Have your knees started giving answers in your youth, include this yoga in your routine

26.06.2023 (एजेंसी)  – पहले के समय में घुटनों के दर्द की समस्या को उम्र से जोड़कर देखा जाता था। उम्र बढऩे के साथ जोड़ों और घुटनों का दर्द होना आम बात हैं। लेकिन आजकल यह समस्या जवानी में भी देखने को मिल रही हैं। जी हाँ, वर्तमान में कई युवा 30 की उम्र पार करते ही अर्थराइटिस या गठिया का शिकार हो जाते हैं। शुरुआत में ही इस पर ध्यान न दिया जाए तो आपका शरीर आने वाले समय में दूसरों के सहारे रहने पर मजबूर कर देगा। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें दिनचर्या में शामिल करते हुए घुटनों को मजबूती प्रदान करने की जरूरत हैं।

योग करने से पैरों का रक्त संचार बेहतर होता है और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है। रोजाना योग करें ताकि घुटने मजबूत हों और पैरों में होने वाले असंतुलन को कम किया जा सके। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में…वीरासनघुटनों के दर्द के लिए योग में शामिल पहला नाम वीरासन का है। यह योग शरीर और मन दोनों को शक्ति दे सकता है। इसके लिए सबसे पहले समतल जमीन पर योग मैट बिछा लें।

अब योग मैट पर आप घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने हाथों को सामान्य तरीके से अपने घुटनों पर रखें। अब अपने दोनों घुटनों को करीब लाएं। ऐसे करने से दोनों पैरों के बीच दूरी बन जाएगी। ध्यान रहे, दूरी इतनी होनी चाहिए कि दोनों पैरों के बीच आराम से आपके नितम्ब (हिप्स) आ सके। अब अपने दोनों टखनों को जांघों से बाहर की तरफ रखें। फिर धीरे-धीरे अपने नितम्ब को जमीन पर रखने की कोशिश करें। अगर पहली बार कोई यह योग मुद्रा कर रहा है, तो हिप्स के नीचे छोटा तकिया रख सकते हैं। जब आप पूरी तरह वीरासन योग मुद्रा में आ जाए, तो इसी मुद्रा में कम से कम 30 सेकंड तक रहने की कोशिश करें। फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आएं। इस पूरी प्रक्रिया को अपनी सुविधा के अनुसार दो से तीन बार दोहराएं।

धनुरासन

धनुरासन एक ऐसा आसन है जो ना केवल घुटनों के दर्द को खत्म करता है बल्कि इससे पीठ दर्द तनाव और मांसपेशियों की खिंचाव भी दूर होती है। इतना ही नहीं ये बंद नसों को भी खोलता है जिससे शरीर में फुर्ती बन जाती है। धनुरासन करने के लिए पहले पेट के बल सीधे लेट जाएं उसके बाद शरीर के अगले हिस्से को थोड़ा थोड़ा ऊपर उठाएं और पीछे से दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और अपने आगे वाले दोनों हाथों से पीछे वाले पैरों के पंजों को पकड़ें, गर्दन को भी जितना हो सके ऊपर की ओर खींचे और धनुष का आकार ले लें। नियमित रूप से इस योग को करने से शरीर में दर्द से जुड़ी सारी परेशानियां दूर होती है।

त्रिकोणासन

इस योगासन के अभ्यास से मांसपेशियों का दर्द कम होता है। त्रिकोणासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब पैरों के बीच करीब दो फीट की दूरी रखें और लंबी गहरी सांस लेते हुए शरीर को दाईं ओर झुकाएं। फिर बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं। अपनी नजरें भी बाएं हाथ की उंगलियों पर टिकाएं। कुछ देर इस मुद्रा में रहे और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। अब दूसरी ओर से ये प्रक्रिया अपनाएं।

मलासन

इस आसन में मल त्याग करने की मुद्रा में बैठने का प्रयास किया जाता है। इसे अंग्रेजी में गारलैंड पोज कहा जाता है। माना जाता है कि मलासन पैरों में रक्तसंचार को बेहतर बनाने के साथ-साथ पीठ और कमर के लिए भी उपयोगी हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले किसी साफ और शांत जगह पर योग मैट बिछा लें। अब उस पर सीधे खड़े हो जाएं। फिर दोनों पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं। उसके बाद दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में ले आएं। हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में रखते हुए सीने के सामने लाएं। ध्यान रहे इस दौरान आपके हाथ सीधे रहने चाहिए। अब धीरे-धीरे नीचे बैठें, यह मुद्रा मलत्याग करने की स्थिति जैसी होती है। इस स्थिति में आने के बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर थोड़ा झुकें। ध्यान रहे, इस अवस्था में आने के बाद दोनों कोहनियों को दोनों जांघों के बीच 90 डिग्री एंगल पर रखें। अब थोड़ी देर इस अवस्था में रहकर सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आने के बाद सीधे खड़े हो जाएं।

गरुड़ासन

गरुड़ासन को अंग्रेजी में ईगल पोज भी कहा जाता है। यह आसन घुटनों को मजबूत बनाने और दर्द को दूर करने के लिए एक बेहद फायदेमंद योग है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर सीधा खड़े हो जाएं। इसके बाद दाएं घुटने को मोड़ें फिर बाएं पैर पर खड़े होने का प्रयास करें। फिर दाएं पैर को बाएं के सामने घुमाते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं। इस दौरान दाईं जांघ बाईं पर रखें। इस मुद्रा में दोनों हाथों को आगे की ओर लेकर जाएं। दोनों बाजुओं की कोहनी को मोड़कर क्रॉस करें। हाथों को क्रॉस करने के दौरान दाएं बाजू को बाएं पर रखें।

जानु चक्रासन

इस आसन के लिए दंडासन में बैठें। अब दाहिने घुटने को मोड़ें और हिप्स के पास ले आएं। अब अपने हाथों को घुटनों या जांघ के नीचे ले जाकर लॉक कर लें। अब अपने पैर को ऊपर उठाते हुए बड़े से बड़ा गोला बनाएं। प्रयास करें की आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहे। ध्यान रखें कि आप अपनी क्षमता के अनुसार ही पैर को मूव करें। आप अपने पैर को पहले क्लॉकवाइज और फिर एंटी-क्लॉक वाइज घुमाएं। पैर को ऊपर ले जाते हुए सांस लें और नीचे ले जाते हुए छोड़ें। अब अपने दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। आप इसे 10 से 15 बार करें।

पर्श्वोत्तनासन

इस योग को पिरामिड पोज कहा जाता है। पर्श्वोत्तनासन का अभ्यास करने के लिए दाहिने पैर को आगे बढ़ाकर 45 डिग्री एंगल बना ले। अब आगे की ओर झुकते हुए हाथो को नीचे जमीन पर सटा लें। घुटनों को मोड़े नहीं। इस अवस्था में कुछ देर रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। अब यही प्रक्रिया बाएं पैर को आगे बढ़ाकर करें। आप इसे 10 से 15 बार करें।

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