बच्चों में भरपूर पानी पीने की आदत डालने के लिए अपनाएं ये तरीके

अगर आपके बच्चे को कम पानी पीने की आदत है तो जल्द से जल्द अपने बच्चे की इस आदत को सुधारने की कोशिश करें। दरअसल, इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिसके कारण उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देते हैं जिन्हें अपनाकर माता-पिता अपने बच्चों में भरपूर पानी पीने की आदत डाल सकते हैं।
बच्चे के पास हमेशा पानी से भरी बोतल रखें
अगर आपका बच्चा कम पानी पीता है तो उसे रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन कराने के लिए उसके पास हमेशा पानी से भरी एक बोतल रखें। बेहतर होगा कि आप इस काम के लिए रंगीन बोतल चुनें क्योंकि इससे बच्चा आकर्षित होगा और खुद ही बार-बार बोतल से पानी पीता रहेगा। यकीन मानिए बच्चों को यह तरीका बहुत पसंद आता है। आप भी अपने बच्चे को रोजाना भरपूर पानी पिलाने के लिए इसे अपना सकते हैं।
पानी को आकर्षक बनाएं
आकर्षक पानी की मदद से भी बच्चे को रोजाना भरपूर पानी पिलाया जा सकता है। पानी को आकर्षक बनाने के लिए इसमें स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और पुदीने की पत्तियां मिलाएं। अगर आपके बच्चे को सिर्फ फलों का जूस पसंद है तो उसे पानी से पतला करके अपने बच्चे को पिलाएं। इसके अतिरिक्त आप चाहें तो जूस को आइस ट्रे में फ्रीज कर सकते हैं और क्यूब्स को सादे पानी में मिलाकर बच्चे को दे सकते हैं।
पानी से भरपूर फल और सब्जियां दें
कुछ फल और सब्जियों का सेवन बच्चों को आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में पानी देने में भी मदद कर सकता है, इसलिए इन्हें बच्चे की डाइट में शामिल करना फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। उदाहरण के लिए, कीवी, संतरा, खीरा और टमाटर जैसे खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में पानी मौजूद होता है। इसके अलावा आप कुछ सूप और जूस आदि को बच्चों की डाइट में शामिल करके भी उन्हें पानी की कमी से बचा सकते हैं।
बच्चों में पानी पीने की होड़ लगाएं
अगर आपका बच्चा पानी पीने में नखरे करता है तो आप उसे खेल-खेल में भरपूर पानी का सेवन करा सकते हैं। इसके लिए खुद के सामने और अपने बच्चे के आगे पानी से भरे गिलास रखें, फिर उसके साथ पानी पीने की होड़ लगाएं। इसके अलावा आप अपने घर के बच्चों में या बच्चों के दोस्तों के बीच में पानी पीने की होड़ लगवा सकते हैं।(एजेंसी)

फिल्म राम सेतु के सेट पर लौटीं जैकलीन फर्नांडिज

जैकलीन फर्नांडिज काफी समय से फिल्म राम सेतु को लेकर चर्चा में हैं। अब सात महीने बाद फिर उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है। जैकलीन ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर कर यह जानकारी दी है। इससे पहले अयोध्या में फिल्म को शूट किया जा रहा था, जहां टीम के कई सदस्य कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। लिहाजा फिल्म की शूटिंग रोक दी गई थी।
जैकलीन फर्नांडिज ने अपनी दो तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, राम सेतु के सेट पर वापसी। इसके साथ उन्होंने एक हार्ट का इमोजी भी बनाया। उनकी इस तस्वीर पर राम सेतु में उनकी को-स्टार नुसरत भरूचा ने लिखा, बेहद खूबसूरत, वहीं, प्रशंसक भी जैकलीन की तस्वीरों पर खूब प्यार लुटा रहे हैं और उन्हें शूट के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। जैकलीन फेस्टिव मूड से बाहर आ चुकी हैं और काम पर फोकस करने के लिए तैयार हैं।
अभिषेक शर्मा के निर्देशन में बन रही फिल्म राम सेतु में भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत से जुड़ी कहानी को पर्दे पर लाया जाएगा। इस फिल्म में अक्षय कुमार पुरातत्त्वविद् का किरदार निभाएंगे। फिल्म में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की कहानी दिखाई जाएगी। इसमें अक्षय के साथ जैकलीन फर्नांडिज और नुसरत भरूचा नजर आएंगी। नुसरत इसमें उनकी पत्नी की भूमिका में होंगी और जैकलीन, अक्षय की टीम मेंबर होंगी, जो मिशन राम सेतु में अक्षय की मदद करती हैं।
इस फिल्म की घोषणा पिछले साल दीवाली के असवर पर हुई थी। अक्षय ने फिल्म का पोस्टर शेयर किया था। इसके साथ उन्होंने लिखा था, इस दीपावली, भारत राष्ट्र के आदर्श और महानायक भगवान श्री राम की पुण्य स्मृतियों को युगों-युगों तक भारत की चेतना में सुरक्षित रखने के लिए एक ऐसा सेतु बनाया, जो आने वाले पीढिय़ों को राम से जोड़ कर रखे। इसी प्रयास में हमारा भी एक छोटा संकल्प है राम सेतु। आपको दीपाध्वली की शुभकामनाएं।
जैकलीन जल्द ही फिल्म अटैक में जॉन अब्राहम के साथ नजर आएंगी। इस फिल्म का निर्देशन लक्ष्य राज आनंद कर रहे हैं। वह निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म सर्कस का भी हिस्सा हैं। इस फिल्म में उनके साथ रणवीर सिंह और पूजा हेगड़े दिखाई देंगी। इसके अलावा जैकलीन फिल्म बच्चन पांडे में भी नजर आएंगी। इस फिल्म में भी वह अक्षय कुमार के साथ नजर आने वाली हैं। हॉलीवुड फिल्म वुमेन्स स्टोरीज को लेकर भी जैकलीन चर्चा में हैं।(एजेंसी)

दुल्हन बनने वाली हैं कुंडली भाग्य फेम श्रद्धा आर्या

धारावाहिक कुंडली भाग्य से घर-घर में लोकप्रिय हुईं अभिनेत्री श्रद्धा आर्या भी जल्द ही शादी के बंधन में बंध जाएंगी। इन दिनों बॉलीवुड और छोटे पर्दे से जुड़े तमाम सितारों के शादी के बंधन में बंधने की खबरें आ रही हैं। अब भले ही श्रद्धा ने खुद अपनी शादी की खबरों पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन कहा जा रहा है कि 16 नवंबर को उनके घर पर शहनाई बजने वाली है।
इस समय अंकिता लोखंडे की शादी को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। अंकिता अपने बॉयफ्रेंड विक्की जैन संग अगले महीने सात फेरे लेने वाली हैं। उनकी खास दोस्त श्रद्धा आर्या भी शादी करने की प्लानिंग कर चुकी हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक, श्रद्धा 16 नवंबर को शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि श्रद्धा ने राहुल नाम के एक शख्स से शादी करने का फैसला किया है, जो नेवी ऑफिसर हैं।
कुंडली भाग्य से जुड़े सूत्र ने बताया कि श्रद्धा अपनी शादी से जुड़ी हर जानकारी सीक्रेट रखना चाहती हैं। कइयों को तो पता भी नहीं है कि वह किससे शादी कर रही हैं। उन्होंने दो हफ्ते की छुट्टी ली हुई है। शादी से पहले श्रद्धा ने हमारे साथ कल ही अपना आखिरी एपिसोड शूट किया है। शादी में सिर्फ कुछ खास लोग ही शामिल होने वाले हैं। श्रद्धा एक निजी समारोह में दुल्हनिया बनने वाली हैं।
श्रद्धा ने 2019 में नच बलिए में खुलासा किया था कि वह जालंधर के बिजनेसमैन आलम मक्कर को डेट कर रही हैं। हालांकि, नच बलिए 9 में आने के दो महीने बाद ही दोनों का ब्रेकअप हो गया था।
34 साल की श्रद्धा आर्या टीवी की उन अदाकाराओं में से हैं, जिनकी फैन फॉलोइंग जबरदस्त है। कुंडली भाग्य से पहले वह मैं लक्ष्मी तेरे आंगन की, तुम्हारी पाखी और ड्रीम गर्ल जैसे कई धारावाहिकों में दिख चुकी हैं, लेकिन कुंडली भाग्य में प्रीता के रोल में लोगों ने उन्हें भरपूर प्यार दिया। आज श्रद्धा आर्या का नाम टीवी की सबसे महंगी अदाकाराओं की लिस्ट में शामिल हैं। श्रद्धा पाठशाला और निशब्द जैसी फिल्मों में भी नजर आ चुकी हैं।(एजेंसी)

संगीत की नि:स्वार्थ सेवा और समर्पण के प्रतीक हैं – पद्म मदन चौहान

परेश कुमार राव –
भारत सरकार अपने नागरिकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए विभिन्न सम्मान प्रदान करती है । विगत कुछ वर्षों में पद्मसम्मान भारत सरकार द्वारा ऐसे कुछ महत्वपूर्ण और बिरले लोगों को प्रदान किया गया है, जिन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़कर, ह्रदयतल की गहराइयों से, नि:स्वार्थ, निष्काम भाव से अपना कर्म किया है, साधना की है, सेवा की है ।
इसी कड़ी में भारत सरकार द्वारा वर्ष-2020 के लिए प्रदत्त पद्मसम्मानों में एक नाम छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय संगीतकार मदन चौहान का भी है । मदन चौहान जी की गायकी एक उन्मुक्त बहते झरनें की तरह है, जिसमें प्रवाह है, सादगी है, मौलिकता है, फकीराना अंदाज है, तो साधना की बानगी भी । संगीत का हर रंग फिर चाहे वो भजन हो, गजल या कव्वाली मदन चौहान जी उसे अपने अंदाज में ढाल लेते है ।
अपनी संगीत यात्रा की शुरुआत का जिक्र करते मदन जी कहते है कि 10 वर्ष की उम्र में वे डब्बे बजाते थे, गरीबी का दौर था, डब्बे से शुरु हुआ सिलसिला ढोलक तक आ पहुंचा, ढोलर बजाते-बजाते आर्केस्ट्रा की तरफ आकर्षित हुए, उम्र का तकाजा था । इसके बाद कुछ लोगों ने सलाह दी कि अगर तबला बजाएं तो बेहतर होगा । तो फिर वहां से तबले की शुरुवात हुई । तबले की आरंभिक शिक्षा आपने आकाशवाणी के कन्हैया लाल भट्ट से और जगन्नाथ भट्ट से ली । आप अजराड़ा घराने के ख्याति लब्ध उस्ताद काले खां को गंड़ाबंध शागिर्द बने । तबला सीखने और सिद्धहस्त होने के बावजूद मदन जी के अंतस में एक गायक कंठ छिपा था, जिसमें गायकी के प्रति निश्चल इच्छा शक्ति थी । पहले-पहल दूसरे लोगों की तरह उन्हें भी फिल्मी संगीत ने प्रभावित किया । महान संगीतकार नौशाद, हेमन्त कुमार की धुनों से वे बंध से गए थे । उसके बाद उन्हें शंकर जयकिशन, मदनमोहन रोशन, सरदार मलिक आदि संगीतकारों ने भी काफी प्रभावित किया ।
मुलत: रायपुर शहर से ताल्लुक रखने वाले मदन जी उस दौर को याद करते कहते हैं कि काफी पिछड़ा व देहाती इलाका था । बिजली भी नहीं थी, सिर्फ रेडियों में सुकर संगीता का आनंद मिलता था । अपनी शिक्षा के बारें में बताते मदन जी कहते हैं कि उन्होंने मैट्रिक तक पढ़ाई की और फिर नौकरी की तलाश में लग गए, लेकिन साथ ही संगीत के शौक ने उन्हें एक मुकाम दिया । मदन जी ने आरम्भिक दौर में संगीत में संगत की फिर रुख किया आर्केस्ट्रा का । आर्केस्ट्रा और फिर तमाम संगीत समूहों के साथ संगत करते-करते आकाशवाणी में भी अपनी जगह बनाई । पुराने दौर को याद करते मदन जी रोचक संस्मरण सुनाते कहते है कि खमतराई में स्थित ट्रांसमीटर से ही प्रसारण होता था आकाशवाणी का । स्टूडियों नहीं बना था । उस दौर में साजों सामान भी कम था, फिर भी रेडियो की अपनी दुनिया थी, लोग रेडियों में आने को लालायित रहते थे ।
मदन जी गर्व से कहते है कि उन्हें सही पहचान रेडियो से ही मिली । अपनी पहली रिकार्डिंग को याद करते वे कहते हैं कि उन्होंने लोकगायक स्व. शेख हुसैन, रहमान शरीफ और निर्मला इंगले जी के साथ संगत की थी और छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में अपनी प्रस्तुति दी है । उन्होंने अपने लोगों के बीच अपना संगीत प्रस्तुत कर गर्व का अनुभव किया, नि:स्वार्थ भाव से लोगों का मनोरंजन करते रहे । लोक संगीत में मदन जी ने काफी काम किया पर सुगम संगीत में नामचीन कलाकारों के साथ संगत की जैसे- राहत अली, चंद्रकांत गधर्व, पुष्पा हंस और अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन अच्छे और बड़े कलाकारों के साथ संगत करते-करते मदन जी का मन गायकी की तरफ मुड़ गया । गाना तो ह्रदय की गहराइयों में था ही, रुहानियत सी की अच्छा संगीत सुनते थे तो बस वही से शुरुवात हुई गाने की । तबले के साथ-साथ अब गाना सुकुन देने लगा, गजलों की तरफ उनका रुझान काफी था । गायन, वादन के साथ-साथ मदन जी अपने साजो कि रख-रखाव के लिए भी जाने जाते हैं, वे कहते हैं कि साज को बेहतर ढंग से रखना और उसके बारे में जानना बेहद जरुरी है ।
संगीत में साधना, तपस्या, समर्पण के साथ मदन जी ने समाज को बहुत कुछ दिया । धर्म-निरपेक्षता की मिसाल पेश करते भजन भी गाए, कव्वाली भी गाई, गुरुवाणी भी सुनाई । बच्चों को संगीत की तालीम लगातार देते रहे । 74 वर्ष की आयु में भी सक्रिय मदन जी कहते है कि क्षेत्र की प्रतिभाएं आगे आएं और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करें, इसके लिए सदैव तत्पर रहते हैं । संगीत में निर्गुण रंग को अपनी अनोखी अभिव्यक्ति देते मदन जी ने सूफीयाना अंदाज को भी अपनाया । कबीर, अमीर खुसरों और मध्यकालीन संत कवियों की रचनाओं का निरंतर गायन किया । अपने बंदिशे खुद तैयार की, अपनी मौलिकता और सादगी के साथ पद्मजैसे उच्च सम्मान के अतिरिक्त आपको कला रत्न, सूफी तारीख, संगीत विभूति जैसे प्रादेशिक सम्मान भी मिले । आपके प्रतिष्ठित दाउ रामचंद्र देशमुख सम्मान भी मिला । सन् 2017 में गायन में आजीवन उपलब्दियों के लिए उन्हें चक्रधर सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के करकमलों से प्राप्त हुआ ।
नि:संदेह मदन चौहान ने अपने संगीत साधना से सुरों को, साजों को, संगीत को नए आयाम दिए हैं । संगीत की निस्वार्थ सेवा और समर्पण से उन्होंने नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा प्रदान की है ।
(लेखक वरिष्ठ उद्घोषक, आकाशवाणी केन्द्र, रायपुर)

आज का राशिफल

मेष : आज के दिन आप सामाजिक कार्यों और मित्रों के साथ व्यतीत करेंगे। आपके मित्रों की मंडली में नए मित्र जुड़ेंगे। मित्रों के पीछे धन खर्च होगा। बुजुर्गों की तरफ से लाभ होगा और उनका सहयोग मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ मानसिक प्रसन्नता बढ़ाएगी। दूर रहनेवाले संतान का शुभ समाचार मिलेगा।

वृषभ : नौकरी में पदोन्नति के समाचार मिलेंगे। उच्च पदाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। सरकारी निर्णय आपके पक्ष में आने से लाभ मिलेंगे। गृहस्थजीवन में सुख. शांति रहेगा। नए कार्यों का आयोजन हाथ में लेंगे। अधूरे कार्य पूरा कर सकेगें। दांपत्यजीवन में मधुरता रहेगी। तंदुरुस्ती बनी रहेगी।

मिथुन : आज आपको थोड़ी प्रतिकूलताओं का सामना करना पड़ेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। जिसके कारण कोई भी कार्य करने का उत्साह मंद रहेगा। नौकरी. धंधा के जगह भी साथी कर्मचारियों का और उच्च पदाधिकारियों का व्यवहार सहयोगपूर्ण न होने से मानसिक हताशा पैदा होगी।

ककर् : आज के दिन आप पर नकारात्मक व्यवहार हावी रहेंगे। क्रोध अधिक रहेगा। स्वास्थ्य के सम्बंध में शिकायत रहेगी। अनैतिक कामवृत्ति और चोरी जैसे विचारों पर संयम रखें, अन्यथा अनिष्ट हो सकता है। आज वाणी पर संयम रखना पड़ेगा। कुटुंबीजनों के साथ झगड़े विवाद होने की संभावना है।

सिंह : आज के दिन आप मनोरंजन तथा घूमने. फिरने में समय व्यतीत करेंगे। फिर भी सांसारिक मामलों के विषय में आपका व्यवहार उदासीन रहेगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है। विपरीत लिंगीय व्यक्तियों के साथ की मुलाकात बहुत आनंददायक नहीं रहेगी।

कन्या : परिवार में आनंद एवं उत्साह का वातावरण रहने से आपका मन भी प्रसन्न रहेगा स्वास्थ्य बना रहेगा। बिमार व्यक्ति की तबीयत में सुधार होने से राहत का अनुभव होगा। कार्य में सफलता और यश मिलेगा। आफिस में सहकर्मीगण सहायक होंगे और व्यापार. धंधे में प्रतिस्पर्धियों और विरोधियों से नुकसान होने की संभावना है।

तुला : आज आप अपनी कल्पनाशक्ति और सृजनशक्ति को अच्छी तरह काम में लगा सकेंगे। बौद्धिक प्रवृत्तियां या चर्चा में भाग लेना आपको पसंद आएगा। संतान की तरफ से शुभ समाचार मिलेगा। उनकी प्रगति होगी। स्त्री मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रिय व्यक्ति के साथ मिलन सुखद रहेगा। अत्यधिक विचारों से मन विचलित बनेगा।

वृश्चिक : आज का दिन शांति से व्यतीत करने की सलाह देते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य तो बिगड़ेगा ही, मानसिक रूप से भी आप स्वस्थ नहीं रह सकोगे। माता के स्वास्थ्य के संबंध में चिंता रहेगी। पारिवारिक सदस्यों के साथ अनबन होने से मन दु:खी होगा।

धनु : आज आप पर गूढ़ रहस्यवाद और आध्यात्मिकता का रंग चढ़ेगा। इसलिए इस विषय में गहरे उतरने का प्रयास करेंगे। नए कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आपका मन प्रसन्न रहेगा। लघु यात्रा की संभावना है। मित्रों और सगे. संबंधियों के साथ की मुलाकात सुखद रहेगी।

मकर : न बोलने में नौ गुण, इस कहावत की यथार्थता को समझकर आप यदि वाणी पर संयम रखेंगे, तो बहुत से अनर्थ होने से रुक जाएंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई में परिश्रम करने पड़ेंगे। नकारात्मक विचारों पर काबू रखने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। दाहिने आंख में तकलीफ होने की संभावना है।

कुंभ : आज का दिन आपके लिए अच्छा साबित होगा। परिवारजनों के साथ सुरुचिपूर्ण भोजन का आनंद उठाएंगें। मित्रों के साथ बाहर घूमने जाने का आयोजन होगा, तो दूसरी तरफ आज आपकी चिंतनशक्ति और आध्यात्मिक शक्ति भी अच्छी रहेगी।

मीन : थोड़े समय में लाभ लेने की लालच छोडऩे और पूंजी निवेश में ध्यान रखने की सलाह है। आज आपके मन की एकाग्रता कम रहेगी। शारीरिक स्वास्थ्य खराब होगा। संतान की समस्या उलझन में डालेगी। स्वजनों से दूर जाने का अवसर आएगा। धार्मिक कार्यों के पीछे खर्च होगा।
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जनप्रतिनिधियों की भी हो लक्ष्मण रेखा..?

लक्ष्मीकांता चावला –
जनता को जानना चाहिए कि उनके जनप्रतिनिधियों को कई विशेष अधिकार मिलते हैं। अगर कोई सरकारी अधिकारी उनको पूरा मान-सम्मान न दे या उनका उचित-अनुचित आदेश न माने तो उसे जनप्रतिनिधि की मानहानि मानकर विधानसभा या संसद के स्पीकर के समक्ष शिकायत की जा सकती है। स्पीकर महोदय बड़े से बड़े अधिकारी को बुलाकर डांट भी सकते हैं, दंड भी दिलवा सकते हैं। शायद इसीलिए जनप्रतिनिधियों का अपने अधिकारों के प्रति विवेकहीन दुराग्रह बन गया है। हाल ही में गुरदासपुर जिले के एक विधायक ने उस व्यक्ति को बुरी तरह थप्पड़ जड़ दिए, जिसने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए अपने विधायक से यह पूछा था कि उनके क्षेत्र में आज तक क्या विकास किया गया। विधायक ने उत्तर थप्पड़ और घूंसे से दिया। ऐसे ही जब मामले की खूब चर्चा हुई, विधायक की निंदा हुई तो स्वांग रचा गया कि प्रश्न करने वाले युवक की शब्दावली अशिष्ट थी। विडंबना कि उस युवक ने माफी मांगी।
कुछ समय पहले इंदौर के एक सत्तापति राजनेता ने जो बाद में विधायक भी बना, एक इंजीनियर को क्रिकेट के बैट से पीट दिया। थोड़ी-सी नाक बचाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व में उसे एक कारण बताओ नोटिस दिया, पर वह राजनीति के बड़े खिलाड़ी का बेटा था। फिर उसके बेटे को पार्टी से निकालने या दंड देने का साहस किसी ने न किया।
ऐसी ही दुर्घटना महाराष्ट्र में भी हुई। वहां भी सत्तापतियों के हाथों एक वरिष्ठ अधिकारी पीटा गया। उसके मुंह पर कीचड़ ही पोत दिया। आखिर क्या अधिकार केवल उनके ही हैं, जिनको अधिकार आम जनता ने दिया। विधायकों और सांसदों को सत्तापति बनाने के लिए जिन्होंने मतदान किया, दुख-सुख में संरक्षण के लिए अपना प्रतिनिधि बनाया, वही इतने उद्दंड हो जाएं कि जब चाहें, जिसे चाहें अपनी सत्ता के नशे में पीट दें, अपमानित करें या मुंह पर कीचड़ या कालिख पोत दें। डराने और धमकाने में भी हमारे जनप्रतिनिधि अनेकश: सभी सीमाएं लांघ जाते हैं। अभी-अभी हरियाणा से एक सांसद ने तो नेताओं का घेराव करने वाले किसानों को यह धमकी भी दे दी कि उनकी आंखें निकाल देंगे। हाथ तोड़ देंगे।
बहुत से मतदाता पूछते हैं कि अगर नेताजी चार या उससे ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों से वोट ले सकते हैं तो हम एक से ज्यादा स्थानों पर वोट क्यों नहीं डाल सकते। इसका उत्तर मिलना भी नहीं, मिला भी नहीं। अगर निष्पक्ष ढंग से सोचा जाए तो जो नेता एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ता है और सभी जगहों से विजयी होने के बाद त्यागपत्र देता है तो वहां पुन: चुनाव करवाने का खर्च सरकार पर क्यों डाला जाए। नियम तो यह होना चाहिए कि वह सारा खर्च वही विधायक या सांसद दे, जिसने एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा और पुन: चुनाव करवाने की स्थिति के लिये मजबूर किया।
सवाल है कि जहां न नेता का वोट है और न उसे उस क्षेत्र की कोई जानकारी है, वहां से चुनाव कैसे लड़ सकता है? आज तक कोई भी सरकार या चुनाव आयोग यह नियम नहीं बना सका कि जनता का प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अपने चुनाव क्षेत्र में ही रहे, जिससे जनता की सुख-सुविधाओं का ध्यान रख सके, उनकी कठिनाइयां दूर कर सके। हमारे देश के सैकड़ों ऐसे विधायक व सांसद हैं जो चुनाव जीतने के बाद अपने क्षेत्र से लगभग गायब रहते हैं। वे जानते हैं कि शायद ही वे इस क्षेत्र में चुनाव की मार्केट में दोबारा उतरें अन्यथा जिस पार्टी को उनकी जरूरत होगी वे स्वयं ही कोई सुरक्षित क्षेत्र चुनाव लडऩे के लिए दे देगी। जनता ठगी-ठगी सी रह जाती है। चुनावों में टिकट देने वाले जानते हैं कि यह पैराशूटी उम्मीदवार जनता के लिए नहीं चुने, अपितु संसद या विधानसभा में हाथ खड़े करने के लिए चुने हैं।
सर्वविदित है कि बहुत से जनप्रतिनिधि पंचायत से लेकर संसद तक जनता से दूर रहते हैं। विधानसभाओं और संसद में कभी उन्होंने जनता के हित के लिए मुंह नहीं खोला। बहुत से तो शायद यह भी नहीं जानते होंगे कि काल अटेंशन और स्थगन प्रस्ताव कैसे बनाए, दिए और पेश किए जाते हैं। सदन में उनकी उपस्थिति भी कम रहती है। एक कालेज विद्यार्थी को 75 प्रतिशत उपस्थिति देना आवश्यक है अन्यथा परीक्षा के लिए अयोग्य माना जाता है, पर इनकी उपस्थिति पांच प्रतिशत भी रहे तो ये माननीय सांसद व विधायक हैं। पूरा वेतन भत्ता लेते हैं। इनसे प्रश्न करने वाला कोई नहीं, क्योंकि ये जनता बेचारी के वोट लेकर वीआईपी हो गए। इसलिए अगर लोकतंत्र को स्वस्थ बनाना है तो जनता को भी ऐसे चुनावी उम्मीदवारों का विरोध करना चाहिए जो फसली बटेरे ज्यादा हैं, जनप्रतिनिधि नहीं। जो चार-चार सीटों पर चुनाव लड़ते हैं और कभी भी अपने चुनाव क्षेत्र से वफादारी नहीं निभाते। जनता को चाहिए कि जागरूक होकर ऐसे चुनावी खिलाडिय़ों को नकार दे जो जनप्रतिनिधि बनने के लिए नहीं, अपितु माननीय और वीआईपी बनने के लिए चुनाव लड़ते हैं।

दौलत उगाते किसान को भी समृद्ध कीजिए

देविंदर शर्मा –
हमें बखूबी पता है कि कोविड महामारी के मायूसी भरे दिनों में कृषि संकटमोचक बनी। इतना ही नहीं, लॉकडाउन के दौरान परिवारों को भोजन की लगातार आपूर्ति भी होती रही और जो लोग खरीदने लायक नहीं थे, उनको मुफ्त राशन भी मिला और इस खेती ने ही अर्थव्यवस्था के पहिए चलाए रखे। ऐसे वक्त पर, जब वित्तीय वर्ष 2020 की पहली तिमाही में आर्थिकी 23.9 प्रतिशत नीचे फिसली थी, जबकि 3.4 फीसदी का सकल मूल्य संवर्धन अर्जित कर कृषि ही एकमात्र चमकता बिंदु रही।
पूरे वर्ष के दौरान खेती ने ठोस आधार प्रदान किए रखा। कोविड-19 से पैदा हुए व्यवधानों के बावजूद, जब आर्थिकी के तमाम अन्य क्षेत्र संघर्ष में फंसे थे और आशान्वित करती संभावना की शिद्दत से जरूरत थी, ऐसे में कृषि ने 3.08 करोड़ टन खाद्यान्न पैदा कर रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज करवाया। 2020-21 की यह बंपर उपज पिछले फसल चक्र की बनिस्बत 1.15 करोड़ टन ज्यादा थी। यही नहीं, देश में 32.9 करोड़ टन फल, सब्जियां, सुगंधित फूल, मसालों के अलावा 20.4 करोड़ टन दूध और 3.61 करोड़ टन तिलहन का उत्पादन भी हुआ।
सरल शब्दों मे कहें तो किसान ने देश के लिए दौलत उगाई। यह न सिर्फ महामारी के दौरान हुआ बल्कि साल-दर-साल हो रहा है। यह बात काबिलेतारीफ है कि कृषकों की कड़ी मेहनत से हमारी मेजों तक भोजन पहुंच पाता है। बात ज्यादा पुरानी नहीं है। 1960 के दशक तक भी आलम यह था कि भारतवासियों को दो जून की रोटी के लाले पड़े रहते थे। लेकिन बलिहारी जाएं किसानों पर, जिन्होंने देश को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बना डाला और इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता। कृषि ने बड़ी कुलांचे भरी और खाद्यान्न उत्पादकता में वर्ष 1950-51 के मुकाबले 2020-21 तक 6 गुणा लंबी छलांग लगाई है।
एक जीवंत खेती वह होती है जो बढ़ती आर्थिक तरक्की के साथ बढ़े। लेकिन यह यकीन करना कि केवल आर्थिक प्रगति के सहारे भूख और कुपोषण की समस्या को हल किया जा सकता है तो यह एक वहम है। जैसा कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने खुद माना है कि बेशक आर्थिक विकास जरूरी है लेकिन यह अपने आप में भूख और कुपोषण घटाने में गति नहीं ला सकता। ‘द लांसेटÓ विज्ञान पत्रिका में छपे एक अध्ययन के मुताबिक विकासशील देशों में आर्थिक विकास दर में 10 फीसदी का इजाफा होने पर भी कुपोषण में ज्यादा से ज्यादा 6 फीसदी की कमी हो पाई है। वहीं दूसरी ओर वे देश जिनके नागरिकों को अच्छी खुराक मुहैया है, वहां कुशल और उत्पादक श्रमशक्ति बनती है जो कि उच्च आर्थिक विकास पाने को जरूरी है।
वर्ष 1950-51 से लेकर यदि जनसंख्या वृद्धि के हिसाब से देखें तो भारत की आबादी लगभग 4 गुणा बढ़ी है, जो 35.9 करोड़ से 140 करोड़ तक पहुंच गई है। लेकिन भारतीय कृषि ने न केवल जनसंख्या वृद्धि के मुकाबले अपनी रफ्तार कायम रखी बल्कि ‘माल्थुसियन कैटास्ट्रोफÓ नामक सिद्धांत (उपज से कहीं ज्यादा खाने वाले मुंह) को इस कदर गलत सिद्ध कर दिया कि कल्पनातीत अतिरिक्त अनाज पैदा कर दिखाया। यह इजाफा सिर्फ देश का पेट भरने लायक अन्न पैदा करने तक सीमित नहीं था, इसके अलावा फल, सब्जियां और दूध में प्रति व्यक्ति हुई बढ़ोतरी ने कुपोषण और अपरोक्ष भुखमरी को कम करने में काफी मदद की है। हालांकि भुखमरी आज भी देश के कुछ भागों में व्याप्त है, लेकिन इसके पीछे का कारण खाद्यान्न उत्पादन में कमी न होकर वंचितों तक पंहुच और वितरण की जुड़वां खामियां है।
यदि प्रगति और सपन्नता एडम स्मिथ के मौलिक अध्ययन का मुख्य केंद्र बिंदु था, जो कि राष्ट्रों की अमीरी के पीछे के कारणों और प्रकृति को लेकर था तो यह मानना पड़ेगा कि भारतीय कृषि में हुआ उल्लेखनीय परिवर्तन वह है जिसने न केवल देश की दौलत में योगदान दिया बल्कि इसमें इजाफा किया है। आज आवश्यक भोजन जैसे कि गेहूं, चावल, फल, दूध और दालों के उत्पादन में भारत दुनियाभर में दूसरे पायदान पर है, यह तमाम रिकॉर्ड उपलब्धियां भारतीय किसानों द्वारा भरी गई बड़ी कुलांचे दर्शाता है, तथापि यह प्राप्ति उनके लिए ऊंची आमदनी में तबदील न हो पाई। इस मामले में वृद्धि खेती की समृद्धि नहीं बन पाई।
जिस अदृश्य हाथ का उल्लेख एडम स्मिथ ने किया है, वह दरअसल किसान को गुजारे लायक आमदनी देने तक में असफल रहा है। यह त्रासदी केवल भारत की नहीं बल्कि दुनियाभर की है। किसानी से होने वाली आमदनी साल-दर-साल कैसे सिकुड़ती गई, कैसे मुक्त मंडियों ने कृषकों की कमाई हड़प ली है, यह जानने के लिए किसी परिष्कृत अर्थशास्त्र ज्ञान की जरूरत नहीं है। इसकी बजाय, जैसा कि इस साल अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता ने अपने लेख में स्वयं कबूल किया है ‘कारण और प्रभाव का निष्कर्ष नैसर्गिक प्रयोगों से निकाला जा सकता है।Ó इस कथन से सहमत होते हुए मुझे लगता है कि जब आसानी से उपलब्ध साक्षात सबूतों के जरिए निष्कर्ष निकाला जा सकता है तो इसके लिए अर्थशास्त्रियों को जटिल अर्थ-समीकरण वाले अध्ययन करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
खाद्य एवं कृषि संगठन के वर्ष 2008 के आकलन के मुताबिक (रिपोर्ट मार्च, 2021 में जारी की गई है) भारत के खाद्यान्न उपज का मूल्य लगभग 28,98,02,032 मिलियन डॉलर था, वहीं सकल कृषि उत्पादों की कीमत 40,07,22,025 मिलियन डॉलर रही है। इस मामले में चीन (418541343 मिलियन डॉलर) के बाद भारत दूसरे स्थान पर है। अब इससे पहले कि आप इन आंकड़ों की भूलभुलैया में खो जाएं, यहां पर गौर करना बहुत महत्वपूर्ण है कि किसानों ने इतना हैरतअंगेज सरमाया पैदा किया है और कृषि क्षेत्र कुल मिलाकर कितनी कीमत का उत्पादन करता है। दूसरे शब्दों में किसान दौलत उगाने वाला है।
इसलिए आर्थिक नीतिकारों को अपनी सोच में तबदीली लाने की जरूरत है, वह जिन्हें रिवायती तौर पर यही यकीन रहा है कि केवल व्यापार-धंधे (बड़े हों या छोटे) सिर्फ दौलत बनाते हैं। जिस किस्म की आर्थिक असमानता आज व्याप्त है, वह इसी पुरानी पड़ चुकी आर्थिक सोच का नतीजा है। वरना, मुझे कोई कारण समझ नहीं आता कि ऐसे समय पर, जब वर्ष 1999 के बाद से सकल कृषि उत्पादों की वार्षिक वृद्धि दर 8.25 प्रतिशत रही है, तो फिर आमदनी में किसान सबसे निचले पायदान पर कैसे हो सकता है। अमेरिका में भी वर्ष 2018 में कृषि उत्पादों से होने वाली आय में किसान के हिस्से आने वाला अंश घटकर महज 8 फीसदी रह गया है। भारत में, सिचुएशन एसेस्मेंट सर्वे की नवीनतम रिपोर्ट में खेती से कृषक परिवार की रोजाना आय सिर्फ 27 रुपये आंकी गई है।
यह दिखाने को काफी सबूत हैं कि मुक्त मंडी व्यवस्था ने दुनियाभर में कृषि-आय को किस कदर उजाड़ा है। इसको बदलना होगा। यह तभी संभव है जब हम किसान को मूलत: सिर्फ एक ‘उगाने वालेÓ की तरह न लेकर ‘दौलत पैदा करने वालाÓ मानें, ताकि समृद्धि लाने में उनके योगदान को माकूल कीमत मिल पाए। विश्वभर में खेती से आजीविका चलाने वालों को जिलाए रखने, दौलत पैदा करने में उनकी भूमिका को सम्मान देने के लिए, ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ेगी जो किसानों को जिंस का आश्वासित और मुनाफादायक मूल्य की गारंटी सुनिश्चित करे।

आज का राशिफल

मेष : घर-परिवार और संतानों के मामले में आज आपको आनंद और संतोष की भावना का अनुभव होगा। आज आप सगे. सम्बंधियों और मित्रों से घिरे रहेंगे। व्यापार. धंधे के सम्बंध में प्रवास होगा और उसमें लाभ होगा। व्यवसाय के क्षेत्र में आपको लाभए मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। नौकरी में पदोन्नति मिलेगी।

वृषभ : व्यापारियों के लिए आज का दिन शुभ है। वे नए आयोजनों को हाथ में ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे। विदेश में रहने वाले मित्रों या स्वजनों का समाचार आपको भावविभोर करेगा। लंबी दूरी की यात्रा का योग है।

मिथुन : बदनामी और निषेधात्मक विचारों से दूर रहना हितकर रहेगा। अत्यधिक खर्च से आर्थिक तंगी अनुभव करेंगे। पारिवारिक सदस्य और आफिस में सहकर्मियों के साथ मनमुटाव या विवाद के प्रसंग बनेंग, जिसके कारण मन खुन्न बनेगा। बीमार मरीज़ को नई चिकित्सा और आपरेशन न कराने के लिए कहते हैं

कर्क : आज का दिन सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्र में आपके लिए लाभदायक साबित होगा। मौजशौक के साधन, उत्तम आभूषण और वाहन की खरीदारी करेंगे। मौजमस्ती और मनोरंजन की प्रवृत्तियों में समय व्यतीत होगा। इसके साथ ही विपरीत लिंगीय व्यक्ति के साथ की रोमांचित मुलाकात से सुख अनुभव करेंगे।

सिंह: उदासीन वृत्ति और संदेह के बादल का आपके मन पर घिरे होने से मानसिक राहत नहीं अनुभव करेंगे। फिर भी घर में शांति का वातावरण होगा। दैनिक कार्यों में थोड़ा अवरोध आएगा। अधिक परिश्रम करने के बाद अधिकारियों के साथ वाद. विवाद में न पड़ें।

कन्या : चिंताए उद्वेगपूर्ण आज का दिन आपको किसी न किसी कारण से मन में चिंता रहा करेगी। विशेष रूप से संतानों और स्वास्थ्य के बारे में आप अधिक चिंतित होंगे। पेट संबंधी बीमारियों की शिकायत रहेगी। विद्यार्थियों की पढ़ाई में कठिनाइयां आएंगी आकस्मिक धन खर्च आ सकता है।

तुला: आज आप अत्यधिक भावनाशील बनेंगे और उसके कारण मानसिक अस्वस्थता अनुभव करेंगे। माताजी के साथ सम्बंध बिगड़ेंगे अथवा माताजी के स्वास्थ्य के सम्बंध में चिंता होगी। यात्रा के लिए वर्तमान समय अनुकूल नहीं है। कौटुंबिक और जमीन. जायदाद से सम्बंधित चर्चाओं में सावधानी रखने की आवश्यकता है।

वृश्चिक : कार्य सफलता, आर्थिक लाभ और भाग्यवृद्धि के लिए अच्छा दिन है। नए कार्य की शुरुआत भी कर सकते हैं। भाई. बंधुओं का व्यवहार आज अधिक सहयोगपूर्ण और प्रेमपूर्ण रहेगा। प्रतिस्पर्धियों को परास्त कर सकेंगे। प्रियव्यक्ति के साथ मिलन होने से मन आनंद का अनुभव करेगा। लघु यात्रा होगी।

धनु : निरर्थक धन खर्च होगा। विलंब से कार्य पूरा होगा। महत्त्वपूर्ण निर्णय लेना हितकर नहीं हैं। पारिवारिक सदस्यों के साथ गलतफहमी टालने का प्रयास करना पड़ेगा। दूर बसनेवाले मित्र या स्नेही का सामना करना पड़ेगा। दूर बसनेवाले मित्र या स्नेही के समाचार या संदेश व्यवहार आपको लाभदायक साबित होंगे।

मकर : ईश्वर के नाम स्मरण से आपके दिन का शुभारंभ होगा। धार्मिक कार्य और पूजा पाठ होंगे। गृहस्थजीवन में आनंदमय वातावरण रहेगा। आपका हरेक कार्य सरलता से पूरा होगा। मित्रों, सगे संबंधियों की तरफ से भेंट सौगात मिलेंगे, शारीरिक, मानसिक रूप से प्रफुल्लित रहेंगे।

कुंभ : जमानती न होने तथा पैसे की लेन.देन न करने की सलाह देते हैं। खर्च में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य के मामले में ध्यान रखें। परिवारजनों के साथ संघर्ष में उतरने का अवसर आएगा। किसी के साथ गलतफहमी होने से झगड़ा होगा। क्रोध को नियंत्रण में रखना पड़ेगा।।

मीन : आज आपके लिए लाभदायक दिन है। नौकरी व्यवसाय के क्षेत्र में आय वृद्धि होगी। बुजुर्ग वर्ग और मित्रों की तरफ से आपको कुछ लाभ होगा। नए मित्र बनेंगे, जिनकी मित्रता भविष्य के लिए लाभदायक साबित होगी। मांगलिक अवसरों में जाना होगा।

चीन की तर्ज पर आर्थिकी सर्जरी के सबक लें

भरत झुनझुनवाला –

चीन इस समय तीन संकटों से जूझ रहा है। पहला संकट बेल्ट एंड रोड परियोजना या बीआरआई का है। बीते दो दशकों में चीन ने सम्पूर्ण विश्व को माल निर्यात किया है और चीन को भारी मात्रा में आय हुई है। इस रकम का निवेश करना जरूरी था। चीन ने इसका उपयोग बीआरआई में किया है। इससे चीन के निर्यातकों को आसानी होगी क्योंकि चीन का माल दूसरे देशों में आसानी से पहुंच सकेगा। साथ-साथ चीन की निर्माण कंपनियों को भी बड़े ठेके मिलेंगे। लेकिन दूसरे देशों पर बीआरआई का प्रभाव संदिग्ध है। विश्व बैंक के अनुसार चीन से यूरोप को जाने वाली बीआरआई पर कजाखस्तान और पोलैंड में निर्माण की गतिविधियां बढ़ी हैं।
लेकिन बीआरआई में भ्रष्टाचार व्याप्त है। चीन की नौकरशाही द्वारा परियोजनाओं की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है और पर्याप्त रकम का रिसाव कर लिया जाता है। इस दृष्टि से मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने बीआरआई को ‘नया उपनिवेशवाद’ बताया है। म्यांमार ने कुछ बंदरगाह परियोजनाओं को निरस्त किया है। अन्य तमाम देशों ने परियोजनाओं के आकार में बदलाव की मांग की है। इसलिए बीआरआई के दो परस्पर विरोधी संकेत उपलब्ध हैं। एक तरफ कजाखस्तान और पोलैंड जैसे देशों को लाभ हो रहा है जबकि दूसरी तरफ मलेशिया जैसे देश इसका विरोध कर रहे हैं। इन दोनों परस्पर विरोधी संकेतों के बीच चीन को बीआरआई की सर्जरी करनी होगी, जिसमें केवल कुशल परियोजनाओं को लागू किया जाए और परियोजनाओं में रिसाव पर नियंत्रण किया जाए। फिलहाल चीन यह सर्जरी नहीं कर रहा है। इसलिए बीआरआई पर संकट विद्यमान रहने की संभावना है।
चीन का दूसरा संकट एवरग्रैंड नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी और दूसरी इसी तरह की विशाल कंपनियों का है। इन कंपनियों ने भारी मात्रा में लोन लिए थे। एवरग्रैंड ने भारी मात्रा में बहुमंजिले रिहायशी मकान बनाए लेकिन कोविड संकट के कारण इनकी बिक्री नहीं हो सकी। फलस्वरूप यह कंपनी लोन से दब गई और समय के अनुसार रिपेमेंट नहीं कर पा रही थी। इस तरह की कंपनियों के डूबने से संपूर्ण अर्थव्यवस्था में संकट पैदा न हो, इसलिए शी जिनपिंग ने नियम बनाया कि किसी भी कंपनी को लोन तब ही दिए जायेंगे जब वे तीन शर्तों को पूरा करेंगी।
पहली शर्त थी कि कंपनी की कुल संपत्ति, कंपनी द्वारा लिए गए कुल लोन से अधिक होनी चाहिए। दूसरी शर्त थी कि कंपनी के पास अल्प समय में लोन के रिपेमेंट को जितनी रकम की जरूरत है, उससे अधिक नकद उपलब्ध होना चाहिए। तीसरी शर्त थी कि कंपनी के अपनी पूंजी या शेयर कैपिटल की तुलना में लिया गया लोन कम होना चाहिए। जिन कंपनियों द्वारा इन तीनों शर्तों को पूरा किया जाता था, केवल उन्हीं को बैंक लोन दे सकते थे। एवरग्रैंड इन तीनों ही शर्तों को पूरा नहीं कर सकी। फलस्वरुप एवरग्रैंड को नए लोन नहीं मिल सके। वह लिए गए लोन का रिपेमेंट नहीं कर सकी क्योंकि उसके द्वारा बनाए गए रिहायशी मकान बिक नहीं रहे थे। इस संकट से उबरने के लिए एवरग्रैंड को अपनी संपत्तियों को कम मूल्य पर बेचना पड़ा।
चीन की सरकार ने सार्वजनिक इकाइयों को आदेश दिए कि एवरग्रैंड की संपत्तियों को वे कम दाम पर खरीद सकते हैं। इस प्रकार भारी भरकम लोन से दबी हुई एवरग्रैंड कंपनी को अपनी संपत्तियां बेचकर अपने को हल्का बनाना पड़ रहा है। यदि सरकार इस प्रकार का सख्त कदम नहीं उठाती तो बैंक इस कंपनी को और लोन देते रहते और आने वाले समय में यह बड़े संकट के रूप में संपूर्ण चीन की अर्थव्यवस्था को डुबा सकती थी। इसलिए चीन द्वारा अपनी वित्तीय अर्थव्यवस्था की सर्जरी की गई है, ऐसा मानना चाहिए। यह शुभ संकेत है क्योंकि स्वयं अपने ऊपर लाये गए इस छोटे संकट से चीन अपनी अर्थव्यवस्था को भविष्य में बड़े संकट से बचा सकेगा।
वर्तमान में चीन के सामने तीसरा संकट बिजली का है। इसका कारण यह है कि शी जिनपिंग ने प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल संयंत्रों द्वारा वायु के प्रदूषण किए जाने पर रोक लगाई है। कोयले से बिजली उत्पादन करने वाले कई संयंत्र बंद हो गए हैं और बिजली का संकट पैदा हो गया है। नशेड़ी को गुटखा न दिया जाए तो वह पस्त हो जाता है। इसी प्रकार वायु प्रदूषण के नशे में धुत चीन की अर्थव्यवस्था को प्रदूषण पर रोक लगाने से यह संकट पैदा हुआ है। यह भी चीन के लिए शुभ संकेत है। प्रदूषण कम होने से अर्थव्यवस्था मूलत: सुदृढ़ होती है। ऊर्जा का कुशल उपयोग होता है और लम्बे समय में सस्ता माल बनाया जाता है। बिजली महंगी होगी तो बिजली का सदुपयोग होगा और अंत में चीन की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
चीन के तीन संकटों में एवरग्रैंड का वित्तीय संकट और पावर कट का संकट इसलिए पैदा हुआ है कि चीन स्वयं अपनी सर्जरी कर रहा है। बीआरआई की सर्जरी फिलहाल चीन करता नहीं दिख रहा है लेकिन यदि इसकी भी सर्जरी करेगा तो चीन उस संकट से भी सुदृढ़ता से निकलेगा। इस परिस्थिति में भारत को चीन द्वारा उठाए गए कदमों से सीख लेनी चाहिए। पहला यह कि अपने देश में थर्मल बिजली संयंत्रों और जल विद्युत परियोजनाओं द्वारा भारी मात्रा में प्रदूषण किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाने से हमारी अर्थव्यवस्था कुशल होगी। भारत सरकार फिलहाल सस्ती बिजली के लिए प्रदूषण को छूट दे रही है जो कि अर्थव्यवस्था को डुबाएगी।
फिर भी भारत सरकार ने वित्तीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सही कदम उठाए हैं। बड़ी संकटग्रस्त कमजोर कंपनियों को भारतीय बैंकों से लोन मिलने कम हो गए हैं और आने वाले समय में वित्तीय संकट भारत पर उत्पन्न नहीं होगा। लेकिन बिजली के क्षेत्र में भारत को चीन की तरह अपनी सर्जरी करनी होगी अन्यथा हम आने वाले समय में चीन से पिछड़ जाएंगे।
लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।

स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है चाय का अधिक सेवन, हो सकती हैं ये समस्याएं

सुबह-सुबह चाय की चुस्की लेना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है क्योंकि यह आलस को दूर भगाने में काफी मदद करती है। हालांकि, कहते हैं कि किसी भी चीज की अति नुकसान का कारण बनती है। यह नियम आपकी चाय पीने की आदत पर भी लागू होता है। अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो इससे आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में जानते हैं।

नींद की समस्या

यह समस्या आपको चाय का अधिक सेवन करने के अलावा गलत समय पर चाय पीने से उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, शाम के बाद चाय पीना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खासकर, अगर आप रात का खाना खाने के बाद चाय का सेवन करते हैं तो यह वास्तव में आपके नींद के पैटर्न को प्रभावित करके लंबे समय तक जागने पर मजबूर कर सकता है।

लिवर की बीमारियां

चाय का अधिक सेवन लिवर के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है और इसे कमजोर कर सकता है। दरअसल, चाय कैफीन युक्त होती है, जो शरीर में पहुंचकर शरीर की तंत्रिकाओं और कोशिकाओं में सूजन पैदा करता है, जिसकी वजह से लिवर कमजोर होने लगता है। इसके अलावा इसका अधिक सेवन करने से फैटी लिवर की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप रोजाना सीमित मात्रा में ही चाय का सेवन करें।

सिरदर्द और चिड़चिड़ापन

सिरदर्द, एंग्जायटी, तेज धड़कन, शारीरिक अकडऩ या चिड़चिड़ापन आदि लक्षण कुछ दिनों तक लगातार सामने आएं तो समझ जाइए कि आप चाय का अधिक सेवन करने लगे हैं। ये सभी चाय में मौजूद कैफीन की अधिक मात्रा के कारण होते हैं। अगर आपको लगातार इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो बेहतर होगा कि इस स्थिति में आपको अपने चाय के सेवन की मात्रा पर ध्यान देना चाहिए।

पेट संबंधी समस्या

अगर आपको अधिक चाय पीने की आदत हैं तो इसकी वजह से आपको अकसर सीने में जलन के साथ-साथ पेट संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप चाय के सेवन को सीमित करने के साथ-साथ इसका सही समय पर सेवन भी करें, ताकि किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से आप बच सकें क्योंकि यहां बात आपके स्वास्थ्य से संबंधित है।

आपके कई कामों को आसान बना देंगे बॉडी लोशन से जुड़े ये हैक्स

बॉडी लोशन को स्किन केयर रूटीन का हिस्सा बनाना काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि यह त्वचा की प्राकृतिक नमी के बरकरार रखने और इसे हाइड्रेट रखने में काफी मदद करता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। आप चाहें तो घर के अलग-अलग कामों के लिए और अन्य चीजों के विकल्प के तौर पर बॉडी लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए फिर आज बॉडी लोशन से जुड़े ऐसे ही कुछ हैक्स जानते हैं।
बालों की कंडीशनिंग करने में है सहायक
रूखे बालों से परेशान लोगों के लिए बॉडी लोशन का इस्तेमाल करना काफी बेहतर हो सकता है क्योंकि यह कई ऐसे पोषक गुणों से समृद्ध होता है, जो बालों को नमी प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए बस आप बॉडी लोशन का इस्तेमाल बालों को कंडीशनर करने के लिए करें। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना है कि बॉडी लोशन मार्केट की बजाय होममेड होना चाहिए। इसी के साथ बॉडी लोशन का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें।
जूते चमकाएं
आप चाहें तो बॉडी लोशन का इस्तेमाल जूतों को चमकाने के लिए भी कर सकते हैं। अगर आपके जूतों की पॉलिश खत्म हो गई है तो इन्हें चमकाने के लिए जूते पॉलिश करने वाले ब्रश पर थोड़ा सा बॉडी लोशन डालें और इसे जूतों पर अच्छे से रगड़े। इससे आपके जूते एकदम नए जैसे चमकने लगेंगे। आप चाहें तो अपने लेदर के बैग या फिर बेल्ट को चमकाने के लिए भी बॉडी लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बतौर शेविंग क्रीम करें इस्तेमाल
कई लोग शेविंग क्रीम खत्म होने पर साबुन का इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन इससे त्वचा रूखी लगने लगती है। इस काम के लिए बॉडी लोशन का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे त्वचा मॉइश्चराइज होती है। इसके अलावा, इसकी मदद से ब्लेड से त्वचा के कटने का डर भी नहीं रहता। इसके लिए शेविंग करते समय बॉडी लोशन को अपनी दाढ़ी वाले हिस्से पर लगाएं, फिर रेजर से अनचाहे बालों को साफ करें।
मेकअप साफ करने के आए काम
रात को सोने से पहले अगर मेकअप न साफ किया जाए तो इससे त्वचा का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। अगर आपके पास मेकअप रिमूवर नहीं है तो आप मेकअप हटाने के लिए बॉडी लोशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए मेकअप वाले चेहरे पर थोड़ा सा बॉडी लोशन लगाकर थोड़ी मसाज करें। इसके बाद अपने चेहरे को टिश्यू पेपर से पोंछ लें और अंत में अपना चेहरा पानी से धो लें।

चिरंजीवी की भोला शंकर में अहम भूमिका निभाएंगी तमन्ना

तेलुगु फिल्म भोला शंकर की यूनिट, (जिसमें मेगास्टार चिरंजीवी मुख्य भूमिका में हैं) उन्होंने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि अभिनेत्री तमन्ना भाटिया इस प्रोजेक्ट में शामिल हो गई हैं। यूनिट ने ट्विटर पर अभिनेत्री का स्वागत करते हुए एक पोस्टर ट्वीट किया।
तमन्ना ने फिल्म का हिस्सा होने के लिए अपने खुद के एक ट्वीट के साथ ट्वीट का जवाब दिया।
उन्होंने कहा, मेगा मैसिव मूवी भोलाशंकर का हिस्सा बनकर सम्मानित और खुश हूं। एक बार फिर चिरंजीवी सर के साथ स्क्रीन साझा करने का इंतजार नहीं कर सकती!
मेहर रमेश द्वारा निर्देशित इस फिल्म का निर्माण अनिल सुनकारा कर रहे हैं।
निर्देशक मेहर रमेश ने घोषणा की है कि फिल्म की शूटिंग 15 नवंबर से शुरू होगी।
इंडस्ट्री में फैलने वाली अफवाहें बताती हैं कि भोला शंकर तमिल फिल्म वेदलम की रीमेक होगी, जिसमें अजित, लक्ष्मी मेनन और श्रुति हासन मुख्य भूमिका में थे।
जहां कीर्ति सुरेश को तेलुगु वर्जन में बहन की भूमिका निभाने के लिए चुना गया है, वहीं तमन्ना को अब श्रुति हासन का किरदार निभाने के लिए चुना गया है।

बिग बॉस ओटीटी फेम उर्फी जावेद ने की बोल्डनेस की हदें पार

बिग बॉस ओटीटी फेम उर्फी जावेद सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन अपनी बोल्ड लुक में तस्वीरें शेयर करती रहती हैं.
उर्फी जावेद सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती हैं. वह अपने बोल्ड लुक की वजह से कई बार ट्रोल्स के निशाने पर भी आ जाती हैं. उर्फी आए दिन अपनी बोल्ड तस्वीरें शेयर करती रहती हैं. उर्फी का बोल्ड लुक देखकर फैंस दीवाने हो जाते हैं. इस बार फिर उन्होंने बोल्ड तस्वीरें शेयर की हैं. उर्फी ने एनिमल प्रिंट की ब्रालेट पहनी हुई है साथ ही उसी तरह का स्कार्फ कमर पर लपेटा हुआ है. उर्फी ने फोटोज शेयर करते हुए लिखा- मुझे गोवा जाना है. हमेशा से बीच बेबी हूं. कमेंट करके अपनी फेवरेट बीच डेस्टिनेशन बताओ. उर्फी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. कुछ ही घंटों में हजारों फैंस लाइक कर चुके हैं. एक फैन ने लिखा- साथ चलते हैं. वहीं दूसरे फैन ने लिखा- उफ्फ् कमाल कर दिया. उर्फी ने इससे पहले ही बैकलेस ड्रेस में फोटोज शेयर की थीं. जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं थीं.
हाल ही में उर्फी जावेद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से रेड कलर की ड्रेस पहने हुए कुछ तस्वीरें शेयर की. तस्वीरों में उनके ड्रेस की एक साइड की स्ट्रिप नीचे की ओर गिरी हुई दिखाई दे रही है. उर्फी की अपनी इस रेड ड्रेस में अपने अंडरगारमेंट्स भी दिखती हुई नजर आ रही हैं। उर्फी का सोशल मीडिया अकाउंट ऐसे ही बोल्ड और हॉट तस्वीरों से भरा हुआ है. उर्फी की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर बहुत वायरल होती हैं. साथ ही इनके पोस्ट में ढ़ेर सारे कमेंट भी आते रहते हैं.

आज का राशिफल

मेष : आपके किसी कार्य या प्रोजेक्ट में सरकार की तरफ से लाभ मिलेगा। आफिस में महत्त्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में उच्च पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श होंगे। आफिस के कामकाज के हेतु प्रवास जाना होगा। कार्यभार बढ़ेगा। पारिवारिक मामले में गहरी रुचि लेकर सदस्यों के साथ विचार- विमर्श करेंगे।

वृष : विदेश गमन के लिए सुनहरे अवसर आएंगे। विदेश बसने वाले स्नेही या मित्र का समाचार मिलेगा। व्यापारियों को व्यापार में धन लाभ होगा। नए आयोजन हाथ में ले सकेंगे। लंबी दूरी की यात्रा होगी, तीर्थ यात्रा की मुलाकात होगी। आध्यात्मिकता में प्रगति कर सकेंगे। संतानों की प्रगति होगी।

मिथुन : गुस्से की भावना आपको हानि पहुंचा सकती है। बीमार व्यक्ति नई चिकित्सा या आपरेशन न करवाएं। बदनामी न हो इसका ध्यान रखें। कम बोलकर वाद-विवाद या मनमुटाव दूर कर सकेंगे। खर्च की मात्रा बढ़ेगी। स्वास्थ्य खराब होगा।
ककर्: संवेदनशीलता और प्रेम की भावनाओं से हरा-भरा मन आज विपरीत लिंगीय पात्रों की तरफ अधिक आकर्षित होगा। वैभवी मौज-शौक की वस्तुएं नए वस्त्राभूषण तथा वाहन वगैरह की खरीददारी होगी। उत्तम दांपत्यजीवन मिलेगा। व्यापारियों को विदेश के साथ के व्यापार में लाभ होगा।

सिंह : संदेह की भावना आपके मन को बेचैन बनाएंगे। दैनिक कार्य विलंब से पूरे होंगे। परिश्रम तो अधिक करेंगे, परंतु फल कम मिलेगा। नौकरी में संभलकर रहें। साथियों का सहयोग कम मिलेगा। ननिहाल पक्ष की तरफ से चिंताजनक समाचार आएगा। शत्रुओं से टक्कर लेना पड़ेगा।

कन्या : आज का दिन चिंता और उद्वेग से परिपूर्ण होगा। अचानक धन लाभ होगा। बौद्धिक चर्चाओं और समझौते में सफलता मिलेगी। प्रिय व्यक्ति के साथ मिलाप होगा। अत्यधिक कामुकता के कारण विपरीत लिंगीय व्यक्ति के प्रति आकर्षण अनुभव करेंगे।

तुला : आज के दिन सावधान रहें। विचारों की भरमार आपको मानसिक रूप से स्वस्थ बनाएगी। माता और स्त्रीवर्ग संबंधी चिंता सताएगी। आज के दिन यात्रा स्थगित रखें। समय से भोजन और पर्याप्त, नींद न आने के कारण शरीर में अस्वस्थता अनुभव होगा।

वृश्चिक : कार्यसफलता, आर्थिक लाभ और भाग्यवृद्धि का योग है। भाई-बहनों के साथ कौटुंबिक चर्चा और आयोजन होंगे। तन-मन में स्फूर्ति और आनंद अनुभव होगा। मित्रों तथा सगे-संबंधियों का घर पर आगमन होने से आनंद होगा। गूढ़ विद्याओं के अध्ययन में रुचि होगी।

धनु : परिजनों के साथ होने वाली गलतफहमी से बचें। व्यर्थ में धन खर्च होगा। मानसिक उचाट और दुविधा के कारण महत्त्वपूर्ण निर्णय नहीं ले सकेंगे। कार्यों में निर्धारित सफलता नहीं प्राप्त कर सकेंगे। दूर के स्थानों में दूर संचार द्वारा संपर्क होगा और वह लाभदायक रहेगा।

मकर : परिवार में मंगलकारी वातावरण रहेगा। दोस्तों और सगे-संबंधियों की तरफ से भेंट- उपहार मिलने से आनंद अनुभव करेंगे। कार्य सरलता से पूर्ण होंगे। नौकरी-धंधा में लाभ होगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। फिर भी गिरने या चोट लगने से संभलें।

कुंभ : पैसे की लेन-देन या जमानत आपको फंसा न दे, इसका ध्यान रखें। एकाग्रता का अभाव मानसिक अस्वस्थता बढ़ाएगा। स्वास्थ्य के संबंध में प्रश्न खड़े होंगे। पैसे का निवेश गलत जगह न हो, इसका ध्यान रखें। पारिवारिक सदस्यों के साथ अनबन होगा। गलतफहमी दुर्घटना आदि से बचते रहें।

मीन : समाज में अग्रिम स्थान प्राप्त कर सकेंगे। सामाजिक कार्यों में भाग लेने जाना होगा। बुजुर्गों और मित्रों का सहयोग मिलेगा। मित्रमंडल में नए मित्र जुड़ेंगे। नौकरी- व्यवसाय में आय वृद्धि का योग है। संतान और पत्नी की तरफ से लाभ होगा। मांगलिक प्रसंग आयोजित किए जाएंगे।

‘ई-हिरासत प्रमाणपत्र’ से जगी उम्मीदें

अनूप भटनागर
कैदी की रिहाई के आदेश पर अमल में विलंब संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त वैयक्तिक स्वतंत्रता को प्रभावित करता है। कैदियों के वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए न्यायपालिका आवश्यक कदम उठा रही है। लेकिन यह भी सही है कि उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय से जमानत याचिका स्वीकार होने के न्यायिक आदेश अमल के लिए सक्षम अदालत के पास जाता है जहां कई बार औपचारिकताएं पूरी करने में वक्त लगता है। उच्चतर न्यायपालिका और जमानत संबंधी औपचारिकताओं को पूरा करने वाली सक्षम अदालत के बीच का समय भी कम करने की आवश्यकता है।
फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन के मामले में ऐसा ही कुछ हुआ था क्योंकि बंबई उच्च न्यायालय ने जमानत देने का मौखिक आदेश सुनाया और इसके एक दिन बाद आदेश के मुख्य अंश जारी किये, जिसमें जमानत के लिए लगाई गई शर्तों में निजी मुचलका देना और दूसरी औपचारिकताएं पूरी करना भी शामिल था। हालांकि, उच्च न्यायालय का विस्तृत आदेश अभी भी प्रतीक्षित है। लेकिन सक्षम अदालत में इन औपचारिकताओं को पूरा करने में वक्त लगा जिस वजह से आर्यन को दो दिन आर्थर जेल में और रहना पड़ा था।
आर्यन खान की जमानत याचिका पर तो बंबई उच्च न्यायालय ने तत्परता से सुनवाई करके उसकी रिहाई का आदेश दे दिया, लेकिन मादक पदार्थों से संबंधित आरोपों में जेल में बंद अनेक विचाराधीन कैदी इतने खुशकिस्मत नहीं हैं। आर्यन खान की जमानत याचिका को प्राथमिकता दिये जाने पर न्यायालय में कुछ वकीलों ने सवाल भी उठाए थे।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. धनन्जय वाई. चंद्रचूड़ ने हाल ही जमानत पर कैदियों की रिहाई में विलंब पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने इस तथ्य का भी जिक्र किया था कि जिला अदालतों में 2.95 करोड़ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनमें से 77 प्रतिशत से ज्यादा एक साल से पुराने मामले हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह उल्लेख नहीं किया था कि कितने मामलों में कैदियों की जमानत याचिकाएं लंबित हैं और इनके निपटारे में विलंब की वजह क्या है।
लेकिन, उन्होंने यह जरूर कहा कि उड़ीसा उच्च न्यायालय ने एक पहल की है, जिसमें प्रत्येक विचाराधीन कैदी और कारावास की सज़ा भुगत रहे हर दोषी को ‘ई-हिरासत प्रमाणपत्र’ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा था, ‘यह ई-हिरासत प्रमाणपत्र हमें उस विशेष विचाराधीन कैदी या दोषी के मामले में प्रारंभिक हिरासत की अवधि से लेकर बाद की प्रगति तक सारा विवरण उपलब्ध कराएगा। इससे हमें यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि जमानत के आदेश जारी होते ही उन्हें तत्काल संप्रेषित किया जा सके।
ई-हिरासत प्रमाणपत्र की व्यवस्था हरियाणा में पहले से ही लागू है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में पंजाब सरकार को भी जमानत याचिकाओं पर तेजी से निर्णय सुनिश्चित करने के लिए ई-हिरासत प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया तेज करने का आदेश दिया है।
उच्च न्यायपालिका लगातार कैदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयत्नशील है और उसका प्रयास है कि कैदियों की रिहाई से संबंधित अदालती आदेश त्वरित गति से संबंधित जेल पहुंचे ताकि प्राधिकारी तत्परता से उस पर अमल कर सकें।
जमानत पर कैदियों की रिहाई तेजी से सुनिश्चित करने के इरादे से ही अब फास्टर योजना शुरू की गयी है। इसमें डिजिटल माध्यम से जमानत का आदेश यथाशीघ्र जेल अधिकारियों तक पहुंचाने का प्रावधान है। लेकिन मुंबई की आर्थर रोड जेल में तो अभी भी ‘कागो हाथ संदेशा’ वाली व्यवस्था है। जेल के द्वार पर एक डिब्बा टंगा है, जिसमें अदालत का आदेश पहुंचाया जाता है।

क्रिस्टल डिसूजा के हाथ लगी एक और फिल्म, विस्फोट में आयेगी नजर

टीवी की दुनिया में अपनी अलग जगह बनाने के बाद क्रिस्टल डिसूजा बॉलीवुड में कदम रख चुकी हैं. उन्होंने फिल्म चेहरे से बॉलीवुड डेब्यू किया है. इस फिल्म में वह अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी के साथ अहम किरदार निभाती हुई नजर आईं थीं. अब क्रिस्टल के हाथ एक और फिल्म लग गई है. वह फरदीन खान की फिल्म में नजर आने वाली हैं.
फरदीन खान 11 साल के बाद बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने कमबैक की अनाउंसमेंट की थी. वह फिल्म विस्फोट से कमबैक करेंगे और उनके साथ फिल्म में क्रिस्टल डिसूजा लीड रोल में नजर आने वाली हैं. ये फिल्म साल 2012 में आई फिल्म रॉक, पेपर, सीजर का आधिकारिक अडॉप्टेशन है.
विस्फोट में फरदीन खान के साथ रितेश देशमुख और प्रिया बापट भी अहम किरदार निभाते हुए नजर आएंगे. खास बात ये है कि फरदीन और रितेश 14 साल बाद एक बार फिर साथ में काम करने जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिस्टल जल्द ही फिल्म की शूटिंग शुरू करने जा रही हैं. उन्होंने कहा- मैं बहुत खुश हूं कि मैं इस फिल्म का हिस्सा बनने वाली हूं. इसकी स्क्रिप्ट पटाखा है. जब मैंने कहानी सुनी थी तब ही मैंने सोच लिया था कि मुझे इसका हिस्सा बनना है. मेरा किरदार काफी अच्छा है. हमारी टीम शानदार है और मुझसे इस पर काम करने का इंतजार नहीं हो रहा है.
क्रिस्टल ने आगे कहा- मुझे रितेश ऑनस्क्रीन हमेशा बहुत पसंद आए हैं. वह अपने किरदार के लिए शानदार तरीके से अप्रोच करते हैं. फरदीन बेहतरीन हैं जिन्हें हमने कई फिल्मों में मिस किया है. मुझे पता है इस फिल्म पर काम करना किसी फन राइड से कम नहीं होगा.
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी मुंबई के डोंगरी एरिया पर आधारित है. जिसमें रितेश और फरदीन एक-दूसरे के अपोजिट नजर आने वाले हैं.
टी-सीरीज और संजय गुप्ता द्वारा प्रस्तुत विस्फोट भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, अनुराधा गुप्ता और संजय गुप्ता द्वारा निर्मित और कूकी गुलाटी द्वारा निर्देशित होने वाली है.

इंडक्शन स्टोव पर खाना बनाते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

इंडक्शन स्टोव की मदद से खाना बनाना काफी आसान होता है और यह गैस की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है। हालांकि, यह भी अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों की तरह ही होता है, जिसका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किए जाने पर जल्दी खराब हो सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी जरूरी बातें बताते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपने इंडक्शन स्टोव को लंबे समय तक ठीक रख सकते हैं।
इंडक्शन के अनुसार इस्तेमाल करें बर्तन
अगर आप हाल ही में इंडक्शन स्टोव खरीदकर लाए हैं तो आपको बता दें कि इस पर खाना बनाते समय हमेशा कुकटॉप के अनुसार ही बर्तनों का इस्तेमाल करें। बेहतर होगा कि आप एल्युमिनियम के बर्तन या फिर ऐसे बर्तनों का इस्तेमाल न करें, जो इंडक्शन के उपयुक्त नहीं होते हैं। भले ही शुरुआत में आपको कोई फर्क नजर न आए, लेकिन बाद में ऐसे बर्तन जल्दी खराब हो जाते हैं या फिर इंडक्शन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
भारी सामान रखने से बचें
इस बात को ध्यान में रखें कि भारी बर्तन को इंडक्शन स्टोव पर रखना गलत है क्योंकि इंडक्शन ऐसे बर्तनों का भार नहीं सह पाता और खराब हो जाता है। यही नहीं, कुछ लोग इंडक्शन स्टोव का इस्तेमाल करने के बाद उसे ऐसी जगह रख देते हैं, जिससे ये खराब हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने इंडक्शन स्टोव पर भारी सामान न रखें और इसे किसी सुरक्षित जगह पर ही रखें।
नियमित साफ-सफाई है बहुत जरूरी
अगर आप यह सोचते है कि इंडक्शन स्टोव बिजली से चलने वाला उपकरण है, इसलिए इसे साफ करने की जरूरत नहीं होती है तो आपका ऐसा सोचना गलत है। ध्यान रखें कि जिस तरह रोजाना गैस के चूल्हे की सफाई करना जरूरी है, ठीक उसी तरह आपके लिए इंडक्शन स्टोव की रोजाना सफाई करना बहुत जरूरी है। इसकी सफाई के लिए पहले एक सूती कपड़े को साफ पानी में भिगोकर निचोड़े, फिर इसे हल्के हाथों से इंडक्शन स्टोव पर फेरें।
अच्छी कंपनी के इंडक्शन स्टोव का करें इस्तेमाल
अगर आपके पास इंडक्शन स्टोव नहीं है और आप पहली बार इसे खरीदने वाले हैं तो किसी ब्रांडेड कंपनी के ही इंडक्शन स्टोव का चयन करें। दरअसल, अच्छी कंपनी अपने उत्पाद के साथ वारंटी या फिर गारंटी पीरियड देते हैं, ऐसे में गड़बड़ी होने पर आप उसे ठीक करवा या फिर बदलवा सकते हैं। यही नहीं, अच्छी कंपनी के इंडक्शन ज्यादा समय तक चलते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि ये थोड़े महंगे हो सकते हैं।

बर्तन के रैक पर जंग लग गया है? हटाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके

बर्तन के रैक की मदद से बर्तनों को व्यवस्थित करके रखना काफी आसान हो जाता है, लेकिन इसकी ढंग से सफाई न करने की वजह से इस पर जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त, धोएं बर्तनों से निकलने वाले पानी की वजह से भी बर्तनों वाले रैक में जंग लग सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताते हैं, जिनकी मदद से आप बर्तनों वाले रैक से जंग को आसानी से साफ कर सकते हैं।
सैंडपेपर का करें इस्तेमाल
अगर आपके बर्तन वाले रैक पर जंग लग गया है तो इसे साफ करने के लिए आप सैंडपेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं। सैंडपेपर को जंग वाली जगह पर 5-10 मिनट के लिए अच्छे से रगड़ें। इसे रगडऩे से रैक पर मौजूद भूरे रंग की जंग वाली परत आसानी से निकल जाएगी। जंग निकालने के बाद बर्तन वाले रैक को पेंट कर दें। इससे वह नया लग और दोबारा जल्दी जंग लगने का खतरा भी नहीं रहेगा।
नमक और नींबू भी है कारगर
बर्तन वाले रैक पर लगे जंग को साफ करने के लिए नमक और नींबू का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए एक कटोरी में एक चौथाई कप नींबू का रस और आधा कप नमक अच्छे से मिलाएं, फिर इस मिश्रण को एक मग सिरके में मिलाकर जंग वाली जगह पर डालें। कुछ देर इस जगह को ब्रश से रगड़कर अच्छे से साफ कर लें। यकीनन इससे जंग आसानी से साफ हो जाएगा।
बेकिंग सोडा आएगा काम
आमतौर पर खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला बेकिंग सोडा की मदद से बर्तन वाले रैक पर लगे जंग को साफ किया जा सकता है। इसके लिए एक कप गुनगुने पानी में दो चम्मच बेकिंग सोडा पाउडर मिलाएं, फिर इसे एक स्प्रे बोतल में भरकर रैक पर छिड़ककर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद इसे क्लीनिंग ब्रश या किसी पुराने टूथब्रश से साफ करें। इससे जंग आसानी से हट जाएगा।
सफेद सिरका भी है प्रभावी
सफेद सिरके का इस्तेमाल करके भी बर्तन वाले रैक पर लगी जंग को आसानी से हटाया जा सकता है। इसके लिए एक स्प्रे बोतल में सफेद सिरका भरकर इसे जंग वाली जगह पर अच्छे से छिड़कें, फिर कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। लगभग 10-15 मिनट बाद जंग से प्रभावित रैक को क्लीनिंग ब्रश से रगड़ें। ध्यान रखें कि सिरके को साफ करने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं करना है।

मानव कल्याण ही धर्म का अंतिम लक्ष्य

सीताराम गुप्ता
कहा गया है कि धर्म एव हतो हंति धर्मो रक्षति रक्षित: अर्थात् मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश करता है और रक्षित किया हुआ धर्म अपने रक्षक की रक्षा करता है। सामान्य जीवन में भी यदि कोई किसी व्यक्ति का वध कर देता है तो मृतक पक्ष के लोग उसका वध करने के लिए पागल हो उठते हैं और कई बार परस्पर प्रतिशोध लेने का ये सिलसिला कई पीढिय़ों तक चलता रहता है। यदि हम किसी व्यक्ति की सहायता करते हैं या किसी के जीवन की रक्षा करते हैं तो वो भी हमारी सहायता करने अथवा हमारे जीवन की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। धर्म की भूमिका भी बिल्कुल ऐसी ही होती है। धर्म की रक्षा करने अथवा एक बार स्वयं में धर्म स्थापित करने के उपरांत धर्म सदैव हमारी रक्षा करता रहता है।
इसी प्रकार से यदि हम सुरक्षा के नियमों का पालन करते हैं तो वे नियम हर हाल में हमारी सुरक्षा करने में सक्षम होते हैं लेकिन यदि हम सुरक्षा के नियमों को तोड़ते हैं तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाता है। कई बार हम देखते हैं कि किसी नदी अथवा झील के किनारे बोर्ड लगा होता है कि यहां नहाना अथवा पानी में जाना मना है। यदि हम इस नियम का पालन करते हैं तो ये नियम हमारी रक्षा करता है लेकिन यदि हम इस नियम को तोड़कर पानी में चले जाते हैं तो बहुत संभव है कि हम डूब जाएं। धर्म की भी बिल्कुल ऐसी ही स्थिति होती है।
यदि हम धर्म का पालन करते हैं तो धर्म हमारी हर प्रकार से रक्षा करता है लेकिन यदि हमसे धर्म का पालन करने में चूक हो जाती है तो वही धर्म हमारे पतन अथवा विनाश का कारण बन जाता है।
प्रश्न उठता है कि मरे हुए धर्म से क्या तात्पर्य है और रक्षित किया हुआ धर्म कैसे हमारी रक्षा करता है? इन प्रश्नों के उत्तर देना सरल है, यदि हम धर्म को समझ लें। धर्म क्या है? धर्म की अनेकानेक व्याख्याएं व परिभाषाएं मिलती हैं। धर्म स्वभाव को भी कहते हैं। इस दृष्टि से हमारा व्यवहार भी धर्म ही हुआ। लेकिन हर प्रकार का व्यवहार धर्म कैसे हो सकता है? वास्तव में हमारा अच्छा व्यवहार व हमारी अच्छी आदतें ही वास्तविक धर्म है। धर्म की एक अत्यंत प्रचलित परिभाषा मिलती है :-
धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचं इन्द्रियनिग्रह:।
धीर्विद्या सत्यं अक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्॥
धैर्य, क्षमा, दम (संयम), चोरी न करना, शुचिता (स्वच्छता), इंद्रिय-संयम, बुद्धि, विद्या, सत्य और अक्रोध (क्रोध न करना) ये दस गुण ही धर्म के महत्त्वपूर्ण लक्षण माने गए हैं। कुछ अन्य परिभाषाओं में धर्म के इन लक्षणों के अतिरिक्त अन्यान्य लक्षणों की चर्चा भी की गई है। कहा जाता है कि जिसे धारण किया जाए वही धर्म है। यदि व्यक्ति ने इन विभिन्न लक्षणों को धारण किया है तभी वह धार्मिक है अन्यथा नहीं।
नि:संदेह, स्वयं में अच्छी आदतें विकसित करना ही धर्म है। देश व काल के अनुसार इन आदतों में अंतर भी हो सकता है लेकिन जो अच्छी आदतें नहीं हैं, जिनसे हमारा व्यवहार दूषित या विकृत होता है, उन्हें धर्म में सम्मिलित नहीं किया जा सकता। धर्म केवल सद्गुणों का समुच्चय ही हो सकता है। यदि हमारे किसी कार्य से चाहे वो कितना भी अच्छा क्यों ना हो, दूसरों के विकास में बाधा उत्पन्न होती है अथवा अन्य किसी भी प्रकार से दूसरों को पीड़ा पहुंचती है तो उसे धर्म की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इस दृष्टि से किसी का जी न दुखाना भी धर्म है। करुणावतार बुद्ध ने कहा है कि सर्वेषु भूतेषु दया हि धर्म: अर्थात सभी जीवों के प्रति दयाभाव ही धर्म है।
सही मायनों में दूसरों की भलाई पुण्य है और दूसरों को कष्ट पहुंचाना पाप है। जो धर्म, धर्म के लक्षण अथवा क्रियाकलाप व्यक्ति में अच्छे गुणों का विकास नहीं करते, वे धर्म नहीं हो सकते। व्यक्ति ही नहीं समाज के संदर्भ में भी ये उतना ही अनिवार्य है। जो समाज धर्म अथवा उदात्त जीवन मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम होता है वही आगे बढ़ता है।
कर्मकांड अथवा प्रतीक धर्म नहीं होते। ये तो मात्र हमें स्मरण कराने का माध्यम होते हैं कि हमें इनसे जुड़े उदात्त जीवन मूल्यों का पालन करना है। जब हम किसी की पूजा अथवा आराधना करते हैं तो धर्म यही है कि हम अपने आराध्य के गुणों को जीवन में उतारें। जब हम ऐसा नहीं करते तो धर्म पाखंड बन जाता है और ऐसा धर्म अथवा पाखंड हमारी रक्षा नहीं करता। धर्म के किसी भी लक्षण को ले लीजिए। यदि हम उसकी रक्षा नहीं करेंगे अथवा उसे अपने व्यवहार में नहीं लाएंगे तो वो लक्षण नष्ट हो जाएगा और उसके स्थान पर जो उसका विपरीत लक्षण अथवा दुर्गुण होगा प्रकट होने लगेगा और हमारा विनाश कर डालेगा। हम धर्म के एक लक्षण अस्तेय अथवा चोरी न करने की बात करते हैं। यदि हम अपने आचरण में दृढ़तापूर्वक इस लक्षण को विकसित नहीं करेंगे तो स्वाभाविक है कि हममें चोरी की आदत विकसित हो जाएगी। चोरी की आदत हमारा पूरी तरह से विनाश भी कर सकती है। सद्गुणों अथवा धर्म का पालन करने में कुछ कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन इससे उसी अनुपात में हमें संतुष्टि भी मिलती है लेकिन धर्म का पालन न करने पर हम सदैव असंतुष्ट व तनावयुक्त रहेंगे जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी घातक होगा।

आज का राशिफल

मेष : आज आप निर्धारित कार्य आसानी से पूरा कर सकेंगे, परंतु आप जो प्रयत्न कर रहे हैं वे गलत दिशा में हों, ऐसा हो सकता है। धार्मिक या मांगलिक अवसर उपस्थित होंगे। तीर्थयात्रा का योग है। गुस्से पर काबू रखना पड़ेगा।

वृष : हाथ में लिए हुए कार्य समय पर पूरा न होने पर हताशा अनुभव करेंगे। कार्य सफलता में थोड़ा विलंब होगा। खान-पान के कारण स्वास्थ्य खराब होगा। नए कार्य की शुरुआत के लिए उचित समय नहीं है। यात्रा में विघ्न आएंगे। आफिस में या व्यवसाय में अत्यधिक कार्य के कारण कार्यभार से थकान अनुभव होगा।

मिथुन : आरामदायक और प्रसन्नतापूर्वक दिन की शुरुआत स्फूर्ति के साथ करेंगे। मेहमानों और मित्रों के साथ पार्टी पिकनिक और समूहभोजन का आयोजन करेंगे। नए कपड़े, गहने और वाहन की खरीदारी का योग है। मन में आनंद व्याप्त रहेगा। विपरीत लिंगीय पात्रों की तरफ आकर्षण अनुभव करेंगे। सार्वजनिक जीवन में आपको सम्मान मिलेगा और लोकप्रिय बनेंगे।

ककर् : आज का दिन आपको चिंता रहित और खुश रखेगा। पारिवारिक सदस्यों के साथ विशेष समय देंगे और उनके साथ आनंदपूर्वक घर में समय व्यतीत करेंगे। कार्य में सफलता और यश मिलेगा। नौकरीपेशा वालों को नौकरी में लाभ होगा। साथी कार्यकर्ताओं का सहयोग मिलेगा।
सिंह: आज के दिन आप तन-मन से स्वस्थ रहेंगे। आपकी आंतरिक सृजनात्मकता नया स्वरूप प्रदान कर सकेगी। साहित्य लेखन में नए प्रदान कर सकेंगे। प्रिय व्यक्ति के साथ की मुलाकात सुखद रहेगी। संतानों की प्रगति का समाचार मिलेगा। विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा समय कहा जा सकता है।

कन्या : आज स्वास्थ्य नरम रहेगा। मन भी चिंताओं से घिरा रहेगा। माता के साथ संबंधों में तनाव खड़ा होगा। उनकी तबीयत खराब होगी। स्वजनों के साथ उग्र वाद-विवाद होने से मनमुटाव रहेगा। स्वाभिमान भंग न हो उसका ख्याल रखे। थकान, वाहन आदि के क्रय-विक्रय के लिए समय अनुकूल नहीं है।

तुला : नए कार्य का श्रीगणेश करने के लिए खूब अनुकूल दिन है। भाग्यवृद्धि और धनलाभ की संभावनाएं हैं। पारिवारिक या व्यावहारिक कार्य के अवसर पर बाहर जाना पड़ेगा। नजदीक के स्थान पर धार्मिक प्रवास का सफल आयोजन होगा। विदेश से शुभ समाचार मिलेगा। भाई-बहनों के साथ के संबंध सौहार्दपूर्ण रहेंगे।

वृश्चिक : परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। सगे-संबंधियों और मित्रों का आगमन होगा। मिष्टान्न भोजन मिलेगा। धार्मिक कार्यों के पीछे खर्च होगा। अलंकारों तथा सुगंधित पदार्थों की खरीदारी होगी। आपकी वाणी के प्रभाव से अन्य लोगों को मोहित कर सकेंगे।

धनु : स्वास्थ्य में सुधार एवं पढ़ाई में सफलता के लिए उत्तम समय है। विदेश व्यापार से लाभ होगा। अपने हाथ से धार्मिक एवं मांगलिक कार्य होंगे। स्नेहीजनों और मित्रों का मिलन आनंदित करेगा। आर्थिक लाभ होगा। जीवनसाथी की तरफ से सुख और आनंद मिलेगा।

मकर : स्वास्थ्य संबंधी शिकायत रहेगी। मन में उचाट अनुभव करेंगे। व्यवसाय में सरकार का हस्तक्षेप बढ़ेगा। धार्मिक कार्यों के पीछे धन खर्च होगा। आध्यात्मिक और धार्मिक व्यवहार में वृद्धि होगी। शत्रुओं द्वारा परेशान किए जाएंगे। संतानों की चिंता रहेगी।

कुंभ : मांगलिक कार्य और नए कार्यों का आयोजन करने के लिए अत्यंत शुभ दिन है। अविवाहितों का विवाह आयोजित होगा। पत्नी और संतानों का शुभ समाचार मिलेगा। गृहस्थजीवन और दांपत्यजीवन में सुख और संतोष की भावना का अनुभव होगा।
मीन: आपके कार्य सफलतापूर्वक सफल होंगे। नौकरी और व्यवसाय में पदोन्नति और वृद्धि होगी। व्यापारियों के रूके हुए पैसे मिलेंगे। पिता तथा बुजुर्गवर्ग से लाभ होगा। आर्थिक लाभ और परिवार में आनंद छाएगा।

मुद्दा बने कार्यस्थल पर यौन शोषण

डॉ. दर्शनी प्रिय
आजादी के पहले स्त्री अपने पारंपरिक अवगुण्ठन में सिमटी हुई दिखाई देती है, जबकि आजादी के बाद नवीन चेतना के संपर्क में आने के बाद बदले हुए परिदृश्य में स्त्री ने घर की दहलीज को लांघने का दुस्साहस किया। इस क्रांतिकारी बदलाव ने ही स्री को उसकी अस्मिता के प्रति जागरूक बनाने में भरपूर मदद की और आज वह पुरुष के वर्चस्व को चुनौती देती हुई अपने अधिकारों के प्रति सजग और सचेत, पुरुष के सामने तन कर खड़ा होने की स्थिति में आ चुकी है।
चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो, लेकिन क्या वास्तविक रूप में स्रियां अपनी देह सुरक्षा के संकट बोध से उबर पाई हैं? हालिया आंकड़े तो इसकी बिल्कुल तस्दीक नहीं करते। वो भी तब जब बेंगलुरू जैसे उन्नत प्रौद्योगिकी शहर में 60 फीसद महिलाएं कार्यस्थल पर किसी-न-किसी प्रकार की दैहिक हिंसा और छेड़छाड़ की तो 15 फीसद महिलाएं यौन शोषण की शिकार हैं। देश के सभी बड़े महानगरों में कमोबेश यही स्थिति है। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में बीते सालों के बरक्स यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है।
सैद्धांतिकी तो यही कहती है कि अस्मिता उपलब्ध करने का मतलब सिर्फ उसका मानसिक अनुभव करते रहना नहीं होता, बल्कि उसे विभिन्न समाज के बीच पुरजोर रूप से प्रतिष्ठित करना भी होता है, लेकिन क्या यह दयनीय स्थिति नहीं है कि खुद को अत्याधुनिक समाज कहलाने वाला विदेशी समाज भी महिलाओं को लेकर अपने इस भेदभाव, हिंसा और बेकद्री से उबर नहीं पाया है। इसकी बानगी 50 फीसद ब्रितानी और 38 फीसद अमेरिकी वे कामकाजी महिलाएं देती हैं, जो कार्यस्थल पर यौन शोषण का शिकार होती हैं।
निश्चित ही एक भद्र समाज के लिए यह चिंतनीय है। भारत के कॉरपोरेट वर्ल्ड की स्थिति तो और भी बदतर है, जहां तकरीबन 50 फीसद महिलाओं से अपमानजनक भाषा, फिजिकल कॉन्टैक्ट या सेक्सुअल फेवर मांगा जाता है। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। वुमेन इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सर्वे की मानें तो भारत में 68.7 फीसद महिलाएं ऐसी हैं, जिन्होंने वर्कप्लेस पर होने वाले सेक्सुअल हैरेसमेंट की लिखित या मौखिक शिकायत दर्ज ही नहीं कराई है। हालांकि 1997 में विशाखा गाइडलाइंस के अस्तित्व में आने के बाद वर्क प्लेस पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ रोकने को लेकर कई कानून बने।
2013 में इसी केस की वजह से ‘सेक्सुअल हैरेसमेंट एट वर्क प्लेस’ नामक मजबूत कानून बनाया गया ताकि महिलाओं के अधिकार को सुनिश्चित किया जा सके, लेकिन समाजिक-आर्थिक कारणों के चलते कई बार महिलाएं खुद भी ऐसी किसी घटना को बातचीत का विषय नहीं बनाना चाहतीं, लेकिन 2018 में ‘मी टू’ आंदोलन के बाद हालत थोड़े बदले हैं। कामकाजी महिलाओं ने अपने ऊपर हो रहे यौन शोषण को लेकर खुलकर आवाज उठानी शुरू की है।
पर कोविड के बाद के न्यू नॉर्मल ने दैहिक शोषण के तरीकों में बदलाव किया है। अब महिलाओं से सेक्सुअल फेवर लेने की चाह ऑनलाइन बैठकों, वेबिनारों और पर्सनल वन टू वन टॉक के माध्यम से उनके कपड़ों, उठने-बैठने के तरीकों पर सेक्सुअल फब्तियों के जरिये निकल रही है। सवाल कई हैं किंतु एक बड़ा सवाल सांस्थानिक चुप्पी का भी है। पर्याप्त कानून होने के बावजूद महिलाएं घुटन, बेबस और दुराचारयुक्त विषाक्त माहौल में काम करने को विवश हैं। सवाल तो उठेंगे। चाहे वो समाज हो, कोई संस्था हो या फिर सरकार ही क्यों न हो?

आज का राशिफल

मेष : मेष राशि के जातकों के लिए आज का दिन आसान नहीं है। बाजार में चल रही प्रतियोगिता की वजह से आपको काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सामान के भाव कंपटीशन के चक्कर में कम रखने पड़ सकते हैं और इस वजह से आपका मुनाफा भी घट सकता है। शत्रु आपके इमोशंस का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं और इस वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
वृषभ : वृष राशि के जातक परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालकर भी अच्छा कार्य कर लेंगे और भाग्य उनका साथ देगा। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी और बॉस से आपको तारीफ सुनने को मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में मिलने वाले मौकों का फायदा उठाने के लिए दिन अच्छा है। योजनाओं के क्रियान्वयन करने पर आपका फोकस रहेगा। प्रॉडक्ट के डेवलपमेंट में आपकी क्रिएटिविटी निखरकर आएगी। आज आप उन कार्यों को भी पूरा कर लेंगे जो काफी समय से अधूरे हैं।

मिथुन : मिथुन राशि के जातक पारिवारिक सहयोग से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। जमीन जायदाद में किये हुए पुराने निवेश से मोटा लाभ कमा सकते हैं। आज किसी प्रॉपर्टी की खरीद या बेच कर सकते हैं। लाभ होगा। आर्थिक लिहाज से समय अच्छा रहेगा। जमीन से संबंधित पुराने विवाद आज खत्म होंगे और भाग्य आपका साथ देगा।

ककर् : कर्क राशि के जातकों के लिए आज का दिन धन के मामले में लाभ देने वाला है। आपको कहीं से रुका धन प्राप्त होने की उम्मीद है और भाग्य भी आज आपका साथ देगा। जरूरी काम को पूरा करने के लिए यात्रा की संभावना भी बनती है। पराक्रम का प्रदर्शन कर ऑफिस में छवि सुधार पाएंगे। व्यवसाय से जुड़ी अच्छी खबर आज आपको मिल सकती है और भाग्य भी आपका साथ देगा।

सिंह : सिंह राशि के जातक अपने सादे व निष्पक्ष व्यवहार से दूसरों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। आज आपके लिए धन के लिहाज से अच्छा दिन है। आपने जो भी निवेश किए हैं उनमें आपको सफलता मिलने की पूरी उम्मीद है। ईमानदारी से नियम कायदे के अनुसार अपने काम को करेंगे। मिलनसार व्यक्तित्व लोगों के साथ व्यावसायिक संबंध बनाने में मददगार साबित होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन अच्छा है।

कन्या : कन्या राशि के जातकों के लिए आज भाग्यशाली दिन है। आज नौकरी और रोजगार के क्षेत्र में किए गए प्रयोगों में आपको सफलता मिलेगी और भाग्य भी साथ देगा। कार्यक्षेत्र में अकेले पड़ सकते हैं। टीम वर्क में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन सामान्य है। सेहत से जुड़े कुछ खर्चे आ सकते हैं।

तुला : तुला आपका दिन आज शुभ है। आपकी राशि के जातकों को हर मामले में आज शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। धन और समृद्धि के मामले में आज आपको शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। दूसरों की आलोचनात्मक समीक्षा आपके जुनून को और बढ़ा देगी। आज आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में कामयाब रहेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से खर्च बढ़े रहेंगे। व्यापारी वर्ग के लोगों को आज लाभ होगा।

वृश्चिक : वृश्चिक राशि के जातकों को आज वित्त मामलों में पूर्ण लाभ होने की उम्मीद है और आज आपके कार्य पूर्ण होने का दिन है। आज आपका दिन अनुकूल है और आज आपको भाग्य का पूरा साथ प्राप्त होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से लाभ की अच्छी संभावना बनती है। सेना खिलाड़ी, भौतिक विशेषज्ञ, वैज्ञानिकों, कंप्यूटर से जुड़े हुए लोगों के लिए अच्छा समय है।

धनु : धनु राशि के जातकों में आज परोपकार की भावना रहेगी। आर्थिक मामलों में आपके लिए दिन शुभ है। कार्यक्षेत्र में निष्पक्ष व्यवहार करेंगे और दूसरों की सहायता के लिए भी आगे आएंगे तो आपको लाभ होगा और शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से अच्छा समय है। लाभ की अच्छी संभावना है।

मकर : मकर राशि के जातकों की बहुमुखी प्रतिभा की वजह से कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी और भाग्य भी साथ देगा। अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए किसी तरह का कोई समझौता करना पसंद नहीं करेंगे। बॉस की तरफ से आपके साथ किसी प्रकार का विवाद हो सकता है। थोड़ी मात्रा में धन प्राप्ति का योग हैं। बड़े लाभ के लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है।

कुंभ : कुंभ राशि के जातक दूसरों से आदर्श और न्याय प्रियता की बातें करेंगे, परंतु स्वयं इन चीजों को नहीं अपनाएंगे। कार्यक्षेत्र में दोहरे आयाम रखने की वजह से छवि धूमिल हो सकती है। सही दिशा में प्रयास करेंगे, तो लाभदायक स्थितियां बनेंगी। खर्च को लेकर मानसिक अशांति रहेगी।

मीन : मीन राशि के जातकों को आज कठिनाई का सामना करना पड़ सकता हे। अधिकारियों से कष्ट हो सकता है। उनके गलत निर्णय उन्हें परेशानी में डाल सकते हैं। धन प्राप्ति को लेकर मन में बेचैनी रहेगी, लेकिन अगर शांत चित्त से काम करेंगे तो धन लाभ के अच्छे अवसर आपको मिलेंगे। खर्चे अनियंत्रित रहेंगे।

महिलाओं को कितना लुभाएगी प्रियंका की मुहिम

क्षमा शर्मा –
लखनऊ में प्रेस कॉनफ्रेंस करके कांग्रेस की नेता, प्रियंका गांधी ने कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव में, चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए जाएंगे। बैक ग्राउंड में लिखा था-लड़की हूं, लड़ सकती हूं। सुनने में नारा बहुत आकर्षित करता है। लड़कियों को संघर्ष और अपने अधिकारों के लिए लडऩे की प्रेरणा भी दे सकता है। जब से देश में शिक्षित, नौकरीपेशा मध्य वर्ग की महिलाओं की संख्या बढ़ी है, वे बड़ी संख्या में वोट देने लगी हैं। उनकी राय का मायने भी समझा जाने लगा है, तब से जैसे हर राजनीतिक दल उन्हें अपने पाले में खींचना चाहता है।
अतीत में जो लोग 33 प्रतिशत महिला रिजर्वेशन बिल का संसद में विरोध कर चुके हैं, कह चुके हैं कि अगर ऐसा हुआ तो परकटी आ जाएंगी, वे इस बिल में विभिन्न धर्मों और जातियों की महिलाओं को अलग से प्रतिनिधित्व देने की मांग कर चुके हैं, वे महिलाओं को भी जाति और धर्म के चश्मे से ही देखते हैं। जबकि अनुभव कहता है कि जिस तरह गरीब का कोई जाति–धर्म नहीं होता, महिलाओं का भी नहीं होता। वे हर जाति–धर्म में सताई जाती हैं। लेकिन प्रियंका गांधी की इस घोषणा के बाद, ऐसे ही एक दल के प्रवक्ता ने टीवी पर कहा कि वे तो हमेशा से ही इस बिल का समर्थन कर रहे थे, भाजपा और कांग्रेस ने ही इसे पास नहीं होने दिया।
इन दिनों अपना ही बोला हुआ आज का सच, कल का झूठ हो सकता है। जिसने कल जो बात कही थी, आज वही उसे झुठला सकता है। इन दिनों हर बात पर महिलाओं का नाम जपने वाले महिलाओं के ये नए हितू, सचमुच उनके लिए क्या करेंगे। या कि चुनाव के बाद सब भूल जाएंगे। आने वाले दिनों में जब कांग्रेस में टिकटों का बंटवारा होगा तो हो सकता है कि इसी दल के पुरुष अपने-अपने घर की महिलाओं के लिए टिकट की मांग करें, तब उनसे कैसे निपटा जाएगा। यदि उन्हें टिकट दिया गया तो सत्ता पुरुष से खिसक कर महिला के हाथ में आ जाएगी, मगर परिवार के पास ही रहेगी। क्योंकि प्रियंका गांधी ने कहा भी है कि जिन महिलाओं को लोग जानते होंगे, जो अपने क्षेत्र में लोकप्रिय होंगी, पार्टी का टिकट उन्हें ही मिलेगा।
हम जानते ही हैं कि एक साधारण औरत को लोकप्रिय होने के कितने मौके मिलते हैं। अक्सर ही लोकप्रियता की सारी ताकत साधन सम्पन्नों के पास ही पहुंचती है। फिर मान लीजिए यदि तमाम पुराने नेताओं के परिवारों की महिलाओं को टिकट नहीं मिला, तो क्या वे प्रियंका के खिलाफ मोर्चा नहीं खोल देंगे। जिसे टिकट नहीं मिलता है, वह फौरन पुराने दल को छोड़, टिकट मिलने की आस में नए दल में चला जाता है।
आखिर प्रियंका भी ऐसे ही परिवार से आती हैं। क्या उनकी जगह कांग्रेस की कोई साधारण महिला ले सकती है। उसे यह पद मिल सकता है। इसके अलावा एक दिलचस्प बात यह भी है कि जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ा था, तो अध्यक्ष उनके सुपुत्र राहुल गांधी को ही बनाया गया था। चलिए तब तो प्रियंका राजनीति में इतनी एक्टिव नहीं थीं। मगर पिछले दिनों कांग्रेस की जो मीटिंग हुई, उसमें कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बहुत से वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग की। आखिर उन्होंने प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की मांग क्यों नहीं की। वह भी तब, जब मां सोनिया गांधी यानी कि एक महिला ही से यह मांग की जानी थी। यानी कि परिवार या दल की सत्ता में जब चुनो, तब पुरुष को ही चुनो। प्रियंका की यह प्रतिज्ञा अच्छी है कि वे लड़कियों को एमपावर्ड करना चाहती हैं, तो पहले यह बदलाव घर से ही शुरू क्यों नहीं किया जाता। उन्हें कुछ संकोच हो तो राहुल गांधी या सोनिया गांधी खुद उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का निर्णय ले सकते हैं। या कि लड़कियों के प्रति इतनी संवेदना सिर्फ चुनाव जीतने का स्टंट भर है।
वैसे भी पूरे देश में लड़कियों के प्रति तरह-तरह के अपराध होते हैं। एनसीआरबी के आंकड़े इसकी गवाही भी दे सकते हैं। मगर नेताओं को उन्हें उठाने की याद वहीं आती है, जहां विपक्षियों की सरकार हो और चुनाव होने वाले हों। इस तरह की रणनीति बनाने में कोई भी दल कम नहीं है। प्रेस कानफ्रेंस में जब पत्रकारों ने प्रियंका से पूछा कि अन्य जिन राज्यों में चुनाव होंगे, क्या वहां भी कांग्रेस यही नीति अपनाएगी, तो उन्होंने बहुत चतुराई से कहा कि वह उत्तर प्रदेश की इंचार्ज हैं। वहीं के बारे में बता सकती हैं।
कई बार यह भी लगता है कि सरकारें अपने कामों का ढोल पीटने के लिए अरबों रुपए खर्च करती हैं। अगर सचमुच जमीनी स्तर पर काम हों तो लोग खुद उनका ढोल पीटते हैं, चर्चा करते हैं। और ऐसे नेताओं को बारंबार चुनते हैं।
दरअसल नेता अपनी गद्दी सुरक्षित करने, सत्ता प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के नारे उछालते हैं, जो जनता के एक वर्ग को लुभाएं और वोटों से उनकी झोली भर दें। लेकिन मीडिया का बड़ा वर्ग इस स्ट्रेटेजी को ही सही मान, ले उड़ता है और कभी इसे गेम चेंजर कहता है, कभी मास्टर स्ट्रोक। अजीब-सी बात यह है कि जिसे मास्टर स्ट्रोक कहा जाता है, कई बार वही चुनाव हरवा देता है।
पिछले चुनावों में राहुल और अखिलेश ने मिलकर चुनाव लड़ा था । नारा था- लोगों को यह साथ पसंद है। उनके बारे में मीडिया में स्लोगन छाया हुआ था-यूपी के लड़के। इसे युवाओं को लुभाने का बहुत अच्छा नारा माना गया था। लड़कियों की बात यहां कहीं नहीं थी। हालांकि राहुल और अखिलेश युवा होने की उम्र कब की पार कर चुके थे। लेकिन इस तरह के नारे कांग्रेस या समाजवादी पार्टी के कुछ काम नहीं आए थे। आने वाले चुनावों में देखना होगा कि जिसे प्रियंका का औरतों का दिल जीतने वाला नारा बताया जा रहा है, वह कितना कारगर होता है। औरतों को वह कितना लुभा पाती हैं।

आज का राशिफल

मेष : आज का दिन मिश्र फलदायी है। रहस्यमयी बातों में आज आपको रुचि रहेगी तथा गूढ़ विद्याओं की ओर आकर्षण अधिक रहेगा। संभवत: आज प्रवास टालिएगा। प्रवास में अनपेक्षित बाधाएं खड़ी हो सकती हैं। आज नए कार्य का प्रारंभ न करें।

वृष : आज का दिन शुभफलदायी है। आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। मानसिक प्रसन्नता का अनुभव होगा। परिजनों के साथ अधिक समय बीतेगा। सामाजिक जीवन में आप सफलता और यश प्राप्त कर पाएंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता छलकेगी।

मिथुन : आज आपका दिन बहुत अच्छा बीतेगा। घर में शांति और आनंद का वातावरण रहेगा। सुखमय प्रसंग बनेंगे। खर्च होगा, लेकिन वह निरर्थक नहीं होगा। आर्थिक लाभ की संभावना है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कार्य में यश की प्राप्ति होगी। स्त्री मित्रों के साथ भेंट होगी। रूके हुए काम संपन्न हो जाएंगे। क्रोध की मात्रा अधिक रहेगी।

कर्क : आज का दिन आपके लिए थोड़ी सावधानी रखने का है। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। किसी भी नए कार्य के प्रारंभ के लिए यह दिन उचित नहीं है। मानसिक अशांति और उद्वेग आपके मन पर छाया रहेगा। आकस्मिक धनखर्च होगा। प्रियपात्रों से दिल को चोट पहुंच सकती है या न बोलने के प्रसंग उपस्थित हो सकते हैं।

सिंह : आपका दिन शुभ फलदायी नहीं है। घर में वाद-संवाद का वातावरण रहेगा। परिजनों के साथ ऐसी घटना हो सकती है, जिससे आपके दिल को तकलीफ हो। आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। मन कुछ अधिक ही व्यग्र रहेगा। नकारात्मक विचार आपको परेशान करेंगे। माता की तंदुरस्ती बिगड़ेगी।

कन्या : आज आपको किसी भी कार्य में बिना सोचे-समझे हिस्सा लें। साथियों के साथ अच्छी तरह से समय बीतेगा। भावनात्मक सम्बंधों से आप नरम हो जाएंगे। मित्रों एवं स्वजनों से भेंट होगी। भाई-बहनों से लाभ होगा। प्रतिस्पर्धियों का आप सामना कर पाएंगे। रहस्यमय आध्यात्मिक बातों में सिद्धि मिलेगी।

तुला : आज आपका मन दुविधाओं में उलझा रहेगा। निर्णय न ले पाने के परिणाम स्वरूप नए कार्यों का प्रारंभ करना आपके लिए हितकर नहीं है। प्रवास न करना हितकर है। आर्थिक लाभ होगा। परिजनों के साथ वाद-विवाद में न उतरिएगा। किसी भी महत्त्वपूर्ण विषय पर आज निर्णय न लें।

वृश्चिक : आज का दिन साधारणतय: ही बीतेगा। तन और मन की प्रसन्नता रहेगी तथा सुख एवं आनंद की प्राप्ति होगी। परिजनों के साथ आनंद-उल्लास में समय व्यतीत होगा। मित्रों, स्नेहीजनों से उपहार मिलने से मन अति प्रसन्न होगा। प्रियजनों के साथ हुई भेंट सफल रहेगी।

धनु : आज का दिन कुछ कष्टदायक होगा। परिजनों के साथ मनमुटाव के प्रसंग उपस्थित होंगे। स्वभाव में उग्रता तथा आवेश होने के कारण किसी से विवाद न हो इस बात का विशेषरूप से ध्यान रखिएगा। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। वाणी एवं बर्ताव में संयम रखिएगा। दुर्घटना से संभलिएगा।

मकर : सामाजिक कार्यों से आपको लाभ होगा, क्योंकि विविध क्षेत्रों से लाभ होने के आज के योग हैं। मित्रों तथा संबंधियों के साथ हुई भेंट आपके लिए लाभदायी सिद्घ होगी। विवाहोत्सुकों के विवाह के प्रश्नों पर आज कम प्रयास से सफलता मिल सकती है।

कुंभ : आज आपका दिन सानुकूल है। आपका हर कार्य सरलतापूर्वक संपन्न होगा, जिस वजह से आप प्रसन्न रहेंगे। ऑफिस एवं व्यवसाय स्थल पर अनुकूल परिस्थिति का वातावरण रहेगा एवं बड़ी सफलता भी मिल सकती है। गृहस्थजीवन आनंददायी रहेगा।

मीन : मन में व्याकुलता एवं अशांति के अहसास के साथ आपके दिन का प्रारंभ होगा। शारीरिक रूप से आपको थकान का अनुभव होगा। संतान के विषय में चिंता सताएगी। व्यर्थ ही खर्च होगा।

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