कोलकाता 09 जुलाई ,(एजेंसी)। बंगाल में आज भी हिंसा में खून बहा। ऐसे में हुए पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर तृणमूल व भाजपा में जुबानी जंग शुरु हो गई है। तृणमूल जहां हिंसा और खून खराबे के लिए केंद्रीय बलों की कम तैनाती को मुद्दा बनाया जा रहा है तो वहीं भाजपा द्वारा केंद्रीय बलों की तैनाती जानबुझ कर कम हो इसके लिए चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ा। कुल मिलाकर उक्त मामले में तृणमूल व भाजपा में जुबानी जंग चरम पर रहा।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, अगर संवेदनशील स्थानों पर केंद्रीय बल तैनात किए गए होते तो इतनी हिंसा नहीं होती और लोग स्वतंत्र रूप से और बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते थे। केंद्रीय बलों को जानबूझकर संवेदनशील इलाकों में तैनात नहीं किया गया। मतदान केंद्रों पर बलों को तैनात करने के बजाय, उन्हें राजमार्गों पर गश्त करने के लिए मजबूर किया गया या पुलिस स्टेशनों पर रखा गया।
उन्होंने दावा किया, यहां तक कि जहां उन्हें तैनात किया गया था, वह भी हिंसा और वोटों की लूट के बाद ही किया गया था। इधर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगर बल तैनात होते तो हिंसा नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2021 विधानसभा चुनाव के दौरान कूच बिहार में केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए। पंचायत चुनाव में 61,000 से ज्यादा बूथों पर मतदान हुआ और करीब 60 बूथों पर ही हिंसा हुई और उनमें से आठ पर गंभीर घटनाएं हुईं। ज्यादातर मामलों में टीएमसी कार्यकर्ताओं की मौत हिंसा के कारण हुई।
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