Fashion designer Neha Bandyopadhyay nominated as president of Navi Mumbai Jan Parishad Women's Cell

04.02.2025 – बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र की धरती से संयुक्त रूप से जुड़ी फैशन डिजाइनर, चित्रकार व समाज सेविका श्रीमती नेहा बंद्योपाध्याय को अखिल भारतीय स्तर की सामाजिक संस्था जन परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीपी श्री एन के त्रिपाठी द्वारा जन परिषद की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री श्रीमती सुनील डबास की अनुशंसा पर नवी मुंबई जन परिषद महिला सेल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।

Fashion designer Neha Bandyopadhyay nominated as president of Navi Mumbai Jan Parishad Women's Cell

संगठन के संयोजक रामजी श्रीवास्तव के अनुसार जन परिषद एक राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक संस्था है, जो पिछले 36 वर्षों से सामाजिक एवं रचनात्मक कार्यों में सक्रिय है, तथा कई ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व सामाजिक संदर्भ से जुड़ी कई पुस्तकें भी प्रकाशित कर चुकी है। ‘जन परिषद’ प्रत्येक वर्ष उन लोगों को सम्मानित करता है, जो रचनात्मक एवं सामाजिक सुधार कार्यों को जनहित में मूर्त रूप दे रहे हैं।

इस संस्था का मुख्य आधार मानवीय, सामाजिक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण है। विदित हो कि नेहा बंद्योपाध्याय भारतीय फिल्म जगत में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के के ग्रैंडसन (नाती) चंद्रशेखर पुसालकर की दत्तकपुत्री के रूप में जानी जाती हैं। प्राइड ऑफ भारत की प्रथम रनर अप नेहा बंद्योपाध्याय को मधुबनी पेंटिंग और वंचित महिलाओं और छात्राओं को प्रशिक्षण देने की दिशा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘द ग्रेट इंडियन वूमेन अवार्ड 2021’ और ‘सरस्वतीबाई दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल आइकॉनिक अवार्ड 2021’ से भी नवाजा जा चुका है।

ड्रेस डिजाइनिंग और आभूषण तथा संगीत के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा के बदौलत नेहा अब तक कई अवॉर्ड पा चुकी हैं। फैशन डिजाइनिंग संस्थान के प्रमुख के रूप में अपनी संचालन क्षमता का परिचय देते हुए नेहा ने अपने संस्थान का सफलतापूर्वक विस्तार और विकास किया, छात्रों की संख्या 5 से बढ़ाकर लगभग 400 कर दी है। एक वर्ष से भी कम समय में 400 छात्र को प्रशिक्षित किया जिसके फलस्वरूप उन्हें टेक्सटाइल डिजाइनिंग और इंस्टीट्यूट के लिए लायन क्लब पुरस्कार भी मिला।

एमबीए (फाइनेंस), एम.एससी, टेक्सटाइल डिजाइनिंग और बैचलर ऑफ एजुकेशन में डिग्री ले चुकी नेहा बंद्योपाध्याय भारतीय लोक कला को बढ़ावा देने और मधुबनी, वारली पेंटिंग और संगीत के क्षेत्र से जुड़े समुदाय का हिस्सा बनने वाले सैकड़ों कलाकारों का समर्थन करने के लिए कोर टीम के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय लोक गैलरी में उपस्थित रहती हैं साथ ही साथ कला उत्सव और शिल्प मेले से लेकर लोक, पारंपरिक और आधुनिक भारतीय कला से संबंधित एग्जिबिशन में भी सेवा, सहयोग व समर्पण की भावना के साथ शामिल रहती हैं।

प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय

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