25.02.2023 (एजेंसी) – लोग जहां भी जाते हैं नए भोजन विकल्पों को आजमाना पसंद करते हैं, लेकिन उनसे फूड पॉइजनिंग का खतरा अधिक रहता है। फूड पाइजनिंग स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणु के कारण हो सकता है। इससे पेट दर्द, उलटी और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आइए आज हम आपको 5 ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जो फूड पॉइजनिंग की समस्या को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं। सेब का सिरका है उपयोगीसेब के सिरके में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ बहुत प्रभावी हैं। लाभ के लिए 1-2 बड़ी चम्मच कच्चे और अनफिल्टर्ड सेब के सिरके को एक गिलास गर्म पानी डालकर अच्छे से मिलाएं। समस्या ठीक होने तक इस पेय का रोजाना 2-3 बार सेवन करें। हालांकि, अगर आपको सेब का सिरका सूट नहीं करता है तो आप इस उपाय को न आजमाएं।
अदरक और शहद भी हैं प्रभावीअदरक और शहद का मिश्रण भी फूड पॉइजनिंग का प्राकृतिक रूप से इलाज करने में मदद कर सकता है। लाभ के लिए एक कप पानी में 1-2 इंच कटी हुई अदरक डालें और इसे सॉस पैन में उबालें। 5 मिनट के बाद मिश्रण को छाने और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करें। आप चाहें तो अदरक के रस की कुछ बूंदों को शहद में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
शहद और तुलसी का मिश्रण है सहायकतुलसी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों खाद्य जनित रोगजनकों को मारने के लिए जाने जाते हैं। यह आपके पेट को स्वस्थ रखने के साथ फूड पॉइजनिंग से जुड़े लक्षणों को भी कम कर सकता है। लाभ के लिए तुलसी के कुछ पत्तों को पीसकर उसका रस निकालें और फिर एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर तुरंत सेवन करें।
वैकल्पिक रूप से आप एक कप पानी में तुलसी के तेल की एक बूंद डालकर भी पी सकते हैं।
आंवले के जूस का करें सेवनआंवले के जूस का सेवन फूड पॉइजनिंग के दौरान होने वाले लक्षण जैसे जी मचलाना और उल्टी आना आदि की समस्या से राहत दिला सकता है। इतना ही नहीं इसमें प्रचुर मात्रा में सम्मिलित विटामिन- सी जैसे गुण पेट की समस्याओं को भी दूर करने का काम करते हैं। लाभ के लिए थोड़े-से आंवले के जूस को एक कप पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं और उसके बाद इसका सेवन करें।
केले का सेवन भी हो सकता है लाभकारीकेला शरीर में खोए हुए पोटेशियम की भरपाई करके फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। लाभ के ले रोजाना एक केला खाएं। आप चाहें तो केले के पेस्ट को दूध में मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। ऐसा आप दिन में 2 से 3 बार कर सकते हैं।
इसी तरह समस्या के पूरी तरह खत्म होने तक इस उपाय को दोहराते रहना चाहिए।
**************************