Who is the real Shiv SenaSC stays on Election Commission's action

*27 को होगी अगली सुनवाई*

नई दिल्ली 07 Sep. (Rns/FJ): महाराष्ट्र की सियासत में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच चल रही असली और नकली शिवसेना की जंग पर आज दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिंदे गुट ने कोर्ट से मांग की है कि चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटाए जाने का आदेश जारी किया जाए, जबकि ठाकरे गुट इसका विरोध कर रहा है। फिलहाल आयोग को कार्यवाही नहीं करने का निर्देश जारी रहेगा, जो सीजेआई की बेंच ने जारी किया था।

सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को करेगा। तब तक चुनाव आयोग समेत सभी पक्षों को कोर्ट में ब्रीफ नोट दाखिल करना होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएम नरसिम्हा की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही है।

एकनाथ शिंदे गुट की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि बीएमसी के चुनाव होने हैं और सिंबल का मसला चुनाव आयोग के सामने है। ऐसे में चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटाई जाए। यह बेंच इस संबंध में आदेश जारी करे।

कौल ने यह भी कहा कि कोर्ट कृपया चुनाव आयोग को सिंबल मामले पर कार्यवाही आगे बढ़ाने का निर्देश दे या पिछले आदेश को वापस ले। इस मामले में प्रतिपक्ष ने एक आवेदन दाखिल किया है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि हम 27 सितंबर को आवेदन को सूचीबद्ध करना चाहते हैं या आज हम आवेदन को संक्षेप में सुन सकते हैं और आपको इस पर 10 मिनट से अधिक समय नहीं लेना चाहिए और फिर हम तय कर सकते हैं कि क्या चुनाव आयोग को निर्देशित किया जा सकता है?

उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह सवाल है कि जब पार्टी में बंटवारा होता है तो चुनाव आयोग की शक्ति क्या होती है?

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सवाल यह है कि इस मामले में चुनाव आयोग का दायरा तय किया जाएगा, लेकिन एक सवाल है कि क्या चुनाव आयोग को आगे बढ़ना चाहिए या नहीं, तो ऐसे में हम आवेदन तय कर सकते हैं।

सिब्बल ने कहा कि 10वीं अनुसूची के मद्देनजर पार्टी में किसी गुट में फूट का फैसला चुनाव आयोग कैसे कर सकता है, यह एक सवाल है। वे आयोग के पास किस आधार पर गए हैं?

********************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *