Violence in West Bengal over Wakf law 3 killed in Murshidabad

इंटरनेट बंद

कोलकाता ,13 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। पश्चिम बंगाल के कम से कम 3 जिलों में वक्फ कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। सबसे ज्यादा खराब हालात मुर्शिदाबाद में है। इसके अलावा उत्तर 24 परगना, हुगली और मालदा में भी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।

राज्य में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और पुलिस ने 138 लोगों को गिरफ्तार किया है।

वहीं, कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बलों के 1,600 जवान तैनात किए हैं। हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में करीब 300 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवानों के अलावा 5 और कंपनियां तैनात की गई हैं।

हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बंद है और लोगों के जुटने पर भी पाबंदी है।

बीती रात राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार भी मुर्शिदाबाद पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने हिंसा प्रभावित शमशेरगंज में रूट मार्च भी किया।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति आने पर अदालत अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।

कोर्ट ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
ये आदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।

बीते दिन मुर्शिदाबाद के धुलियान में रहने वाले पिता-पुत्र की भीड़ ने हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास और चंदन दास के तौर पर हुई है।

वहीं, तीसरा मृतक 17 साल का एजाज अहमद शेख है, जिसे शुक्रवार को सुती में पुलिस द्वारा चलाई गई गोली लगी थी। शनिवार को उसे मृत घोषित कर दिया गया।

धुलियान में आज फिर गोली चलने की खबर है, जिसमें 2 बच्चे घायल हो गए हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति की अपील की है।

उन्होंने लिखा, सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत और संयमित रहें। हर जान कीमती है, राजनीति के लिए दंगे मत भड़काओ। हमने यह कानून नहीं बनाया है, जिससे लोग नाराज हैं। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र से मांगा जाना चाहिए। हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं।

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