रांची 27 Aug. (Rns/FJ): झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली मौजूद सरकार का गिरना तय हो गया है। इसके बाद नई सरकार बनाने के पहले सत्ताधारी गठबंधन यूपीए के विधायक छत्तीसगढ़ शिफ्ट किए जा सकते हैं। ताजा राजनैतिक हालात पर रणनीति तय करने के लिए शनिवार को दिन के 11 बजे से सीएम हाउस में यूपीए की जो मीटिंग चल रही है, उसमें भाग लेने पहुंचे कई विधायक बैग-ब्रीफकेस लेकर पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें रांची से बाहर किसी सुरक्षित ठिकाने पर रखा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि इन्हें लग्जरियस बसों से ले जाया जाएगा। खबर है कि इन्हें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ले जाया जाएगा। नई सरकार बनने पर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट अनिवार्य होगा और इसे देखते हुए यूपीए गठबंधन कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए यहां विधायकों के सामूहिक प्रवास में सहूलियत होगी।
राज्य में मौजूदा राजनीतिक संकट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिए जाने की वजह से पैदा हुआ है। राज्यपाल रमेश बैस ने उनकी विधानसभा की सदस्यता खारिज करने का आदेश दे दिया है, लेकिन प्रक्रिया के अनुसार इस संबंध में आधिकारिक पत्र निर्वाचन आयोग जारी करेगा। संभावना है कि आयोग आज ही पत्र जारी करेगा और इसके तत्काल बाद संवैधानिक बाध्यताओं के चलते हेमंत सोरेन को त्यागपत्र देना होगा।
यह भी तय माना जा रहा है कि इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन दुबारा सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे, क्योंकि खबरों के मुताबिक राज्यपाल के आदेश में उनके आगे चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है।
बहरहाल, रणनीति तय करने के लिए यूपीए विधायकों की शनिवार दिन 11 बजे से सीएम हाउस में बैठक चल रही है। पिछले तीन दिनों में चौथी बार यूपीए विधायकों की बैठक हो रही है। सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता सहित लगभग 40 विधायक बैठक में मौजूद हैं।
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