकात होगा। संतानों के शुभ समाचार मिलेंगे। धार्मिक या परोपकार कार्य आपके मन को आनंदित करेंगे।

कन्या : आज आपको प्रतिकूलताओं का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में शिकायत रहेगी। मन पर चिंता का बोझ रहने से मानसिक बेचैनी का अनुभव होगा। पारिवारिक सदस्यों के साथ खटराग होगा। पढ़ाई के लिए अनुकूल समय नहीं है। धन खर्च होगा।

तुला : वर्तमान समय भाग्यवृद्धि का होने से साहस और कार्य हाथ में लेने के लिए आज शुभ दिन है। योग्य जगह पर पूंजी निवेश आपको लाभदायक रहेगा। परिवार में भाई-बंधुओं के साथ आत्मीयता और मेल-मिलाप रहेगा। छोटे धार्मिक यात्रा का आयोजन कर सकेंगे।

वृश्चिक : न बोलने में नौगुण की नीति अपनाकर चलेंगे, तो पारिवारिक सदस्यों के साथ संघर्ष से बच सकेंगे। स्वास्थ्य संबंधी शिकायत रहेगी। अनावश्यक खर्च पर अंकुश लगाना आवश्यक है। विद्यार्थियों को पढ़ाई में बधाई होगी।

धनु : आज आपके निर्धारित कार्य में सफलता और आर्थिक लाभ की संभावना है। सपरिवार मांगलिक प्रसंग में उपस्थित होंगे। प्रवास की, विशेष रूप से किसी तीर्थयात्रा की संभावना है। स्वजनों के साथ मिलन आपको हर्षित करेगा।

मकर : आज आप धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में अत्यधिक व्यस्त रहेंगे। पूजा-पाठ या धार्मिक कार्य के पीछे आपका धन खर्च होगा। सगे-संबंधियों तथा परिजनों के साथ संभलकर बोलें, क्योंकि आपकी वाणी से किसी को चोट पहुंचने की संभावना है।

कुंभ : नए कार्य या आयोजन हाथ में ले सकेंगे। नौकरी धंधे में लाभ के साथ अतिरिक्त आय खड़ी कर सकेंगे। मित्र वर्ग, विशेष रूप से स्त्री मित्रों से आपको लाभ होगा। सामाजिक मंडल में आप ख्याति और प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकेंगे। पत्नी और पुत्र की तरफ से आप सुख और संतोष अनुभव करेंगे।

मीन : आपके लिए आज का दिन शुभ फलदायक है। काम की सफलता और उच्च पदाधिकारियों का प्रोत्साहन आपके उत्साह को दोगुना करेंगे। व्यापारियों को भी व्यापार और आय में वृद्धि होगी। बकाया राशि का भुगतान होगा।
00

स्वस्थ परंपराओं का निर्वहन करें पक्ष-विपक्ष

विश्वनाथ सचदेव –
पिछले दिनों हमने संविधान-दिवस मनाया था। 26 नवम्बर 1949 को देश ने अपना संविधान पूरा करके उस पर हस्ताक्षर किये थे। हमारे संविधान-निर्माताओं के ये हस्ताक्षर देश के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये हस्ताक्षर कुल मिलाकर इस बात की सहमति और स्वीकृति हैं कि देश का संविधान सर्वोपरि है। हमारे प्रधानमंत्री कई बार इसे ‘हमारा सबसे बड़ाÓ धर्म ग्रंथ कह चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब सांसद बनकर पहली बार संसद भवन पहुंचे थे तो उन्होंने संसद भवन की सीढिय़ों पर शीश झुकाकर जनतंत्र के सर्वोच्च मंदिर को प्रणाम किया था। जनतंत्र का यह मंदिर और धर्म ग्रंथ, दोनों, हमारे देश की गरिमा के प्रतीक हैं। इनका सम्मान उन मूल्यों और आदर्शों का सम्मान है जो जनतांत्रिक व्यवस्था की महत्ता को रेखांकित करते हैं।
उस दिन जब संसद में संविधान-दिवस मनाया गया तो सांसदों को प्रधानमंत्री के अलावा राष्ट्रपति ने भी संबोधित किया था। एक चीज़ जो खलने वाली थी, वह कार्यक्रम का विपक्ष द्वारा बहिष्कार था। यह कार्यक्रम सरकार का नहीं था, पूरी संसद का था। संविधान में अपनी आस्था और निष्ठा प्रकट करने के इस अवसर को किसी भी पक्ष द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति का माध्यम बनाना उचित नहीं कहा जा सकता। सरकार और विपक्ष दोनों का कर्तव्य बनता था कि वे इस अवसर की गरिमा और पवित्रता की रक्षा के प्रति सजग दिखाई देते। पर ऐसा हुआ नहीं। दोनों पक्षों की बराबर की भागीदारी होनी चाहिए थी इस कार्यक्रम में। सभी पक्षों को अवसर मिलना चाहिए था संविधान के प्रति अपनी निष्ठा को स्वर देने का। यह सहभागिता ही जनतांत्रिक व्यवस्था को महत्वपूर्ण बनाती है। गरिमा प्रदान करती है।
अच्छी बात है कि इस सहभागिता को संसद का सत्र प्रारंभ होने से पहले प्रधानमंत्री ने फिर से रेखांकित किया। पर इसे सुनिश्चित करने का काम भी मुख्यत: सत्ता पक्ष को ही करना होता है। पर, दुर्भाग्य से, संसद के पिछले कई सत्रों में सहभागिता की भावना का अभाव दिखाई दिया है। दोनों पक्ष इसके लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा सकते हैं, ठहराते भी हैं। लेकिन इस बात को नहीं भुलाया जाना चाहिए कि संसद की कार्रवाई सुचारु रूप से चले, इसका दायित्व मुख्यत: सत्तारूढ़ पक्ष पर ही होता है।
जनतंत्र में यह अवसर संसद के कामकाज में सहभागिता से परिभाषित होता है। सहभागिता का अर्थ है विचार-विमर्श में हिस्सेदारी। मुद्दों पर बहस ही वह माध्यम है, जिससे सदन में सदस्यों की सहभागिता सुनिश्चित होती है। लेकिन, जिस तरह से संसद में विवादास्पद कृषि-कानूनों की वापसी का विधेयक पारित हुआ, वह इस सहभागिता को अंगूठा दिखाने वाला काम ही कहा जा सकता है। लोकसभा में सिर्फ तीन मिनट और राज्यसभा में नौ मिनट में इन कानूनों को वापस ले लिया गया। कानूनों की वापसी करने का निर्णय लेने में सरकार को पूरा एक साल लग गया, और मिनटों में कानूनों को निरस्त कर दिया गया। कोई बहस नहीं, कोई विचार-विमर्श नहीं। तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा भी प्रधानमंत्री ने सदन के बजाय मीडिया में राष्ट्र के नाम संदेश में करना बेहतर समझा। संसद को इस बारे में सरकार से सवाल-जवाब का अवसर मिलना ही चाहिए था। कानून वापस लेने के कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि सरकार खुले दिमाग से हर मुद्दे पर सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है।
वे तो यह भी कह चुके हैं कि सीमित समय के लिए ही सही, कुछ बहस तो राजनीतिक छींटाकशी के बगैर भी होनी चाहिए। पर सिर्फ बातों से बात नहीं बनती। संसद की गरिमा और महत्व का तकाज़ा है कि सांसदों को गंभीर बहस का अवसर मिले। मुद्दों पर विचार-विमर्श हो। संसद के पिछले सत्र में पंद्रह कानून दस मिनट से भी कम समय में पारित हुए थे। स्पष्ट है, यह काम विचार-विमर्श के बिना ही हुआ होगा। कृषि-कानूनों पर ज़रूर दोनों सदनों में लगभग दो-दो घंटे तक बहस हुई थी, पर शायद पर्याप्त नहीं था इतना समय। समुचित समय मिलता तो शायद कोई स्वीकार्य कानून बन सकते। अब भी जब कृषि कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक पारित हुआ तो विपक्ष की बहस की मांग को ठुकरा दिया गया।
बहरहाल, संसद के शीतकालीन सत्र का पहला ही कानून बिना किसी बहस के पारित हो, यह कोई शुभ संकेत नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों पक्ष, सरकार और विपक्ष, इस संदर्भ में अपने-अपने दामन में झाकेंगे। पर इससे भी महत्वपूर्ण बात उस मतदाता के सम्मान की है, जिसने दोनों को चुना है। कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री के निर्णय को उनके समर्थक ‘राष्ट्र-हितÓ में लिया गया ‘महानÓ निर्णय बता रहे हैं, लेकिन यह बात सदन में होती तो बेहतर होता। तब यह भी पूछा जा सकता कि कृषि-कानूनों के संदर्भ में वह क्या था जो राष्ट्र-हित में नहीं था? इस तरह के अवसर बहस से ही मिल सकते हैं। सत्तारूढ़ पक्ष और विपक्ष, दोनों को ऐसे अवसरों की संभावनाएं बढ़ाने के बारे में सोचना होगा। यह याद रखना ज़रूरी है कि बहस संसद की प्राणवायु है!

आज का राशिफल

मेष : आज के दिन का प्रारंभ का समय आनंद-प्रमोद में बीतेगा। शारीरिक और मानसिक आरोग्य अच्छा रहेगा। वाणी और व्यवहार पर संयम बरतिएगा, वह आप ही के हित में रहेगा। राग-द्वेष से दूर रहिएगा तथा अपने शत्रुओं से संभलकर चलिएगा। स्वास्थ्य भी संभालिएगा।

वृषभ : व्यवसायीजनों को यश और सफलता मिलेगी। सहकर्मचारियों का पूर्ण सहकार आप को मिल पाएगा। आर्थिक लाभ भी होगा। प्रतिस्पर्धीयों को आश्चर्य होगा। मध्याहन के बाद मनोरंजन की दुनिया में आप सैर करेंगे।

मिथुन : आज का आप का दिन बौद्धिक कार्य और चर्चा में बीतेगा। आप अपनी कल्पनाशक्ति और सृजनशक्ति को कार्य में जोड़ देंगे। शारीरिक और मानसिकरुप से सावघान रहेंगे। मध्याहन के बाद व्यावसायिक वर्ग को व्यवसाय में लाभ की संभावनाएं खडी़ होंगी।

कर्क  : हताशा मानसिक रूप से अस्वस्थ बनाएगी। जिस के कारण शारीरिक रूप से आप अस्वस्थता का अनुभव करेंगे। प्रवास के लिए आज का दिन अनुकूल नहीं है। जमीन और वाहनों से जुड़ी समस्याएं सताएंगी।

सिंह : विदेशवासियों को अच्छे समाचार मिलेंगे। धन लाभ होगा। नए कार्य के लिए अच्छा समय है। निवेशकारों के लिए दिन लाभदायी है। परंतु मध्याहन के बाद आप अधिक सहनशील बनेंगे। मानसिक हताशा का अनुभव होगा।

कन्या : वाणी पर संयम न रहेगा तो मनदु:ख के प्रसंग उपस्थित होंगे। परिवारजनों के साथ वाद-विवाद हो सकता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाऐंगे। परंतु मध्याहन के बाद आप का समय अनूकुल दिखेगा। भाई-बंधुओं के साथ महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।

तुला : आज की कलात्मक और सृजनात्मक शक्ति में बहुत निर्धारपूर्वक निखार आएगा। शारीरिक और मानसिक रूप से संपूर्ण स्वस्थ रहेंगे। वैचारिक दृढ़ता और समतोल विचारधारा से कार्य को संपन्न करना सरल हो जाएगा।

वृश्चिक : आपका उग्र और असंयमित व्यवहार आपको समस्या में डाल सकता है। संबंधियों के साथ सहसा कोई अनिष्ट घटना बन सकती है। परंतु मध्याहन के बाद शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रख पाएंगे। आर्थिक विषयों का व्यवस्थित रूप से आयोजन कर सकेंगे।

धनु : परिवार-जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। कार्य में पदोन्नति होगी। मित्रों के साथ बाहर जाना होगा। व्यापारीवर्ग को भी लाभ होगा। अविचारी कार्य अथवा व्यवहार आपको समस्या में डाल सकता है। व्यावसायिक क्षेत्र में ऊंचे स्वर में बोलने से पहले अपनी गरिमा पर ध्यान दीजिएगा।

मकर : आज का दिन गृहस्थजीवन की दृष्टि से आनंदमय रहेगा। परिवारजनों के साथ आनंद का वातावरण बना रहेगा। व्यवसाय में पदोन्नति के योग हैं। व्यावसायिक क्षेत्र में भी अनुकूल वातावरण रहेगा। आय में वृद्धि होने का योग है।

कुंभ : नए कार्य का आज से प्रारंभ कर सकते हैं। लंबे प्रवास का या धार्मिक यात्रा का आयोजन होने की भी संभावना है। व्यवसाय में लाभ का अवसर मिलेगा। थोडा़ संभलकर चलना पड़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखिएगा, परंतु मध्याहन के बाद पारिवारिक जीवन में हर्षोल्लास का वातावरण बना रहेगा।

मीन : हितशत्रुओं से सावधान रहिएगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखिएगा। गूढ़ विद्या का ज्ञान प्राप्त करने के लिए दिन अच्छा है। मघ्याहन के बाद विदेश में स्थित मित्र तथा स्नेहीजनों के समाचार आपको मिलेंगे। व्यावसायिक स्थल पर सहकार मिलेगा।

22 माह से बंद नर्सरी से पांच की पढ़ाई शुरू करें हेमन्त सरकार – रामप्रकाश तिवारी

स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने 22 माह से बंद कक्षा नर्सरी से लेकर पांचवीं की पढ़ाई लिखाई सभी स्कूलों में शूरू करने के लिए और यू-डायस कोडधारी गैर मान्यता प्राइवेट स्कूलों के लाखों बच्चों बच्चियों को तत्काल आठवीं बोर्ड परीक्षा-2022 में शामिल करने हेतु जैंक द्वारा पंजीयन करने और परीक्षा में शामिल करने हेतु मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से तत्काल कार्रवाई करने का मांग किया।
प्राइमरी शिक्षा नर्सरी से पांच की पढ़ाई लिखाई बंद रखने के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बावजूद झारखंड राज्य के सभी सरकारी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों में कक्षा नर्सरी से पांच कक्षा के बच्चों बच्चियों को पिछले दो माह से लगातार बुलाकर पढ़ाई लिखाई शुरू करने वाले सभी साहसी शिक्षकों शिक्षिकाओं के प्रति झारखंड के करोड़ों अभिभावक गण ऋणी है इस दौरान एक भी बच्चा कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है नर्सरी से पांचवीं की पढ़ाई शुरू करने वाले प्राइवेट स्कूलों में बीआरसी,प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भयादौहन कार्रवाई करने के धमकियों का विरोध करने वाले हजारो प्राइवेट स्कूल संचालक गण बधाई के पात्र हैं।
प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने यूपीए कांग्रेस,राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की नेतृत्व में चल रही सरकार हर मोर्चे पर विफल है सभी सरकारी कार्यालयों में खुले आम रिश्र्वत लिया जा रहा है, ठेकेदारों द्वारा घटिया सड़क निर्माण किया जा रहा है बाकी विकास के कार्य ठप्प है। मजदूरों को मनरेगा के तहत काम नहीं मिल रहा है बेमौसम बारिश में धान की फसल,सब्जी,अन्य फसल खराबे होने के नुकसान झेल रहे लाखों किसानों को मुआवजा देने के लिए और आगे खेती-बाड़ी करने के लिए बीज खाद सिंचाई की सुविधा किसानों को उपलब्ध नहीं कराने के हेमन्त सोरेन की सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों का स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी कड़ा विरोध करती है।
श्री रामप्रकाश तिवारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की सरकार ने अभी तक पांच लाख बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध नहीं कराया और लाखों शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपने चुनावी वादेनुसार प्रति माह सात हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता अभी तक नहीं दिया,यह युवा विरोधी सरकार है जल्द युवाओं को संगठित करके आंदोलन किया जायेगा। सबसे बुरा हाल बेरोजगार महिलाओं, लड़कियों का है बढ़ती मंहगाई में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
झारखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के साथ हेमन्त सरकार घोर अन्याय कर रही है यह सरकार भ्रष्टाचारियो, माफियाओं, अपराधियों,दलालों ठेकेदारों की रहनुमा सरकार है मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन अपने कैबिनेट के कांग्रेसी मंत्रियों के मांग पर कोरोना महामारी कम होने के बावजूद सभी प्राइमरी,मिडिल स्कूलों में नर्सरी से पांच की पढ़ाई स्कूलों में शुरू नहीं करने के तानाशाही रूख अपनाये हूए है ऐसे जन विरोधी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है कांग्रेस तत्काल हेमन्त सरकार से समर्थन वापस ले।
उक्त जानकारी रामप्रकाश तिवारी,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी, झारखंड प्रदेश,राॅंची ने दी

लोकतंत्र की बुनियादी आधार हैं पंचायती व्यवस्थाएं

विकास कुमार –
पंचायती व्यवस्थाओं को स्थानीय प्रशासन का मूल आधार स्तंभ माना जाता है। भारत में प्राचीन काल से ही स्थानीय स्वशासन का प्रावधान मिलता है। भारतीय लोकतंत्र में आजादी के बाद से ही पंचायती व्यवस्थाओं को महत्व दिया जाने लगा था। यही कारण है कि भारतीय संविधान के निर्माताओं ने इसके लिए अलग से प्रावधान जोड़े थे। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जिसमें चुनाव आयोग के 2019 के सूची के अनुसार ,लगभग 90 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। रूरल कनेक्शन नेटवर्क के अनुसार, पूरे देश में 239000 ग्राम पंचायतें हैं, जो संविधान के सातवीं अनुसूची में वर्णित राज्य सूची का विषय है। इनके प्रबंधन, वित्तीय व्यवस्था ,निर्वाचन एवं संरचना की व्यवस्था का दायित्व राज्य सरकार पर निर्भर होता है।भारत की शासन व्यवस्था तीन स्तर पर कार्य करती है। जिसमें तीसरा स्तर स्थानीय स्वशासन (पंचायती व्यवस्था) हैं। भारतीय संविधान के भाग 4 अनुच्छेद 40 में इससे संबंधित उपबंध थे जो प्रवर्तनीय प्रक्रिया नहीं थी।पंचायती व्यवस्थाओं को संवैधानिक दर्जा देने के पीछे राज्य संघात्मक व्यवस्था का उल्लंघन बताकर इसके पक्ष में नहीं थे। यही कारण रहा कि राजीव गांधी जी का 64 वां संशोधन (1989) और वी0पी0 सिंह का संवैधानिक प्रयास (1 जून 1990) असफल रहा। पंचायतों को संवैधानिक दर्जा 1992 और 1993 में 73 वे संवैधानिक संशोधन के द्वारा दिया गया था जिसमें नरसिम्हा राव जी ने अथक प्रयास किया था।इनके चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की होती है जिसका उपबंध भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243 का (्य) करता है।कुछ राज्यों ने इसके चुनाव की घोषणा कर दिया है क्योंकि संविधान था इनका कार्यकाल 5 वर्ष रखा गया है जिसका प्रावधान भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243( श्व) ही करता है। सभी प्रत्याशी शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं और अपनी -अपनी सुविधानुसार तैयारियां भी आरंभ कर दिया है।मतदाताओं और प्रत्याशियों के मध्य वार्तालाप प्रारंभ हो चुका है परंतु संवाद प्रारंभ नहीं हुआ, क्योंकि संवाद की प्रक्रिया तो चुनाव में अक्सर रिक्त रहती है। संवाद की स्थिति में ना ही मतदाता है और ना ही प्रत्याशी। राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेताओं का भी इन चुनावों में आगमन होगा जिससे वह अपनी उपलब्धियां गिनाते हैं।मतदाता भी सुनकर आनंदित होता है और बाद में नेता जी जिंदाबाद भी बोलता है क्योंकि वह भूल चुका होता है कि हमारी स्थानीय समस्याएं लोन के पैसों का कमीशन, आवास कमीशन ,सड़क और पानी की समस्याएं क्या है? शिक्षा और स्वास्थ्य तो इन चुनावों में गौड मुद्दे बन जाते हैं । प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति और अन्य सभी स्थानीय कार्य मतदाता भूल चुका होता है और मुखिया भी उसी को बना देता है, जिसका कोसों इनसे संबंध नहीं होता। इन चुनाव में उम्मीदवारों का उद्देश्य और कार्य अनुभव भी नहीं पूछा जाता जिसका कारण जागरूकता की कमी कहें या शिक्षा का अभाव ।
हालांकि पंचायती व्यवस्थाओं से स्थानीय निकायों में सुधार भी हुआ है परंतु उन सभी परियोजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता जो ग्रामीणों के लिए होती हैं। ऐसे में सभी मतदाताओं को चाहिए कि जातिवाद, धर्म, क्षेत्रवाद और व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने वाले ‘केवल’ प्रत्याशी को ना चुनकर सार्वजनिक आकांक्षाओं में खरे उतरने वाले प्रत्याशी का चयन करें। जब स्थानीय स्तर पर सुधार होगा तभी यह प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। मतदाता को अपने मत का प्रयोग स्वेच्छा और सोच विचार कर करना चाहिए जिससे 5 वर्षों के लिए योग्य नेता के निर्देश लागू हो सके और स्थानीय संस्थाओं की स्थिति मजबूत हो जिससे अन्य स्तरों पर भी सुधार हो।

आज लगभग पूरे देश में पंचायती राज पद्धतियों का गठन किया जा चुका है ,परंतु वास्तविक स्थिति में उतनी आत्मनिर्भर निर्भरता देखने को नहीं मिली, जितना कि इसको लागू करने के समय सपना देखा गया था। आरक्षण का प्रावधान पंचायती पद्धतियों में अनुच्छेद 243 क (ष्ठ,4) किया तो गया है, परंतु उसका पूरा लाभ ना महिलाएं ले पाती पाती हैं और ना ही नीचे तबके के वर्ग, क्योंकि आज भी कई पूर्वाग्रह प्रवृत्तियों से प्रेरित होकर ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान किया जाता है द्य जब पंचायती व्यवस्था सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बनेगी तभी भारत का लोकतंत्र और मजबूत होगा द्य सुधार की प्रक्रिया ग्रामीण से ही शुरू हो सकती है। महिलाएं सरपंच तो बन जाती हैं परंतु वह प्रशासन नहीं चलाती हैं प्रशासन उसके पति द्वारा चलाया जाता है। एससी एसटी वर्ग का व्यक्ति सरपंच तो बन जाता है परंतु प्रशासन किसी धनाढ्य लोगों द्वारा चलाया जाता है। आज भी कई राज्य ऐसे हैं जिन्होंने पंचायती व्यवस्थाओं को उनके संपूर्ण विषयों को हस्तांतरित नहीं किया है। पंचायत के चुनाव में भी छल और बल से काम लिया जाता है। किस व्यक्ति की पहुंच शासन प्रशासन के ऊपर तक होती है प्रमुख पदों पर वही आसीन होता है। यही कारण है कि जिन उद्देश्य से भी का निर्माण किया गया था वह पूरा नहीं हो पा रहा है। गांव के विकास के नाम पर करोड़ों का फंड सरकारों के द्वारा दिया जाता है, परंतु उसका संपूर्ण लाभ गांव के सही व्यक्ति पर नहीं खर्च होता है।यही कारण रहा कि आज तक पंचायती व्यवस्था पूर्णतया आत्मनिर्भर और उन संपूर्ण सपनों को साकार नहीं कर सकी जिनके लिए इनको संगठित किया गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि पंचायती राज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास करें और इस प्रयास में सबसे बड़ा कदम हो सकता है शिक्षा।बिना शिक्षा के जागरूकता संभव नहीं है और जब नागरिक और मतदाता जागरूक होंगे तभी यह सब संभव हो पाएगा।
( लेखक – केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में रिसर्च स्कॉलर हैं एवं राजनीति विज्ञान में गोल्ड मेडलिस्ट है।)

आज का राशिफल

मेष : ईश्वरीय आस्था से भौतिक कष्ट दूर होंगे। बुद्धिमत्ता द्वारा हर दिशा में स्वयं को पारंगत सबित करेंगे। जीवन साथी से कुछ मुद्दों पर वैचारिक मतभेद की आशंका है। घर में खुशहाली रहेगी।

बृषभ : अपने अनुकूल अपेक्षा रखना ठीक नहीं है। व्यावसायिक योजनाएं फलीभूत होती नजर आएंगी। मन में कुछ नयी इच्छाएं बलवती होंगी। माता के स्वास्थ्य के प्रति कुछ चिंताएं रहेंगी।

मिथुन : आंतरिक प्रतिभाओं द्वारा सगे-संबंधों में प्रभावी बनेंगे। भबिष्य संबंधी कुछ चिंताएं नकारात्मक विचार ला सकती हैं किंतु कुछ अच्छे आसारों से मन में प्रसन्नता संभव। कार्यक्षेत्र में ब्यस्तता बढ़ेगी।

कर्क : अंतर्मुखी स्वभाव को त्याग बाह्यमुखी बनायें। भौतिकता की लोलुपतावश दूसरों के चढ़ाने में आकर अपनी आर्थिक क्षति कर सकते हैं। रोजगार में अच्छी आशाएं प्रसन्नता लाएंगी।

सिंह : भौतिकता के आधार पर थोड़ा असंतोष हो सकता है। किसी पुराने संबंधी से निकटता बढ़ेगी। घरेलू दायित्वों के प्रति सक्रियता से आपकी महत्ता बढ़ेगी। पूजा-पाठ में पूरा दिन मन केंद्रित होगा।

कन्या : सगे-संबंधों में व्यवहार कुशल बनें। घरेलू वातावरण उत्साहित रहेगा। विपरीतलिंगी संबंधों के प्रति आकषर्ण बढ़ेगा। कुछ नयी अभिलाषाएं आपको हतोत्साहित करेंगी। नये दायित्वों की पूर्ति होगी।

तुला : दुबिधाओं को त्याग सही योजनाओं पर केंद्रित हों। भावना प्रधान मन रिश्तों से सहज ही प्रभावित हो जाता है किंतु भावनात्मक अपेक्षाएं कष्ट की जननी बनेंगी। आवेश व उच्छृंखलता पर नियंत्रण रखें।

वृश्चिक : अर्थिक सुदृढ़ता हेतु मन प्रयत्नशील होगा। कार्यक्षेत्र में लोकप्रियता बढ़ेगी। निकट संबंधों में मधुर वाणी का प्रयोग करें। क्षमता से अधिक जिम्मेदारियां परेशान करेंगी। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में लगेगा।

धनु : दुनियादारी में समय देने से अच्छा होगा कि थोड़ा घर में समय देने की चेष्ठा करें। नई सकारात्मक सोच से प्रगति के आसार बढ़ेंगे। दूसरों की सफलता को देख अपने अंदर हीनता न आने दें।

मकर : धनागम के नये स्रोत बनेंगे। भावनाओं पर नियंत्रण रख अपने दायित्वों के प्रति सजग हों। अच्छी योजनाओं द्वारा महत्वपूर्ण कार्यों की समयानुकूल पूर्ति करेंगे। जीवन साथी का सहयोग मिलेगा।
कुंभ : कुछ नयी आकांक्षाएं मन पर प्रभावी होंगी। किसी महत्वपूर्ण दायित्व की पूर्ति हेतु समुचित साधन व्यवस्था के लिए मन चिंतित होगा। नौकरी-पेशे में सहकर्मियो के सहयोग से वातावरण सुखद होगा।

मीन : बीती बातों को भूल वर्तमान में जीने का प्रयास करें। प्रणय संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी किंतु सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन न होने दें। भौतिक-सुख साधन में व्यय संभव। राजनीतिज्ञों का सहयोग प्राप्त होगा।

Exit mobile version