Sanjay Singh's allegation- Voter list revision in Bihar became an 'election scam'

राज्यसभा में उठाई आवाज़

नई दिल्ली,लखनऊ 22 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर मंगलवार को राज्यसभा में गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस देकर सदन की समस्त कार्यवाही स्थगित कर इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की।

सांसद संजय सिंह ने कहा कि बिहार में चल रही वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया एक बड़े “चुनावी घोटाले” का रूप ले चुकी है। यह प्रक्रिया न केवल अपारदर्शी है, बल्कि इससे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला हो रहा है और करोड़ों मतदाताओं के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद माने जाने वाले मतदाता सूची के नियमित और पारदर्शी पुनरीक्षण को बिहार में जिस प्रकार लागू किया जा रहा है, वह असमानता को बढ़ावा देने वाला है—विशेषकर जब हम इसे आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखते हैं।

राज्य के लगभग 8 करोड़ मतदाताओं से ऐसे कठोर दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं, जिन्हें जुटा पाना गरीब, प्रवासी मजदूरों, छात्रों और सामाजिक रूप से वंचित तबकों के लिए बेहद कठिन है। खासतौर पर आधार कार्ड को अस्वीकार किया जाना, जबकि इसे सरकार स्वयं एक मान्य पहचान दस्तावेज मानती रही है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।संजय सिंह ने यह भी कहा कि 2003 के बाद जिन नागरिकों के नाम मतदाता सूची में जुड़े थे, उनसे अब उनके माता-पिता की जन्मतिथि और जन्मस्थान का प्रमाण मांगा जा रहा है, जो कि ग्रामीण और गरीब वर्गों के लिए लगभग असंभव है।

उनके पास न तो जन्म प्रमाण पत्र हैं, न स्कूल रिकॉर्ड, और न ही ऐसी प्रशासनिक पहुँच कि वे ये दस्तावेज़ तैयार करा सकें।उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जनवरी 2023 में प्रवासी मजदूरों को दूरस्थ मतदान का जो वादा किया गया था, वह अब पूरी तरह विफल हो गया है और अब उन्हें अस्थायी अनुपस्थिति के आधार पर मतदाता सूची से ही हटाए जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

यह लोकतंत्र की बुनियादी भावना—सार्वभौमिक मताधिकार—के खिलाफ है और संविधान के अनुच्छेद 326 का सीधा उल्लंघन है।आप सांसद ने कहा कि यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी होती है तो उसका सीधा असर चुनावों की निष्पक्षता पर पड़ता है और लोकतंत्र की विश्वसनीयता को गहरा आघात पहुँचता है।

उन्होंने मांग की कि बिहार में चल रहे इस विशेष पुनरीक्षण अभियान की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और इसे तत्काल रोका जाए, ताकि सभी नागरिकों को निष्पक्ष एवं सरल पुनरीक्षण की सुविधा मिल सके।संजय सिंह ने यह दोहराया कि वह चाहते हैं कि सदन इस मुद्दे पर तत्काल और गंभीर चर्चा करे, ताकि करोड़ों नागरिकों के मताधिकार की रक्षा की जा सके और चुनावी प्रक्रिया पर जनता का विश्वास कायम रह सके।

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