03.08.2022 – आपने कई लोगों को देखा होगा जो बिना संगीत के नहीं रह पाते हैं और पूरे दिन उनके आसपास संगीत चलता रहता हैं। आपने देखा होगा कि ऐसे लोग दिमाग से शांत रहते हैं और उनमें दिनभर एनर्जी बनी रहती हैं। इसके पीछे का कारण हैं संगीत। कहा जाता हैं कि जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती हैं, उसी तरह संगीत भी आपकी सेहत बनाने का काम करता हैं।
रिसर्च के अनुसार संगीत बुरे ख्यालों को दूर करते हुए मन को एकाग्रचित करने में मदद करता हैं। संगीत से सेहत को इतने फायदे मिलते हैं कि आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे और अपनी दिनचर्या में संगीत को शामिल कर लेंगे। आइये जानते हैं संगीत से मिलने फायदों के बारे में…तनाव और चिंता को करें दूरजानकारों की मानें तो संगीत सुनने से रोगों से लडऩे की क्षमता में इजाफा होता है। नियमित संगीत सुनने दिमागी सुकून तो मिलता ही है, साथ ही ब्रेन फंक्शन भी बेहतर होता है।
इससे हमारी सर्जनात्मक क्षमता भी बढ़ती है।सुधरता है उच्च-रक्तचाप का स्तररोजाना सुबह-शाम कुछ देर तक संगीत सुनने से उच्च-रक्तचाप का स्तर सुधरता है तो वहीं धीमी गति का संगीत सुनने से स्ट्रोक की समस्या भी दूर होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, संगीत में तीन तंत्रिका तंत्र होते हैं, जिससे दिमागी सुकून मिलता है। स्ट्रोक की स्थिति में बिस्तर पर धीमा संगीत सुनने से आराम मिलता है।व्यायाम करते वक्त संगीत सुनना फायदेमंदएक सर्वे के मुताबिक़ ये पाया गया है कि संगीत उत्साह को बनाए रखता है, धैर्य बढाता है और मूड में सुधार करता है।
संगीत सुनने से हमारा ध्यान व्यायाम के दौरान होनेवाली असुविधा की ओर नहीं जाता। रिसर्च में ट्रेड मिल पर चलते हुए 30 लोगों पर संगीत के प्रभाव का अध्ययन किया गया था। मोटिवेशनल व नॉन-मोटिवेशनल संगीत सुनने के दौरान का प्रदर्शन, संगीत नहीं सुनने के दौरान किए गए व्यायाम से बेहतर था।बढ़ती है स्मरण शक्तिकुछ लोगों को पढ़ाई करते हुए संगीत सुनने की आदत होती है। उनके अनुसार, इससे वे बेहतर पढ़ाई कर पाते हैं। अब शोध भी उनकी बात साबित करते हैं। नियमित संगीत सुनना बुढापे की प्रक्रिया को कम करता है।
डिमेंशिया के शिकार लोगों पर भी इसका अच्छा असर होता है। संगीत में रुचि लेना शरीर में डोपामाइन हार्मोन का स्राव करता है, जो जोश व प्रेरणा देता है। संगीत के प्रति बच्चों का झुकाव उनकी बातचीत को प्रभावी बनाता है। सोचने-समझने की क्षमता पर अच्छा असर पड़ता है, जिससे वर्बल आईक्यू तेज़ होने लगता है।नींद अच्छी आती हैअगर आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं तो सोते समय सुखदायक संगीत सुनना शुरू कर दीजिए। एक सुखद नींद के लिए सोने से पहले 30-45 मिनट का संगीत सुनने की आदत अवश्य डालें।
रॉक या रेट्रो म्यूजि़क से रात को दूर रहे, नहीं तो परिणाम विपरीत भी आ सकते हैं। सोने से कुछ समय पहले शास्त्रीय संगीत को सुनें, क्योंकि शास्त्रीय संगीत सहानुभूति तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करके चिंता को घटाता है। मांसपेशियों को आराम देता है और उन विचारों की व्याकुलता को दूर करता है जो आपके सोने में बाधक है।कैलोरी के कम सेवन में मददगार भोजन के दौरान अगर सॉफ्ट म्यूजि़क सुना जाये तो खाना खाने वाले का पेट जल्दी भरता है। संगीत ऐसे लोगों को जागरूक बनाता है कि आपका पेट भर चुका है।
एक शोध से यह सामने आया है कि संगीत कैलोरी के सेवन को कम करके संयमी बनाने में मदद करता है। चिंता में व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त भोजन को खाने की ज्यादा इच्छा रखता है। जैसा की आप जानते हैं संगीत से चिंता भी दूर होती है और इससे आपको स्वस्थ खाने में मदद मिल सकती है।दर्द की अनुभूती होती है कमसंगीत का नर्वस सिस्टम पर अच्छा असर होता है। यह वह हिस्सा है, जो रक्तचाप, हृदय गति और दिमाग की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। जिससे हम आराम से और बेहतर सांस ले पाते हैं।
एक रिसर्च में यह पाया गया है कि जिन लोगों को बैक सर्जरी के बाद म्यूजि़क थैरेपी दी गई उन्हें सर्जरी के बाद बैकपेन में बहुत राहत मिली। इससे मस्तिष्क के उस हिस्से पर भी असर होता है, जो भाव को नियंत्रित करता है।
मांसपेशियों के दर्द से पीडि़त लोगों का नियमित संगीत सुनना डिप्रेशन के लक्षण व दर्द को कम करता है। धीमी लय वाले संगीत से बढ़ी हुई हृदय गति काबू होती है। कंधे, पेट व पीठ का तनाव कम होता है। (एजेंसी)
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