रांची 17 Jan, (एजेंसी): ईडी ने झारखंड एमएलए कैश कांड में कांग्रेस के जिन तीन विधायकों को 13, 16 और 17 जनवरी को पूछताछ के लिए समन भेजा था, उनमें से कोई भी हाजिर नहीं हुआ। आज कोलेबिरा के विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी से पूछताछ होनी थी, लेकिन उन्होंने अपनी जगह अपने अधिवक्ता को एक आवेदन के साथ भेज दिया, जिसमें राजनीतिक एवं व्यक्तिगत व्यस्तताओं का हवाला देते हुए दो हफ्ते के वक्त की मांग की है। इसके पहले 13 जनवरी को जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी और 16 जनवरी को खिजरी के विधायक राजेश कच्छप ने भी अपने-अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से ईडी के यहां अर्जी लगाकर वक्त की मांग की है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, इन्हें जल्द ही दूसरा समन भेजा जाएगा। बता दें कि इन तीनों विधायकों को बीते 30 जुलाई 2022 को हावड़ा में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इनके पास से 48 लाख रुपये बरामद किए थे। बंगाल पुलिस की सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी थी कि विधायकों ने कोलकाता के ही शेयर ट्रेडर महेंद्र अग्रवाल से पैसे लिए थे। ये तीनों विधायक फिलहाल जमानत पर हैं।
तीनों विधायकों की गिरफ्तारी के अगले दिन इसी पार्टी के विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाने में 31 जुलाई को जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल पर लगभग दो माह पहले जांच शुरू की है।
विधायक अनूप सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार गिराने के लिए भाजपा नेताओं के साथ मिलकर तीनों विधायकों ने साजिश रची थी। अनूप सिंह के मुताबिक सरकार गिराने के लिए इन साथी विधायकों के जरिए उन्हें 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया जा रहा था। कांग्रेस विधायक अनूप ने अपनी शिकायत में कहा था कि इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और विक्सल कोंगाड़ी उन्हें कोलकाता बुला रहे थे। उन्हें कहा गया था कि सरकार गिराने के बदले प्रति एमएलए 10 करोड़ रुपये दिये जाने थे।
ईडी ने शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह से बीते 24 दिसंबर 2022 को करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। शिकायतकर्ता के तौर पर उनका बयान भी दर्ज किया गया था। ईडी ने उनसे यह भी पूछा था कि झारखंड में सरकार गिराने के लिए उन्हें किसने 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया?
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