There is more publicity and less work in Ayodhya, corruption is happening Awadhesh Prasad

अयोध्या ,04 जुलाई (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद अवधेश प्रसाद ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विकास नहीं हो रहा, वहां प्रचार का शोर सुनाई दे रहा है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि रामनगरी अयोध्या का जो विकास दिखाया जा रहा है वह केवल दिखावा है। जमीनी हकीकत यह है कि हल्की बारिश में राम पथ पर पानी भर जाता है, रेलवे स्टेशन की दीवारें गिर रही हैं। ये कैसा विकास है? अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार जब सत्ता में आएगी तो अयोध्या का विकास किया जाएगा जिससे यहां की जनता को राहत मिलेगी।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार में अयोध्या जैसे पवित्र स्थल पर भ्रष्टाचार के चलते बुनियादी ढांचे की हालत खस्ताहाल हो चुकी है।
जब अवधेश प्रसाद से पूछा गया कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह और अखिलेश यादव एक दूसरे की तारीफ कर रहे हैं, क्या बृजभूषण सिंह सपा में शामिल होंगे, तब उन्होंने कहा कि यह हम नहीं बता सकते हैं कि वह समाजवादी पार्टी में आएंगे या नहीं, लेकिन यह साफ है कि जो भी व्यक्ति देश में भाईचारा, सद्भावना और विकास चाहता है, वह अखिलेश यादव की सोच और नेतृत्व से प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से 37 सीटें जीतीं, वह जनता के विश्वास का प्रमाण है। अगर वोटों की गिनती में धांधली न हुई होती, तो हमारी संख्या 50 से 55 तक हो सकती थी। प्रदेश की जनता का भरोसा समाजवादी पार्टी की ओर बढ़ रहा है जबकि भाजपा के प्रति अविश्वास गहराता जा रहा है।

चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब यह सीट उपचुनाव में खाली हुई तो लोकतंत्र की सबसे बड़ी डकैती यहां हुई।

सरकारी अधिकारियों ने खुलेआम वोट लूटे। हमने चुनाव आयोग से लिखित और प्रेस के माध्यम से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आयोग का रवैया सरकार के दबाव में झुकने वाला था और मिल्कीपुर का चुनाव इस बात का उदाहरण है कि निष्पक्ष चुनाव कराना किस हद तक मुश्किल हो गया है। राहुल गांधी जो कह रहे हैं, वह सही कह रहे हैं। चुनाव आयोग को निष्पक्ष रहना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।

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