लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम

These pranayama can help in getting relief from the problem of low blood pressure

वयस्कों में सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 एमएमएचजी होता है और इससे कम होने पर लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। बार-बार चक्कर आना या अचानक धुंधला दिखना लो ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं और इससे हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे प्राणायामों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जिन्हें रोजाना करते रहने से लो ब्लड प्रेशर को ठीक किया जा सकता है।

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोडऩे की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

सूर्यभेदी प्राणायाम

सूर्यभेदी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठकर आंखें बंद करें। अब दाएं हाथ की छोटी और अनामिका उंगलियों से नाक के बाएं छेद को बंद करके दाएं छेद से सांस लें। इसके बाद ठोड़ी से सीने से लगाकर दबाव बनाएं और कुछ देर सांस को रोकें, फिर सिर को ऊपर करके दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छेद को बंद करके बाएं छेद से सांस छोड़ें। कुछ मिनट के बाद प्राणायाम छोड़ दें।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें, फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें। कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें, फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।

(एजेंसी)

ब्लश की बजाय अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, प्राकृतिक तरीके से गाल हो जाएंगे गुलाबी

अमूमन महिलाएं गालों को गुलाबी करने के लिए ब्लश या फिर लिपबाम को लगा लेती हैं, लेकिन ये मेकअप प्रोडक्ट्स केमिकल्स होते हैं, जिससे गालों को नुकसान भी पहुंच सकता है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ करती हैं तो आज से ऐसा करना छोड़ दें। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने गालों को प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से गुलाबी कर सकती हैं।

नारियल का तेल लगाएं

नारियल के तेल में हाइड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो गालों को प्राकृतिक तरीके से गुलाबी करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यकतानुसार नारियल के तेल को हथेलियों पर मसलकर अपने चेहरे और गर्दन पर हल्के हाथों से मलते हुए लगाएं। इसके बाद टिश्यू पेपर से चेहरे और गर्दन से अतिरिक्त नारियल तेल को साफ कर दें। अच्छे परिणामस्वरूप हफ्ते में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

चुकंदर आएगा काम

चुकंदर प्राकृतिक रूप से गहरे गुलाबी रंग का होता है, इसलिए इसकी मदद से गालों को गुलाबी किया जा सकता है। इसके लिए एक छोटे कंटेनर में एक चुकंदर (कद्दूकस किया हुआ), एक चम्मच चीनी और एक से दो चम्मच पानी या गुलाबजल डालकर मिलाएं, फिर इस मिश्रण से कुछ देर गालों को स्क्रब करें। इसके बाद चेहरे को पानी से धो लें। इसके अतिरिक्त, गुलाबी गाल पाने के लिए रोजाना एक गिलास चुकंदर का जूस भी पिएं।

गाजर का जूस करेगा मदद

गाजर का जूस विटामिन- सी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होता है, जो शरीर कोई स्वास्थ्य लाभ देने के साथ ही त्वचा को ग्लोइंग और गालो को गुलाबी बनाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए एक कटोरी में आवश्यकतानुसार गाजर (कद्दूकस की हुई) और थोड़ा शहद मिलाएं, फिर इस मिश्रण को गालों पर हल्के हाथों से मलें। इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। अच्छे परिणामस्वरूप हफ्ते में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

पर्याप्त मात्रा में करें पानी का सेवन

रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन कई तरह के त्वचा संबंधित लाभ दे सकता है। गुलाबी गाल पाने के लिए भी पानी का सेवन करना लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं, जब आप फटे और रूखे गालों की समस्या का सामना करें तो ढेर सारा पानी पीना शुरु कर दें क्योंकि डिहाइड्रेशन भी फटे और रूखे गालों का एक कारण हो सकता है। पानी का सेवन डिहाइड्रेशन को दूर करके गालों को खूबसूरत बना सकता है।  (एजेंसी)

आत्मनिर्भरता की पहल

मंगलवार को जब संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना चौथा आम बजट पेश किया तो कई मायनों में यह अलग था। कई परंपराएं बदलीं, ये पेपरलेस बजट और भाषण संक्षिप्त था। पांच राज्यों के चुनाव के बीच आये बजट में भले ही नये करों का प्रावधान नहीं था, लेकिन यह लोकलुभावन बजट भी नहीं था। वर्ष 2022-23 के बजट में नौकरीपेशा वर्ग को आयकर में छूट न मिलने पर निराशा जरूर हुई, जो कोरोना संकट में आय संकुचन के दौर में राहत की उम्मीद लगाये हुए था। दरअसल, सरकार का पूरा ध्यान इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहा। लेकिन महंगाई और बेरोजगारी दूर करने को बड़ी पहल होती नजर नहीं आई। सरकार का कहना है कि अमृतकाल में देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल हुई है। इसके अलावा भारत में दखल बनाती क्रिप्टो करंसी पर तीस फीसदी टैक्स लगाने, इसके लेन-देन में टीडीएस लगाने, आरबीआई द्वारा इस वर्ष डिजिटल करंसी जारी करने, डाकघरों को मुख्य बैंकिंग व्यवस्था से जोडऩे, ई-पासपोर्ट सेवा आरंभ करने जैसी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं बजट में की गई। वहीं पूर्वोत्तर के विकास हेतु 1500 करोड़ रुपये आवंटित करने तथा आगामी तीन सालों में चार सौ वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन की घोषणा की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था में गति लाने के क्रम में राजस्व घाटा 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है तथा वर्ष 2022-23 में कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने का आकलन है। वहीं विपक्ष कह रहा है कि देश में रिकॉर्ड महंगाई और बेरोजगारी को नियंत्रित करने के लिये कोई ठोस पहल नहीं हुई है। कोरोना संकट से जूझते आम आदमी को यह बजट राहत नहीं देता। यह भी कि एक ओर सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा तथा पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात करती है, वहीं नदी जोड़ योजना के जरिये पारिस्थितिकीय संतुलन से खिलवाड़ कर रही है।
दरअसल, लगातार दो साल से महामारी का दंश झेल रहे और आय के स्रोतों के संकुचन से त्रस्त लोग आस लगाये बैठे थे कि सरकार की तरफ से उनकी क्रयशक्ति बढ़ाने की दिशा में पहल होगी। मगर सरकार ने आपूर्ति शृंखला को ही प्राथमिकता दी है। लेकिन आपूर्ति बढ़ाना तभी सार्थक होगा, जब लोगों की क्रय क्षमता बढऩे से बाजार में मांग बढ़ेगी। वह भी उन वैश्विक रिपोर्टों के बीच कि कोरोना संकट में देश के अस्सी फीसदी लोगों की आय में संकुचन हुआ है और अमीर लोगों की आय दुगुनी से अधिक हो गई है। वहीं लंबे किसान आंदोलन के बाद उम्मीद थी कि सरकार किसानों को राहत देने के लिये कुछ बड़ा करेगी क्योंकि प्रधानमंत्री ने इस साल तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा था। कुछ लोग देश की आधी आबादी को रोजगार देने वाले कृषि क्षेत्र की आय को बढ़ाने के लिये बड़ी पहल की उम्मीद कर रहे थे। निस्संदेह कोरोना संकट में कृषि क्षेत्र ने ही भारतीय अर्थव्यवस्था को संबल दिया था। वहीं पीएम किसान सम्मान निधि में वृद्धि की उम्मीद भी जतायी जा रही थी। हालांकि, बजट में किसान ड्रोन, प्राकृतिक खेती, लैंड डिजिटाइजेशन, एमएसपी के लिये 2.37 लाख करोड़ रखने, नाबार्ड के जरिये कृषि स्टार्टअप्स के वित्तीय पोषण, 1208 मीट्रिक टन धान-गेहूं की खरीद के प्रावधान रखने से किसानों को राहत देने की पहल जरूर हुई है। दूसरी ओर वक्त की जरूरत के हिसाब से एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा देने के लिये प्रमोशन टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है। साथ ही व्यावसयिक शिक्षा के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय हुआ है। अगले पांच साल के लिये छह हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बताता है कि एमएसएमई सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। दो लाख आंगनवाड़ी अपग्रेड करने का मकसद कुपोषण व अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई को तेज करने का प्रयास है। लेकिन हेल्थ सेक्टर में महामारी के दौर में अपेक्षित बजट वृद्धि की कमी खलती है। इसके बावजूद साठ लाख रोजगारों का सृजन, अस्सी लाख घर बनाने का लक्ष्य, डाकघरों में एटीएम, पीएम ई-विद्या टीवी चैनल बढ़ाने तथा पच्चीस हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य सरकार के कल्याणकारी एजेंडे को ही दर्शाता है।

सान म्यूजिक कंपनी ने जारी किया म्यूजिक वीडियो ‘तेरी आशिकी में’

संजय अमान के द्वारा संचालित सान म्यूजिक कंपनी के तत्वाधान में  मुम्बई स्थित रहेजा क्लासिक क्लब में  आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान शांतनु भामरे और अभिनेत्री एलेना टुटेजा अभिनीत रोमांटिक म्यूजिक वीडियो ‘तेरी आशिकी में’ जारी किया गया।

शान से एंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित इस म्यूजिक सिंगल को वीडियो फॉर्मेट के अलावा इसे ऑडियो फॉर्मेट में 3 फ्लेवर में भी जारी किया जाएगा, एक डुएट में, दूसरा सोलो और तीसरा इंटरनेशनल ट्रैक (सिर्फ म्यूजिक) ऑडियो के विभिन्न फ्लेवर के लिए है। ऑडियो जारी किया जाएगा वो कुछ प्लेटफॉर्म्स है जिसे अमेज़ॉन म्यूजिक, एमएक्स प्लेयर, यूट्यूब म्यूजिक, गाना, जीओ सावन, स्पॉटीफाई, हंगामा म्यूजिक, आई ट्यून स्टोर, जिओ सावन, रेसो, साउंड क्लाउड, विंक, और कई अन्य प्लेटफॉर्म पर जारी किया जाएगा। इस म्यूजिक वीडियो की खास बात यह है कि बॉलीवुड के पॉपुलर सिंगर अमन त्रिखा और कोमल के स्वर से सजे रोमांटिक और भावविभोर कर देने वाले गीत को निर्देशक राजीव चौधरी ने बड़े ही कलात्मक ढंग से अभिनेता शांतनु भामरे (Shantanu Bhamare) और अभिनेत्री एलेना टुटेजा पर फिल्माया है। रेमो डिसूजा के साथ काम कर चुके जीत सिंह ने गाने की कोरियोग्राफी की है वहीं अनुभवी डीओपी अकरम खान हैं। एडिटिंग फेमस पार्थ भट्ट द्वारा किया गया है, जो हिमेश रेशमिया के एल्बमों का एडिटिंग करते हैं, डीआई, कलर करेक्शन और वीफएक्स का कार्य अमित जालान  (इमेज डिवाइसेस) ने किया है। बहुप्रतीक्षित इस म्यूजिक वीडियो को लेकर बॉलीवुड में यह क़यास लगाया जा रहा है कि आने वाले वैलेंटाइन वीक में दर्शकों के लिए यह एक प्यारा सा ट्रीट होगा।

प्रस्तुति – काली दास पाण्डेय

पर्यटन के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था का होगा सशक्तिकरण

इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की होगी पहल

रांची, झारखण्ड सरकार राज्य में पर्यटन को विश्व पटल पर लाने के प्रति संजीदा है। ऱाज्य की भौगोलिक स्थिति व प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटन के लिहाज से अनुकूल है भी। सरकार ने राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराने के उदेश्य से पर्यटन के क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए नई पर्यटन नीति बनाई है। पर्यटन नीति की मंत्रिपरिषद से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले दिनों में पर्यटन से रोजगार के अवसर सृजित करने और राजस्व में बढ़ोतरी करने के विजन के साथ झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में बदलाव का वाहक बनेगा। राज्य पर्यटन विकास की संभावनाओं से भरा है। राज्य के 33 प्रतिशत वन से आच्छादित भू-क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से बड़ा बाजार बनाने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिया है।

सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण भी

ग्रामीण विकास और ग्रामीणों का आर्थिक सशक्तिकरण सरकार की  प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इस निमित्त पर्यटन विभाग, झारखण्ड के विभिन्न पर्यटन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में होमस्टे को बढ़ावा देने जा रहा है। इन होमस्टे को राज्य के पर्यटन स्थलों के पास रहने वाले ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही झारखण्ड की परंपरा और संस्कृति के बारे में लोगों को रूबरू कराने में भी मदद मिलेगी। पर्यटन स्थल के पास स्थित गांव में प्रवास को विकसित करने की योजना के साथ सरकार कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर रहने की सुविधाओं की कमी को भी दूर करने की कोशिश कर रही है। होम स्टे के निर्माण में सरकार अनुदान से लेकर अन्य सुविधाएं देने के प्रावधान की दिशा में कार्य करने जा रही है।

राज्य भर में पर्यटक सुविधा केंद्र

प्रदेश भर में पर्यटक सुविधा केंद्र विकसित करने की भी योजना पर्यटन नीति के तहत समाहित की गई है। योजना के अनुसार पर्यटन विभाग पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले रास्तों पर पर्यटक सुविधा केंद्र बनाएगा। ये केंद्र पर्यटकों को सूचना देने के साथ सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे। इन केंद्रों से पर्यटक जो लंबी सड़क यात्राएं करते हैं, उन्हें ठहरने और भोजन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार रास्ते के किनारे की सुविधाएं, पर्यटक सूचना केंद्र, शिल्प केंद्र, एटीएम सहित आवश्यक सुविधाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मंच सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का कार्य करेगी।

इको-टूरिज्म को बढ़ावा

झारखण्ड में इको-टूरिज्म के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। हरे-भरे जंगल, जलप्रपात, भू-भाग, समृद्ध वन्य जीवन इसे वन ट्रेल्स, नेचर वॉक, जंगल सफारी, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग आदि झारखण्ड को इको- टूरिज्म के विकास के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करता है। लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट को ईको-सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा.

माननीय मंत्री -सह- प्रभारी मंत्री बादल की अध्यक्षता कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आपूर्ति, भूमि संरक्षण आदि विभागों का समीक्षा किया गया

गढ़वा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड, रांची के माननीय मंत्री -सह- प्रभारी मंत्री बादल की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन परिसदन भवन गढ़वा में किया गया, जिसमें मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन, सहकारिता, आपूर्ति, भूमि संरक्षण आदि विभागों का समीक्षा किया गया। मौके पर उपायुक्त, राजेश कुमार पाठक, पुलिस अधीक्षक, अंजनी कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी, रामाश्रय राम, जिला सहकारिता पदाधिकारी अमिता कुमारी, नजारत उप समाहर्ता, संजीव कुमार सिंह एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी गढ़वा आदि उपस्थित थें। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल के द्वारा बारी-बारी सभी विभागों के उपस्थित अधिकारियों से उनके विभाग से चल रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली गई एवं उसमें सुधार तथा लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने मौके पर उपस्थित सभी जिला स्तर के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से अपेक्षित सहयोग करने की बात कही है। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा 20 सूत्री के उपाध्यक्ष एवं प्रखंड स्तर पर मनोनीत सदस्यों/पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर काम करने हेतु जिला स्तर एवं प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियो को निदेशित करने की बात कही गई। इसके अतिरिक्त मेराल प्रखंड में धान उठाव में अनियमितता पाए जाने की शिकायत पर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी मनोज प्रसाद गुप्ता के विरुद्ध पाए गए शिकायतों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने हेतु जिला सहकारिता पदाधिकारी अमिता कुमारी को निदेशित किया गया। साथ ही सभी पैक्सों से धान उठाव करने एवं पैक्सों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कार्य करने हेतु कहा गया। सिंचाई योजनाओं की अद्यतन स्थिति के बारे में चर्चा की गई। प्रखंड गढ़वा में लाभुक के साथ हुए मारपीट की घटना पर खेद व्यक्त किया एवं इसकी चर्चा करते हुए माननीय मंत्री द्वारा इसकी आवश्यक जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही गई। जल-नल योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में जो जलापूर्ति हेतु कार्य किए गए हैं उसके दरम्यान सड़कों को क्षतिग्रस्त कर के ठेकेदारों द्वारा छोड़ दिया गया है, जिसे माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा गंभीरता से लिया गया है तथा उसकी मरम्मती करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। यदि संबंधित ठेकेदारों द्वारा उक्त सड़कों की मरम्मत नहीं की जाती है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही करने का निदेश भी दिया गया। माननीय प्रभारी मंत्री श्री बादल द्वारा आगामी 20 सूत्री की बैठक जल्द ही होने की बात कही गई एवं अपेक्षित सफलता पूर्वक लक्ष्य प्राप्ति की कामना करते हुए बैठक को समाप्त किया गया।

बसंत पंचमी को लेकर उपायुक्त ने किया बाबा मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण

*देवतुल्य श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के पुख्ता होंगे इंतजाम

 *सुरक्षित और सुलभ जलार्पण कराना हो प्राथमिकता

 

देवघर, (By Divya Rajan) बसंत पंचमी के अवसर पर श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा व सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने बाबा मंदिर व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण कर की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त ने मंदिर प्रांगण व आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई के अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु स्पाईरल की व्यवस्था, बैरिकेटिंग, दंडाधिकारियों एवं सुरक्षा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति के साथ स्वच्छ शौचालय, पेयजल की दुरूस्थ सुविधा हेतु विभिन्न बिंदुओं का अवलोकन करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया।

इसके अलावे उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर प्रांगण का निरीक्षण करते हुए बसंत पंचमी को लेकर श्रद्धालुओं को हर संभव आवश्यक सुविधा के अलावा स्वास्थ्य-व्यवस्था व कोविड नियमों के अनुपालन और मास्क की अनिवार्यता को लागू करने व मंदिर प्रांगण में व्यापक प्रचार प्रसार करने का निदेश दिया। साथ हीं उपायुक्त द्वारा संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि आने वाले दिनों में बसंत पंचमी, महाशिवरात्री को लेकर देवतुल्य श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि व्यवस्था के अलावा कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों के साथ मास्क की अनिवार्यता मंदिर प्रांगण में पूर्ण रूप से लागू हो, ताकि सभी की बेहतरी का ख्याल रखा जा सके। आगे उपायुक्त ने संबंधित वरीय अधिकारियों को निदेशित किया गया कि कोविड नियमों के अनुपालन के साथ बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु बसंत पंचमी के दिन क्यू काॅम्प्लेक्स के हाॅलों में स्पाईरल की व्यवस्था, सभी शौचालय की सफाई, पेयजल की दुरूस्थ व्यवस्था के साथ स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया, ताकि आने वाले श्रद्धालु बाबा का जलार्पण के पश्चात एक सुखद अनुभूति प्राप्त कर अपने गंतव्य की ओर प्रास्थान करें।

इस दौरान उपरोक्त के अलावे मुख्य प्रबंधक श्री रमेश परिहस्त प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित पुलिस अधिकारी आदि उपस्थित थे।

नहीं रहे  दिग्गज अभिनेता रमेश देव

हिंदी और मराठी फिल्म उद्योग के दिग्गज अभिनेता रमेश देव का बुधवार रात 8.30 बजे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो 93 वर्ष के थे। रमेश देव ने 1962 में फिल्म ‘आरती’ से बतौर खलनायक अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। साल 1962 में उनकी फिल्म ‘वरदक्षिणा’ आई थी। इस फिल्म की नायिका सीमा देव से उन्होंने प्रेम विवाह किया था। बाद में दोनों कई फिल्मों में एक साथ नज़र आये। रमेश देव ने अपने फिल्मी करियर में 280 से अधिक फिल्मों में काम किया था। जिसमें ‘आनंद’ ‘मेरे अपने’ ‘ड्रीमगर्ल’ ‘आप की कसम’ ‘मिस्टर इंडिया’, ‘प्रेम नगर’, ‘दौलत’, ‘श्रीमान श्रीमती’, ‘प्यार किया है प्यार करेंगे’, ‘यही है जिंदगी’, ‘जोरू का गुलाम’, ‘जमीर’, ‘कोरा कागज’, ‘संजोग’, ‘कसौटी’, ‘खिलौना’, ‘दहशत’, ‘हथकड़ी’, ‘सुनहरा संसार, ‘सलाखें’ और ‘फकीरा’ जैसी कई फिल्में शामिल है।

प्रस्तुति – काली दास पाण्डेय

ग्रामीण महिलाओं के मेट बनने के बाद बदल रहे आर्थिक हालत

*सरकारी योजनाओं ने बदली ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी

*हुईं आत्मनिर्भर  मिल रहा सम्मान

रांची ( By – Divya Rajan) राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। इन योजनाओं से जुड़कर उन्होंने न सिर्फ अपनी आर्थिक हालत सुधारी, बल्कि गांव के लोगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। इन योजनाओं के तहत राज्य सरकार ग्रामीण महिलाओं को मेट बनाने का भी कार्य कर रही है।ये मेट गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी, उन योजनाओं से जोडने की पहल, गांव में मनरेगा के तहत हो रहे कार्यों में संलग्न करते हुए उन्हें पारिश्रमिक का भुगतान समेत अन्य कार्य करतीं हैं, जिसके एवज में राज्य सरकार उन्हें राशि का भुगतान करती है। अब ये मेट अपने आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करते हुए गांव के लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं।

मेट बनने के बाद सुधरी अवेदा की आर्थिक हालत

लोहरदगा की 8वीं पास अवेदा खातून ने मेट बनने के बाद अपने अपने परिवार का भरण पोषण बेहतर ढंग से कर रही है। अवेदा कहती है मेट के रूप में उसका काम करने का अनुभव अच्छा रहा है। गरीब ग्रामीणों को कार्य देकर उन्हें समय पर भुगतान करा कर काफी खुशी होती है। अवेदा मेट के रूप में चयन होने से पहले खेती-मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी। अब मेट बनने के बाद उसका परिवार आर्थिक रूप से अच्छा हो गया है। अवेदा की तरह ही, सिमडेगा के कोलेबिरा की शाहपुर पंचायत की सबिता कुमारी इंटर पास हैं। उन्हें मनरेगा में मेट का काम मिला। मेट में रजिस्टर होते ही सबिता आत्मनिर्भर हो गई। सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क होने के कारण उसे कई सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। इन जानकारियों को उसने ग्रामीणों के साथ बांटा और उन्हें भी सरकारी योजनाओं से जोड़ा।

मेट बुधनी ने बंजर जमीन में उगाई खुशहाली की फसल

बुधनी उरांव लोहरदगा के जोरी ब्लॉक की रहने वाली है। मेट बनने के बाद उसे मनरेगा से सिंचाई कूप दिया गया। जिससे उसने 2021 में सब्जी और आम की बागवानी शुरू की। बंजर जमीन को कृषि योग्य बनाया और किसानों को रोजगार मुहैया कराया। किसानों को कूप के लाभ के बारे में बताया। महिलाओं का समूह तैयार कर उन्हें मनरेगा समेत सरकार की अन्य लाभकारी योजनाओं के बारे में बताया, जिससे दूसरे ग्रामीण भी सब्जियों की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।

मनरेगा योजना वर्तमान समय में ग्रामीणों के लिए वरदान बन गया है। इस बदलाव के पथ प्रदर्शक बने है मनरेगा के महिला मेट। ये मनरेगा योजना से जुड़कर अपने परिवार का भरण पोषण तो कर ही रही हैं। साथ ही, जीवन को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

 

स्थानीय विस्थापितों को एक करोड़ रुपये तक का कॉन्ट्रैक्ट मिलने का मार्ग प्रशस्त

रांची,  मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय कोयला मंत्री के बीच नवंबर 2021 में हुई बैठक का प्रतिफल है कि कोल इंडिया द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि से विस्थापित स्थानीय लोगों को अब एक करोड़ रुपये तक का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने इसपर अपनी सहमति दे दी है। इससे विस्थापितों की आर्थिक आजीविका को मजबूत आधार मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने रखा था सरकार का पक्ष

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कोयला मंत्री से कहा था कि एक करोड़ तक का ठेका स्थानीय लोगों को देने की योजना बने।  इसके बाद समिति का गठन हुआ और स्थानीय विस्थापितों को कॉन्ट्रैक्ट देने की सिफारिश हुई है।

इन कार्यों में मिलेगी प्राथमिकता

कोयला परिवहन के तहत विभिन्न क्षेत्रों में कोयले की लोडिंग एवं परिवहन कार्य। सिविल कार्य के तहत अकुशल कार्यबल की व्यवस्था करना। साफ- सफाई, रखरखाव, बागवानी कार्य समेत अन्य कार्य। कोल इंडिया द्वारा स्थानीय लोगों से वाहन किराया पर लेने को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

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‘राम सेतु’ की शूटिंग कंप्लीट

 केप ऑफ गुड फ़िल्म्स की नवीनतम प्रस्तुति ‘राम सेतु’ की शूटिंग कंप्लीट हो चुकी है।  इस साल दिवाली में यह फिल्म प्रदर्शित होगी। अभिषेक शर्मा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय कुमार पुरातत्वविद (आर्कियोलॉजिस्ट) की भूमिका में नज़र आएंगे। इस फिल्म में जैकलीन फर्नांडीज और नुसरत भरूचा की भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। ‘राम सेतु’ विज्ञान, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक तथ्यों से जुड़े धरोहरों पर बनी कहानी है। अरुणा भाटिया , विक्रम मल्होत्रा , अबंडनशीया एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित फिल्म ‘राम सेतु’ के  क्रिएटिव निर्माता डॉ चंद्र प्रकाश द्विवेदी हैं। इस फिल्म का मुहूर्त राम जन्मभूमि अयोध्या में हुआ था। उस समय से ही

अक्षय कुमार के फैंस ‘राम सेतु’ को लेकर काफी एक्साइटेड हैं। साथ ही साथ फिल्मी और राजनीतिक गलियारों में इस फिल्म को लेकर अक्षय कुमार की चर्चा कुछ अलग तरह से होने लगी है और सिनेदर्शकों की जिज्ञासा बढ़ी है कि फिल्म-‘राम सेतु’ में है क्या ?  वैसे तो अक्षय कुमार ने पहले ही एलान कर ही दिया है कि ‘राम सेतु’ मूल रूप से पीढ़ियों के अतीत वर्तमान और भविष्य के बीच का सेतु है।

प्रस्तुति – काली दास पाण्डेय

केंद्रीय बजट में सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी समेकित कल्याण पर ध्यान देने के साथ बृहद आर्थिक स्तर वृद्धि पर जोर देने की कल्पना की गई

केंद्रीय बजट 2022-23 की मुख्य बातें

New Delhi, केंद्रीय बजट में सूक्ष्म आर्थिक स्तर पर सभी समेकित कल्याण पर ध्यान देने के साथ बृहद आर्थिक स्तर वृद्धि पर जोर देने की कल्पना की गई है। केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2022-23 पेश किया।

बजट की मुख्य बातें निम्न हैं –

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत अनुमानित है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
  • 14 क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत 60 लाख नए रोजगार का सृजन होगा।
  • पीएलआई योजना में 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है।
  • अगले 25 साल भारत@100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया हैः
  • पीएम गतिशक्ति
  • समेकित विकास
  • उत्पाद संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्य
  • निवेश को वित्तीय मदद

पीएम गतिशक्तिः

पीएम गतिशक्ति को बढ़ावा देने वाले 7 कारक  सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, विमानपत्तन, माल परिवहन, जल मार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना हैं।

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

  • पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में आर्थिक बदलाव के सभी 7 कारक, निर्बाध बहुपक्षीय कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक के दायरे में आ जाएंगे।
  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में इन 7 कारकों से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।

सड़क परिवहन

  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार के लिए 20000 रुपए जुटाए जाएंगे।

मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क

  • 2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए पीपीपी प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।

रेल मार्ग

  • स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद की संकल्पना।
  • 2022-23 में देसी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि कवच के तहत रेल मार्ग नेटवर्क में 2000 किलोमीटर जोड़ा जाएगा।
  • अगले 3 साल के दौरान 400 उत्कृष्ट वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण होगा।
  • अगले 3 साल के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

पर्वतमाला

  • राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को पीपीपी प्रारूप में लाया जाएगा।
  • 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।

समेकित विकास

कृषि

  • गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान।
  • देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। शुरू में गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान दिया जाएगा।
  • नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्यम से जुड़े स्टार्टप्स को वित्तीय मदद के लिए मिश्रित पूंजी कोष की सुविधा देगा।
  • फसलों के आकलन, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए “किसान ड्रोन।“

 

  • केन बेतवा परियोजना
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ परिव्यय।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीनों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

एमएसएमई

  • उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा।
  • 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त कर्ज दिया गया।
  • ईसीएलजीएस को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
  • ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ कर दिया जाएगा।
  • सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा।
  • रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी) प्रोग्राम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा।

कौशल विकास

  • ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए नागरिकों की कुशलता बढ़ाने के लिए डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड (डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल) लॉन्च किया जाएगा।
  • ड्रोन शक्ति की सुविधा और सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टप्स को बढ़ावा दिया जाएगा।

शिक्षा

  • पीएम ई-विद्या के एक कक्षा एक टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा।
  • महत्वपूर्ण चिंतन कौशल और प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल प्रयोगशाला और कौशल ई-प्रयोगशाला की स्थापना।
  • डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ई-कंटेंट विकसित किया जाएगा।
  • व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्व विद्यालय की स्थापना की जाएगी।

स्वास्थ्य

  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा।
  • गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखरेख सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
  • 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इसका नोडल सेंटर निम्हांस (एनआईएमएचएएनएस) होगा और अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) इसे प्रौद्योगिकी सहायता देगा।

सक्षम आंगनबाड़ी

  • मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 के जरिए महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान किए जाएंगे।
  • दो लाख आंगनवाडि़यों को सक्षम आंगनवाडि़यों में उन्‍नयन

 

हर घरनल से जल

  • हर घर, नल से जल के तहत वर्ष 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

 

सभी के लिए आवास

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 80 लाख घरों को पूरा करने के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

 

पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल

  • पूर्वोत्‍तर में बुनियादी ढांचे एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं और वित्‍त पोषण के लिए नई योजना पीएम-डीईवीआईएनई शुरू की गई।
  • इस योजना के तहत युवा और महिलाओं को आजीविका गतिविधियों में समर्थ बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का शुरूआती आवंटन।

 

जीवंत ग्राम कार्यक्रम

  • उत्‍तर सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्‍पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम।

 

बैंकिंग

  • शत-प्रतिशत 1.5 लाख डाकघरों को मुख्‍य बैंकिंग प्रणाली में शामिल किया जाएगा।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक 75 जिलों में 75 डिजि‍टल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) स्‍थापित करेंगे।

 

ई-पासपोर्ट

  • इम्‍बेडेड चिप और भावी प्रौद्योगिकी वाले ई-पासपोर्ट शुरू किए जाएंगे।

 

शहरी नियोजन

  • भवन उपनियमों शहरी नियोजन योजना, पारगमन उन्‍मुखी विकास का आधुनिकीकरण लागू किया गया जाएगा।
  • शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करने के लिए बैट्री अदला-बदला नीति लाई जाएगी।

 

भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन

  • भूमि के रिकॉर्ड के आईटी आधारित प्रबंधन के लिए विशिष्‍ट भूमि पार्सल पहचान संख्‍या।

 

त्‍वरित कॉरपोरेट बहिर्गमन

  • कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेन्‍टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पीएसी) स्‍थापित।

 

एवीजीसी संवर्द्धन कार्य बल

  • इस क्षेत्र की संभावना का पता लगाने के लिए एक एनीमेशन, विजुअल प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) संवर्द्धन कार्य बल की स्‍थापना।

 

दूरसंचार क्षेत्र

  • उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना के एक हिस्‍से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत इको-सिस्‍टम स्‍थापित करने के लिए डिजाइन जनहित विनिर्माण के लिए योजना।

 

निर्यात संवर्द्धन

  • उद्यम एवं सेवा केन्‍द्रों के विकास में भागीदारी बनने के लिए राज्‍यों को समर्थ बनाने हेतु विशेष आर्थिक जोन अधिनियम को एक नए विधान से प्रतिस्‍थापित किया जाएगा।

 

रक्षा में आत्‍मनिर्भरता

  • 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित पूंजीगत खरीदारी बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित किया गया, जो 2021 में 58 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है।
  • 25 प्रतिशत रक्षा अनुसंधान विकास बजट के साथ उद्योग स्‍टार्टअप्‍स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान विकास खोला जाएगा।
  • जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्‍वतंत्र नोडल अम्‍ब्रेला निकाय स्‍थापित किया जाएगा।

 

सनराइज अवसर

  • आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, भू-स्‍थानिक प्रणालियों और ड्रोनों, सेमीकंडक्‍टर और इसके इको-सिस्‍टम अंतरिक्ष अर्थव्‍यवस्‍था, जीनोमिक्‍स और फार्मास्‍युटिकल्‍स हरित ऊर्जा और स्‍वच्‍छ गतिशीलता प्रणालियों जैसे सनराइज अवसरों में अनुसंधान और विकास के लिए सरकारी योगदान उपलब्‍ध कराया जाएगा।

 

ऊर्जा पारगमन और जलवायु कार्रवाई

  • वर्ष 2030 तक स्‍थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्‍य हासिल करने के लिए उच्‍च दक्षता के सौर मॉड्यूल्‍स के निर्माण के लिए उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त आवंटन।
  • ताप‍ विद्युत संयंत्रों में 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पैलेट्स फॉयर किए जाएंगे।
  • वार्षिक रूप से 38 एमएमटी कार्बनडाई ऑक्‍साइड की बचत।
  • किसानों के लिए अतिरिक्‍त आय और स्‍थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर।
  • खेतों में पराली जलाने से रोकने में मदद मिलेगी।

कोयला गैसीकरण करने तथा उद्योग के लिए कोयले को रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाओं की स्‍थापना की जाएगा।

 

कृषि वानिकी अपनाने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों से संबंधित किसानों को वित्‍तीय सहायता।

 

सार्वजनिक पूंजीगत निवेश

  • 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखना।
  • वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्‍यय के लिए परिव्‍यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।  
  • वर्ष 2022-23 में परिव्‍यय सकल घरेलू उत्‍पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा।
  • केन्‍द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्‍यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है।

 

जीआईएफटी-आईएफएससी 

  • जीआईएफटी शहर में विश्‍वस्‍तरीय विदेशी विश्‍वविद्यालयों और संस्‍थानों को अनुमति दी जाएगी।
  • अंतर्राष्‍ट्रीय अधिकांश क्षेत्र के तहत विवादों के समय पर निपटान के लिए एक अंतर्राष्‍ट्रीय मध्‍यस्‍थता केन्‍द्र की स्‍थापना की जाएगी।

 

संसाधनों को जुटाना 

  • डेटा केन्‍द्रों और ऊर्जा भंडार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा।
  • उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्‍टार्टअप और विकास इको-सिस्‍टम में सुविधा प्रदान की। इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किये जा रहे हैं।
  • सनराइज क्षेत्रों के लिए बलेंडिंड निधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरिन ग्रीन बॉण्‍ड जारी किए जाएंगे1

 

डिजिटल रूपया

  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूपए की शुरूआत 2022-23 में की। 

 

राज्‍यों को वृहद राजकोषीय स्‍पेस उपलब्‍ध कराना

  • पूंजीगत निवेश के लिए राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता की योजना के लिए अधिक परिव्यय :
  • यह परिव्‍यय बजट अनुमानों में 10 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्तमान वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया।

 

अर्थव्‍यवस्‍था में समग्र प्रोत्‍साहन के लिए राज्‍यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन, 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण प्रदान करना, जो सामान्‍य ऋण के अतिरिक्‍त है।

2022-23 में राज्‍यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्‍तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।

 

राजकोषीय प्रबंधन

बजट अनुमान 2021-22 : 34.83 लाख करोड़ रुपये

संशोधित अनुमान 2021-22 : 37.70 लाख करोड़ रुपये

वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्‍यय : 39.45 लाख करोड़ रुपये

वर्ष 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां : 22.84 लाख करोड़ रुपये

चालू वित्‍त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में)

वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित।

 

प्रत्यक्ष कर

स्थिर एवं संभावित कर व्यवस्था संबंधी नीति को आगे बढ़ाया जाएगा :

  • विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने का दृष्टिकोण।
  • कर प्रणाली को सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना।

 

नई अद्यतनीकृत विवरणी का चलन शुरू करना

  • अतिरिक्त कर की अदायगी करके अद्यतन विवरणी दाखिल करने के लिए नया प्रावधान।
  • करदाता को आय के आकलन में की गई गलतियों को सुधार कर अद्यतन विवरणी दाखिल करने का अवसर मिलेगा।
  • अद्यतन विवरणी संबंधित आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर दाखिल की जा सकती है।

 

सहकारी समितियां

  • सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
  • सहकारी समितियों और कंपनियों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।
  • उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।

दिव्यांगजनों को कर राहत

  • दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवनकाल के दौरान यानी माता-पिता/अभिभावकों के साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर भी बीमा योजनाओं से वार्षिकी और एकमुश्त राशि की अदायगी की अनुमति।

राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता

  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन

  • कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के लिए पात्र स्टार्टअप के निगमन की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31.03.2023 तक करने का प्रस्ताव।
  • पहले निगमन की अवधि 31.03.2022 तक वैध।

रियायती कर व्यवस्था के अंतर्गत प्रोत्साहन

  • धारा 115बीएबी के तहत विनिर्माण एवं उत्पादन शुरू करने की अंतिम तिथि को एक साल के लिए यानी 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है।

वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना

  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई।
  • किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर दी दर 30 प्रतिशत होगी।
  • इस प्रकार की आय की गणना करते समय अधिग्रहण लागत को छोड़कर को किसी भी खर्च अथवा भत्ते के लिए कटौती नहीं होगी।
  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती।
  • लेन-देन के विवरण के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक निश्चित मौद्रिक सीमा से ऊपर की रकम के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस देय होगा।
  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के उपहार पर भी प्राप्तकर्ता के यहाँ कर देय होगा।

 

मुकदमा प्रबंधन

  • यदि किसी मामले में कानून उसी तरह का हो जिससे संबंधित कोई मामला उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हो तो विभाग द्वारा अपील दायर करने की प्रक्रिया को अदालय द्वारा उस कानून के संबंध में फैसला दिये जाने तक टाल दिया जाए
  • करदाताओं और विभाग के बीच दोहरायी जाने वाली मुकदमेबाजी को कम करने में इससे काफी मदद मिलेगी।

 

आईएफएससी को कर प्रोत्साहन

  • निम्नलिखित को निर्धारित शर्तों के साथ कर से छूट प्रदान की गई :
  • विदेशी डेरीवेटिव प्रपत्रों से किसी प्रवासी को कोई आमदनी।
  • किसी विदेशी बैंकिंग इकाई द्वारा जारी काउंटर डेरीवेटिव्स से होने वाली आय।
  • जहाज के पट्टे से मिली रायलटी एवं ब्याज आय।
  • आईएफएससी में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं से प्राप्त आय।

 

अधिभार का यौक्तिकीकरण

  • एओपी (अनुबंध के निष्पादन के लिए गठित कंसोर्टियम) पर अधिभार की उच्चतम सीमा 15 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
  • व्यक्तिगत कंपनियों और एओपी के बीच अधिभार में अंतर को कम किया गया है।
  • किसी भी प्रकार की परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर अधिभार की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत होगी।
  • इससे स्टार्ट-अप समुदाय को नुकसान मिलेगा।

 

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर

  • आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार अथवा उपकर को कारोबारी खर्च की श्रेणी में रखने की अनुमति नहीं होगी।

 

कर-वंचन की रोकथाम

  • तलाशी एवं सर्वेक्षण कार्रवाइयों के दौरान पता लगे और प्रकट आए के संबंध में किसी भी प्रकार की हानि के प्रति समंजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

टीडीएस प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना

  • कारोबार को बढ़ावा देने की रणनीति के तहत हित लाभ एजेंटों के हाथों में कर योग्य होते है, इसलिए लाभ एजेंटों तक अग्रसारित किया जाएगा।
  • हित लाभ देने वाले व्यक्ति द्वारा कर कटौती के लिए उपबंध करने का प्रस्ताव होगा, बशर्ते वित्त वर्ष के दौरान ऐसे हितलाभों का कुल मूल्य 20,000 रुपये से अधिक न हो।

अप्रत्यक्ष कर

जीएसटी में असाधारण प्रगति

  • वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है। इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है।

विशेष आर्थिक क्षेत्र

  • एसईजेड का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और कस्टम्स नेशनल पोर्टल पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा।

सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव

  • फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के प्रति असाधारण फ्रंट लाइन कार्य किया है।

परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं

  • पूंजीगत वस्तुओं और परियोजनागत आयातों में रियायती दरों को क्रमिक रूप से हटाने और 7.5 प्रतिशत असाधारण शुल्क लगाने का प्रस्ताव। इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • उन उन्नत मशीनरियों के लिए कतिपय छूट बनी रहेंगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है।
  • विशेषीकृत कॉस्टिंग्स, बॉल स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड पर कुछेक छूट देने का चलन शुरू किया जा रहा है ताकि पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके।

सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा

  • 350 से अधिक प्रस्तावित छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।

विशेषकर रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्रों के लिए सीमा शुल्क दर एवं शुल्क दर संरचना सरल हो जाएंगी और विवाद कम हो जाएगा। जो वस्तुएं भारत में विनिर्मित की जाती है या की जा सकती है उनके लिए छूट हटाने से और अर्धनिर्मित उत्पादों के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल पर रियायती शुल्क लगाने से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

 

क्षेत्र विशेष प्रस्‍ताव

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स क्षेत्र

  • देश में पहनने वाले उपकरणों, सुने जा सकने वाले उपकरणों और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स स्‍मार्ट मीटरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रेणीबद्ध दरें तय करने के लिए सीमा शुल्‍क दरों में संशोधन किया जाएगा।
  • देश में ज्‍यादा वृद्धि दर वाले इलेक्‍ट्रॉनिक वस्‍तुओं का निर्माण करने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर के ट्रांसफॉर्मर के कलपुर्जों और मोबाइल कैमरा मॉड्यूल के कैमरा लेंस और कुछ अन्‍य वस्‍तुओं पर शुल्‍क में छूट दी जाएगी।

रत्‍न एवं आभूषण

  • रत्‍न व आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों और रत्‍न पत्‍थरों पर सीमा शुल्‍क घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है; केवल तराशे गए हीरे पर कुछ भी सीमा शुल्‍क नहीं लगेगा।
  • ई-कॉमर्स के जरिए आभषूण निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरल नियामकीय रूपरेखा इस वर्ष जून तक लागू की जाएगी।
  • कम मूल्‍य वाले इमिटेशन आभूषण का आयात हतोत्‍साहित करने के लिए इमिटेशन आभूषण के आयात पर प्रति किलो कम-से-कम 400 रुपये का सीमा शुल्‍क लगाया जाएगा।

 

रसायन

  • कुछ महत्‍वपूर्ण रसायनों यथा मेथानॉल, एसि‍टिक एसिड और पेट्रोलियम शोधन से जुड़े हेवी फीड स्‍टॉक पर सीमा शुल्‍क घटाया जा रहा है; देश में पर्याप्‍त क्षमता वाले सोडियम साइ‍नाइड पर सीमा शुल्‍क बढ़ाया जा रहा है- इससे देश में मूल्‍यवर्धन करने में मदद मिलेगी।

एमएसएमई

  • छतरी पर सीमा शुल्‍क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है। छतरी के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्‍क छूट को वापस लिया जा रहा है।
  • भारत में निर्मित किए जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़े कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्‍क छूट को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
  • पिछले साल स्‍टील स्‍क्रैप पर दी गई सीमा शुल्‍क छूट अब एक साल और दी जाएगी, ताकि एमएसएमई से जुड़े द्वितीयक इस्‍पात उत्‍पादकों को राहत मिल सके।
  • स्‍टेनलेस स्‍टील एवं इस्‍पात के कोटेड चौरस उत्‍पादों, एलॉय स्‍टील एवं हाई-स्‍पीड स्‍टील की छड़ों पर कुछ एंटी-डंपिंग शुल्‍क एवं सीवीडी को वापस लिया जा रहा है, ताकि जन हित में इस धातु की मौजूदा ऊंची कीमतों से निपटा जा सके।

निर्यात

  • निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्‍तुओं जैसे कि फास्‍टनर्स, बटन, जि‍पर, लाइनिंग मैटेरियल, विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्‍स पर छूट दी जा रही हैं।
  • झींगा जलीय कृषि के लिए आवश्‍यक कुछ कच्‍चे माल पर शुल्‍क घटाया जा रहा है, ताकि इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।

ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुल्‍क संबंधी उपाय

गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्‍टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्‍त विभेदक उत्‍पाद शुल्‍क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके।

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