नई दिल्ली ,15 दिसंबर(एजेंसी)। लोकसभा में बताया गया कि छह और हवाईअड्डों के एलिवेटेड या निर्माण के साथ, देश में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों की संख्या पिछले सात वर्षो में बढ़कर 30 हो गई है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी. के. सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पिछले सात वर्षो के दौरान, चार ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों (केरल में कन्नूर, महाराष्ट्र में शिरडी, उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और गोवा में मोपा) का निर्माण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों के रूप में किया गया है।
इसके अलावा, दो मौजूदा हवाईअड्डों, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा और तिरुपति को वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों के रूप में घोषित किया गया था।
मार्च 1994 में वायु निगम अधिनियम को निरस्त करने के बाद, भारतीय घरेलू विमानन बाजार को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। नतीजतन, एयरलाइंस इस संबंध में मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन देश भर में सेवा और संचालन करने की इच्छा रखने वाले किसी भी बाजार और नेटवर्क का चयन करने के लिए किसी भी प्रकार के विमान के साथ क्षमता शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं।
मंत्रालय ने कहा कि इस प्रकार, यह एयरलाइनों पर निर्भर है कि वे मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुपालन में यातायात की मांग और उनकी व्यावसायिक व्यवहार्यता के आधार पर विशिष्ट स्थानों पर हवाई सेवाएं प्रदान करें।
इसके अलावा, जहां तक इन हवाईअड्डों से अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का संबंध है, भारतीय वाहक संबंधित द्विपक्षीय हवाई सेवा व्यवस्था के अनुसार भारत में किसी भी बिंदु से विदेशी गंतव्यों के लिए सेवाओं को माउंट करने के लिए स्वतंत्र हैं। विदेशी एयरलाइंस द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत उपलब्ध कॉल के निर्दिष्ट बिंदुओं पर काम कर सकती हैं।
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