स्मार्टफोन में विस्फोट होना कोई बड़ी बात नहीं है। चाहे फोन कितने भी प्रीमियम क्यों न हो फोन में कुछ गलतियों के चलते आग लग सकती है या फिर फोन एक्सप्लोड हो सकता है। कई बार ये मैन्यूफैक्चर की गलती होती है तो कई बार इसमें हमारी भी गलती होती है। अब जरूरी बात यह है कि आखिर ये गलतियां क्या हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन-सी गलतियां हैं जो करने से फोन में विस्फोट होने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
चलिए जानते हैं।मैन्यूफैक्चरिंग फॉल्टफोन के फटने का एक मेजर कारण उसकी मैन्युफैक्चरिंग में खराबी है। फोन में दी गई लिथियम-आयन बैटरी को अगर ठीक से टेस्ट न किया जाए तो यह खराबी के चलते विस्फोट हो सकती है। यह आमतौर पर तब होता है जब बैटरी के अंदर के सेल्स ज्यादा टैम्प्रेचर तक पहुंच जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप थर्मल बाहर निकलता है। ऐसा माना जाता है कि सस्ती बैटरीज के शॉर्ट सर्किट होने की संभावना अधिक होती है।
थर्ड पार्टी चार्जर का इस्तेमाल करनायह एक नॉर्मल गलती है। हम में से ज्यादातर लोग ऐसा करते होंगे। किसी थर्ड पार्टी चार्जर से फोन को चार्ज करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है। थर्ड-पार्टी चार्जर में अक्सर उन चीजों की कमी होती है जिनकी जरूरत हैंडसेट में सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में थर्ड पार्टी चार्जर फोन को डैमेज कर सकती हैं और फोन में शॉर्ट सर्कट हो सकता है।
रात भर चार्ज करनाफोन को रातभर चार्जर पर लगाना बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। हम में से ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि सोते समय फोन को चार्जिंग पर लगा देते हैं। यह बैटरी पर काफी प्रेशर बनाता है। फोन को ज्यादा चार्ज करने से ओवरहीटिंग, ओवरचार्जिंग, शॉर्ट-सर्किट जैसी परेशानियां हो सकती हैं। हालांकि, कई स्मार्टफोन अब एक चिप के साथ आते हैं जो बैटरी लेवल 100 फीसद होने पर करंट के प्रवाह को रोक देता है।
लेकिन पुराने फोन्स में ऐसी सुविधा मौजूद नहीं है।फोन को गर्मी में या धूप में रखनाज्यादा गर्मी फोन की बैटरी को खराब कर सकती है। इससे सेल्स थोड़े अस्थिर हो जाते हैं और एक्जोथिर्मिक ब्रेकडाउन खो देती हैं।
इससे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैस निकलती हैं और फिर फोन में विस्फोट हो सकता है। (एजेंसी)
**************************************