इंदौर,12 जुलाई (एजेंसी)। हाई कोर्ट इंदौर द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने दूसरे दौर की सुनवाई मंगलवार को भी की। कमेटी पीडि़तों को भूमाफियाओं से 300 से अधिक भूखंड दिलाने और डायरियों पर हुए कारोबार को लेकर प्रयास कर रही है। दूसरे दौर की सुनवाई सोमवार से शुरु हुई है। इसमें कालिंदी गोल्ड के भूखण्ड हड़पने वाले और अपनी ही डायरियों को नकली बताने वाले हैप्पी भवन की डायरियों पर हुए हस्ताक्षरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। इससे यह तय हो गया है कि हैप्पी भवन का जालसाजी और हेराफेरी में जेल जाना तय है।
शासकीय अधिवक्ता विशाल सनोतिया के मुताबिक अभी हाई पावर कमेटी सुनवाई कर रही है। सभी याचिकाओं पर हाई कोर्ट में नौ अगस्त की सुनवाई में निर्णय होगा। उससे पूर्व हाई पावर कमेटी पीडि़तों की सुनवाई कर रही है। हैप्पी भवन, रीतेश अजमेरा और चिराग शाह से भूखण्ड पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए चल रही प्रक्रिया में कमेटी के प्रयास अब आकार लेने लगे हैं। सुनवाई में कालिंदी गोल्ड सिटी में डायरियों पर दिए भूखण्ड और रजिस्ट्री किए गए भूखण्ड नहीं देने के मामले में कमेटी ने सख्त रवैया अपनाते हुए अब हैप्पी भवन की 100 से अतधिक डायरियों में किए गए हस्ताक्षरों की जांच के निर्देश दिए हैं।
हैप्पी भवन खुद ही अपने हस्ताक्षर को डायरियों पर नकली बता रहा है। फिनिक्स टाउनशिप में लगभग 23 भूखंडों की रजिस्ट्री रमेश मित्तल को प्रदीप अग्रवाल के माध्यम से कराना है। हाई कोर्ट की स्टेट्स रिपोर्ट में भी यह निर्देशित किया गया है।
इसके अलावा चिराग शाह को भी 23 प्लाटों की जिम्मेदारी रजिस्ट्री कराने के लिए तय की गई है। लंबे समय से हाई कोर्ट की रिपोर्ट पर प्रशासन आगे कदम नहीं बढ़ा रहा था वरना यह मामला बिना कमेटी बनाए ही समाप्त हो जाता। रितेश अजमेरा पर भी सुनवाई होनी है।
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