Whoever understands the language, we will answer in that language - CM Yogi Adityanath

लखीमपुर खीरी ,26 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हुए यूपी वासियों की ओर से संवेदना और श्रद्धांजलि व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में आतंकवाद-अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है। भारत सरकार का सेवा, सुरक्षा और सुशासन का मॉडल विकास, गरीब कल्याण और सबकी सुरक्षा पर आधारित है। सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत जिस भाषा में समझेगा, उस भाषा में जवाब देने के लिए नया भारत तैयार है। नया भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन छेडऩे वाले को पीएम मोदी के नेतृत्व में छोड़ेगा भी नहीं। जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत ही यूपी को माफिया, अराजकता, दंगा मुक्त किया गया और देश को अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में लाकर खड़ा किया।

सीएम योगी ने सपा को घेरते हुए कहा कि विकास, महिला, युवा, किसान विरोधी लोगों को जब शासन का अवसर मिला था तो ये लोग किसानों को आत्महत्या, युवाओं को पलायन पर मजबूर करते थे और पेशेवर अपराधियों को संरक्षण देकर बेटी, बहन व व्यापारियों की सुरक्षा में सेंध लगाते थे। आज शासन सबकी सुरक्षा के लिए मजबूती से कार्य कर रहा है। कांग्रेस व सपा जाति के नाम पर समाज को बांट रही है। यह छत्रपति शिवाजी, राणा सांगा का अपमान व क्रूर औरंगजेब-बाबर का महिमामंडन करते हैं।

लखीमपुर खीरी में शनिवार को मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को ऋण, अनुदान, आवास और ट्रैक्टर की चाबी आदि प्रदान की। बाढ़ नियंत्रण की सकारात्मक पहल के लिए बिजवा और पलिया ब्लॉक के किसानों ने मंच पर आकर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रदेश बताते हुए कहा कि बाढ़ हो या बीमारी, नए भारत का नया उत्तर प्रदेश इसके समाधान के लिए बखूबी आगे बढ़ा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पलिया और निघासन क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से जूझते देखा था, तब मैंने कहा था कि चिंता मत कीजिए, इसके स्थायी समाधान का रास्ता निकालेंगे। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जल शक्ति विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए शारदा नदी को चैनलाइज करने जा रहा है। इससे किसान का खेत भी बचेगा और बाढ़ से बस्ती भी बचेगी। सात किलोमीटर लंबा चैनल बनाने का कार्य हो रहा है। अप्रैल के पहले सप्ताह में आना था, लेकिन मैंने कहा कि पहले काम शुरू करो। अब यह कार्य तेजी से बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार जो पैसा खर्च करती है, वह मुख्यमंत्री-मंत्री का नहीं, बल्कि यह जनता के टैक्स का पैसा है। इसका सदुपयोग होना चाहिए। पहले प्रस्ताव आया था कि 180 करोड़ से तटबंध बनाया जाए। इससे किसानों की जमीन भी जाती। मैंने पूछा कि शारदा नदी में तीन-सवा तीन लाख क्यूसेक पानी आएगा तो मिट्टी का तटबंध कैसे इसे रोक पाएगा। यह समस्या का समाधान नहीं है, नदी को चैनलाइज कीजिए, ड्रेजर मंगाइए और नदी को एक साथ चलने का रास्ता दीजिए, तब बाढ़ की समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि 180 करोड़ का काम मात्र 22 करोड़ में हो सकता है तो इस कार्य को 10 जून तक पूरा कर दीजिए। मानसून आएगा तो पानी पलिया, निघासन या लखीमपुर खीरी की तरफ नहीं जाएगा, बल्कि सरयू जी में मिलकर आगे बढ़ जाएगा। यदि इसे चैनलाइज कर देंगे तो पानी बिखरेगा नहीं, अपने रास्ते तय करते हुए आगे बढ़ जाएगा, जिससे किसान भी सुरक्षित रहेगा और उसकी खेती, घर, फसल, पशुधन भी सुरक्षित रहेगा। बाढ़ से जन-धन की हानि नहीं होगी।

लखीमपुर विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। अब यहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी हो गया, जबकि कुछ वर्ष पहले यह सपना था। दुधवा नेशनल पार्क के माध्यम से पर्यटन की संभावना भी बढ़ेगी। लखीमपुर खीरी में एयरपोर्ट हो, इसके लिए पैसा भी दिया है। एयरपोर्ट सुहेली नदी और अन्य जल प्लावन से बचे, इसका भी निरीक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसान, युवा व आधी आबादी डबल इंजन सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। सरकार ने किसानों की कर्ज माफी से कार्यों की शुरुआत की थी। हर किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी जा रही है। हमने पहले दिन से ही कहा था कि किसी को भी किसानों के शोषण की इजाजत नहीं देंगे।

2017 के पहले किसानों का 10-10 वर्षों का गन्ना मूल्य बकाया रहता था, आज एक वर्ष पुराना भुगतान किसी का नहीं होगा। 122 में से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह के अंदर भुगतान कर रही हैं। शेष 17 मिलों में लेटलतीफी का समाधान निकाल रहे हैं। पैसा किसी का डूबेगा नहीं, क्योंकि चीनी मिल का कब्जा सरकार के पास है।

अभी हमने एस्क्रो अकाउंट खोला है, यह ज्वाइंट अकाउंट होगा। जो भी चीनी बिकेगी, उसका पैसा पहले किसान के पास जाएगा, फिर चीनी मिल मालिक के पास। यदि किसी ने इसके बाद भी बदमाशी की तो चीनी मिल की नीलामी करके पहले किसानों को पैसा देंगे।

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