नई दिल्ली ,09 सितम्बर (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अपनी मेजबानी में जी-20 समिट की शुरुआत की और अपने संबोधन में मोरक्को के भूकंप से लेकर 21वीं सदी में दुनिया की आकांक्षाओं तक पर बात की। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला समय है। यह वह समय है जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही है। हमें मानवता वादी केंद्रित होकर इन समस्याओं को सुलझाना है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन की सदस्यता को लेकर भी दुनियाभर की सहमति जुटाने को लेकर पहल करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत आपका स्वागत करता है। जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, वहां से कुछ ही किमी के फासले पर करीब 2,500 साल पुराना एक स्तंभ लगा है। इसमें पारकृत भाषा में लिखा है- मानवता का कल्याण और सुख सुनिश्चित किया जाए। ढाई हजार साल पहले भारत की भूमि ने यह संदेश पूरे विश्व को दिया था। आइये इस संदेश को याद कर के जी-20 का हम शुभारंभ करें। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का यह समय दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला समय है।
यह वह समय है जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही है। हमें मानवता वादी केंद्रित होकर इन समस्याओं को सुलझाना है। मोरक्को में आए भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करना चाहता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है। हम उन्हें हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कोरोना के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है।
युद्ध ने इस विश्वास के संकट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। आज जी-20 के अध्यक्ष के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले वैश्विक तौर पर इस संकट को एक विश्वास और भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है। इसलिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ प्रर्दशक बन सकता है।
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