100+ शोध-पत्र, वैश्विक साझेदार और प्रमुख मीडिया हस्तियाँ; हाशियाकरण व समावेशन पर केंद्रित होगा कॉन्क्लेव
कोलकाता, 19 सितंबर (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सिस्टर निवेदिता यूनिवर्सिटी (SNU) में गुरुवार से चौथे राष्ट्रीय मीडिया कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय आयोजन में 100 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
यह पूर्वी भारत का अब तक का सबसे बड़ा मीडिया अध्ययन मंच माना जा रहा है। इस बार का विषय “रेप्रेज़ेन्टिंग द अनसीन: इंडिया ऐट द मार्जिन्स ऐन्ड मीडिया” है, जिसमें जाति-जनजाति, लोककथाओं, कला-संस्कृति और सामाजिक आख्यानों जैसे उपेक्षित पहलुओं पर चर्चा होगी।
आयोजन को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिली है, जिसमें IAMCR और ICA की भागीदारी शामिल है। उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. (डॉ.) संकु बोस, प्रो-चांसलर प्रो. (डॉ.) ध्रुबज्योति चट्टोपाध्याय, एआईयू की अतिरिक्त सचिव ममता रानी अग्रवाल, एनडीटीवी के जयंत घोषाल और कई अकादमिक व मीडिया हस्तियाँ मौजूद रहीं।
कॉन्क्लेव की अध्यक्ष और एसएनयू के स्कूल ऑफ मीडिया कम्युनिकेशन, फाइन आर्ट्स, डिज़ाइन एंड ड्रामा की डीन डॉ. मीनल पारीक ने कहा— “यह कॉन्क्लेव केवल शोध-पत्र प्रस्तुतियों का मंच नहीं है, बल्कि ऐसा स्थान है जहाँ छात्र विद्वानों और मीडिया विशेषज्ञों से सीधे जुड़ते हैं और गंभीर चिंतन को नज़दीक से समझते हैं।
हमारे लिए यह आयोजन सामाजिक रूप से प्रासंगिक और बौद्धिक रूप से सशक्त संवाद को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।अकादमिक विमर्श से आगे बढ़ते हुए कॉन्क्लेव में उद्योग और सांस्कृतिक साझेदारों की भी भागीदारी रहेगी।
साइबरपीस, ग्रूविंग कोलकाता और शॉपर’स स्टॉप जैसे साझेदारों की भागीदारी आयोजन को अकादमिक विमर्श से आगे बढ़ाकर सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभवों से जोड़ रही है।
हाशियाकरण और समावेशन को केंद्र में रखते हुए, यह चौथा नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव शिक्षा को वैश्विक विमर्श से जोड़ते हुए समावेशी, नैतिक और भविष्य-उन्मुख मीडिया प्रथाओं की दिशा तय कर रहा है।
************************