Meteorological Department warns of heavy rain, 67 trains cancelled, alert in 9 states of the country

 *चक्रवाती तूफान बिपरजॉय*

नई दिल्ली,14 जून (एजेंसी)। अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय फिलहाल ईस्ट सेंट्रल अरब सागर की खाड़ी में बना हुआ है औक धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है। इस तूफान के 15 जून को सौराष्ट्र-कच्छ और आसपास के इलाकों में पहुंचने की प्रबल संभावना है। इसके बाद यह उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर आगे बढ़ेगा और फिर इसके धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है।

गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों के साथ-साथ पाकिस्तान के निकटवर्ती क्षेत्रों में चक्रवात बिपरजॉय के आने के बाद से हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चक्रवात के गुरुवार शाम को लैंडफॉल की भविष्यवाणी की गई है, से जहां तेज हवाएं चल सकती हैं, वहीं भारी बारिश हो सकती है। एक प्रारंभिक उपाय के रूप में अहमदाबाद नगर निगम ने असुरक्षित क्षेत्रों में लगाए गए होर्डिंग्स को हटाने और गिरने की आशंका वाले कमजोर पेड़ों को काटने का निर्णय लिया है।

भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुरुवार को गुजरात में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार तक सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है और मछुआरों को सलाह दी है कि वे समुद्र में न जाएं। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने एहतियात के तौर पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है।
रद्द की गई कुछ ट्रेनों में ओखा-राजकोट अनारक्षित स्पेशल, वेरावल-ओखा एक्सप्रेस, राजकोट-ओखा अनारक्षित स्पेशल, भावनगर टर्मिनस-ओखा एक्सप्रेस, अहमदाबाद-वेरावल एक्सप्रेस, पोरबंदर-वेरावल एक्सप्रेस शामिल हैं।भारतीय तटरक्षक बल भी गुजरात के तट पर सक्रिय रूप से गश्त कर रहा है।

गुजरात में अधिकारियों ने तटीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर निकासी का प्रयास शुरू किया है। चक्रवात के प्रभाव की प्रत्याशा में लगभग 37,800 व्यक्तियों को संवेदनशील क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है। कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात के लिए राज्य की तैयारियों का आकलन करने के लिए मंगलवार को एक बैठक की अध्यक्षता की। चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मंत्री शाह ने संवेदनशील क्षेत्रों से निवासियों को निकालने और इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

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राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित आपदा प्रतिक्रिया दल, चक्रवात के बाद सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं। सेना ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ अधिकारियों के साथ समन्वय में काम करते हुए बाढ़ राहत टीम भी तैनात किए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय भागों में तेज हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां भारी बारिश की उम्मीद है।
इसके लैंडफॉल के बाद, चक्रवात बिपारजॉय के कमजोर पडऩे और उत्तर पूर्व की ओर अत्यधिक दक्षिण राजस्थान की ओर बढऩे की संभावना है। आईएमडी निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार 15-17 जून तक उत्तरी गुजरात में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए, एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड के प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है।

चक्रवात बिपरजॉय की तैयारी में, पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं और 67 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।

16 जून को इसके होने के रूप में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने की संभावना है। इसके असर से आंधी बारिश होगी और 15 जून दोपहर बाद ही जोधपुर व उदयपुर संभाग के जिलों में प्रारंभ होने की संभावना है। वहीं 16 जून को इसके असर से जोधपुर, उदयपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में हवाओं की गति 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 65 किमी प्रति घंटा तक दर्ज होने की संभावना है। 17 जून को भी इस सिस्टम का असर जोधपुर, उदयपुर व अजमेर संभाग व आसपास के कुछ भागों में भारी बारिश के रूप में जारी रहने की संभावना है।

वी.आर. उल्वा, पुलिस सब इंस्पेक्टर, नलिया ने बताया बिपरजॉय चक्रवात के मांडवी और नलिया, हॉटस्पॉट हैं।। इसके लिए हमने जनता को जागरूक कर दिया है। इसके साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक-एक टीम तैनात की गई है जो किसी भी आपात स्थिति में बचाव अभियान चलाएगी।

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