*सीएम आवास पर आया फोन*
नई दिल्ली ,01 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस पर फैसले से पहले वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। ये धमकी सीएम आवास पर एक काल के जरिए मिली है।
जानकारी के अनुसार आधी रात को 5 कालीदास मार्ग सीएम आवास पर आए धमकी भरे फोन को ड्यूटी स्टाफ ने रिसीव किया था। धमकी देने वाले से ड्यूटी स्टाफ ने पूछा कहां से बोल रहे हो? पूछते ही कॉलर ने फोन काट दिया। ड्यूटी स्टाफ ने इसकी जानकारी सीनियर अधिकारियों को दी।
इसके बाद साइबर टीम एक्टिव हो गई। लखनऊ पुलिस ने वाराणसी पुलिस को भी इस मामले की जानकारी दी है। वाराणसी पुलिस ने कोर्ट सुरक्षा बढ़ा दी है।
मोबाइल नंबर ट्रेस करते हुए साइबर टीम वाराणसी के एक सब्जी विक्रेता के पास पहुंची। हिरासत में लिए गए सब्जी विक्रेता ने कहा कि उसका मोबाइल चोरी हो चुका है।
इस वजह से किसने की कॉल, उसको नहीं पता है। बताया जा रहा है कि जिस नंबर से धमकी भरी कॉल आई, वो सब्जी विक्रेता की बेटी के नाम पर रजिस्टर है।
बता दें, ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में बीते महीने 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन समेत अन्य ने कोर्ट में शिवलिंग की आकृति की एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) विशेषज्ञ से कार्बन डेटिंग कराने का अनुरोध किया था।
इसके बाद मामले की सुनवाई 29 सितंबर को हुई। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि एएसआई से शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच कराई जाए। हमने अर्घा और उसके आसपास के क्षेत्र की कार्बन डेटिंग की भी मांग की है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मुस्लिम पक्ष ने अपना पक्ष रखा।
मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं की जानी चाहिए। यह शिवलिंग नहीं एक फव्वारा है। इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
कोर्ट इस मामले में सात अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी। वहीं उससे पहले वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है।
यह धमकी कहीं और नहीं बल्कि सीएम आवास पर मिली है। धमकी को देखते हुए वाराणसी कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है।
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