Woman security personnel gang-raped by three people including supervisor, hospitalized;serious condition

गाजियाबाद 28 Aug. (एजेंसी): गाजियाबाद की एक सोसाइटी में एक महिला सुरक्षाकर्मी के साथ उसके सुपरवाइजर और दो अन्य लोगों ने गैंगरेप किया है। महिला की हालत बिगड़ने पर उसे उसे एम्स में भर्ती करा दिया गया है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड निवासी 19 वर्षीय महिला थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक के अंतर्गत बनी हुई सृष्टि हाउसिंग सोसायटी में गार्ड की नौकरी कर रही थी। वह यहां पर अपनी मौसी के घर पर रहती है।

आरोप है कि सोसाइटी के सिक्योरिटी सुपरवाइजर ने उसके साथ मारपीट की, फिर दो साथियों संग गैंगरेप किया। इससे आहत पीड़िता ने जहरीला पदार्थ पी लिया। उसे एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत नाजुक बताई गई है। डॉक्टरों ने पीड़िता के शरीर में प्‍वॉइजन की पुष्टि की है।

मामले में थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी दो लोगों की तलाश जारी है।पुलिस को इसकी जानकारी रविवार दोपहर को युवती के मौसेरे भाई ने दी है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सहकर्मियों के द्वारा उसको ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी स्थित वृंदावन हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा चुका था।

इस मामले में पीड़िता के मौसेरे भाई ने सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय सहित दो अज्ञात युवकों पर गैंगरेप करने, मारपीट करने, कपड़े फाड़ने की एफआईआर दर्ज कराई है।

डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस हॉस्पिटल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने बताया कि युवती ने कुछ जहरीला पदार्थ खाया है। इससे उसकी हालत बिगड़ गई है। इसी बीच मजिस्ट्रेट भी बयान दर्ज करने के लिए हॉस्पिटल पहुंच गए। पीड़िता बहुत ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं थी। लेकिन कागज पर लिखकर बयान दिया है। इसमें उसने घटना में सिर्फ अजय के शामिल होने की बात लिखी है।

इस आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सिक्योरिटी सुपरवाइजर अजय को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है।

डीसीपी ने बताया, यह घटना सोसाइटी के बेसमेंट में हुई, जहां सिक्योरिटी सुपरवाइजर का कमरा है। इस पूरे मामले में जांच की जा रही है। वहां पर मौजूद अन्य सुरक्षाकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। पीड़िता अभी बोलने की स्थिति में नहीं है।

सोसाइटी में ही तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने बताया, ”पीड़िता दोपहर में हमारे पास आकर बैठ गई। उसकी हालत ठीक नहीं लग रही थी। हमने पूछा- तबीयत तो ठीक है? अगर ठीक नहीं हाे तो दवा दिलवा दें। लेकिन वो गुमसुम बैठी रही। जब हमने जोर देकर पूछा, तब उसने हमें पूरा वाकया बताया।”

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