इटावा ,04 सितंबर (आरएनएस/FJ)। महिला डाकू सरला जाटव को आखिरकार इटावा जेल से रिहा कर दिया गया, जहां उसने 17 साल बिताए। उसके भाई विजय सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने के बाद सरला जेल से बाहर आई।
इटावा जेल के अधीक्षक राम धनी सिंह ने कहा कि जाटव को अदालत के आदेश पर रिहा कर दिया गया और वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ बाहर जमा हुए मीडियाकर्मियों से बात किए बिना जेल से निकल गई।
जाटव को दोषी ठहराया गया था और जेल में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
उसे 2005 में इटावा रेलवे स्टेशन से उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह ट्रेन में चढऩे की कोशिश कर रही थी। उसका नाम हत्या के प्रयास, अपहरण, जबरन वसूली आदि कई मामलों में दर्ज था। उसको पकडऩे पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।
सरला जाटव को डकैत निर्भय गुर्जर ने उस समय अगवा कर लिया था, जब वह महज 11 साल की थी। उसे तंग घाटी के बीहड़ में ले जाया गया था।
14 साल की उम्र में उसकी शादी निर्भय गुर्जर के दत्तक पुत्र श्याम से कर दी गई और वह निर्भय गुर्जर के गिरोह की सक्रिय सदस्य बन गई।
बीहड़ में रहने के बावजूद सरला जाटव बेहद खूबसूरत और फैशन में दिलचस्पी रखने के लिए जानी जाती थी।
उस समय इटावा में तैनात रहे एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने कहा, वह तंग घाटी में जीन्स, ब्रांडेड शेड्स पहनने और मेकअप में दिलचस्पी रखने के लिए जानी जाती थी।
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