28.07.2022 – 29 जुलाई को हॉल ऑफ हार्मनी, नेहरू सेंटर, मुंबई में आयोजित यूनिक कॉन्सर्ट ‘ पैशन-लता,आशा और मैं’ के माध्यम से बॉलीवुड की चर्चित सिंगर मधुश्री भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर और लिविंग लीजेंड आशा भोंसले को अपने अंदाज में ट्रिब्यूट देंगी। मखमली आवाज़ की मल्लिका और मीठी डली सी सुरों में करिश्माई रस भर देती गायिका मधुश्री के लिए ये मौका बेहद खास हैं।
क्योंकि वो कुछ ऐसा करनेवाली हैं जिसके लिए उन्होंने बहुत पहले से तैयारी की हुई थी। पूरे विश्व में हज़ारो कॉन्सर्ट कर चुकी मधुश्री ,महामारी के ढाई साल के बाद मुम्बई में कॉन्सर्ट कर रही हैं। मधुश्री का मानना है कि लता और आशा दीदी के आशीर्वाद से उनकी संगीतमय अभिव्यक्ति जादुई अमृत होगी जो श्रोताओं में आंतरिक शक्ति का संचार करेगी।
बकौल मधुश्री कोविड महामारी के समय जब दुनिया घरों में कैद थी , लता दीदी और आशा जी के सदाबहार गीतों ने मुझे जिंदगी जीने का एक बहाना दिया। जहाँ घरों में रहना इतना जरूरी था जहाँ,ऊब, चिंता, अकेलापन और अवसाद था। ऐसे समय में, लता दीदी के गीतों ने मुझे गले लगा लिया, न कि केवल एक उत्थान, आराम और प्रेरक तरीके से….उनके गीतों ने मेरे मस्तिष्क में एक स्थान बना लिया जिसने मुझे अपनी वर्तमान भावनाओं को व्यक्त करने और खुद को परिमार्जित करने में मदद की।
आशा दीदी ने मुझे अपने पंख फैलाने और गाने के हर माइक्रोसेकंड में रोमांस करने और उन्हें अविस्मरणीय संगीतमय क्षणों में बदलने में मदद की।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
**************************************
इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना
इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए
इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?
इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो
इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ
तपती धरती का जिम्मेदार कौन?
मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब
जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है
इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश
इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना
इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..
इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य
इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प
इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल
इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने
इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने