*यूपीए से ज्यादा एनडीए शासनकाल में पश्चिम बंगाल को मिला है पैसा : सुकांतो मजूमदार*
नई दिल्ली 02 अक्टूबर (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना का फंड कुछ कारणों से कुछ दिनों के लिए रोका गया है। इसकी वजह है कि इन दोनो योजनाओं के लाभार्थियों ने शिकायत की है कि मनरेगा का मूल उद्देष्य को ताक पर रखकर राजनैतिक लाभ लेने के लिए इस योजना का इस्तेमाल किया जा रहा है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एक टीम पश्चिम बंगाल में जांच करने गयी, जो 22 जनवरी 2019 से लेकर 24 जनवरी 2019 के बीच पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्द्धमान जिले के चार प्रखंड के 6 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया। केन्द्र सरकार ने जांच टीम की रिपोर्ट 6 मार्च 2019 को सीएम ममता बनर्जी सरकार को देते हुए निर्देष दिया कि इस पर एक्षन टेकेन रिपोर्ट दें। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि उसी वक्त हुगली जिले के तीन प्रखंड के 7 ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किए गए।
जांच टीम ने 484.27 लाख रूप्ए का रिकवरी की गयी है। साथ ही, मनरेगा के कार्यान्वयन में बहुत वित्तीय अनियमितता पायी गयी। स्क्रूटनी के डर से पंचायतों में बड़े काम को छोटे-छोटे काम में बांटकर किया गया। उच्चाधिकारी से बगैर अनुषंसा प्राप्त किए मनरेगा योजना को कार्यान्वित किया गया। मनरेगा में नालों की सफाई के मद् में बहुत सारे पैसा उठाया गया, किन्तु सिंचाई विभाग से कोई सलाह भी नहीं ली गयी और डीपीआर भी बना दिया गया।सुकांतो मजुमदार ने कहा कि नालों की सफाई के नाम पर जो मनरेगा का काम हुआ है उसमें अधिकांश जगह जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। मनरेगा के लाभार्थियों की सूची बनाकर उनके एकाउंट में पैसा टांसफर किया गया, जबकि उनसे काम नहीं लिया गया।
खास बात यह है कि किसी लाभार्थी के एकाउंट में एक रूप्ए तो किसी लाभार्थी को दस रूपया दिया गया। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि मनरेगा के लिए जो योजना बनायी गयी, उसके स्टीमेट तैयार करने में जमीन का सही नाप-जोख नहीं किया गया। उस जमीन की लोकेषन और काम के गुणवत्ता देखने बिना ही पैसा का भुगतान किया गया। पुराने कामों को भी मनरेगा का काम दिखाकर पैसा उठाया गया। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि प्रोक्युरमेंट के लिए सही ढंग से टेंडर भी नहीं किया गया।
टेंडर अवार्ड होने के पंद्रह दिनों के भीतर काम भी पूरा कर दिया गया। ये सब बातें स्पष्ट करता है कि मनरेगा के काम में पूरी तरह से धंधली हुई है। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि मनरेगा फंड से ऐसे काम भी कराए गए, जो मनरेगा के कामों की सूची में षामिल नहीं है। संर्युक्त सचिव के जांच टीम को मनरेगा के फाइलों में भी बहुत गड़बडी और लापरवाही दिखाई दी। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जांच टीम की रिपोर्ट 6 मार्च 2019 को सीएम ममता बनर्जी सरकार को देते हुए निर्देष दिया कि इस पर एक्षन टेकेन रिपोर्ट दें। राज्य सरकार ने 17 जुन 2019 तक एक्षन टेकेन रिपोर्ट देने का आग्रह किया। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि राज्य सरकार ने 19 जून 2019 को एक्षन टेकेन रिपोर्ट दी। उस रिपोर्ट के अनुसार केन्द्रीय टीम द्वारा उठाए गए लगभग 15 प्वाइंट पर कोई चर्चा नहीं की गयी। अर्थात उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
मनेगा एक्ट में उल्लेखित रिकवरी का प्रावधान है किन्तु केन्द्रीय टीम द्वारा उठाए गए सवालों के बाद भी ममता बनर्जी की सरकार ने कोई रिकवारी नहीं।डीपीआर बनाने में नियम-कानून का उल्लंधन किया गया था, एक्षन टेकन रिपोर्ट के अनुर उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 23 अप्रैल 202, 5 मई 2020 और 6 अक्टूबर 2020 को राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई करने के लिए याद दिलाई और विस्तृत एक्षन टेकेन रिपोर्ट की मांग की। किन्तु ममता बनर्जी की सरकार ने मनरेगा के भ्रष्टाचार मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि मनरेगा योजना की गड़बड़ी के लिए एक्षन टेकेन रिपोर्ट सही समय पर जमा नहीं होने की वजह से मनरेगा एक्ट के सेक्षन 27 के प्रोविजन के तहत मनरेगा योजना को रोकना पड़ा।
ऐसे बहुत सारे धांधली टीएमसी सरकार द्वारा की गयी है। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि उत्तर दीनाजपुर में पौधा रोपण के लिए 10-12 लाख रूप्ए आवंटित किया गया है। जब जांच टीम वहां गयी तो बताया गया कि पौधा को बकरी खा गया।सुकांतो मजुमदार ने कहा कि यूपीए के एक टर्म टीएमसी सरकार में षामिल थी। उस वक्त यूपीए सरकार ने नरेगा योजना के तहत पष्चिम बंगाल को 14985 करोड़ रूप्ए दिया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने मनरेगा योजना के तहत पष्चिम बंगाल को 54150 करोड़ रूप्ए दिया है। लगभग चार गुना अधिक राषि दी गयी है और ममता बनर्जी आरोप लगाती हैं कि केन्द्र सरकार द्वारा पैसा नहीं दी जा रही है।
सुकांतो मजुमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अभी रूका है क्योंकि इसका नाम बदलकर बंगला ग्राम सड़क योजना नाम दे दिया गया था। केन्द्र की यूपीए सरकार ने पष्चिम बंगाल को इस योजना के तहत कुल 5431 करोड़ रूप्ए दी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में इस योजना के तहत पष्चिम बंगाल को 11,051 करोड रूप्ए दिया गया है, जो पहले के तुलना में दोगुनी राषि है। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक मिट्टी के बने घर ढह जाने से उसमें रहने वाले एक बच्चे की मौत हो गयी है। टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी अपने स्वार्थ की राजनीति के कारण उस परिवार को दिल्ली ला रहे हैं।
अभिषेक बनर्जी कहते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना की राषि नहीं मिल रही है इसलिए गरीबों को घर नहीं मिल रहा है। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सवाल पूछती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यूपीए के शासन में पश्चिम बंगाल को 4466 करोड़ रूप्ए मिला था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल को लगभग 30 हजार करोड़ रूप्ए दिया गया, जो छह गुणा से अधिक है। पष्चिम बंगाल को छह गुना से अधिक राशि दी गयी है तो पश्चिम बंगाल में गरीबों को घर क्यों नहीं मिला। पष्चिम बंगाल के किसी गांव में जाकर देखिएगा तो टीएमसी कार्यकर्ता को प्रधानमंत्री आवास योजना का घर मिला, जिनके पास पहले से ही मकान है।
प्रधानमंत्री आवास योजना -शहरी- की राशि उसे मिला है जिनके पास दो मंजिला मकान है। पष्चिम बंगाल में केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं के कार्यान्वयन में गड़बड़ी है। बीडिओ द्वारा योजनाओं की गड़बड़ी की जा रही है किन्तु ममता बनर्जी की सरकार भ्रष्ट बीडिओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सच्चाई यह है कि पष्चिम बंगाल का प्राषसन ममता बनर्जी भी नहीं चला रही हैं, अब उनका भतीजा अभिषेक बनर्जी सरकार चला रहे हैं। सुकांतो मजुमदार ने कहा किमनरेगा हो या प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़़बड़ी होने पर टीएमसी सरकार को कार्रवाई करना है ना कि दिल्ली पुलिस को।
दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने के बदले अभिषेक बनर्जी को चाहिए कि भ्रष्ट बीडिओ पर कार्रवाई करे। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि टीएमसी खुद स्वीकार कर रही है कि मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी हुआ है किन्तु भ्रष्ट अधिकारियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। क्योंकि कुछ जगहों से पैसा की रिकवरी भी की गयी है, लेकिन सब जगहों से रिकवरी नहीं की गयी है। सुकांतो मजुमदार ने कहा कि अर्थात चोरी हुआ है किन्तु टीएमसी चोर को नहीं पकड़ेंगे, बल्कि राजनीति करेंगे। अभिषक बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी द्वारा आज धरना प्रदर्षन कार्यक्रम सही मायने में एक डामा है। कल हवाई भरकर पष्चिम बंगाल से दिल्ली लाए गए और आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार हवाई जहाज आने नहीं दे रही है। सच्चाई यह है कि टीएमसी सही ढंग से हवाई जहाज के लिए आवेदन नहीं दिया था, इस कारण उन्हें हवाई जहाज नहीं मिला।
पष्चिम बंगाल में खुले आम योजनाओं में धांधली हो रही है। मनरेगा योजना में कागजों पर तालब खोद दिया गया है और पैसा लूट लिया गया। जबकि उस जगह पर कोई तलाब नहीं है। जब केन्द्रीय जांच टीम पष्चिम बंगाल में दो जगहों पर जाकर स्थानीय प्रखंड विकास अधिकारी से दो जगहों पर जाकर तालाब दिखाने की मांग की तो बीडिओ तलाब नहीं दिखाया। जीपीएस लोकेषन में जिन जगहों पर तालाब दिखाया जा रहा है उस जगह पर नदी है। भारत में किसी भी राज्य में इतना अधिक भ्रष्टाचार नहीं होगा, जितना सीएम ममता बनर्जी की सरकार के षासन में पष्चिम बंगाल में है। सुभाष चंद्रा ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जब पष्चिम बंगाल की सरकार से एक्षन टेकेन रिपोर्ट जब मांगा गया तो भी वह रिपोर्ट भी सही ढंग से नहीं किया।
केन्द्र सरकार ने जब चिन्हित बीडिओ पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तबभी कोई कार्रवाई नहीं की गयी।एक जगह गुलाब का बगान होने के बारे में बताया गया है किन्तु वहां पर गुलाब बगान नहीं है।मनरेगा योजना में एक परिवार से पहले एक आदमी को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है और रोजगार सृजन बढ़ने पर उस परिवार के दूसरे व्यक्ति को रोजगार दिया जाता है। किन्तु पष्चिम बंगाल में ऐसा नहीं होता है कुछ परिवारों के दो-तीन सदस्यों को रोजगार दिया जाता है और अन्य परिवारों के एक सदस्य को भी रोजगार नहीं दिया जाता है।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी जिन गरीबों के पास घर नहीं है
उसे घर नहीं मिल रहा है बल्कि जिन लोगों के पास दो-तीन मंजिला मकान वालें को घर दिया जाता है।क्यों नहीं 12 सालों में दिषा कमिटी नहीं बना है।अभिषेक बनर्जी दिल्ली में डामा करने के लिए दिल्ली में आए हैं। लॉकेट चटर्जी ने कहा कि बड़े ताज्जुब लग रहा है कि पष्चिम बंगाल में प्रतिदिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है टीएमसी उसके खिलाफ प्रदर्षन नहीं करते हैं। पष्चिम बंगाल में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है फिर भी उसके लिए प्रदर्शन नहीं हो रहा है। केन्द्र सरकार पर पैसा नहीं देने का आरोप लगाते हुए टीएमसी दिल्ली में प्रदर्षन कर रही है। पष्चिम बंगाल से हवाई जहाज, टेन और बसों में लेकर दिल्ली में प्रदर्षन करने के लिए लोगों को लाया गया है।
दिल्ली में पष्चिम बंगाल से लोगों को लाने के लिए टेनों पर कब्जा कर लिया गया और टीएमसी कार्यकर्ताओं को भरकर लाया गया। लोग हवाई जहाज से दिल्ली आ रहा है, सवाल उठता है कि उसमें कितने लोग गरीब है।पंचायत चुनाव में अन्य पार्टियों के राजनीतिक कार्यकर्त्ताओं सहित टीएमसी कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं हुई किन्तु उसके खिलाफ टीएमसी ने प्रदर्शन नहीं किया।पंचायत चुनाव के दौरान मालदा में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया, किन्तु टीएमसी ने कोई प्रदर्षन नहीं किया।
केन्द्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 1957 हजार करोड़ रूप्ए रूप्ए पष्चिम बंगाल के किसानों के लिए दिया है।जल जीवन मिषन में 6080 करोड़ रूप्ए पष्चिम बंगाल को दिया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 16430 करोड़ रूप्ए दिया है। पष्चिम बंगाल में 25 लाख से अधिक लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्षन दिया है। केन्द्र सरकार पष्चिम बंगाल को पैसा दे रही है किन्तु केन्द्र सरकार को 1ममता बनर्जी की सरकार उस पैसा का हिसाब नहीं दे रही है। केन्द्र सरकार से जो पैसा मिल रहा है टीएमसी उसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रहा है।
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