Uniform Civil Code bill introduced in Uttarakhand Assembly, rules on marriage, divorce and inheritance will change

देहरादून 06 Feb, (एजेंसी) : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में यूसीसी बिल को पेश कर दिया है। बता दें कि उत्तराखंड में सोमवार से विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है। सोमवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने सीएम धामी की अध्यक्षता में इस बिल को मंजूरी दी थी। कांग्रेस और मुस्लिम संगठन इस बिल के विरोध में है। कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड का इस्तेमाल प्रयोग के लिए हो रहा है। वहीं, मुस्लिम संगठन भी इस पर अपनी आपत्ति जता रहे हैं। विधानसभा के आस पास धारा-144 लगा दी गई है। बिल पेश होने से पहले सीएम धामी ने कहा कि लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा थी।

 यूसीसी बिल को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सीएम धामी की उत्सुकता समझ में आती है। सरकार बनाने के लिए यूसीसी का प्रयोग किया गया। रावत ने कहा कि केंद्र सरकार को यूसीसी लाना चाहिए था। अब दूसरे राज्य भी यूसीसी लाने का प्रयास करेंगे। बताया जा रहा है कि धामी सरकार का ये कदम 2024 के चुनाव से पहले गेमचेंजर साबित हो सकता है। यूसीसी राज्य में जाति और धर्म के बावजूद सभी समुदायों के लिए समान नागरिक कानून का प्रस्ताव करता है। यह सभी नागरिकों के लिए समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा।

UCC बिल में क्या-क्या है?

1. बिल में विवाह पर सभी धर्मों में एक समान व्यवस्था होगी।
2. बहुविवाह पर रोक का प्रस्ताव रखा गया है।
3. बहुविवाह को मंजूरी नहीं दी जाएगी।
4. सभी धर्म के लोगों को शादी का पंजीकरण कराना होगा।
5. सभी धर्मों के बच्चियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल निर्धारित की गई है।
6. सभी धर्म के लोगों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार की वकालत की गई है।
7. मुसलमानों में होने वाले इद्दत और हलाला पर रोक लगे।
8. लिव-इन रिलेशनशिप रहने पर इसकी जानकारी अपने माता-पिता को देनी जरूरी होगी।
9. सभी धर्मों में तलाक को लेकर एक समान कानून और व्यवस्था हो।
10. पर्सनल लॉ के तहत तलाक देने पर रोक लगाई जाए।

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