Talks between power workers and government failed in UP, strike continues

लखनऊ 19 March, (एजेंसी): उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (वीकेएसएसएस) के बीच शनिवार की देर रात तक चली बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के खत्म हो गई। उधर, बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की जारी हड़ताल के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।

राज्य सरकार ने वीकेएसएसएस के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 हड़ताली इंजीनियरों के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

दुबे ने कहा कि अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, तो भी हड़ताल जारी रहेगी।

प्रयागराज और लखनऊ के कई हिस्सों में बिजली कटौती को लेकर विरोध शुरू हो गया।

लखनऊ में सिंगरनगर के निवासियों ने लखनऊ कानपुर रोड को जाम कर दिया, जबकि प्रयागराज के कोठा परचा इलाके में सड़कों को जाम कर दिया गया।

मंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों को काम पर लौटने या नौकरी गंवाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 1,332 ठेका कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और काम पर लौटने में विफल रहने पर 1 हजार को चेतावनी दी गई है।

ऊर्जा मंत्री शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें हड़ताल के मद्देनजर बिजली की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी।

शनिवार शाम तक, 2,392 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ, जो कुल 13,856 मेगावाट की मांग का 17 प्रतिशत है। 1,000 मेगावाट ओबरा संयंत्र, 1,130 मेगावाट अनपरा संयंत्र और 210 मेगावाट पारीछा संयंत्र के बंद होने के कारण बिजली उत्पादन नहीं हुआ।

हड़ताल के समर्थन में हरदुआगंज विद्युत उत्पादन केंद्र भी बंद होने जा रहा है।

शनिवार शाम तक, शहरी या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 506 फीडर कथित रूप से बंद हो गए थे, इससे राज्य में लगभग 13 लाख परिवार प्रभावित हुए थे।

मंत्री ने दावा किया कि राज्य में बिजली आपूर्ति सामान्य करने के लिए वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं।

शर्मा ने कहा, हड़ताल के कारण कुछ बिजली उत्पादन इकाइयां बंद हो गई हैं, लेकिन राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है। बिजली संघ की हड़ताल विफल रही।

मंत्री ने संविदा कर्मचारियों से हड़ताल में भाग लेने के बजाय अपने परिवार के बारे में सोचने और काम पर लौटने की अपील की है।

शर्मा ने कहा, हम अनुबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त करने में संकोच नहीं करेंगे। सरकार ने आउटसोसिर्ंग फर्मों को राज्य भर के आईटीआई से नए योग्य उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करने के लिए कहा है।

वीकेएसएसएस के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा, अगर बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो हम 72 घंटे की हड़ताल को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा देंगे।

हम बिजली उपभोक्ताओं को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते हैं, लेकिन यह सरकार की गलती है क्योंकि हमने उन्हें हड़ताल के बारे में महीने भर पहले सूचित किया था, फिर भी सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही।

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