Union Minister Gopi again in controversy over his treatment of the elderly, rebukes woman who came seeking help

थ्रिसूर 18 Sep, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : पहले एक बुजुर्ग को मदद से इनकार करने पर आलोचना झेल चुके केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी एक बार फिर नए विवाद में घिर गए हैं।

इस बार वह एक बुजुर्ग महिला को दिए अपने जवाब को लेकर चर्चा में हैं। महिला एक बैंक घोटाले में डूबी अपनी रकम वापस दिलाने के लिए मंत्री से गुहार लगा रही थी, जिस पर सुरेश गोपी ने उन्हें मुख्यमंत्री के पास जाने की सलाह दे डाली और सरेआम “ज्यादा बात मत करो” कहकर झिड़क दिया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना केरल के थ्रिसूर जिले के इरिंजालाकुडा की है। एक बुजुर्ग महिला 2023 में हुए एक सहकारी बैंक घोटाले में फंसी अपनी जमा राशि वापस पाने के लिए केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी से मदद मांगने पहुंची थी।

इस पर मंत्री गोपी ने महिला से कहा, चेची (दीदी), ज्यादा बात मत करो। अपने मुख्यमंत्री को बोलो कि ईडी ने वह रकम बैंक को लौटा दी है और जाकर ले आओ।

जब महिला ने मंत्री से मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने में मदद का अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा, इसके बाद आप मेरी छाती पर चढ़ जाएंगी। क्या आपके मंत्री यहां नहीं रहते? महिला के यह कहने पर कि ‘आप भी मंत्री हैं’, गोपी ने जवाब दिया, “मैं देश का मंत्री हूं।

यह कोई पहला मौका नहीं है जब सुरेश गोपी का बुजुर्गों के प्रति ऐसा व्यवहार सामने आया हो।

अभी 12 सितंबर को ही त्रिशूर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान वेलायुधन नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने घर दिलाने में मदद के लिए उन्हें आवेदन देना चाहा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक रूप से आवेदन लेने से इनकार कर दिया था। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी।

लगातार हो रही आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कुछ लोग उनकी ‘अनजाने में हुई गलतियों’ को राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।

उन्होंने वेलायुधन मामले का जिक्र करते हुए कहा कि हालांकि उन्हें खुशी है कि माकपा कार्यकर्ताओं ने बुजुर्ग को घर देने का वादा किया है, लेकिन कुछ लोग उनकी ‘अनजानी भूल’ का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में जनता से बात करते हुए गोपी ने कहा, उन्हें अपना राजनीतिक अभियान चलाने दीजिए, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि मेरे भीतर जो आग है, वह बुझाई नहीं जा सकती।

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