Worship Mother Skandmata for happiness, prosperity and children

नई दिल्ली 30 Sep. (Rns/FJ): शारदीय नवरात्रि के इस पावन पर्व पर शुक्रवार को पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जा रही है।

ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन और विधि-विधान से स्कंदमाता की पूजा की जाए, तो माता प्रसन्न होती हैं और भक्त को सुख-समृद्धि देने के साथ संतान प्राप्ति भी होती है।

शुक्रवार को स्कंदमाता की पूजा का समय दिन के 12.08 बजे से लेकर रात्रि 10.34 बजे तक है। अगर बात करें स्कंदमाता की पूजा विधि की तो माता के इस रूप को प्रसन्न करने के लिए केले का भोग लगाकर जरूरतमंदों को बांटना सबसे श्रेयस्कर है।

इस दिन ब्राह्मणों को केला दान करने से बल और बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। स्कंदमाता का प्रिय रंग सफेद है। संतान की चाह रखने वाले अगर स्कंदमाता की पूजा सही ढंग से करते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है।

इसके अलावा परिवार में खुशहाली, मोक्ष पाने और सफलता पाने के लिए भी स्कंदमाता की पूजा परिणाम देती है।

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