नई दिल्ली ,27 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय क्षेत्रीय बैठक में केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी में वृद्धि हुई है, जो आतंकवाद के लिए भी जिम्मेदार है। बैठक बुधवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित की गई। शाह ने कहा कि, एक तरफ नशीले पदार्थ युवाओं को दीमक की तरह खा रहे हैं और दूसरी तरफ नशीले पदार्थों के धंधे से आने वाला अवैध पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
उन्होंने कहा कि, युवाओं को सुरक्षित रखने और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को इसे एक आम लड़ाई के रूप में लडऩा है और जीतना है।
शाह ने कहा कि, पश्चिमी राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी के प्रमुख मुद्दों में पश्चिमी तट से हेरोइन की बढ़ती समुद्री तस्करी, अफीम, गांजा और पोस्त जैसे नशीले पदार्थों की अवैध खेती, नशीली दवाओं की तस्करी में कोरियर और पार्सल का उपयोग, डार्कनेट और नशीली दवाओं में वृद्धि शामिल है।
शाह ने कहा कि, हाल के मामलों की जांच के दौरान पश्चिमी राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी में नए रुझान सामने आए हैं और इन नए रुझानों से निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि, देश के पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव में एक विशाल समुद्र तट शामिल है, जो राजस्थान और गुजरात पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करते हैं।
शाह ने कहा कि, समुद्री मार्ग से दक्षिण मध्य एशियाई हेरोइन की तस्करी में वृद्धि हुई है साथ ही भारत-पाक सीमा के माध्यम से हेरोइन तस्करी के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं।
नशीली दवाओं की तस्करी के मामलों का विवरण साझा करते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि, 2006 से 2013 तक, कुल 1,257 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2014 से 2022 तक, 3,172 मामले दर्ज किए गए, जो कि कुल 152 प्रतिशत की वृद्धि है।
इसी तरह 2006 से 2013 तक कुल 1.52 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किया गया, जो 2014 से 2022 तक बढ़कर 3.33 लाख किलोग्राम हो गया, पहले इसकी कीमत 768 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये हो गई है।
शाह ने कहा कि, नशा करने वाला अपराधी नहीं बल्कि पीडि़त होता है। उन्होंने ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर के तरीकों को अपनाकर दवाओं के स्रोत और गंतव्य दोनों पर हमला करके दवाओं के पूरे नेटवर्क को नष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गृ
ह मंत्री ने एनडीपीएस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू करने पर भी जोर दिया। उन्होंने त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने पर विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
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