Calcutta High Court extends stay on coercive action against Shubhendu Adhikari

कोलकाता 03 जनवरी,(एजेंसी)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ राज्य द्वारा किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक 17 जनवरी तक बढ़ा दी है। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल न्यायाधीश वाली पीठ के समक्ष होगी।

अधिकारी के वकील ने मंगलवार को अदालत को सूचित किया कि, 29 नवंबर को अधिकारी को कोर्ट से राहत दी गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उस दिन अदालत को यह सूचित नहीं किया कि राज्य पुलिस ने एक दिन पहले ही 28 नवंबर को सरकारी निविदा संबंधी मामले में उसके खिलाफ एक नई प्राथमिकी दर्ज की थी।

न्यायमूर्ति मंथा ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा कि 17 जनवरी तक शुभेंदु अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होगी ना ही उनके खिलाफ पुलिस कोई अन्य कार्रवाई कर पाएगी। अगली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी अपना पक्ष रखेंगे।

12 दिसंबर को न्यायमूर्ति मंथा ने पूर्व और भविष्य की प्राथमिकी के खिलाफ अधिकारी को सुरक्षा प्रदान की थी। पिछली 26 प्राथमिकियों पर रोक लगाते हुए साथ ही राज्य पुलिस को अदालत की मंजूरी के बिना भविष्य की प्राथमिकी दर्ज करने से रोक लगाई थी, उन्होंने कहा कि अधिकारी लोगों द्वारा चुने गए विपक्ष के नेता हैं और ऐसी परिस्थितियों में, पुलिस या तो अपने दम पर या किसी के इशारे पर, कोई कदम नहीं उठा सकती।

15 दिसंबर को, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने अधिकारी को सुरक्षा/राहत देने के लिए न्यायमूर्ति मंथा के खिलाफ तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा था- न्यायिक प्रणाली के प्रति मेरा पूरा सम्मान है। लेकिन जिस तरह से न्यायमूर्ति मंथा ने शुभेंदु अधिकारी को अतीत और भविष्य की सभी एफआईआर से सुरक्षा दी, वह अलोकतांत्रिक और पक्षपातपूर्ण था। इसने सुवेंदु अधिकारी को खुली छूट दे दी, जैसा कि आसनसोल में उनके कंबल वितरण कार्यक्रम में हुई भगदड़ से स्पष्ट था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति मंथा को इस त्रासदी की जिम्मेदारी लेनी होगी।

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