भराड़ीसैंण 13 March, (एजेंसी): सोमवार से उत्तराखंड विधानसभा का 6 दिवसीय ग्रीष्म कालीन बजट सत्र शुरू हो गया। उत्तराखंड के राज्यपाल ले. ज. गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ ही विधानसभा के बजट सत्र का आगाज हुआ।
राज्यपाल को विधानसभा पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
विपक्ष सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहा है। इस बजट सत्र में विपक्ष सत्ता पक्ष को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर चुका है। विपक्षी विधायकों ने प्रदेश में हो रही परीक्षाओं में धांधली, महंगाई, अंकिता हत्याकांड जैसे कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कांग्रेस के विधायक विधानसभा भवन के मुख्य गेट के सामने प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रहे हैं। सत्र के लिए सत्ता और विपक्ष के कई विधायक भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में पहुंच गए हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के लिए सरकार का विजन इस बजट में झलकता है। हमें उम्मीद है कि सभी नेता राज्य के विकास में योगदान देंगे।
ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी अपनी-अपनी परीक्षाओं से गुजरेंगे।
इस बार करीब आठ महीने बाद सत्र हो रहा है। इस अवधि में तीनों दिग्गजों ने अपने-अपने किस्म की राजकाज से लेकर सियासी उलटबासी देखी हैं।
मुख्यमंत्री धामी के सामने उनकी सरकार को विपक्ष के हमले से बचाने की चुनौती है। उन्हें रोजगार, भर्ती घोटाला और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर न सिर्फ विपक्ष के प्रश्नों के उत्तर देने हैं, बल्कि विपक्षी हमलों को नाकाम करने का दबाव भी उन पर रहेगा।
गैरसैंण में आज होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का प्रस्ताव आ सकता है। मंजूरी के लिए दूसरी बार राजभवन भेजने पर इसे मंजूर किया जाना राजभवन की सांविधानिक बाध्यता होगी।
राज्य आंदोलनकारियों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का वर्ष 2011 से लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व में इस विधेयक को मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन राजभवन की ओर से कुछ आपत्ति के बाद इसे वापस लौटा दिया गया।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान के मुताबिक उन्होंने इस मसले पर मंत्री एवं सब कमेटी के चेयरमैन सुबोध उनियाल से बात की।
मंत्री का कहना है कि इस सत्र में इस पर सकारात्मक कार्यवाही होगी। जुगरान ने कहा, पिछले 11 साल में हजारों की संख्या में जो भर्ती परीक्षाएं हुईं उनमें आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण कोटे से एक भी भर्ती नहीं हो पाई है।
जुगरान ने कहा कि शहीदों, गोलीकांड में घायल आंदोलनकारियों, जेल गए आंदोलनकारियों और सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को यह सम्मान मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें नहीं मिला।
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