Djokovic amid extra-sport controversiesDjokovic amid extra-sport controversies

अरुण नैथानी  –
यह परिस्थितियों का खेल है कि दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच खेल से अलग कारणों से सुर्खियों में हैं। दरअसल, जोकोविच को आस्ट्रेलिया में प्रवेश करने से रोक दिया गया। हालिया विवाद खेल से जुड़ा नहीं है। जोकोविच कोरोना वैक्सीन लगाने के पक्षधर नहीं रहे हैं। एक सर्बिया डॉक्टर के पुत्र नोवाक की मान्यता रही है कि वैक्सीन लगाना, न लगाना व्यक्ति का निजी मामला है। लेकिन वैक्सीन को लेकर सोच के चलते उनकी आस्ट्रेलिया सरकार से ठन गई और हवाई अड्डे पर पहुंचते ही उनका वीजा रद्द कर दिया गया। उन्हें होटल में बने डिटेंशन सेंटर में ठहरा दिया गया, जिसके चलते आस्ट्रेलिया व विदेश में टेनिस व जोकोविच के समर्थकों की तल्ख प्रतिक्रिया सामने आई। यहां तक कि आस्ट्रेलिया की केंद्र सरकार व विक्टोरिया राज्य सरकार इस मुद्दे पर आमने-सामने आ गई। दरअसल, विक्टोरिया प्रांत की सरकार आस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट का आयोजन कराती है। नोवाक जोकविच ने वर्ष 2021 समेत नौ बार आस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट जीता है।
अब सर्बिया सरकार के तल्ख विरोध और खेल जगत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद लगता है कि जोकोविच आगामी 17 जनवरी से आरंभ होने वाले वर्ष के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में अपना दमखम दिखा सकेंगे। इससे पहले आस्ट्रेलिया में प्रवेश पर रोक लगाने के आस्ट्रेलियाई प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ जोकोविच कोर्ट गये थे। वकीलों की बहस के बाद अदालत ने वीजा रद्द करने के फैसले को खारिज कर दिया। इसके मायने यह हैं कि जोकोविच का वीजा वैध है और वे साल के पहले ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट में भाग ले सकते हैं।
वास्तव में दुनिया के नंबर वन टेनिस खिलाड़ी चौंतीस वर्षीय नोवाक जोकोविच कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही वैक्सीन लगाने के पक्षधर नहीं रहे हैं। उन्होंने यह कभी स्पष्ट भी नहीं किया है कि उन्होंने वैक्सीन लगाई है। वर्ष 2020 में जब कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था तब उन्होंने कहा था कि वे टीके लगाने का विरोध करते हैं। हालांकि, तब कोरोना का टीका नहीं आया था। उनकी धारणा थी कि व्यक्ति के शरीर के लिये अच्छा-बुरा क्या है, यह तय करना व्यक्ति का नितांत निजी मामला है। उनका मानना था कि यात्रा व किसी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिये टीका लगाने हेतु बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही उनका यह भी कथन था कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं और उन उपायों पर ध्यान देते हैं जो हमें कोरोना संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं। हालांकि, उनके देश सर्बिया में महामारी विशेषज्ञों का कथन था कि उनकी सोच अवैज्ञानिक है और लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर संदेह पैदा करती है। वहीं जोकोविच की दलील थी कि सकारात्मक सोच हमारे स्वास्थ्य को बेहतर करती है, जैसे पानी के अणु हमारी भावनाओं के अनुसार प्रतिक्रिया देते हैं। हालांकि, जोकोविच ने कभी वैक्सीन का पुरजोर विरोध नहीं किया, लेकिन वैक्सीन विरोधी उन्हें अपना आइकन मानने लगे हैं। वे जोकोविच का वीजा रद्द करने पर खुलकर उनके समर्थन में आ खड़े हुए हैं। वहीं आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन कहते हैं कि कोई व्यक्ति चाहे कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, वह कानून से ऊपर नहीं हो सकता। दरअसल, इस मुद्दे पर राजनीति भी हो रही है क्योंकि कोरोना के मामले में सरकार की नीति को लेकर आलोचना होती रही है। फिर आस्ट्रेलिया में अगले साल चुनाव भी होने हैं। संघीय सरकार चाहती है कि प्रत्येक व्यक्ति कोरोना नियमों का पालन करे। वहीं आस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट का आयोजन करने वाली टेनिस ऑस्ट्रेलिया चाहती है कि अंतर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को स्वस्थ रहने पर छूट दी जाये क्योंकि यह आयोजन देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा सवाल है। आस्ट्रेलिया सरकार की सख्ती को लेकर जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल जगत में आलोचना होती रही है, वहीं आस्ट्रेलिया में भी टेनिस प्रेमियों का बड़ा वर्ग जोकोविच के समर्थन में उतरा।
बहरहाल, कोर्ट के आदेश के बाद जोकोविच प्रवासी हिरासत केंद्र से बाहर आ चुके हैं। लोग मान रहे हैं कि संघीय सरकार व विक्टोरिया प्रांत की सरकार की अलग-अलग राय होने से हुई खींचतान के चलते लोगों में अविश्वास की भावना पैदा हुई है। जहां वैक्सीन विरोधी इस जीत को मनोबल बढ़ाने वाली बता रहे हैं, वहीं आम आस्ट्रेलियाई लोग मानते हैं कि खास लोगों को वैक्सीन से छूट दिया जाना गलत है। दरअसल, आस्ट्रेलिया में भी नये कोरोना वेरिएंट का खासा प्रभाव है और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
इसी बीच जोकोविच के प्रबंधकों ने दावा किया है कि उन्हें चिकित्सा छूट के आधार पर आस्ट्रेलिया आने की अनुमति दी गई थी। अदालत में प्रस्तुत दस्तावेजों में कहा गया कि इस यात्रा से पूर्व टेनिस आस्ट्रेलिया के दो पैनलों ने नोवाक जोकोविच को वैक्सीन लगाने में छूट दी थी। दरअसल, यह ही संस्थान आस्ट्रेलिया व विक्टोरिया में टेनिस टूर्नामेंटों का आयोजन करता है। बहरहाल, 17 जनवरी से शुरू होने वाले आस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट में भाग लेने से जोकोविच को रोकने के बाद उन्हें व्यापक सहानुभूति भी मिली है। कुछ लोग मानते हैं कि उनके साथ उनकी प्रतिष्ठा के विपरीत व्यवहार किया गया। यहां तक कि कई मानवाधिकार संगठन भी उनके समर्थन में खड़े नजर आये। जोकोविच के देश सर्बिया में इस फैसले का तीखा विरोध हुआ। यहां तक कि सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुचिच ने नोवाक को उत्पीडि़त बताया। लोगों का मानना है कि नौ बार टूर्नामेंट जीत चुके जोकोविच के साथ कम से कम ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था।

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