Zero Hour for the first time in Rajya Sabha in monsoon session

मानसून सत्र : 

नयी दिल्ली ,03 अगस्त (आरएनएस/FJ)।  राज्यसभा में पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से चले आ रहे हंगामे के बाद मानसून सत्र में बुधवार को पहली बार शून्यकाल की कार्यवाही सुचारू ढंग से चली और सदस्यों ने इस दौरान जनहित तथा देशहित से जुड़े सवाल पूछे तथा मुद्दों को उठाया।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर पैदा हुए गतिरोध के कारण पिछले 12 दिनों में एक दिन भी शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी थी और हंगामे के कारण हर रोज कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही थी।

बुधवार को भी विपक्ष के अनेक सदस्यों ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन के प्रस्ताव का नोटिस देकर सरकारी एजेन्सियों के दुरुपयोग तथा अन्य मुद्दों को उठाने की कोशिश की लेकिन सभापति ने कहा कि उन्होंने इन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी को उनके विषय का उल्लेख करने का मौका देते हुए कहा कि वह केवल विषय का जिक्र कर सकते हैं इस पर चर्चा नहीं कर सकते क्योंकि अभी शून्यकाल की कार्यवाही का समय है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में हंगामे के कारण बहुत समय बर्बाद हो चुका है और 280 मुद्दे शून्यकाल के तहत नहीं उठाये जा सके।

खडग़े ने कहा कि सरकार केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों के खिलाफ अभियान चला रही है।

चतुर्वेदी ने कहा कि राज्यसभा के एक सदस्य को नियमों की अनदेखी कर गिरफ्तार किया गया है ।

इसके बाद नायडू ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की और सदस्यों ने अपने अपने मुद्दे उठाये। बीच में श्री नायडू ने कहा कि यह सदन के सुचारू ढंग से चलने का फायदा है कि सदस्य जनहित और देशहित के मुद्दे उठा पा रहे हैं।

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