The mystery of the shrine's 'skeleton' deepens, with the discovery of two more skulls;seven recovered so far.

बेंगलुरु 20 Sep, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : कर्नाटक के बहुचर्चित धर्मस्थल सामूहिक दफन मामले में रहस्य और भी गहरा गया है। मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) को गुरुवार को तलाशी अभियान के दौरान दो और मानव खोपड़ियां मिली हैं।

इसके साथ ही पिछले दो दिनों में बरामद खोपड़ियों की कुल संख्या सात हो गई है, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। शुरुआती जांच में अधिकारियों ने इन मौतों के आत्महत्या से जुड़े होने की आशंका जताई है, जो मामले के शुरुआती दावों से बिल्कुल अलग है।

एसआईटी सूत्रों के अनुसार, पुलिस, वन विभाग और एंटी-नक्सल फोर्स की संयुक्त टीम ने दक्षिण कन्नड़ जिले के बंगलगुद्दा रिजर्व फॉरेस्ट के घने जंगली इलाके में करीब 12 एकड़ में यह तलाशी अभियान चलाया।

बुधवार को पांच खोपड़ियां बरामद हुई थीं, जबकि गुरुवार को दो और मिलीं। अधिकारियों ने बताया कि ये खोपड़ियां मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों की प्रतीत होती हैं और अवशेष लगभग एक साल पुराने हो सकते हैं। मौके से अन्य मानव अवशेषों के साथ एक लाठी भी बरामद हुई है।

यह सनसनीखेज मामला इसी साल जुलाई में तब सामने आया जब सी.एन. चिन्नय्या नामक एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि उसे 1995 से 2014 के बीच 100 से अधिक शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।

उसने आरोप लगाया था कि ये शव ज्यादातर महिलाओं और नाबालिगों के थे, जिन पर यौन हिंसा के निशान थे।

SIT का गठन: मामले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई को डीजीपी प्रणब मोहंती के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।

जांच में ट्विस्ट: जांच के दौरान 17 जगहों पर खुदाई हुई, लेकिन कोई खास अवशेष नहीं मिले। अगस्त में कहानी ने नाटकीय मोड़ ले लिया जब मुख्य शिकायतकर्ता चिन्नय्या को ही झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

राजनीतिक घमासान: यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। भाजपा, राज्य की कांग्रेस सरकार पर प्रसिद्ध मंदिर शहर धर्मस्थल की छवि खराब करने का आरोप लगा रही है, जबकि कांग्रेस इसे एक साजिश बता रही है।

फिलहाल, बरामद सभी सात खोपड़ियों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही समय और कारण का पता चल सकेगा। इस बीच, कर्नाटक हाईकोर्ट भी मामले पर नजर बनाए हुए है और अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

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