Himachal became the first hill state in the country to provide water to every household Sukhu

शिमला 08 जुलाई ,(एजेंसी)। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हर घर जल पहुंचाने में हिमाचल प्रदेश देश का पहला पहाड़ी राज्य बन गया है। प्रदेश में कुल 17.08 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी, जिसके तहत वर्ष, 2024 तक देश के सभी घरों को घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था। हिमाचल प्रदेश ने समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल करते हुए पेयजल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हिमाचल ने देश में शीर्ष 9 राज्यों में अपना स्थान बनाया है। जल जीवन मिशन में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर स्वच्छ पेयजल नल के द्वारा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया। प्रदेश ने कार्यक्षमता मूल्यांकन और पेयजल गुणवत्ता में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर केन्द्र से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त की।

समिति ने कुल 1742 योजनाएं मंजूर की

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति द्वारा प्रदेश में कुल 1742 योजनाएं मंजूर की गईं, जिसकी अनुमानित राशि 5757.79 करोड़ रुपये है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित किया गया। इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों, महत्वाकांक्षी जिला और सांसद आदर्श ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी गई। पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 69 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा प्रत्येक गांव को पानी की जांच के लिए फील्ड टैस्ट किट वितरित किए गए हैं, जिसके माध्यम से लोग अपने गांव में ही पानी की नियमित जांच करवा सकते हैं।

कौशल विकास से 14,200 युवाओं को प्रशिक्षित किया

ठा. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जल शक्ति विभाग की ओर से कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से 14,200 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जो युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के साथ-साथ पेयजल योजनाओं के रखरखाव एवं प्रबंधन में भी मददगार साबित होगा। युवाओं को सशक्त करने के लिए तथा योजना और विकास संबंधी कार्यों में उनकी सहभागिता के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा सिविल, इलैक्ट्रिकल, मैकेनिकल या बहुतकनीकी में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिमाह 5000 रुपये का वज़ीफा भी दिया जा रहा है। प्रदेश में 49 ग्रामीण पेयजल योजनाएं संचालन और रखरखाव के लिए पूर्ण रूप से ग्राम पंचायतों को सौंप दी गई है। प्रदेश के 28600 पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण पेयजल योजनाओं के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए 22562 ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया गया है।

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