Three months of planning…. Sensational disclosure of foreign funding and terrorist conspiracy in Murshidabad violence

मुर्शिदाबाद 15 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने विकराल रूप ले लिया है। इस हिंसक झड़पों में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है, सैकड़ों लोग घायल हुए हैं, और कई परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेनी पड़ी है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है और कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस बीच, भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों ने इस हिंसा के पीछे एक गहरी और सुनियोजित साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसमें विदेशी फंडिंग और आतंकी कनेक्शन होने के चौंकाने वाले संकेत मिले हैं।

जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में हुई यह हिंसा कोई अचानक भड़की घटना नहीं, बल्कि इसे अंजाम देने की योजना पिछले तीन महीनों से चल रही थी। सूत्रों का दावा है कि इस हिंसा को भड़काने के लिए विदेशों से, विशेषकर तुर्की से, वित्तीय मदद भेजी गई थी।

एजेंसियों ने जांच के दौरान पाया कि यह आतंकवाद फैलाने का एक नया तरीका हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि करीब दो महीने पहले, किसी आतंकी समूह (संभवतः एटीबी – अंसारुल्लाह बांग्ला टीम) के दो जाने-माने सदस्य मुर्शिदाबाद आए थे और उन्होंने ‘बड़ी दावत’ (जिसे एजेंसियां कोड वर्ड मान रही हैं) होने की बात कही थी।

ये लोग किसी ‘ट्रिगर पॉइंट’ यानी हिंसा शुरू करने के बहाने का इंतजार कर रहे थे। पहले रामनवमी पर माहौल बिगाड़ने की योजना थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा के कारण ऐसा नहीं हो सका। बाद में वक्फ कानून से जुड़ा मुद्दा हिंसा भड़काने का जरिया बन गया।

खुलासे के अनुसार, हमलावरों का पहला लक्ष्य ट्रेनों को रोकना, सरकारी संपत्ति को नष्ट करना, हिंदुओं को निशाना बनाना और घरों में लूटपाट करना था। उन्हें उकसाया गया था कि वे जितनी ज्यादा तबाही मचाएंगे, उन्हें उतना ही ज्यादा पैसा दिया जाएगा।

इसके लिए बाकायदा एक सूची भी तैयार की गई थी, जिसमें बताया गया था कि किस काम के लिए कितना पैसा मिलेगा। सूत्रों का दावा है कि लूटपाट में शामिल हर हमलावर और पत्थरबाज को 500 रुपये दिए गए थे और उन्हें पिछले तीन महीनों से इसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी।

जांच एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि साजिशकर्ताओं की योजना बंगाल में बांग्लादेश जैसे दंगे कराने की थी, ताकि बड़े पैमाने पर अशांति फैलाई जा सके।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में यह हिंसा 10 अप्रैल (2025) के आसपास शुरू हुई थी। इलाके में पहले से ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) के करीब 300 जवान तैनात थे। हिंसा बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बलों की पांच अतिरिक्त कंपनियां भेजी हैं। फिलहाल हिंसाग्रस्त इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात है और गश्त बढ़ा दी गई है।

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